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कुड़मी समाज का आंदोलन उग्र, तीर-धनुष के साथ पारसनाथ स्टेशन पर रेल रोककर जताया विरोध

गिरिडीह
 कुड़मी समाज के लोगों ने रेल टेका डहर छेका कार्यक्रम के तहत शनिवार को पारसनाथ रेलवे स्टेशन में रेल रोक दिया है। समाज से जुड़े लोग कुड़मी को एसटी और कुड़माली भाषा को आठवीं सूची में शामिल करने की मांग करते हुए पारंपरिक हथियार तीर धनुष व वेशभूषा एवं ढोल मांदर के साथ रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

आदिवासी का दर्जा देने की अपनी पुरानी मांग को लेकर रेल रोको आंदोलन सुबह 5:50 से शुरू कर दिया है। आदिवासी कुड़मी समाज मंच के आह्वान पर सुबह से ही राज्य के कई जिलों में कुड़मी समाज के लोग रेलवे ट्रैक पर उतर आए और रेल परिचालन को पूरी तरह ठप कर दिया।

बता दें कि धनबाद-गया रेलखंड के अप डाउन दोनों लाइन जाम कर दिया गया है। सभी माल गाड़ियों को विभिन्न स्टेशनों में खड़ा कर दिया गया है। रेलवे स्टेशन प्रबंधक अविनाश कुमार ने बताया कि सुबह दो राजधानी पास करने के बाद से तीसरी राजधानी दिल्ली हावड़ा 22812 जो कोलकाता जाएगी, उसे चौधरीबांध में खड़ा कर दिया गया है।

एक मालगाड़ी को पारसनाथ स्टेशन पर खड़ा कर दिया गया है। रेलवे अधिकारी व पुलिस प्रशासन समाज से जुड़े लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन आंदोलनकारी सक्षम अधिकारी के लिखित आश्वासन के साथ ट्रैक से हटने की बात पर अड़े हुए हैं।

मौके पर रेलवे से सहायक कमांडेंट सुरेश कुमार मिश्रा, मो. शाकिब कुमार, आईपीएस निरंजन कुमार, इंस्पेक्टर दीपा राम, नीलम कुजूर, दीपक कुमार, डुमरी एसडीपीओ सुमित कुमार डीएसपी नीरज कुमार, थाना प्रभारी सुमन कुमार आदि उपस्थित थे।

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