samacharsecretary.com

स्वास्थ्य के नाम पर ज़हर! मिलावटी हरी सब्जियों से तिल-तिल कर मर रहा है शरीर

भोपाल  स्वस्थ समझकर खा रहे हरी सब्जियों में छुपा हो सकता है कीटनाशकों का जहर! जानिए कैसे ये सब्जियां बन रही हैं बीमारियों की जड़ और क्या है इससे बचने का सही तरीका. सर्दियों में जैसे ही पालक, मेथी, बथुआ और सरसों की बहार बाजार में आती है, लोग इन्हें विटामिन और आयरन से भरपूर सुपरफूड मानकर थालियों में सजाना शुरू कर देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब्जियां जिन खेतों से आती हैं, वहां क्या छिड़का जा रहा है? रसायनों से भरी सब्जियां, स्वाद से पहले ज़हर किसानों द्वारा तेजी से उत्पादन बढ़ाने और फसल को कीटों से बचाने के लिए सिस्टमिक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है. ये रसायन सीधे पौधे की जड़ों और पत्तियों में समा जाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इनका असर सब्जियों से हटाने के लिए 7–10 दिन का समय देना चाहिए, लेकिन अधिकतर किसान इस निर्देश को नजरअंदाज करते हैं. धीमा जहर: स्वास्थ्य पर घातक असर डॉक्टर मनीष खेडेकर के अनुसार, लंबे समय तक ऐसे कीटनाशक खा लेने से शरीर पर गहरा असर होता है. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियां पहले आती हैं और बाद में कैंसर, किडनी व लिवर डैमेज जैसे घातक परिणाम सामने आते हैं बच्चों और बुजुर्गों पर असर और भी तेज़ होता है क्या करें? ये हैं सेफ्टी के उपाय सब्जियों को धोएं, भिगोएं और फिर पकाएं जहां संभव हो, जैविक खेती से आई सब्जियां खरीदें खुद छोटे पैमाने पर किचन गार्डन या ऑर्गेनिक फार्मिंग अपनाएं बाजार से आने वाली हरी पत्तेदार सब्जियों को नमक या सिरके के पानी में भिगोना असरदार हो सकता है प्राकृतिक खेती ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प नीम का अर्क, गोमूत्र, जीवामृत, राख जैसे पुराने संसाधन न सिर्फ फसल को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि मानव शरीर के लिए भी पूरी तरह सेहतमंद होते हैं. सरकारें भी अब प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने लगी हैं, लेकिन जब तक ग्राहक खुद जागरूक नहीं होंगे, बदलाव धीमा ही रहेगा.

मानसून में मुंहासों की समस्या से हैं परेशान, यह रहा हल

मानसून का मौसम जहां एक ओर मन को लुभाता है, वहीं दूसरी ओर यह अपने साथ कई तरह की स्किन समस्याएं भी लेकर आता है। मुंहासों की समस्या इनमें से आम है। अक्सर देखा जाता है कि बारिश के मौसम में भीगने के चक्कर में बाद में चेहरे पर दाने हो जाते हैं और फिर आपका चेहरा उतना खूबसूरत नहीं दिखता, जितना वास्तव में होता है। अगर आप भी बारिश का लुत्फ उठाते हुए मुंहासों को खुद से दूर रखना चाहती हैं तो इन टिप्स को अपना सकती हैं− जानें मुंहासों का कारण मुंहासों के उपचार से पहले जरूरी है कि आप उसके कारणों पर फोकस करें। दअरसल, मानसून सीजन में ह्यूमिडिटी काफी बढ़ जाती है, जिसके कारण स्किन में सीबम का उत्पादन बढ़ने लगता है। ऐसे में स्किन पर काफी ऑयल आता है और इससे बैक्टीरिया के पनपने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, चिपचिपे चेहरे पर धूल, मिट्टी व गंदगी अधिक चिपकती है, जिससे पोर्स बंद हो जाते हैं और मुंहासों की समस्या शुरू हो जाती है। वहीं कुछ महिलाओं को तो चेहरे के साथ−साथ बैक और आर्म्स पर भी एक्ने की परेशानी होती है। करें सफाई इस मौसम में स्किन को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। लेकिन सबसे पहले जरूरी है कि पहले आप अपनी स्किन को पहचानें और उसकी के अनुरूप उसकी सफाई करें। आवश्यकता से अधिक स्किन को क्लींज न करें, अन्यथा आपकी स्किन काफी रूखी और बेजान नजर आएगी। नीम आएगा काम चूंकि इस मुंहासों के पीछे का मुख्य कारण बैक्टीरिया होते हैं, ऐसे में इन बैक्टीरिया को मात देने के लिए नीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आप नीम की कुछ पत्तियां लेकर उसमें हल्दी व दूध मिलाकर एक फाइन पेस्ट बनाएं। आप इसे अपने चेहरे के प्रभावित स्थान पर लगाएं और कुछ देर के लिए यूं ही छोड़ दें। इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा वॉश करें। वहीं अगर आप चाहें तो नीम के तेल की कुछ बूंदे लेकर उसमें नारियल या बादाम का तेल लगाएं और इस तेल को प्रभावित जगह पर इस्तेमाल करें। पीएं भरपूर पानी स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए ढेर सारा पानी पीएं। यह बॉडी के सभी टॉक्सिन को फलश करता है, जिससे आपको एक क्लीयर, यंग व खूबसूरत स्किन मिलती है।  

