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लाड़ली बहनों को दी जाने वाली राशि में होगी वृद्धि: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

हुकुमचंद मिल के समान, ग्वालियर-रतलाम के मिल मजदूरों को भी दिलाया जाएगा उनका हक: मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश में मेट्रोपोलिटिन एरिया विकास के लिए बिल लायेगी राज्य सरकार: मुख्यमंत्री डॉ. यादव लाड़ली बहनों को दी जाने वाली राशि में होगी वृद्धि: मुख्यमंत्री डॉ. यादव व्यंजनों का एम्बेसडर है इन्दौर का पोहा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "एम.पी. तक बैठक" संवाद कार्यक्रम में विचार व्यक्त किए भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। औद्योगिकरण को बढ़ावा देकर युवाओं के लिए स्व-रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं। सरकार लाड़ली बहना की राशि बढ़ा रही है। टेक्सटाइल पार्क में काम करने वाली लाड़ली बहनों को 5000 रुपए अलग से दिलाएंगे। लाड़ली बहना योजना की राशि क्रमबद्ध रूप से बढ़ाकर 3000 रुपए की जाएगी। एमपीपीएससी की तीन साल की परीक्षा एक साथ कराने का आदेश दिया गया है। युवाओं का कोई अहित नहीं होने देंगे। एक लाख शासकीय पदों पर भर्तियां हो रही हैं। प्रदेश सरकार ने नौ साल से अटकी पदोन्नति का रास्ता साफ किया है। इससे 2 लाख नए पदों के लिए भर्ती की संभावना बनेगी। आजादी के बाद लम्बे समय तक गेहूँ का मूल्य 600 रुपए था, अब सरकार किसानों से 2600 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं खरीद रही है। नदी जोड़ो परियोजनाओं के फलस्वरूप प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने इंदौर में हुकुमचंद मिल के मजदूरों को 300 करोड़ रुपए दिलवाये, जिससे 30 साल पुराना विवाद खत्म हुआ। रतलाम की सज्जन मिल और ग्वालियर की मिल के लिए भी इसी तरह के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंडिया टुडे मीडिया समूह द्वारा भोपाल के एक निजी होटल में आयोजित "एम.पी. तक बैठक" संवाद कार्यक्रम में यह बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि धार्मिक नगरी उज्जैन के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सिंहस्थ-2028 के लिए तैयारियां जारी हैं। इस आयोजन में सारे रिकॉर्ड टूटेंगे। क्षिप्रा नदी को 12 मासी जीवंत रखने के लिए कान्ह नदी परियोजना पर कार्य जारी है। गंभीर नदी को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। क्षिप्रा के जल से श्रद्धालुओं और किसानों को लाभ मिलेगा। प्रदेश सरकार मेट्रोपोलिटन विकास को गति प्रदान करने के लिए एक साल के अंदर बिल लेकर आऐगी। मध्यप्रदेश पर्यटन निगम लाभ में रहने वाला देश का एकमात्र टूरिज्म बोर्ड है। इसमें हमारे द्वारा बनाए गए कॉस्ट इफेक्टिव विज्ञापनों की अहम भूमिका रही है। राज्य सरकार ने पर्यटन को वाइल्ड लाइफ से जोड़ा है। मध्यप्रदेश टाइगर, चीता, घड़ियाल और गिद्ध की संख्या में नंबर-एक पर है। उन्होंने कहा कि इंदौर का पोहा व्यंजनों का एम्बेसडर बन सकता है। भाप पर बने पोहे में तेल कम इस्तेमाल होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सभी से अपने खाने में तेल की 10 प्रतिशत खपत कम करने का आहवान किया हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अंबेडकर जी ने जातियों के विवाद खत्म करके देश को एकजुट करने का कार्य किया। हमारी सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के 5 स्मारक बनवाए। अब जाति जनगणना शुरू होगी, तो कई प्रकार के भ्रम दूर हो जाएंगे। जातिगत जनगणना के आंकड़ों के आधार पर आरक्षण तय करेंगे। राज्य सरकार ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य में जनकल्याण और विकास की गतिविधियों के क्रियान्वयन में प्रदेशवासियों का हरसंभव सहयोग और समर्थन निरंतर प्राप्त हो रहा है।  

