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विजय शाह के खिलाफ कांग्रेस की दूसरी सुप्रीम कोर्ट याचिका, पद से हटाने की उठी मांग

भोपाल 

कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिला कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की है. जिसमें मंत्री को पद से हटाने की मांग गई है. नेता ने अपनी याचिका में कहा है कि मंत्री शाह का आचरण संविधान के अनुच्छेद 164 (3) के तहत ली गई शपथ का उल्लंघन करता है. जिसके आधार पर याचिकाकर्ता ने मंत्री के खिलाफ क्वो-वारंटो रिट जारी करने की मांग की है, ताकि उन्हें मंत्री पद से हटाया जा सके।

कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा है कि डॉ. अंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में आयोजित एक समारोह के दौरान मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. याचिका में कहा गया है कि ये टिप्पपणी किसी और के लिए नहीं बल्कि कर्नल सोफिया के लिए हो सकती है.

कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा है कि डॉ. अंबेडकर नगर के रायकुंडा गांव में आयोजित एक समारोह के दौरान मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. याचिका में कहागया है कि ये टिप्पपणी किसी और के लिए नहीं बल्कि कर्नल सोफिया के लिए हो सकती है.

कार्यक्रम में दिया था विवादित बयान
दरअसल मंत्री विजय शाह ने मध्य प्रदेश के मही में जलसंरक्षण कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान दिया था. जिसको लेकर काफी हंगामा मचा था. देशभर में मंत्रीय के बयान की निंदा की गई थी उन्हें पद से हटाने की मांग की गई थी. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने मंत्री शाह के बयान कको शर्मनाक बताया था और इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मंत्री ने अपने बयान पर माफी मांग ली थी.

11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा.’

ऑपरेशन सिंदूर की दी थी जानकारी
कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी ने एक साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जिसमें इस ऑपरेशन को लेकर तमाम तरह की जानकारियां दी थीं और बताया था कि किस तरह से भारतीय सैनिकों ने इस ऑपरेशन को अंजाम देकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी. कर्नल सोफिया कुरैशी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का चेहरा बन गई थीं.

मंत्री के बयान पर मचा बवाल
इधर मंत्री के बयान पर बवाल मच गया और मामला कोर्ट तक पहुंच गया. हाई कोर्ट ने उनकी टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को लेकर 19 मई को सुनवाई की थी और मंत्री शाह को जमकर फटकार लगाई थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में SIT को जांच के निर्देश भी दिए थे.

तीन सदस्यीय SIT का गठन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 19 मई को देर शाम को ही तीन सदस्यीय SIT का गठन किया गया था. 20 मई से जांच शुरू की गई और इस मामले में 125 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे. तीन सदस्यीय SIT टीम में सागर रेंज के तत्कालीन IG प्रमोद वर्मा के साथ तत्कालीन SAF DIG कल्याण चक्रवर्ती और डिंडोरी SP वाहिनी सिंह को शामिल किया गया था.

20 मई को SIT ने विजय शाह केस की जांच शुरू की. 21 मई को SIT टीम महू के रायकुंडा गांव भी पहुंची थी, जहां मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी की थी. SIT ने 22 मई को बेस कैंप में लोगों के बयान दर्ज करना शुरू किए. कार्यक्रम में शामिल 125 से ज्यादा लोगों को बुलाया. ये सिलसिला 5 दिन तक चला. इसमें वीडियो बनाने वाले पत्रकार से लेकर पूर्व मंत्री और स्टूडेंट से लेकर कुलपति तक के बयान दर्ज किए गए थे.

कार्यक्रम में दिया था विवादित बयान

दरअसल मंत्री विजय शाह ने मध्य प्रदेश के मही में जलसंरक्षण कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान दिया था. जिसको लेकर काफी हंगामा मचा था. देशभर में मंत्रीय के बयान की निंदा की गई थी उन्हें पद से हटाने की मांग की गई थी. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने मंत्री शाह के बयान कको शर्मनाक बताया था और इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मंत्री ने अपने बयान पर माफी मांग ली थी.
मंत्री विजय शाह ने क्या कहा था

11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा.’
ऑपरेशन सिंदूर की दी थी जानकारी

कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी ने एक साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जिसमें इस ऑपरेशन को लेकर तमाम तरह की जानकारियां दी थीं और बताया था कि किस तरह से भारतीय सैनिकों ने इस ऑपरेशन को अंजाम देकर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी. कर्नल सोफिया कुरैशी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का चेहरा बन गई थीं.
मंत्री के बयान पर मचा बवाल

इधर मंत्री के बयान पर बवाल मच गया और मामला कोर्ट तक पहुंच गया. हाई कोर्ट ने उनकी टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को लेकर 19 मई को सुनवाई की थी और मंत्री शाह को जमकर फटकार लगाई थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में SIT को जांच के निर्देश भी दिए थे.
तीन सदस्यीय SIT का गठन

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 19 मई को देर शाम को ही तीन सदस्यीय SIT का गठन किया गया था. 20 मई से जांच शुरू की गई और इस मामले में 125 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे. तीन सदस्यीय SIT टीम में सागर रेंज के तत्कालीन IG प्रमोद वर्मा के साथ तत्कालीन SAF DIG कल्याण चक्रवर्ती और डिंडोरी SP वाहिनी सिंह को शामिल किया गया था.
125 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज

20 मई को SIT ने विजय शाह केस की जांच शुरू की. 21 मई को SIT टीम महू के रायकुंडा गांव भी पहुंची थी, जहां मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी की थी. SIT ने 22 मई को बेस कैंप में लोगों के बयान दर्ज करना शुरू किए. कार्यक्रम में शामिल 125 से ज्यादा लोगों को बुलाया. ये सिलसिला 5 दिन तक चला. इसमें वीडियो बनाने वाले पत्रकार से लेकर पूर्व मंत्री और स्टूडेंट से लेकर कुलपति तक के बयान दर्ज किए गए थे.

 

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