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राजस्थान का तापमान हाल: दिन का पारा बढ़ा, रात में ठंडक, बाड़मेर और सीकर के रंग फरक

जयपुर राजस्थान में इन दिनों मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। दिन के तापमान में जहां मामूली बढ़ोतरी हुई है, वहीं रात में हल्की सर्दी का अहसास अब भी बना हुआ है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के अधिकतर हिस्सों में मौसम साफ रहा और दिन भर धूप खिली रही, जिससे तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। राज्य का सबसे गर्म इलाका बाड़मेर रहा, जहां अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। जैसलमेर में भी तेज गर्मी महसूस की गई और यहां अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बीकानेर में भी पारा 35 से 36 डिग्री के बीच रहा, जिससे दोपहर के समय गर्मी का असर ज्यादा महसूस हुआ। हालांकि, दिन की गर्मी के बाद भी रात के समय मौसम में ठंडक बनी हुई है। खासकर शेखावाटी अंचल के शहरों में तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। सीकर में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि जालोर में यह 14.7 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों तक प्रदेश में इसी तरह का मौसम बना रहेगा। दिन में तेज धूप और गर्मी बनी रहेगी, जबकि रात में हल्की ठंड का असर महसूस किया जा सकता है। तापमान में यह उतार-चढ़ाव अक्टूबर महीने के अंत तक जारी रहने की संभावना है।

जाली नोटों का खुलासा: एसओजी-साउथ पुलिस ने पकड़े पांच आरोपी, 43 लाख रुपये जब्त

जयपुर जयपुर दक्षिण और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में पुलिस ने जाली भारतीय मुद्रा छापने और चलाने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से ₹43 लाख 24 हजार रुपए की नकली करेंसी बरामद की है। यह करेंसी 500 रुपए के नोटों में थी, जिन पर वाटरमार्क और थ्रेड जैसे सिक्योरिटी फीचर नकली तौर पर बनाए गए थे। एसओजी के उपमहानिरीक्षक परिस देशमुख (IPS) और जयपुर दक्षिण के पुलिस उपायुक्त राजर्षि राज (IPS) के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई। एसओजी के निरीक्षक विजय कुमार राय ने 16 अक्टूबर की रात थाना नारायण विहार की SHO गुंजन सोनी को सूचना दी, जिसके बाद एसीपी ललित किशोर शर्मा और एसीपी आदित्य काकड़े (IPS) के सुपरविजन में संयुक्त टीम गठित कर दबिश दी गई। 18 लाख के प्रिंटेड नोट पेपर शीट बरामद किए टीम ने मौके से ₹23 लाख की नकली करेंसी और ₹18 लाख के प्रिंटेड नोट पेपर शीट बरामद किए, जो कि कुल मिलाकर 43 लाख की नकली करेंसी थी। पुलिस ने मौके से पेपर कटर, पारदर्शी कांच, लकड़ी का फ्रेम (वाटरमार्क छापने हेतु), स्केल, और कटिंग के बाद बची कतरनें भी जब्त कीं। गिरफ्तार आरोपियों में राजेंद्र चौधरी (27) निवासी हबसपुरा, शंकरलाल चौधरी (23) निवासी देवपुरा, मनोज उर्फ गणपति बिश्नोई (30), बलकरण उर्फ बलदेव बिश्नोई (31) और मदनलाल सिंवार (28) शामिल हैं, जो सभी जयपुर और बीकानेर जिले से हैं। अभियुक्तों ने स्वीकार किया शामिल होना अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि वे नकली नोटों को असली के रूप में चलाने और आर्थिक लाभ कमाने के लिए इस अवैध कारोबार में शामिल थे। जांच में सामने आया कि आरोपी पहले भी राजस्थान और पंजाब में जाली नोटों के मामलों में पकड़े जा चुके हैं। मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 178, 179, 180, 181, 182, 111(2)(ख), और 111(4) के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