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही : जनदर्शन में 23 लोगों ने दिया आवेदन : कलेक्टर ने एक-एक कर सुनी सभी की फरियाद

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही साप्ताहिक कलेक्टर जनदर्शन में अपनी मांगों एवं समस्याओं को लेकर 23 लोगों ने आवेदन प्रस्तुत किया। जनदर्शन में आए लोगों ने कतारबद्ध होकर बारी-बारी से कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्याओं-मांगों से अवगत कराया। कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने एक-एक कर सभी की फरियाद सुनी और उनके आवेदनों का अवलोकन किया। उन्होंने शिकायत से संबंधित आवेदनों की जांच कराने और मांगों से संबंधित आवेदनों को संबंधित विभाग को भेजकर नियम प्रक्रिया का पालन कराते हुए कार्रवाई हेतु अग्रेषित किया। जनदर्शन में कलेक्टर ने आवेदकों को राजस्व से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने, विवादित मामलों में प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने तथा न्यायालयीन प्रकरण जिनकी सुनवाई कलेक्टर न्यायालय में पूर्व में हो चुका है, को अपील करने कहा। उन्होंने घरेलू विवाद के मामले में आपसी समझौता कराने सलाह दी। जनदर्शन में आर्थिक सहायता, पारिश्रमिक भुगतान, मुआवजा, अतिक्रमण हटाने, आवास का किश्त दिलाने, पदस्थापना, नियुक्ति आदि से संबंधित आवेदन शामिल हैं।

उत्तर बस्तर कांकेर : कलेक्टर ने लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण करने अधिकारियों को दिए निर्देश

उत्तर बस्तर कांकेर : कलेक्टर ने लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण करने अधिकारियों को दिए निर्देश समय-सीमा बैठक में की विभागवार लंबित प्रकरणों की समीक्षा उत्तर बस्तर कांकेर समय-सीमा की साप्ताहिक बैठक कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर की अध्यक्षता में हुई, जिसमें उन्होंने विभिन्न विभागों में लंबित विकास कार्यों की जानकारी ली तथा उन्हें पूर्ण गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द करने के लिए आवश्यक निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इस दौरान उन्होंने विभागवार निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह 10.30 बजे से आयोजित समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर क्षीरसागर ने कहा कि जिले में राजस्व विभाग द्वारा जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जा रहे हैं, उनकी राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है। सभी एसडीएम इसे गंभीरता से लेते हुए स्कूली विद्यार्थियों का जाति, निवास एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज शीघ्रता से तैयार कराएं तथा जरूरत पड़ने पर राजस्व शिविर भी आयोजित किए जाएं। इसी तरह कलेक्टर ने नियद नेल्लानार योजना के तहत जुड़े नए गांवों में विभिन्न योजनांतर्गत शासकीय कार्यों व सुविधाओं में विस्तार करने पर जोर देते हुए माओवाद प्रभावित ग्रामीणों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके अलावा जिले में डीएपी खाद की कमी के संबंध में अन्य वैकल्पिक खाद एवं उर्वरक का उपयोग कराए जाने हेतु किसानों को जागरूक करने और तकनीकी सलाह देने के निर्देश खाद्य अधिकारी एवं जिला विपणन अधिकारी को दिए। बैठक में आंगनबाड़ी भवन निर्माण तथा पीडीएस सेंटर निर्माण की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसमें तेजी लाने के निर्देश सभी जनपद पंचायतों के सीईओ एवं निर्माण एजेंसियों को दिए। बताया गया कि 499 स्वीकृत आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 290 पूर्ण हो चुके हैं जबकि 209 कार्य लंबित हैं। इसी तरह पीडीएस सेंटर भवन निर्माण के 103 स्वीकृत भवनों के विरूद्ध 79 पूर्ण हो चुके हैं तथा 24 कार्य अभी तक लंबित हैं। कलेक्टर ने लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध अब तक हुई प्रगति को लेकर कलेक्टर ने प्रति सप्ताह जनपदवार समीक्षा करने जिला पंचायत के सीईओ को निर्देशित किया। इसके अलावा बस्तर विकास प्राधिकरण एवं डीएमएफ अंतर्गत लंबित प्रकरणों की जानकारी लेेते हुए तेजी से निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने  सामाजिक अंकेक्षण, पीएम जनमन, पीएम विश्वकर्मा, पोषण पुनर्वास केन्द्र आदि योजनाओं की समीक्षा करते हुए जल्द से जल्द अधूरे एवं अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में डीएफओ हेमचंद पहारे, जिला पंचायत सीईओ हरेश मंडावी, अपर कलेक्टर जितेन्द्र कुर्रे सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।