मानसून में मुंहासों की समस्या से हैं परेशान, यह रहा हल

मानसून का मौसम जहां एक ओर मन को लुभाता है, वहीं दूसरी ओर यह अपने साथ कई तरह की स्किन समस्याएं भी लेकर आता है। मुंहासों की समस्या इनमें से आम है। अक्सर देखा जाता है कि बारिश के मौसम में भीगने के चक्कर में बाद में चेहरे पर दाने हो जाते हैं और फिर आपका चेहरा उतना खूबसूरत नहीं दिखता, जितना वास्तव में होता है। अगर आप भी बारिश का लुत्फ उठाते हुए मुंहासों को खुद से दूर रखना चाहती हैं तो इन टिप्स को अपना सकती हैं− जानें मुंहासों का कारण मुंहासों के उपचार से पहले जरूरी है कि आप उसके कारणों पर फोकस करें। दअरसल, मानसून सीजन में ह्यूमिडिटी काफी बढ़ जाती है, जिसके कारण स्किन में सीबम का उत्पादन बढ़ने लगता है। ऐसे में स्किन पर काफी ऑयल आता है और इससे बैक्टीरिया के पनपने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, चिपचिपे चेहरे पर धूल, मिट्टी व गंदगी अधिक चिपकती है, जिससे पोर्स बंद हो जाते हैं और मुंहासों की समस्या शुरू हो जाती है। वहीं कुछ महिलाओं को तो चेहरे के साथ−साथ बैक और आर्म्स पर भी एक्ने की परेशानी होती है। करें सफाई इस मौसम में स्किन को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। लेकिन सबसे पहले जरूरी है कि पहले आप अपनी स्किन को पहचानें और उसकी के अनुरूप उसकी सफाई करें। आवश्यकता से अधिक स्किन को क्लींज न करें, अन्यथा आपकी स्किन काफी रूखी और बेजान नजर आएगी। नीम आएगा काम चूंकि इस मुंहासों के पीछे का मुख्य कारण बैक्टीरिया होते हैं, ऐसे में इन बैक्टीरिया को मात देने के लिए नीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आप नीम की कुछ पत्तियां लेकर उसमें हल्दी व दूध मिलाकर एक फाइन पेस्ट बनाएं। आप इसे अपने चेहरे के प्रभावित स्थान पर लगाएं और कुछ देर के लिए यूं ही छोड़ दें। इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा वॉश करें। वहीं अगर आप चाहें तो नीम के तेल की कुछ बूंदे लेकर उसमें नारियल या बादाम का तेल लगाएं और इस तेल को प्रभावित जगह पर इस्तेमाल करें। पीएं भरपूर पानी स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए ढेर सारा पानी पीएं। यह बॉडी के सभी टॉक्सिन को फलश करता है, जिससे आपको एक क्लीयर, यंग व खूबसूरत स्किन मिलती है।  