बाजार में रौनक: राजस्थान में व्यापार 25% बढ़कर 40 हजार करोड़ हुआ

जयपुर जयपुर में इस बार धनतेरस पर रिकॉर्डतोड़ खरीदारी देखने को मिली। वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में जीएसटी में कटौती का सीधा असर बाजार में नजर आया। एक दिन में 5,000 कारें और 40,000 दोपहिया वाहन बिके, जिससे केवल वाहन बाजार में ही करीब 900 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। पिछले साल की तुलना में वाहन बिक्री में 25% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। 10  लाख के सेगमेंट में सबसे ज्यादा कारें बिकीं फाडा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष साई गिरिधर के अनुसार, कारों पर 10% जीएसटी में कमी से दबी हुई मांग बाहर आई। खासतौर पर एंट्री सेगमेंट, सब-4 मीटर और मिड साइज SUV की डिमांड अधिक रही। लग्जरी कार सेगमेंट में अपेक्षाकृत धीमी गति रही। बिकने वाली कारों की औसत कीमत करीब 10 लाख रुपए रही। इलेक्ट्रॉनिक्स में 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भी बिक्री में जबरदस्त उछाल देखा गया। राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश कालानी ने बताया कि टैक्स में कमी की वजह से बड़े साइज के टेलीविजन, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, माइक्रोवेव और आटा चक्की जैसे उत्पादों की बिक्री में तेजी आई। जयपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स बिक्री का आंकड़ा 100 करोड़ रुपए से ऊपर पहुंचा। 3 हजार से ज्यादा वाहन गणेश मंदिर पूजा के लिए आए जयपुर के बाजारों में धनतेरस पर सुबह से ही खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। कार-बाइक शोरूम से लेकर ज्वेलरी और इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों तक चहल-पहल बनी रही। मोती डूंगरी मंदिर में करीब 3,000 गाड़ियां पूजन के लिए पहुंचीं। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल के अनुसार, इस बार राजस्थान में करीब 40,000 करोड़ और जयपुर में 5,500 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ। रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर में खासा उछाल देखा गया।शाम को प्रदेश भर के बाजार रंग-बिरंगी रोशनी से सजाए गए। लोग परिवार के साथ खरीदारी और फेस्टिव माहौल का आनंद लेते नजर आए।  