महासमुंद : सीईओ श्री एस. आलोक ने जन चौपाल में सुनी आम जनों की समस्याएं

महासमुंद : सीईओ श्री एस. आलोक ने जन चौपाल में सुनी आम जनों की समस्याएं अधिकारियों को शीघ्र निराकरण के दिए निर्देश महासमुंद कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार जिला पंचायत सीईओ श्री एस आलोक ने आज मंगलवार को जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित जन चौपाल में जिले के विभिन्न स्थानों से आए नागरिकों की समस्याएं एवं शिकायतें सुनी। उन्होंने संबंधित विभाग को आवेदनों का अवलोकन कर नियमानुसार पात्र हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए कहा। आज ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के 26 आवेदकों ने आवेदन प्रस्तुत किए। सीईओ ने सभी आवेदकों की समस्याएं बारी-बारी सुनी। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री रवि कुमार साहू एवं रविराज ठाकुर, एसडीएम सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। जन चौपाल में सरायपाली के हितग्राही श्री तिलक राम ने पीएम आवास की राशि जारी करने हेतु सचिव द्वारा पैसे लिए जाने के संबंध में शिकायत प्रस्तुत किया, इसी क्रम में श्री दीनबंधु सोना ने भी शिकायत किया जिस पर सीईओ ने उक्त मामलों में प्राथमिकता से जाँच करने हेतु निर्देशित किया। इसके अलावा श्री सेवक राम साहू पोटापारा पिथौरा द्वारा त्रुटि सुधार हेतु आवेदन, ग्राम पंचायत छांदनपुर के शिव मंदिर में अतिक्रमण श्री वेणुधर थानापति द्वारा आवेदन, झलप में शासकीय भूमि अतिक्रमण संबंधी आवेदन, श्री परमेश्वर यादव साराडीह महासमुंद द्वारा बैंक की ग़लत एंट्री के संबंध में आवेदन, श्री राजकुमार भोई झगरेनडीह पिथौरा द्वारा सीमांकन हेतु आवेदन किया गया। जन चौपाल में इसके अलावा पीएम आवास योजना, अवैध अतिक्रमण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, धान खरीदी, मुआवजा राशि, साथ ही अन्य माँग एवं शिकायत संबंधी आवेदन प्राप्त हुए, जिस पर शीघ्र निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया।

अम्बिकापुर : एम.पी.एच.डब्ल्यू. (सेनेटेरियन/फिजियोथैरेपी टेक्नीशियन) डाईंग कैडर के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू

अम्बिकापुर : एम.पी.एच.डब्ल्यू. (सेनेटेरियन/फिजियोथैरेपी टेक्नीशियन) डाईंग कैडर के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू वरिष्ठता, चयन एवं प्रतीक्षा सूची जारी, दावा-आपत्ति के लिए 10 जुलाई तक की समय-सीमा अम्बिकापुर  छत्तीसगढ़ शासन की अधिसूचना दिनांक 11 जून 2020 के प्रावधानों के तहत एम.पी.एच. डब्ल्यू. (पुरुष)/वरिष्ठ सेनेटेरियन/फिजियोथैरेपी टेक्नीशियन (डाईंग कैडर) के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। स्वास्थ्य शिक्षक (हेल्थ एजुकेटर)/सेनेटेरियन-कम-हेल्थ एजुकेटर के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुसार ऐसे कर्मचारी जो संबंधित प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके हैं, जिनके पास न्यूनतम पाँच वर्षों का अनुभव तथा स्नातक उपाधि है, वे इस पद के लिए पात्र माने गए हैं। इसी क्रम में जिला कार्यालय अम्बिकापुर में 03 जुलाई 2025 को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें समिति द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। इसके पश्चात् अंतिम वरिष्ठता सूची, अनंतिम चयन सूची एवं प्रतीक्षा सूची जारी कर दी गई है। यह सूची 01 अप्रैल 2025 की स्थिति के आधार पर तैयार की गई है और आम जनता के अवलोकन हेतु जिले की आधिकारिक वेबसाइट    https://surguja.gov.in/ पर उपलब्ध कराई गई है। सूची में सम्मिलित कर्मचारियों की प्रविष्टियों में यदि कोई त्रुटि पाई जाती है अथवा कोई पात्र कर्मचारी सूची से छूट गया है, तो वे 10 जुलाई 2025 तक अपने प्रमाणित दस्तावेजों सहित कार्यालय में दावा/आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्धारित समयावधि के बाद प्राप्त आवेदन पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात अंतिम सूची के आधार पर पदोन्नति की कार्यवाही की जाएगी। यदि किसी कर्मचारी को नियमों के अनुरूप पदोन्नति नहीं मिलती है, तो इसके लिए संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा खंड चिकित्सा अधिकारी उत्तरदायी होंगे।

रायपुर : प्रदेश में अब तक 320.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर : प्रदेश में अब तक 320.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज रायगढ़ में सर्वाधिक 451 मि.मी. वर्षा दर्ज रायपुर छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 320.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 451.1 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 138.9 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है। राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 259.8 मि.मी., सूरजपुर में 403.9 मि.मी., बलरामपुर में 449.5 मि.मी., जशपुर में 417.7 मि.मी., कोरिया में 375.8 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 295.4 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 250.4 मि.मी., बलौदाबाजार में 277.7 मि.मी., गरियाबंद में 276.9 मि.मी., महासमुंद में 274.4 मि.मी. और धमतरी में 275.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 318.8 मि.मी., मुंगेली में 347.8 मि.मी., सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 324.8 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 427.5 मि.मी., सक्ती में 365.9 मि.मी. कोरबा में 429.6 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 324.1 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 195.2 मि.मी., कबीरधाम में 229.0 मि.मी., राजनांदगांव में 212.7 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 431.2 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 190.9 मि.मी., बालोद में 254.2 मि.मी. और बस्तर जिले में 435.6 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 260.6 मि.मी., कांकेर में 344.1 मि.मी., नारायणपुर में 312.6 मि.मी., दंतेवाड़ा में 389.1 मि.मी., सुकमा में 202.9 मि.मी. और बीजापुर में 420.9 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

प्रधानमंत्री सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, कृषक उन्नति योजना से हो रहा फायदा

