आंखें हमारे शरीर का अहम हिस्सा होती है। यह हमें देखने में मदद करती हैं और इसलिए आंखों के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल होता है। आंखों की इसी अहमियत को समझाने के मकसद से हर साल 9 अक्टूबर को वर्ल्ड साइट डे मनाया जाता है। इस दिन का मकसद आई हेल्थ और इसकी देखभाल के बारे में लोगों को जागरूक करना है।
इन दिनों आंखों से जुड़ी कई समस्याएं लोगों के लिए परेशानी की वजह बनी रहती है। ब्लर विजन इन्हीं समस्याओं में से एक है, जो यह बताता है कि आपको चश्मे की जरूरत है। इसकी वजह से आपकी पढ़ने, गाड़ी चलाने या यहां तक कि चेहरे पहचानने की क्षमता तक को भी प्रभावित कर सकता है। अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह रोजमर्रा का जीवन को प्रभावित कर सकता है।
इसके अलावा ब्लर विजन के और भी कई कारण हो सकते हैं। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और मेडिकल डायरेक्टर डॉ. महिपाल सिंह सचदेव से बातचीत की। उन्होंने बताया कि ब्लर विजन के चार संभावित कारण हो सकते हैं, जो निम्न हैं:-
रिफ्रेक्टिव एरर
ब्लर विजन का सबसे आम कारण रिफ्रेक्टिव एरर है, जिसनें मायोपिया, हाइपरोपिया, या एस्टीग्मेटज्म जैसी कंडीशन शामिल है। ये तब होती हैं, जब आंख में प्रवेश करने वाली रोशनी रेटिना पर ठीक से फोकस नहीं होता है। एरर के प्रकार के आधार पर, आपको पास की या दूर की वस्तुओं को साफ रूप से देखने में कठिनाई हो सकती है।
प्रेसबायोपिया
जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, आमतौर पर 40 के बाद, आंखों का लेंस कम लचीला हो जाता है, जिससे पास की वस्तुओं पर फोकस केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। प्रेसबायोपिया नाम की इस कंडीशन के कारण अक्सर पढ़ने के लिए चश्मे की जरूरत होती है।
स्क्रीन से आंखों में तनाव
डिजिटल डिवाइस पर लंबा समय तक बिताने से अस्थायी रूप से ब्लर विजन, सूखापन और थकान हो सकती है। यह अक्सर डिजिटल डिवाइस के कारण आंखों में होने वाले तनाव के कारण होता है, जो आंखों की मांसपेशियों और आंसू के प्रोडक्शन को प्रभावित करता है।
कुछ स्वास्थ्य सुविधाएं
ब्लर विजन डायबिटीज, हाई ब्लर प्रेशर या ग्लूकोमा जैसी आंखों की बीमारियों जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का भी लक्षण हो सकती है। शुरुआती पहचान और उपचार के लिए नियमित आंखों की जांच जंरूरी है।