जयपुर में नकली नोटों का बड़ा खुलासा, SOG की रेड में 43 लाख की फर्जी करेंसी जब्त

जयपुर राजधानी जयपुर में त्योहारों की रौनक के बीच पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। धनतेरस की शाम नारायण विहार थाना क्षेत्र में एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने छापा मारकर ₹43 लाख के नकली नोट बरामद किए हैं। इस दौरान पुलिस ने दो युवकों को मौके से गिरफ्तार किया, जो लंबे समय से फर्जी करेंसी के इस नेटवर्क से जुड़े बताए जा रहे हैं।एसओजी की यह कार्रवाई पिछले 15 दिनों की निगरानी और गुप्त सूचनाओं के आधार पर की गई थी। टीम ने जिस फ्लैट पर दबिश दी, वहां से मिले नकली नोट इतने बारीक और खतरनाक स्तर पर तैयार किए गए थे कि उनमें वाटर मार्क और सिक्योरिटी फीचर तक मौजूद पाए गए — यानी, सामान्य व्यक्ति के लिए असली और नकली में फर्क कर पाना लगभग नामुमकिन था। त्योहारों पर नकली नोटों का कारोबार बढ़ने की आशंका एडीजी एसओजी वी.के. सिंह ने बताया कि हर साल त्योहारों के मौसम में नकली नोटों का चलन बढ़ जाता है। बाजार में कैश ट्रांजैक्शन अधिक होने का फायदा उठाकर ऐसे गिरोह सक्रिय हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए एसओजी की कई टीमें राजस्थान के विभिन्न जिलों में अलर्ट थीं।सूचना मिलने पर एसओजी ने जयपुर पुलिस के साथ मिलकर नारायण विहार इलाके में स्थित एक फ्लैट पर छापा मारा। वहां से 43 लाख के नकली नोट जब्त किए गए, जो सभी ₹500 के मूल्य वर्ग के थे। फिलहाल गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और जांच साउथ जिला पुलिस को सौंप दी गई है। काटिंग से पहले की नकली शीट भी बरामद बरामद नकली नोटों में से 26 लाख रुपए की पूरी गड्डियां मिलीं, जबकि 18 लाख रुपए के नोट अब तक शीट के रूप में थे, जिनकी कटिंग नहीं की गई थी। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि ये शीट संभवतः किसी बाहरी राज्य से जयपुर लाई गई थीं, ताकि शहर के भीतर अलग-अलग जगहों पर सप्लाई की जा सके। यह पहलू पुलिस के लिए बेहद चौंकाने वाला है कि नकली नोटों में पहली बार “टच-एंड-फील” सिक्योरिटी फीचर और उभरा हुआ वाटर मार्क पाया गया है — यानी ये नोट केवल रंगीन प्रिंट नहीं, बल्कि तकनीकी रूप से अत्यधिक उन्नत नकली करेंसी हैं। डील का फॉर्मूला: ₹1 लाख असली = ₹4 लाख नकली पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। आरोपी ₹1 लाख असली नोट के बदले ₹4 लाख नकली नोट दे रहे थे। इस डीलिंग के लिए मध्यस्थ के तौर पर बीकानेर का एक बदमाश काम कर रहा था, जो अब पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। एसओजी के अनुसार, गिरोह का नेटवर्क कई शहरों तक फैला हुआ है। गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर राजस्थान और उससे सटे राज्यों में कई ठिकानों पर रेड की जा रही है। कौन हैं गिरफ्तार आरोपी हालांकि पुलिस ने अभी दोनों आरोपियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि दोनों की उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच है और दोनों ही लंबे समय से छोटे स्तर पर नकली नोटों का लेन-देन करते रहे हैं। एक आरोपी कंप्यूटर ग्राफिक डिजाइनिंग का जानकार बताया जा रहा है, जिसने नकली करेंसी की प्रिंटिंग में तकनीकी भूमिका निभाई, जबकि दूसरा सप्लाई और नेटवर्किंग का काम देखता था। कैसे तैयार की जाती थी नकली करेंसी जांच में सामने आया है कि नोटों की प्रिंटिंग के लिए हाई-रेज़ोल्यूशन इंकजेट प्रिंटर और विशेष प्रकार का पेपर इस्तेमाल किया गया था, जिसकी सतह असली करेंसी के कागज़ जैसी महसूस होती है। सिक्योरिटी फीचर को कॉपी करने के लिए थ्री-लेयर प्रिंटिंग और ट्रांसपेरेंट शीट तकनीक अपनाई गई। इतना ही नहीं, नोटों के बीच में वाटर मार्क जैसी पारदर्शी छवि डालने के लिए विशेष कैमिकल का प्रयोग किया गया, जिससे नकली नोट असली जैसे दिखते और महसूस होते थे। त्योहारी बाजार पर असर धनतेरस और दीपावली के समय बाजारों में भारी मात्रा में कैश का प्रवाह रहता है। एसओजी अधिकारियों का कहना है कि गिरोह की योजना थी कि त्योहारों के दौरान नकली नोट बाजार में खपाकर करोड़ों का लाभ कमाया जाए। पुलिस के अनुसार, अगर समय रहते यह खेप पकड़ी नहीं जाती तो नकली नोट बड़ी मात्रा में आम लोगों के बीच पहुंच सकते थे, जिससे स्थानीय व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं को भारी आर्थिक नुकसान होता। आगे की जांच और संदिग्ध नेटवर्क अब एसओजी की विशेष टीमें इस बात की जांच कर रही हैं कि ये नकली नोट कहां से प्रिंट होकर जयपुर तक पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक सुराग मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों की ओर इशारा कर रहे हैं, जहां पहले भी नकली नोट छापने की गतिविधियां पकड़ी जा चुकी हैं। जांच एजेंसी इस संभावना पर भी विचार कर रही है कि यह नेटवर्क विदेशी नकली करेंसी रैकेट से जुड़ा हो सकता है, खासकर बांग्लादेश और नेपाल बॉर्डर से आने वाली फर्जी करेंसी से। ADG वी.के. सिंह का बयान एडीजी सिंह ने बताया — “त्योहारों के मौसम में नकली नोटों की संभावना को देखते हुए हमने पहले से ही निगरानी बढ़ाई थी। यह गिरफ्तारी हमारी टीम की सतर्कता का परिणाम है। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ जारी है और इनके अन्य साथियों की तलाश में टीमें रवाना की गई हैं।” उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे कैश ट्रांजैक्शन के दौरान सावधानी बरतें, खासकर ₹500 और ₹2000 के नोटों को ध्यान से जांचें। नकली नोटों की पहचान कैसे करें पुलिस और आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, आम जनता नीचे दिए गए फीचर्स से नकली नोटों की पहचान कर सकती है: महात्मा गांधी की तस्वीर के दाहिने हिस्से पर रंग बदलने वाली सुरक्षा पट्टी देखें। नोट को तिरछा करने पर “भारत” और “RBI” लिखा हुआ वाटर मार्क दिखाई देता है। संख्या पैनल में अंक आकार में बढ़ते क्रम में होने चाहिए। नोट की सतह पर उभरी हुई छपाई महसूस की जा सकती है। अगर कोई नोट संदिग्ध लगे तो तुरंत निकटतम पुलिस थाने या बैंक शाखा में जानकारी दें। त्योहारों के बीच जयपुर में नकली नोटों का इतना बड़ा जाल पकड़ा जाना राज्य पुलिस और एसओजी की सजगता को दर्शाता है। हालांकि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अपराधी अब तकनीक का इस्तेमाल कर … Read more