पर्याप्त मात्रा में किसानों को मिल रहा खाद एवं बीज शासन की योजनाओं का किसानों को मिल रहा भरपूर लाभ प्रधानमंत्री सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, कृषक उन्नति योजना से हो रहा फायदा सरकार द्वारा कृषक उन्नति योजना के दायरे को विस्तृत करने तथा दलहन, तिलहन, मक्का की फसल की खरीदी पर किसानों में हर्ष व्याप्त रायपुर खेती-किसानी कार्य के लिए किसानों में खुशी एवं उल्लास है। शासन की किसान हितैषी योजनाओं से अन्नदाता किसान धन-धान्य से परिपूर्ण एवं समृद्ध हो रहे हैं। किसान सेवा सहकारी समिति से लगातार खाद-बीज क्रय कर रहे है। शासन की योजनाएं उनके लिए मददगार साबित हो रही है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम बोरी के किसान संजय कुमार टंडन सेवा सहकारी समिति गठुला खाद खरीदने आए थे। उन्होंने बताया कि उनके पास 20 एकड़ जमीन है और आज उन्होंने यूरिया, डीएपी, पोटाश और राखड़ खरीदा है। उन्होंने बताया कि आज जरूरत के हिसाब से खाद मिल गया है। 20 एकड़ खेत में धान की रोपाई हो गई है। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत शून्य प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख 50 हजार रूपए का ऋण लिया है। जिसका उपयोग वे खेती-किसानी के लिए करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बिना ब्याज के राशि मिल जाने से बहुत मदद होती है और यह किसानों के लिए लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री सम्माननिधि योजना के तहत प्रतिवर्ष 6000 रूपए की राशि मिल रही है। जिसका उपयोग वे खेती कार्यों के लिए कर रहे है। खेती कार्यों में नवीनतम तकनीक के प्रयोग से कृषि कार्य आसान होते जा रहे है। उन्होंने कहा कि कृषक उन्नति योजना सरकार की बेहतरीन योजना है। जिसके तहत 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार द्वारा कृषक उन्नति योजना के दायरे को विस्तृत किया गया है तथा दलहन, तिलहन, मक्का की फसल लगाने वालों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि कृषक उन्नति योजना से धान की बिक्री करने पर जो बचत हुई उसका उपयोग उन्होंने बच्चों की पढ़ाई लिखाई, घर की मरम्मत एवं अन्य कार्यों में किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को शासन की योजनाओं के लिए धन्यवाद दिया।      राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम गठुला के किसान सुखदास साहू ने 3 बोरी यूरिया, 3 बोरी डीएपी एवं 1 बोरी पोटाश खरीदा। उन्होंने बताया कि समिति में उनकी जरूरत के अनुसार खाद मिल गया है। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उन्होंने शून्य प्रतिशत ब्याज पर 50 हजार रूपए की राशि ऋण में ली है तथा उन्हें प्रतिवर्ष प्रधानमंत्री सम्मान निधि से 6000 रूपए की राशि प्राप्त हो रही है। शासन की योजनाओं का किसानों को भरपूर लाभ मिल रहा है। ग्राम चिखली के किसान रामनारायण साहू ने बताया कि उनके पास 1 एकड़ जमीन है और आज उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद मिल गया है। उन्होंने यूरिया, डीएपी, पोटाश खाद खरीदा है। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत शून्य प्रतिशत ब्याज पर 10 हजार रूपए ऋण लिया है। जिसका उपयोग वे खेती किसानी के लिए करेंगे। इसी तरह ग्राम चिखली के किसान बिरेन्द्र साहू खाद खरीदने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उनके पास 12 एकड़ जमीन है और आज उन्होंने सेवा सहकारी समिति से यूरिया एवं डीएपी खरीदा है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत शून्य प्रतिशत ब्याज पर 40 हजार रूपए का ऋण लिया है। ग्राम बोरी की श्रीमती ऊषा बाई खाद खरीदी के लिए पहुंची थी और उन्होंने यूरिया, पोटाश खरीदा। उन्होंने बताया कि किसान सेवा सहकारी समिति में उन्हें लगातार व पर्याप्त खाद-बीज मिल रही है। 

रायपुर : लमती जलाशय के निर्माण कार्यों के लिए 242.77 करोड़ रूपए स्वीकृत

रायपुर छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिले के विकासखण्ड-खैरागढ़ की लमती फीडर जलाशय एवं उसकी नहरों के निर्माण कार्य के लिए 242 करोड़ 77 लाख रूपए स्वीकृत किए गए है। योजना के निर्माण कार्यों के पूरा हो जाने पर क्षेत्र में एक हजार 840 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से योजना के निर्माण कार्यों को पूर्ण कराने के लिए मुख्य अभियंता महानदी गोदावरी कछार, जल संसाधन विभाग रायपुर को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।

दिल्ली में फिर डबल मर्डर का मामला, महिला और बच्ची की लाश मिलने से हड़कंप

नई दिल्ली दिल्ली में क्रिमिनल बेखौफ हो गए हैं। लाजपत नगर में मां-बेटे की हत्या का मामला अभी ठीक से सुलझा ही था कि आज सिविल लाइंस में एक और डबल मर्डर की घटना सामने आई है। यहां एक 22 वर्षीय महिला और उसकी दोस्त की बेटी की उनके घर में हत्या कर दी गई। आरोपी क्राइम सीन से मर्डर करने के बाद फरार हो गया। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। दिल्ली पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में एक 22 वर्षीय महिला और उसकी दोस्त की बेटी की उनके घर में हत्या कर दी गई है। फॉरेंसिक टीम मौके पर मौजूद है और जांच कर रही है। इस अपराध का एक संदिग्ध हत्यारा फरार है। पुलिस उसे पकड़ने का प्रयास कर रही है। यह एरिया मजनू के टीले के पास का है। पुलिस को संदेह है कि महिला का एक पुरुष साथी, जो घटना के बाद से लापता है, इन हत्याओं के लिए जिम्मेदार हो सकता है। एक सूत्र ने बताया, "दोनों शव बरामद कर लिए गए हैं और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। क्राइम सीन की जांच के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों को भी बुलाया गया था।" मृतकों की पहचान कर ली गई है और उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया है।  

