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धनबल पर रोक: चुनाव में अनियमित खर्च, आयोग ने तीन दिन में जब्त किए 33.97 करोड़

 नई दिल्ली

बिहार विधानसभा चुनाव और सात राज्यों की आठ विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग सख्त है। चुनाव के दौरान पैसों के दुरुपयोग और मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयासों पर रोक लगाने के लिए निर्वाचन आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती की है। जो उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर पैनी नजर रखेंगे।

आगामी चुनावों में धनबल, मुफ्तखोरी के साथ-साथ नशीली दवाओं, नशीले पदार्थों और शराब के इस्तेमाल पर अंकुश लगाने के लिए आयोग ने दो चरणों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों और 8 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों के लिए सभी प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश जारी किए हैं। एक बयान में चुनाव आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों द्वारा किए जाने वाले चुनावी खर्च की निगरानी के लिए व्यय पर्यवेक्षकों को पहले ही तैनात कर दिया गया है और वे चुनाव की अधिसूचना के दिन अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच गए हैं।

तीन दिन में 33.97 करोड़ जब्त
चुनाव आयोग ने कहा, "अपने दौरे के दौरान वे व्यय निगरानी में लगी सभी टीमों से मिलेंगे। उड़न दस्ते, निगरानी दल, वीडियो निगरानी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए धनबल या अन्य प्रलोभनों के किसी भी संदिग्ध मामले पर नजर रखने के लिए चौबीसों घंटे सतर्क रहेंगे।" इसी के साथ चुनाव आयोग ने बताया कि चुनाव की घोषणा के बाद से विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों ने कुल 33.97 करोड़ रुपए की नकदी, शराब, ड्रग्स और मुफ्त सामान जब्त किया है।

NDA में सीट बंटवारा
इससे पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार चुनावों के लिए अपनी सीट-बंटवारे की घोषणा की। भाजपा और जेडीयू 101-101 सीटों पर, लोजपा (रामविलास) 29 सीटों पर, राष्ट्रीय लोक मोर्चा छह सीटों पर और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) छह सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है।

बता दें कि बिहार चुनाव में एनडीए का मुकाबला राजद के तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक, कांग्रेस, दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व वाली सीपीआई (एमएल), सीपीआई, सीपीएम और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से होगा। वहीं इस बार बिहार में प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जन सुराज पार्टी के रूप में एक नए खिलाड़ी की एंट्री भी देखने को मिल रही है।

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