samacharsecretary.com

48 घंटे से मूसलाधार बरसात, बाढ़ जैसे हालात में सेना और SDRF उतरी

कोटा

हाड़ौती में बीते 48 घंटे से मूसलाधार बारिश का दौर लगातार जारी है। कोटा, बूंदी और बारां जिलों में बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। कई कस्बों और गांवों में 8 से 10 फीट तक पानी भर गया है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गांव, कस्बे और शहर तक इस बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

पिछले दो दिनों में हाड़ौती क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक कच्चे मकान ढह गए, जबकि कई मकानों को नुकसान पहुंचा है। हालात बिगड़ने पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ सेना को भी राहत कार्यों में लगाया गया है। अब तक 200 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

बाढ़ की वजह से कई गांव और कस्बे टापू में तब्दील हो गए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नाव का सहारा लिया जा रहा है। सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बूंदी जिले का कापरेन और कोटा जिले का सुल्तानपुर बताया जा रहा है। इसके अलावा दीगोद क्षेत्र में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। भारी बारिश और जलभराव से कई पुलिया और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। 100 से ज्यादा गांवों का संपर्क मुख्य शहरों से टूट गया है। कोटा से मध्यप्रदेश के श्योपुर को जोड़ने वाला मार्ग बंद हो गया है। दीगोद, इटावा, खातोली और सुल्तानपुर जैसे क्षेत्रों का सीधा संपर्क कोटा से कट गया है। इसी तरह कोटा-कैथून और सांगोद मार्ग पर भी यातायात ठप हो गया है, जिससे 20 से ज्यादा गांव अलग-थलग पड़ गए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में खेत पूरी तरह जलमग्न होकर तालाब जैसे हो गए हैं। आसपास की नदियों और नालों का पानी खेतों में भर गया है, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं शहरों और कस्बों में दुकानों व मकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here