रायपुर : नैनो डीएपी किसानों के लिए ठोस डीएपी उर्वरक का स्मार्ट विकल्प

रायपुर : नैनो डीएपी किसानों के लिए ठोस डीएपी उर्वरक का स्मार्ट विकल्प   रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को रासायनिक उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। खरीफ 2025 के दौरान डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की कमी को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन ने इसके व्यवहारिक विकल्प के रूप में नैनो डीएपी के भंडारण एवं वितरण की विशेष व्यवस्था की है। इसके साथ ही एनपीके और एसएसपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का भी लक्ष्य से अधिक मात्रा में भंडारण कराया गया है। खेती में ठोस डीएपी उर्वरक की कमी को पूरा करने के लिए किसानों को उसके विकल्प के अनुरूप कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव के अनुरूप नैनो डीएपी अथवा एनपीके और सिंगल सुपर फास्फेट खाद की मात्रा का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।  नैनो डीएपी एक आधुनिक, किफायती और प्रभावशाली तरल उर्वरक है, जो पारंपरिक डीएपी की तुलना में कहीं अधिक उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के वैज्ञानिकों ने नैनो डीएपी का समर्थन करते हुए कहा है कि इसके उपयोग से खेती की लागत में कमी आती है। नैनो डीएपी खेत में पोषण की कमी को प्रभावी ढंग से पूरा करता है और उत्पादन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। नैनो डीएपी पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है। एक एकड़ धान की फसल के लिए एक बोरी ठोस डीएपी का उपयोग होता है। जिसकी लागत 1350 रूपए होती हैै, जबकि एक एकड़ में 25 किलो ठोस डीएपी और 500 मिली नैनो डीएपी के मिश्रण का उपयोग किया जाए तो इसकी लागत घटकर 1275 रूपए आती है।   इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने एक एकड़ धान की खेती के लिए नैनो डीएपी की उपयोग की विधि की विस्तार से जानकारी दी है। इसके अनुसार नैनो डीएपी की मात्र साढ़े 600 मिली मात्रा एक एकड़ धान की खेती में लगती है। धान की बुआई से पहले एक एकड़ के लिए 30 किलो बीज को 150 मिली नैनो डीएपी को तीन लीटर पानी में घोलकर उसमें बीज उपचारित कर आधा घंटा छाव में सुखाने के बाद बुआई की जाती है। रोपा के समय 50 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को मिलाकर उसमें थरहा की जड़ों को आधा घंटा डूबाकर रखने के बाद रोपाई तथा फसल बोआई के तीस दिन बाद 125 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को घोलकर खड़ी फसल पर इसका छिड़काव करना होता है। इससे फसलों को पोषक तत्व मिल जाते है।  नैनो डीएपी फसलों को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करने के लिए बेहतर विकल्प है। यह पारंपरिक डीएपी के मुकाबले लागत कम और प्रभाव अधिक है। पारंपरिक डीएपी की एक बोरी की कीमत लगभग 1350 रूपए होती है, वहीं नैनो डीएपी की एक बोतल से कई एकड़ भूमि को लाभ पहुंचाया जा सकता है। यह स्प्रे के माध्यम से सीधे पौधों पर छिड़का जाता है, जिससे पोषक तत्वों का त्वरित अवशोषण होता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश के अनुरूप राज्य शासन द्वारा किसानों को डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में नैनो डीएपी सहित वैकल्पिक उर्वरकों का पर्याप्त भण्डारण समितियों में किया जा रहा है। किसानों को इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। कृषि विभाग ने किसानों से नैनो डीएपी तथा एनपीके, एसएसपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने की अपील की है।