ग्रीन कॉफी के गजब फायदे: दिल से लेकर वजन तक करेगा फिट

 आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत का सही तरीके से ख्‍याल नहीं रख पा रहे हैं। इससे उन्‍हें कई तरह की समस्‍याएं हाे रही हैं। मोटापा तो बढ़ ही रहा है, साथ ही डायब‍िटीज और द‍िल की बीमार‍ियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। इन सभी से बचने के ल‍िए जरूरी है क‍ि आपकी डाइट सही हो। दरअसल, आप जो भी कुछ खाते पीते हैं, उसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है। कई लोग ग्रीन टी पीते हैं। इससे उनकी सेहत काे जबरदस्‍त फायदे म‍िलते हैं। इन द‍िनों सोशल मीड‍िया पर ग्रीन कॉफी का ट्रेंड देखने को म‍िल रहा है। आपने भी सोशल मीडिया या किसी हेल्थ कॉर्नर में इसका नाम जरूर सुना होगा। दिखने में ये आम कॉफी से थोड़ी अलग होती है, लेकिन अब लोग इसे रूटीन का ह‍िस्‍सा बना रहे हैं। जो लोग फ‍िटनेस का ध्‍यान रखते हैं, उनमें ग्रीन कॉफी पीने का चलन ज्‍यादा देखा गया है। नॉर्मल कॉफी से अलग, ग्रीन कॉफी का स्वाद हल्का होता है। कई लोग इसे डिटॉक्स ड्रिंक की तरह भी इस्तेमाल करते हैं। लोग इसे अपने मॉर्निंग रूटीन में शामिल कर रहे हैं। आपको बता दें क‍ि ये आपको सेहतमंद रखने का काम करता है। आज का हमारा लेख इसी व‍िषय पर है। हम आपको बताएंगे क‍ि ग्रीन कॉफी पीने से आपकी सेहत को कौन-कौन से फायदे म‍िलते हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से – वेट लॉस में फायदेमंद आपको बता दें क‍ि ग्रीन कॉफी में क्लोरोजेनिक नाम का तत्‍व पाया जाता है। ये मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का काम करता है। अगर आप इसे पीना शुरू कर देते हैं तो तेजी से कैलोरी बर्न होती है। इस कारण वजन कम करना आसान हाे जाता है। डायबिटीज में फायदेमंद अगर आपको डायब‍िटीज है तो आप ग्रीन कॉफी का सेवन कर सकते हैं। ग्रीन कॉफी पीने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। साथ ही इसमें मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। बॉडी को करे ड‍िटॉक्‍स ग्रीन कॉफी पीने से शरीर की सफाई होती है। ये बॉडी को डिटॉक्स करने में मददगार है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने के कारण ये स्किन, हेयर और ओवरऑल हेल्थ को सुधारने का काम करता है। द‍िल को रखे दुरुस्‍त ग्रीन कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इससे सूजन को कम करके ब्लड वेसेल के काम को सही रखा जा सकता है। जब ब्‍लड वेसेल्‍स दुरुस्‍त रहेंगे तो दिल से जुड़ी बीमारि‍यों का खतरा भी कम होगा। द‍िमाग को रखे हेल्‍दी ग्रीन कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपके द‍िमाग को हेल्‍दी बनाए रखने में मददगार होते हैं। इससे द‍िमागी बीमारी का खतरा कम हो सकता है। आपको रोज सुबह खाली पेट एक कप ग्रीन कॉफी पीना चाह‍िए।