105 दिन जनरेटर से चला घर, हाईकोर्ट के आदेश पर बेनीवाल को मिला बिजली कनेक्शन

नागौर राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बेंच के आदेश के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल के नागौर स्थित आवास का बिजली कनेक्शन शुक्रवार शाम को बहाल कर दिया गया। डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता (एसई) अशोक चौधरी ने बताया कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश में संशोधन करते हुए 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया था। यह आदेश 10 अक्टूबर को जारी हुआ था लेकिन इसकी कॉपी डिस्कॉम को शुक्रवार को प्राप्त हुई, जिसके बाद सांसद के भाई प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर दर्ज बिजली कनेक्शन को तुरंत जोड़ दिया गया। एसई चौधरी ने बताया कि प्रेमसुख बेनीवाल ने पहले ही 2 लाख रुपये जमा करवाए थे और अब कोर्ट के आदेशानुसार शेष राशि के लिए बैंक गारंटी जमा करने की प्रक्रिया पूरी की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले को सेटलमेंट के लिए भेजते हुए 15 दिनों के भीतर निस्तारण करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि डिस्कॉम ने सांसद के आवास का बिजली बिल करीब 11 लाख रुपये बकाया बताया था। मार्च 2025 में प्रेमसुख बेनीवाल ने 2 लाख रुपये जमा कर मामले को सेटलमेंट में लेने की अर्जी दी थी। इसके बावजूद लगभग तीन महीने बाद डिस्कॉम ने बिना पूर्व सूचना के सांसद के आवास का बिजली कनेक्शन काट दिया। सांसद हनुमान बेनीवाल ने इसे अनुचित ठहराते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई में 6 लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में सांसद ने डबल बेंच में अपील की, जिसने 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया। सांसद बेनीवाल ने बताया कि इस गलती के कारण उनके आवास को 105 दिनों तक जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ा, जिससे उन्हें काफी असुविधा हुई। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मामले को सेटलमेंट में भेजते हुए दोनों पक्षों को 15 दिनों के भीतर विवाद का समाधान करने का निर्देश दिया है। सांसद ने कहा कि डिस्कॉम की कार्रवाई अनुचित थी और इस प्रक्रिया में उन्हें कोई गलती नहीं थी, फिर भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। यह मामला प्रशासनिक कार्रवाई और न्यायिक हस्तक्षेप का उदाहरण है और दर्शाता है कि बिजली विभाग की बिना सूचना की गई कार्रवाई आम जनता के लिए कितनी असुविधाजनक साबित हो सकती है। अब नजरें इस बात पर टिक गई हैं कि क्या 15 दिनों के भीतर इस विवाद का स्थायी समाधान हो पाएगा।   राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बेंच के आदेश के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल के नागौर स्थित आवास का बिजली कनेक्शन शुक्रवार शाम को बहाल कर दिया गया। डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता (एसई) अशोक चौधरी ने बताया कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश में संशोधन करते हुए 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया था। यह आदेश 10 अक्टूबर को जारी हुआ था लेकिन इसकी कॉपी डिस्कॉम को शुक्रवार को प्राप्त हुई, जिसके बाद सांसद के भाई प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर दर्ज बिजली कनेक्शन को तुरंत जोड़ दिया गया। एसई चौधरी ने बताया कि प्रेमसुख बेनीवाल ने पहले ही 2 लाख रुपये जमा करवाए थे और अब कोर्ट के आदेशानुसार शेष राशि के लिए बैंक गारंटी जमा करने की प्रक्रिया पूरी की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले को सेटलमेंट के लिए भेजते हुए 15 दिनों के भीतर निस्तारण करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि डिस्कॉम ने सांसद के आवास का बिजली बिल करीब 11 लाख रुपये बकाया बताया था। मार्च 2025 में प्रेमसुख बेनीवाल ने 2 लाख रुपये जमा कर मामले को सेटलमेंट में लेने की अर्जी दी थी। इसके बावजूद लगभग तीन महीने बाद डिस्कॉम ने बिना पूर्व सूचना के सांसद के आवास का बिजली कनेक्शन काट दिया। सांसद हनुमान बेनीवाल ने इसे अनुचित ठहराते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई में 6 लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में सांसद ने डबल बेंच में अपील की, जिसने 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया। सांसद बेनीवाल ने बताया कि इस गलती के कारण उनके आवास को 105 दिनों तक जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ा, जिससे उन्हें काफी असुविधा हुई। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मामले को सेटलमेंट में भेजते हुए दोनों पक्षों को 15 दिनों के भीतर विवाद का समाधान करने का निर्देश दिया है। सांसद ने कहा कि डिस्कॉम की कार्रवाई अनुचित थी और इस प्रक्रिया में उन्हें कोई गलती नहीं थी, फिर भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। यह मामला प्रशासनिक कार्रवाई और न्यायिक हस्तक्षेप का उदाहरण है और दर्शाता है कि बिजली विभाग की बिना सूचना की गई कार्रवाई आम जनता के लिए कितनी असुविधाजनक साबित हो सकती है। अब नजरें इस बात पर टिक गई हैं कि क्या 15 दिनों के भीतर इस विवाद का स्थायी समाधान हो पाएगा।  

