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आपदा प्रबंधन की तैयारी: बाढ़ व क्लोरीन रिसाव पर मॉकड्रिल

कोरबा

शनिवार की सुबह कटघोरा स्थित राधासागर तालाब में जलजनित आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रील का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत एक काल्पनिक स्थिति तैयार की गई, अचानक भारी वर्षा के कारण जलस्रोतों में जलस्तर बढ़ गया और कुछ लोग पानी में फंस गए। इस स्थिति में बचाव दलों ने वास्तविक परिस्थिति की तरह तत्काल कार्रवाई की। रेस्क्यू टीम ने लाइफ जैकेट, रस्सियों और नाव की मदद से तालाब में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

प्रशिक्षित गोताखोरों और रेस्क्यू टीम ने पानी में फंसे व्यक्तियों की पहचान की, फंसे व्यक्तियों तक रस्सियां और लाइफ जैकेट पहुंचाई गईं, नाव और टीम के सहयोग से सभी लोगों को पानी से बाहर लाकर किनारे तक पहुंचाया गया। मेडिकल टीम ने तत्काल मौके पर ही उनकी स्वास्थ्य जांच की। डूबने की स्थिति में कृत्रिम श्वसन (सीपीआर), ऑक्सीजन सपोर्ट और प्राथमिक दवाओं का प्रदर्शन किया गया और गंभीर स्थिति के अनुमानित मरीजों को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाने की प्रक्रिया का भी अभ्यास किया गया।

इसी क्रम में कोहड़िया स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में क्लोरीन गैस रिसाव पर आधारित मॉक ड्रील का आयोजन किया गया। क्लोरीन गैस का उपयोग पेयजल शोधन के लिए किया जाता है, किंतु इसका अधिक मात्रा में रिसाव मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। अभ्यास में यह स्थिति बनाई गई कि संयंत्र में अचानक क्लोरीन गैस का रिसाव हो गया है। जैसे ही अलार्म बजा, आपदा प्रबंधन टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कर्मचारियों और आसपास मौजूद लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। गैस रिसाव को नियंत्रित करने के लिए सिलेंडर को बंद करने, वाटर स्प्रे कर प्रभावित क्षेत्र को सील करने और गैस को फैलने से रोकने के उपायों का प्रदर्शन किया गया।

मेडिकल टीम ने गैस से प्रभावित व्यक्तियों का प्राथमिक उपचार किया। उन्हें ताजी हवा में लाया गया, आंखों और त्वचा को साफ पानी से धोने की प्रक्रिया दिखाई गई तथा सांस लेने में कठिनाई होने पर ऑक्सीजन सपोर्ट प्रदान किया गया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस बल, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, नगर पालिका, अग्निशमन दल तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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