घुंघराले बालों की खूबसूरती बनाए रखें: अपनाएं ये असरदार DIY हेयर मास्क

घुंघराले बाल खूबसूरत तो लगते हैं, लेकिन उनकी देखभाल करना आसान नहीं होता। कर्ली बाल जल्दी ड्राई हो जाते हैं, फ्रिज़ी दिखने लगते हैं और फिर इनके उलझने की समस्या भी बनी रहती है। ऐसे में इन्हें खास हाइड्रेशन और न्यूट्रीशन की जरूरत होती है। इसलिए महंगे केमिकल युक्त प्रॉडक्ट्स की बजाय आप घर पर ही नेचुरल DIY हेयर मास्क बनाकर अपने बालों को हेल्दी, मॉइश्चराइज्ड और शाइनी बना सकती हैं। ये हेयर मास्क आपके कर्ल्स को डीप कंडीशनिंग देंगे और बालों को नैचुरल बाउंस और शाइनी बनाएंगे। तो आइए जानते हैं ऐसे में कुछ DIY मास्क के बारे में- केला और दही हेयर मास्क जहां केला बालों को मॉइश्चराइज करता है और फ्रिज को कम करता है, वहीं दही स्कैल्प को हेल्दी रखता है और ड्रायनेस को दूर करता है।     बनाने का तरीका- इसे बनाने के लिए एक पका हुआ केला मैश करें, उसमें 2 टेबलस्पून दही और 1 टेबलस्पून शहद मिलाएं। इसे बालों पर 30 मिनट लगाकर वॉश करें। नारियल दूध और एलोवेरा मास्क नारियल का दूध बालों को डीप नरिशमेंट देता है और एलोवेरा स्कैल्प को अपने कूलिंग इफेक्ट देता है और सॉफ्ट बनाता है।     बनाने का तरीका- ¼ कप नारियल दूध में 2 टेबलस्पून एलोवेरा जेल मिलाएं। इसे बालों में लगाकर 40 मिनट बाद नॉर्मल पानी और माइल्ड शैम्पू से वॉश करें। शहद और ऑलिव ऑयल मास्क शहद बालों को नैचुरल शाइन देता है, और जैतून का तेल ड्राय और डैमेज बालों को रिपेयर करता है।     बनाने का तरीका- 2 टेबलस्पून जैतून का तेल और 1 टेबलस्पून शहद मिलाकर बालों पर 30 मिनट लगाएं, फिर वॉश करें । मेथी और दही हेयर मास्क मेथी बालों की ग्रोथ बढ़ाती है और कर्ल्स को डिफाइन करती है और दही स्कैल्प को हेल्दी रखता है।     बनाने का तरीका- 2 टेबलस्पून मेथी को रातभर भिंगोकर पेस्ट बनाएं और उसमें 3 टेबलस्पून दही मिलाएं। इसे 45 मिनट तक लगाएं, फिर वॉश करें। एवोकाडो और नारियल तेल मास्क एवोकाडो विटामिन ई से भरपूर होता है, जो बालों को स्ट्रॉन्ग और शाइनी बनाता है और नारियल तेल डीप कंडीशनिंग करता है।     बनाने का तरीका- ½ एवोकाडो मैश करें, उसमें 1 टेबलस्पून नारियल तेल मिलाएं और 30 मिनट तक लगाएं। अंडा और अरंडी तेल हेयर मास्क अंडा प्रोटीन देता है, जिससे बाल मजबूत होते हैं और अरंडी तेल हेयर ग्रोथ को प्रमोट करता है।     बनाने का तरीका- 1 अंडा फेंटें और उसमें 1 टेबलस्पून अरंडी तेल मिलाएं। इसे 30 मिनट तक लगाएं और माइल्ड शैंपू से वॉश करें।  

सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाना है? तो आज ही छोड़ दें ये 5 आदतें

हर इंसान में सेल्फ कॉन्फिडेंस का होना जरूरी है। ये एक ऐसी जरूरी चीज है जिसके बल पर वो दुनिया में कुछ भी हासिल कर सकता है। जिस इंसान में सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी होती है वो ज्यादातर सक्सेज नहीं पाते। अगर आपके अंदर भी सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी रहती है तो जरा इन 5 आदतों पर गौर करें। अगर ये आदते आपकी लाइफ का हिस्सा हैं तो फौरन इन्हें दूर कर दें। तभी आत्मविश्वास बढ़ पाएगा। खुद के बारे में निगेटिव सोचना अगर आप खुद के बारे में हमेशा निगेटिव बातें बोलते और सोचते हैं। खुद की कमियां निकालते हैं तो इससे आपकी सेल्फ एस्टीम प्रभावित होती है। और आपके अंदर का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है। आपको खुद पर विश्वास नहीं रहता कि कोई काम आप अकेले कर सकते हैं। इसलिए सेल्फ वैल्यूएशन करने और खुद को क्रिटिसाइज करने के बीच का फर्क समझकर निगेटिव सोचना बंद करें। हमेशा परफेक्ट बनने की चाह किसी भी काम में परफेक्शन अच्छी बात है लेकिन यहीं परफेक्शन की चाह कई बार आत्मविश्वास को कमजोर कर देती है। क्योंकि जरा सी कमी भी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं और कई बार सेल्फ कॉन्फिडेंस पर निगेटिव असर पड़ता है। दूसरों से तुलना दूसरों से तुलना करना अगर आदत बन जाती है तो खुद में केवल कमियां ही कमियां नजर आती हैं। जिसकी वजह से आत्मविश्वास कमजोर होता है। नए चैलेंज एक्सेप्ट ना करना अगर आप लाइफ में आने वाले नए चैलेंज को एक्सेप्ट नहीं करते हैं तो ये आपकी ग्रोथ को रोक सकती है। क्योंकि मन में बात आती है कि मुझसे ये काम नहीं होगा, जो कि पूरी तरह से कमजोर आत्मविश्वास की निशानी है। खुद को जिम्मेदार ठहराना लाइफ में और अपने आसपास आपसे जुड़े लोगों के जीवन में हो रही किसी भी समस्या के लिए अगर आप खुद को जिम्मेदार ठहराते हैं, तो ये सेल्फ कॉन्फिडेंस को कमजोर बना देती है।  

सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ाना है? तो आज ही छोड़ दें ये 5 आदतें