स्वर्ण से सजी मिठाई: एक किलो ‘स्वर्ण प्रसादम’ की कीमत जानकर हो जाएंगे हैरान

जयपुर शहर में एक मिठाई की दुकान ने दीपावली और त्योहारी सीजन के मौके पर भारत की सबसे महंगी मिठाई ‘स्वर्ण प्रसादम’ बाजार में उतार दी है। इस मिठाई की कीमत 1 लाख 11 हजार रुपये रखी गई है। दुकान की मालिक अंजलि जैन ने बताया कि यह मिठाई न सिर्फ स्वाद में खास है, बल्कि पैकेजिंग और रूप में भी बेहद प्रीमियम है। स्वर्ण प्रसादम को एक गहनों के बॉक्स में पैक किया गया है और इसकी बनावट में सबसे महंगी और प्रीमियम ड्राय फ्रूट चिलगोजा का इस्तेमाल किया गया है। मिठाई में 24 कैरेट का शुद्ध सोना, जिसे स्वर्ण भस्म या गोल्ड ऐश भी कहा जाता है, मिलाया गया है। इसके अलावा मिठाई पर जैन मंदिर से प्राप्त गोल्ड वर्क भी किया गया है, जो पशु क्रूरता मुक्त है। अंजलि जैन ने बताया कि मिठाई के ऊपर के हिस्से में केसर लगाया गया है और चिलगोजा के टुकड़े सजाए गए हैं, इसलिए इसकी कीमत बहुत अधिक रखी गई है। उन्होंने बताया कि इसमें शामिल गोल्ड ऐश भारतीय आयुर्वेद से प्राप्त किया गया है, जिससे यह पूरी तरह भारतीय परंपरा और विरासत को दर्शाता है। दुकान मालिक ने कहा कि जो भी चीज भारतीय परंपरा को दर्शाती है, उसकी कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती। यही कारण है कि यह मिठाई इतनी खास और महंगी है।