हर इंसान में सेल्फ कॉन्फिडेंस का होना जरूरी है। ये एक ऐसी जरूरी चीज है जिसके बल पर वो दुनिया में कुछ भी हासिल कर सकता है। जिस इंसान में सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी होती है वो ज्यादातर सक्सेज नहीं पाते। अगर आपके अंदर भी सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी रहती है तो जरा इन 5 आदतों पर गौर करें। अगर ये आदते आपकी लाइफ का हिस्सा हैं तो फौरन इन्हें दूर कर दें। तभी आत्मविश्वास बढ़ पाएगा। खुद के बारे में निगेटिव सोचना अगर आप खुद के बारे में हमेशा निगेटिव बातें बोलते और सोचते हैं। खुद की कमियां निकालते हैं तो इससे आपकी सेल्फ एस्टीम प्रभावित होती है। और आपके अंदर का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है। आपको खुद पर विश्वास नहीं रहता कि कोई काम आप अकेले कर सकते हैं। इसलिए सेल्फ वैल्यूएशन करने और खुद को क्रिटिसाइज करने के बीच का फर्क समझकर निगेटिव सोचना बंद करें। हमेशा परफेक्ट बनने की चाह किसी भी काम में परफेक्शन अच्छी बात है लेकिन यहीं परफेक्शन की चाह कई बार आत्मविश्वास को कमजोर कर देती है। क्योंकि जरा सी कमी भी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं और कई बार सेल्फ कॉन्फिडेंस पर निगेटिव असर पड़ता है। दूसरों से तुलना दूसरों से तुलना करना अगर आदत बन जाती है तो खुद में केवल कमियां ही कमियां नजर आती हैं। जिसकी वजह से आत्मविश्वास कमजोर होता है। नए चैलेंज एक्सेप्ट ना करना अगर आप लाइफ में आने वाले नए चैलेंज को एक्सेप्ट नहीं करते हैं तो ये आपकी ग्रोथ को रोक सकती है। क्योंकि मन में बात आती है कि मुझसे ये काम नहीं होगा, जो कि पूरी तरह से कमजोर आत्मविश्वास की निशानी है। खुद को जिम्मेदार ठहराना लाइफ में और अपने आसपास आपसे जुड़े लोगों के जीवन में हो रही किसी भी समस्या के लिए अगर आप खुद को जिम्मेदार ठहराते हैं, तो ये सेल्फ कॉन्फिडेंस को कमजोर बना देती है।  

एलन मस्क की Vine वापसी: अब वीडियो में दिखेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कमाल

वॉशिंगटन Elon Musk ने Vine को वापस लाने का ऐलान कर दिया है। अगर आप सोच रहे हैं कि Vine क्या है तो बता दें यह कुछ समय पहले लोगों के बीच लोकप्रिय रह चुका वीडियो शेयरिंग ऐप है। मस्क ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट से ट्वीट करके Vine को रीलॉन्च करने की घोषणा की है। हालांकि, अब इसे कुछ बदलाव के साथ लाया जाएगा। Vine ऐप,AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) फीचर के साथ फिर से लॉन्च होगा। एलन मस्क ने एक्स पर किए अपने ट्वीट में कहा है किया है कि वे Vine ऐप को वापस ला रहे हैं, लेकिन AI फॉर्म में। आइये, पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे पढ़ें। सालों बाद Vine की होगी वापसी आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Vine को जनवरी, 2013 में लॉन्च किया गया था। लॉन्च के कुछ समय बाद ही यह काफी लोकप्रिय हो गया था। लोगों के बीच इसे काफी पसंद किया जा रहा था। इसमें यूजर्स छोटे-छोटे वीडियो शेयर कर सकते थे। यह वीडियो ब्लॉगर्स और कंटेंट क्रिएटर्स के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ। हालांकि, Twitter (जो अब एक्स के नाम से जाना जाता है।) ने इस ऐप को 2016 में बंद कर दिया। इस कारण इस तरह के दूसरे ऐप्स से इसे कड़ी टक्कर मिलना बताया जा रहा था। ऐप को पैसे कमाने में भी दिक्कत हो रही थी। इस बार होगा यह बड़ा बदलाव अब मस्क ने Vine को एआई के साथ फिर से लॉन्च करने की घोषणा कर दी है। सोशल मीडिया पर छोटे वीडियो का चलन बदल सकता है। आजकल कई AI टूल्स हैं, जिनसे छोटे वीडियो बनाए जा सकते हैं। इसमें समय और लागत दोनों ही कम लगती है। Vine के छह सेकंड के वीडियो AI से चलने वाली क्रिएटिविटी और एंगेजमेंट के लिए सही साबित हो सकते हैं। एलन मस्क का यह ऐलान X में नई टेक्नोलॉजी को शामिल करने और AI के दौर के लिए डिजिटल कंटेंट को फिर से बनाने की एक बड़ी कोशिश का हिस्सा हो सकता है। मस्क ने पहले कहा था कि वे Vine को पसंद करते थे। यह बहुत अच्छा था। उन्होंने यह भी कहा कि वे इसे पहले से बेहतर बनाना चाहते हैं। Vine की वापसी से सोशल मीडिया की दुनिया में एक नया बदलाव आ सकता है। AI की मदद से छोटे और मजेदार वीडियो बनाना आसान हो जाएगा। खुल गया मस्क का Tesla Diner and Drive-In बता दें कि पिछले कई सालों से हो रहा इंतजार भी खत्म हो गया है। बीते सोमवार को एलन मस्क का Tesla Diner and Drive-In खुल गया। लोग इसके लिए सुबह से ही लाइन में लगने लगे थे। यह एक रेस्टोरेंट है, जो सांता मोनिका बुलेवार्ड पर एक पुरानी Shakey’s Pizza की जगह पर बना है। यह फ्यूचर जैसा दिखने वाला रेस्टोरेंट है। लॉस एंजिल्स के शेफ एरिक ग्रीनस्पैन ने इसका मेनू बनाया है। इसमें ग्रिल्ड चीज, फ्राइड चिकन और वफल के साथ-साथ टूना मेल्ट जैसी चीजें मिलती हैं। साथ ही, Tesla थीम वाले आइटम भी हैं, जिसमें 'Tesla Burger' जिसमें 'Electric Sauce' शामिल हैं। खाने की चीजों की कीमत 4 डॉलर से लेकर 15 डॉलर तक है।

ULLU और ALTT जैसे ऐप्स पर ताला, केंद्र सरकार ने 25 प्लेटफॉर्म्स किए बैन

नई दिल्ली एंटरटेनमेंट के नाम पर सॉफ्ट पोर्न कंटेंट परोसने वाले ओटीटीऐप्‍स पर भारत सरकार ने सख्‍त कार्रवाई की है। कुछ जाने पहचाने ऐप्‍स भी इनमें शामिल हैं। कुल 25 ओटीटी प्‍लेटफॉर्म्‍स और उनके मोबाइल ऐप्‍स को बैन कर दिया गया है। इनमें उल्‍लू ऐप, ऑल्‍ट शामिल हैं। देसी फ्लिक्‍स और बिग शॉट्स जैसे ऐप्‍स पर भी ऐक्‍शन लिया गया है। यह कार्रवाई सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने तमाम जांच एजेंस‍ियों से मिली जानकारी के बाद की है। जो ऐप्‍स भारत में बैन क‍िए गए हैं, उन पर आरोप लगते हैं कि दर्शकों को अश्‍लील और सेमी पोर्नोग्राफ‍िक वेब सीरीज दिखाई जाती है। काफी वक्‍त से ऐसे ऐप्‍स के ख‍िलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही थी। सरकार ने आईटी एक्‍ट के तहत इन ऐप्‍स को हटाने और इन प्‍लेटफॉर्म्‍स तक एक्‍सेस को ब्‍लॉक करने का आदेश दिया है। मोबाइल ऐप पर देखा जा रहा था कंटेंट मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जिन OTT ऐप्‍स पर कार्रवाई की गई है, वो बार-बार नियमों का उल्‍लंघन कर रहे थे। ऐसे ऐप्‍स को मोबाइल से ज्‍यादा एक्‍सेस किया जा रहा था। ज्‍यादातर ऐप्‍स फ्री थे और सोशल मीडिया के जरिए उनका प्रमोशन किया जाता था। अब इनका कंटेंट नहीं देखा जा सकेगा क्‍योंकि सरकार ने मोबाइल ऐप्‍स और वेबसाइटों दोनों को बैन किया है। प्‍लेस्‍टोर, ऐप स्‍टोर से हटाने होंगे ऐप्‍स बैन के आदेश के बाद अब गूगल और ऐपल को अपने ऑनलाइन स्‍टोर्स से इन ऐप्‍स को हटाना होगा। प्‍ले स्‍टोर और ऐप स्‍टोर से ऐप्‍स को हटाया जाएगा। वेबसाइटों के यूआरएल ब्‍लॉक कर दिए जाएंगे। सरकार का कहना कि इन ऐप्‍स की वजह से बच्‍चों तक आसानी से अश्‍लील कंटेंट पहुंच रहा था। इससे उन पर गलत असर हो सकता था। सरकार की कार्रवाई के बाद ऐप्‍स चलाने वाली कंपनियों का क्‍या रुख रहता है। यह देखने वाली बात होगी। अभी तक आधिकारिक तौर पर किसी ऐप मेकर की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। यह कार्रवाई नए आईटी नियमों के तहत की गई है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इंटरनेट कंपनियों को निर्देश दिया है कि वह बैन की गई वेबसाइटों तक यूजर को ना पहुंचने दें। माना जा रहा है कि गूगल प्‍ले स्‍टोर और ऐपल ऐप स्‍टोर से भी इन प्‍लेटफॉर्म्‍स के ऐप्‍स को हटा दिया जाएगा।