राजस्थान ग्रेड-4 भर्ती परीक्षा 2025: उत्तर कुंजी जारी, जानें डाउनलोड प्रक्रिया

जयपुर राजस्थान चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा 2025 की उत्तर कुंजी जारी कर दी गई है। इच्छुक परीक्षार्थी इसे राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट rssb.rajasthan.gov.in पर जाकर चेक और डाउनलोड कर सकते हैं। अब उम्मीदवार अपने उत्तर कुंजी के माध्यम से अपने संभावित अंकों की गणना कर सकेंगे और अपनी परीक्षा प्रदर्शन का अनुमान लगा सकते हैं। परीक्षा में कुल 120 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे गए थे, जिनमें सामान्य हिंदी, अंग्रेजी, राजस्थान सामान्य ज्ञान, गणित और बेसिक कंप्यूटर जैसे विषय शामिल थे। इस परीक्षा में गलत उत्तर पर 1/3 अंक की नेगेटिव मार्किंग भी लागू की गई है। यदि किसी प्रश्न के उत्तर को लेकर उम्मीदवार को आपत्ति है, तो वे आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आपत्ति भी दर्ज कर सकते हैं। Answer Key (A23Z) Date 19-09-2025 Answer Key (DS22) Date 19-09-2025 Answer Key (1XY2) Date 20-09-2025 Answer Key (DB29) Date 20-09-2025 Answer Key (56HH) Date 21-09-2025 Answer Key (JK1) Date 21-09-2025 19 सितंबर से हुई परीक्षा राजस्थान ग्रुप 4 भर्ती परीक्षा 19 से 21 सितंबर 2025 तक आयोजित की गई थी। यह परीक्षा राज्य के 38 जिलों में तीन दिनों में कुल 6 शिफ्टों में ली गई। इस भर्ती के लिए कुल 24,71,066 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, जिनमें से 21,17,198 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग लिया। परीक्षा में उपस्थित होने का प्रतिशत लगभग 85.86% रहा, जबकि 3,53,868 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए। राजस्थान ग्रुप 4 भर्ती में 53,749 पदों पर चयन इस बार की चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा राज्य की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक मानी जा रही है। इसमें कुल 53,749 पदों को भरा जाएगा। परीक्षा के आयोजन के लिए प्रदेशभर में 38 जिलों में 1,300 परीक्षा केंद्र बनाए गए, जिनमें से सबसे अधिक 200 केंद्र जयपुर जिले में स्थापित किए गए।  

मोरपाल सुमन बीजेपी का चेहरा, पर अंता उपचुनाव की असली कमान वसुंधरा राजे के हाथ में

जयपुर/बारां राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी भले ही मोरपाल सुमन है लेकिन असल में अब यह चुनाव वसुंधरा राजे का है। इस उपचुनाव के नतीजे राजस्थान की राजनीति में राजे की वापसी की राह तय करेंगे। उपचुनाव भले ही छोटा है लेकिन इसके नतीजे बहुत दूर तक असर करेंगे। बीजेपी ने शुक्रवार को बारां पंचायत समिति के प्रधान मौरपाल सुमन को उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके बाद देर शाम स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी, जिसमें जिसमें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, राधामोहन दास अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के  अलावा केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, अर्जुनराम मेघवाल, भागीरथ चौधरी, उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा और उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी का नाम शामिल हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि सुमन का टिकट राजे के कहने पर फाइनल किया गया है ऐसे में अब यह चुनाव वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। वसुंधरा राजे टिकट ऐलान के साथ फील्ड में पूरी तरह सक्रिय भी हो गई हैं। हालांकि मुकाबला त्रिकोणीय है। कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया 5 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और 3 में उन्हें जीत मिली है। नरेश मीणा भी निर्दलीय के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं  सुमन का यह पहला विधानसभा चुनाव है। हालांकि सुमन स्थानीय और लो प्रोफाइल नेता माने जाते हैं, लेकिन क्षेत्र के जातीय समीकरणों को देखते हुए भाजपा ने उन्हें एक सोची-समझी रणनीति के तहत मैदान में उतारा है। अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे सुमन को झालावाड़ विधायक और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का 'सियासी आर्शिवाद' प्राप्त है। कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को प्रत्याशी बनाया है, जबकि नरेश मीना निर्दलीय रूप में चुनावी रण में उतरेंगे। ऐसे में अंता में त्रिकोणीय मुकाबला तय माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा टिकट की दौड़ में पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी भी शामिल थे। सैनी और सुमन  दौनों ही माली समुदाय से आते हैं। पार्टी रणनीतिकारों ने जातीय समीकरण और स्थानीय स्तर पर स्वीकार्यता को ध्यान में रखते हुए सुमन को तरजीह दी। बताया जा रहा है कि प्रभुलाल सैनी को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का समर्थन नहीं मिल पाया, और क्षेत्र में बाहरी छवि होने के कारण उनकी दावेदारी कमजोर हो गई। दूसरी ओर, सुमन वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं और स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखते हैं। सुमन वर्तमान में बारां जिले के संयुक्त माली महासंघ के अध्यक्ष हैं। उनकी पत्नी तिसाया-लसड़िया पंचायत की सरपंच हैं, जिससे क्षेत्र में उनका सामाजिक जुड़ाव और प्रभाव और भी बढ़ जाता है। यह उपचुनाव भाजपा विधायक कंवरलाल मीना की सदस्यता रद्द होने के चलते हो रहा है। मीना को 20 साल पुराने एक मामले में SDM को पिस्तौल दिखाने का दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद मई में उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई। निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, सीट खाली होने के छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाना अनिवार्य है। 1 अक्टूबर को प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,27,563 मतदाता हैं—1,15,982 पुरुष, 1,10,241 महिलाएं और चार तीसरे लिंग से संबंधित मतदाता। पिछले ड्राफ्ट की तुलना में मतदाताओं की संख्या में 1,336 की बढ़ोतरी हुई है। राज्य में सरकार बनने के बाद से भाजपा ने अब तक सात उपचुनावों में से पांच पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस केवल एक सीट जीत सकी है। भाजपा ने खींवसर, डोली-उनियारा, झुंझुनूं, रामगढ़ और सलूंबर सीटों पर कब्जा जमाया है, वहीं कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) को इन उपचुनावों में भारी नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि अंता का यह उपचुनाव विधानसभा में बहुमत को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन इसे सरकार के प्रदर्शन पर जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा है। यदि भाजपा यह सीट जीतने में सफल होती है, तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की नीतियों को जनता का समर्थन माना जाएगा। वहीं, हार की स्थिति में विपक्ष को सरकार पर हमला करने का बड़ा मुद्दा मिल सकता है। निर्वाचन कार्यक्रम इस प्रकार है:     गजट अधिसूचना जारी: 13 अक्टूबर     नामांकन की आखिरी तारीख: 21 अक्टूबर     नामांकन पत्रों की जांच: 23 अक्टूबर     नाम वापसी की अंतिम तिथि: 27 अक्टूबर     मतदान की तिथि: 11 नवंबर     मतगणना: 14 नवंबर