सही खानपान और नियमित जीवनशैली अपनाकर दिखें हमेशा जवां-जवां

खूबसूरत, खिली-खिली और जवां त्वचा का राज है-सही खानपान और नियमित जीवनशैली। अगर आपने इन पर संतुलन बनाना सीख लिया, तो उम्र की लहर आपको छू भी नहीं सकती। तेज जीवनशैली, बढ़ता प्रदूषण, जीवनशैली पर भौतिकता का प्रभाव और कार्य का स्वरूप और तनाव जैसी वजहों से छोटी उम्र में ही बढ़ती उम्र के निशान नजर आने लगते हैं। ऐसे में सिर्फ कॉस्मेटिक्स से त्वचा की देखभाल नहीं की जा सकती है। शोध से यह साबित हो चुका है कि फल-सब्जियों के अलावा ऐसे बहुत सारे फूड्स हैं, जिनमें एंटी-एजिंग तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। खान-पान का हमारे यहां पहले से ही बड़ा महत्व है। पौष्टिक और संतुलत भोजन हमारे पारंपरिक जीवन का अभिन्ना अंग है। इसकी जरूरत न सिर्फ स्वस्थ शरीर के लिए है, बल्कि खूबसूरत त्वचा के लिए भी है। अपनी त्वचा को युवा, लचीली और ग्लोइंग कैसे बनाएं इसके लिए त्वचा की ऊपरी देखभाल के साथ-साथ अपने खान-पान पर भी ध्यान देने की जरूरत है। यहां डर्मेटोलॉजिस्ट, डाइटीशियन एवं न्यूट्रिशनिस्टब बता रहे हैं खास एंटी एजिंग फूड आइटम्स के बारे में, जिन्हें आप अपने रोजमर्रा के भोजन में शामिल करके लंबे समय तक जवां रह सकती हैं। पालक: हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक व वॉटरक्रेस (जलकुंभी) में ल्यूटिन पर्याप्त मात्रा में होता है, जो उम्र के साथ होने वाली आंखों की बीमारियों और झुर्रियों को दूर करने में सहायक होता है। इससे न सिर्फ त्वचा बल्कि आंखों और बालों को भी पोषण मिलता है। ब्ल्यूबेरी: इसमें ओरैक प्रचुर मात्रा में होता है, जो त्वचा को ढीली पड़ने से बचाने में मदद करता है। स्ट्रॉबेरी, रॉस्पबेरी, प्लम और ब्लैकबेरी में भी एंथोसियानिंस होता है, जो हृदय रोग और कैंसर के खतरों से बचाव करता है। संतरा: कीवी फ्रूट, शिमला मिर्च, ब्रॉक्ली की तरह संतरा भी विटमिन सी युक्त होता है, जो क्षतिग्रस्त हुए फ्री रेडिकल्स की मरम्मत कर एजिंग से बचाव करने में सहायक होता है। ब्रिटेन में 40-74 साल की उम्र की 4, 025 स्त्रियों पर हुए एक शोध में पाया गया कि विटामिन सी झुर्रियों से छुटकारा दिलाने में 36 फीसद सहायक होता है। मेवे (नट्स): आमतौर पर सभी सूखे मेवे सेलेनियम के अच्छे स्रोत होते हैं। सेलेनियम एक ऐसा एंटीऑक्सीडेंट है, जो एजिंग के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। काबुली चने: बींस और दालों में ऑरैक स्केल बहुत उच्च होता है। ज्यादातर दालों (विशेषकर चना दाल, मूंग दाल, राजमा और मसूर की दाल) और बींस में फाइटेट्स और फाइटोएस्ट्रोजेन नामक तत्व होता है, जो कुछ खास तरह के कैंसर से बचाव करने में सहायक होता है। बींस में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होती है, इसी वजह से हमारी पारंपरिक थाली में बींस का खास स्थान है। दही: 150 ग्राम दही कैल्शियम की दैनिक जरूरत का 1/3 हिस्सा पूरा करता है। नियमित व्यायाम के साथ-साथ विटमिन डी और कैल्शियम युक्त दही का सेवन करते रहने से हड्डियां मजबूत बनती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी नहीं रहता। टमाटर: टमाटर में लाइकोपीन पर्याप्त मात्रा में होता है जो त्वचा में कसाव लाकर लकीरों से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है। एक