त्योहारों की चमक से गुलजार जयपुर, खरीदारी के लिए ये हैं सबसे शुभ समय

जयपुर इस बार धनतेरस पर 2 दिन तक खरीदारी करने का मौका है। पंचांग के अनुसार, इस साल धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ रही है। त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर शनिवार को दोपहर 12:18 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर रविवार को दोपहर 01:51 बजे तक रहेगी। हालांकि, प्रदोष काल जो सूर्यास्त के बाद शुरू होता है, 19 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि में नहीं आता। इसी कारण माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा 19 अक्टूबर की शाम को ही की जाती है। जयपुर में धनतेरस की शाम खास होती है। इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07:16 बजे से लेकर रात 08:20 बजे तक है। इस समय में जयपुर के प्रमुख बाजारों में खरीदारी की रौनक देखने को मिलती है। बाजारों में दीपों की रोशनी, सजावट और ग्राहकों की भीड़ त्योहार की खुशियाँ बढ़ा देती है। धनतेरस पर सोना-चांदी, घरेलू सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स की खरीदारी के लिए अलग-अलग बाजार तय हैं। सभी बाजारों में त्योहार की तैयारियां जोरों से की जा रही है। खरीदारों की जबरदस्त भीड़ नजर आ रही है। इसे देखते हुए शहर में अगले 5 दिन तक के लिए ट्रैफिक डायवर्जन और अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। जयपुर सराफा बाजार में धनतेरस के असर पर शगुन के तौर पर सोने और चांदी की खरीद की जाती है। इसमें सराफा कमेटी की तरफ से चांदी के सिक्के और नोट जारी किए जाते हैं। हालांकि इस बार सोने और चांदी की आसमान छूती कीमतों के चलते बाजार पर असर देखने को मिल रहा है। सराफा कारोबारियों का कहना है कि इस बार सोने और चांदी की बढ़ी कीमतों के चलते खरीदारी कम देखने को मिल रही है। आने वाले समय में शादियों का सीजन है इसलिए जिसे जरूरत है वहीं बाजार में खरीदारी के लिए आ रहे हैं।