शोध के मुताबिक अपने दैनिक आहार में 5 टेबल स्पून टमाटर का पेस्ट शामिल करने से त्वचा कांतिमय हो जाती है। उसमें कसाव आ जाता है। साथ ही यह त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से 33 प्रतिशत बचाता है। टमाटर को खाने के साथ-ही साथ त्वचा में कसाव के लिए लगाया भी जा सकता है। ऑयली फिश: मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है विशेषकर सालमन, टूना, सोल और बास मछली में। यह ब्लड कोलेस्ट्रॉल को निम्न रखने और हार्ट अटैक या स्ट्रोक के खतरों को कम करता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड याददाश्त कमजोर होने से बचाता है। साथ ही त्वचा पर नजर आने वाली लकीरों को कम करने में मदद करता है। शाकाहारियों के फ्लेकसीड्स और वॉलनट ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत माना जाता है। ओट्स: इसमें बीटाग्लूकैन नामक सॉल्युबल फाइबर होता है जो कोलेस्ट्रॉल को बॉडी से बाहर निकालने में मदद करता है। ओट्स सेलिसिक का एक अच्छा स्रोत है। ये ऐसे सेल्स का निर्माण करता है जो त्वचा के कोलेजेन और लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करते हैं। ओट्स और दूध से बेहतर ब्रेकफॉस्ट कोई अन्य नहीं है। यह वजन कंट्रोल करने और घटाने में भी मदद करेगा। ऑलिव्स: एक शोध के मुताबिक जो लोग प्रतिदिन ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल) का सेवन करते हैं उनमें 41 फीसद स्ट्रोक्स का खतरा कम होता है। ऑलिव ऑयल के अलावा कैनोला ऑयल भी काफी उपयोगी होता है। इसमें ऑलिव ऑयल की तुलना में कम सैचुरेटेड फैट होता है और यह ओमेगा 3 का एक बेहतरीन स्रोत है। इनसे बचें… न कहें सैचुरेटेड फैट को: एक डाइटरी स्टडी के मुताबिक असमय झुर्रियों का सबसे गहरा ताल्लुक मीट (विशेषकर प्रॉसेस्ड मीट मसलन सॉसेज और बर्गर), मक्खन, हार्ड फैट और फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट्स से होता है। बेहतरी इसी में है कि प्रोसेस्ड मीट, अधिक घी-तेल वाले भोजन और बार-बार उसी तेल के इस्तेमाल से बचें। एल्कोहॉल से करें तौबाः यह त्वचा की सतह के पास रक्तसंचार को बढ़ा देता है। साथ ही यह छोटी रक्त नलिकाओं को फैला देता है। कुछ समय बाद यह स्थायी तौर पर नष्ट हो जाती हैं और रक्त नलिकाओं के फट जाने के कारण त्वचा पर झुर्रियां साफ नजर आने लगती हैं। एल्कोहल शरीर को डीहाइड्रेट कर देता है। पानी की कमी से त्वचा पर असमय झुर्रियां हो जाती है। अगर आप लंबे समय तक जवां रहने की तमन्नाी रखती हैं तो एल्कोहल को हमेशा के लिए लिए दरकिनार करना जरूरी है। चीनी कमः चीनी के सेवन को कम करने से केवल आपका वजन ही नहीं कम होगा बल्कि आपकी त्वचा पर नजर आने वाली झुर्रियां भी कम होंगी। ब्रिटेन में हुए एक शोध के अनुसार 50 ग्राम अधिक कार्बोहाइड्रेट लेने से (250 मिली की दो सॉफ्ट ड्रिंक की बोतल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा के बराबर) झुर्रियां होने का खतरा 28 फीसद तक बढ़ जाता है। चीनी और प्रोटीन से मिलकर बने अणु कोलेजन और इलास्टिन को नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही त्वचा को स्वस्थ, एकसार और जवां बनाने में मदद करने वाले फाइबर को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इस कारण असमय … Read more