यात्रा होगी आसान, स्पेशल ट्रेनें कल से शुरू, जानें टाइम टेबल

 सिरोही रेलवे प्रशासन द्वारा आगामी त्योहारों पर अतिरिक्त यात्री भार को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए भिवानी-अजमेर-भिवानी अनारक्षित स्पेशल, उदयपुर सिटी-दिल्ली सराय-उदयपुर सिटी और मैसूरू-जयपुर-मैसूरू स्पेशल रेलसेवाओं का संचालन किया जाएगा। इन ट्रेनों से यात्रियों को बड़ी राहत मिल सकेगी। उत्तर पश्चिम रेलवे अजमेर मंडल के पीआरओ अशोक चौहान ने बताया कि यह ट्रेनें 18 से 28 अक्तूबर 2025 तक चलेंगी। इसकी समय सारणी निम्नानुसार है। गाड़ी संख्या 04733, भिवानी-अजमेर अनारक्षित स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25, 19.10.25, 22.10.25, 23.10.25, 24.10.25 व 25.10.25 को (06 ट्रिप) भिवानी से 08.20 बजे रवाना होकर 16.55 बजे अजमेर पहुंचेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 04734, अजमेर-भिवानी अनारक्षित स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25, 19.10.25, 22.10.25, 23.10.25, 24.10.25 व 25.10.25 को (06 ट्रिप) अजमेर से 17.30 बजे रवाना होकर रात्रि 02.40 बजे भिवानी पहुंचेगी। यह रेलसेवा मार्ग मेें चरखी दादरी, झाडली, कोसली, जाटूसाना,  रेवाडी, अटेली, नारनौल, डाबला, नीमकाथाना, कावंट, श्रीमाधोपुर, रींगस, रेनवाल, फुलेरा, नरेना व किशनगढ़ स्टेशनों पर ठहराव करेंगी। इस रेलसेवा में 10 साधारण श्रेणी व 02 गार्ड डिब्बों सहित कुल 12 डिब्बे होंगे। गाड़ी संख्या 09601, उदयपुर सिटी-दिल्ली सराय स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25 व 26.10.25 को (02 ट्रिप) उदयपुर सिटी से 10.30 बजे रवाना होकर जयपुर स्टेशन पर 19.15 बजे आगमन और 19.25 बजे प्रस्थान कर अगले दिन दिल्ली सराय 02.20 बजे पहुंचेगी। इसी प्रकार गाड़ी संख्या 09602, दिल्ली सराय-उदयपुर सिटी स्पेशल रेलसेवा दिनांक 19.10.25 व 27.10.25 को (02 ट्रिप) दिल्ली सराय से 05.00 बजे रवाना होकर जयपुर स्टेशन पर 11.30 बजे आगमन व 11.40 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 21.20 बजे उदयपुर सिटी पहुंचेगी। यह रेलसेवा मार्ग में राणाप्रतापनगर, मावली, फतेहनगर, कपासन, चंदेरिया, गंगरार, भीलवाड़ा, मांडल, बिजयनगर, नसीराबाद, अजमेर, किशनगढ़, नरेना, फुलेरा, आसलपुर जोबनेर, कनकपुरा, जयपुर, गांधीनगर जयपुर, गैटोर जगतपुरा, खातीपुरा, बस्सी, दौसा, बांदीकुई, राजगढ़, मालाखेड़ा, अलवर, खैरथल, रेवाड़ी, गुड़गॉव और दिल्ली कैंट स्टेशनों पर ठहराव करेगी। इस रेलसेवा में 02 थर्ड एसी, 08 द्वितीय शयनयान, 04 साधारण श्रेणी और 02 गार्ड डिब्बों सहित कुल 16 डिब्बे होंगे। गाडी संख्या 06231, मैसूरू-जयपुर स्पेशल रेलसेवा दिनांक 18.10.25 एवं 25.10.25 को (02 ट्रिप) मैसूरू से शनिवार को 23.55 बजे रवाना होकर सोमवार 18.40 बजे जयपुर पहुॅचेगी। इसी प्रकार गाडी संख्या 06232, जयपुर-मैसूरू स्पेशल रेलसेवा दिनांक 21.10.25 व 28.10.25 को (02 ट्रिप) जयपुर से मंगलवार को 04.00 बजे रवाना होकर गुरूवार को 03.30 बजे मैसूरू पहुॅचेगी। इस रेलसेवा में 02 सैकण्ड एसी, 12 थर्ड एसी, 02 द्वितीय शयनयान व 02 पॉवर गार्ड डिब्बो सहित कुल 18 डिब्बे होंगे।