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श्रमिकों के कल्याण के लिये संकल्पित है मध्‍यप्रदेश श्रम कल्‍याण मंडल

भोपाल 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिये संवेदनशीलता से कार्य कर रही है। श्रमिकों के कल्याण के लिये म.प्र. श्रम कल्याण मंडल कार्यरत है। विधानसभा के मानसून सत्र में श्रमिकों के हितार्थ नियमों में संशोधन विधेयक पारित किये गये हैं। म.प्र. श्रम कल्याण मंडल का प्रथम बार गठन राज्‍य शासन द्वारा म.प्र. श्रम कल्याण निधि अधिनियम, 1982 की धारा 4 एवं सहपठित नियम 5 के अन्तर्गत 14 नवम्बर 1987 को किया गया। वर्तमान में मंडल का पुन:गठन राज्य शासन द्वारा 5 जुलाई 2023 को किया गया। संचालक मंडल का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है।

मंडल के गठन का मुख्य उद्देश्‍य संगठित क्षेत्र में प्रदेश में स्‍थापित औद्योगिक इकाइयों एवं स्‍थापनाओं में कार्यरत श्रमिकों एवं उनके परिवारजनों के समग्र कल्याण के लिये सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक सहायता, शैक्षणिक विकास तथा खेलकूद संबंधी गतिविधियों का संचालन करना है।

म.प्र. श्रम कल्‍याण निधि अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत औद्योगिक इकाईयों एवं स्‍थापनाओं द्वारा मंडल को 40 रूपये प्रति छह प्रति श्रमिक अभिदाय देय होता है। नियो‍जक का न्‍यूनतम अभिदाय रूपये 1500/- प्रति छह के लिये निर्धारित है।

मंडल की योजनाऐं एवं गतिविधियाँ
मंडल द्वारा वर्तमान में शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना, शिक्षा प्रोत्‍साहन पुरस्‍कार योजना, विवाह सहायता योजना, अंतिम संस्‍कार सहायता योजना, कल्‍याणी सहायता योजना, उत्‍तम श्रमिक पुरस्‍कार योजना, श्रमिक साहित्‍य पुरस्‍कार योजना एवं अनुग्रह सहायता योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्‍त मंडल द्वारा संभागीय श्रमिक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं राज्‍य स्‍तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है। मंडल प्रदेश के 27 स्‍थानों पर श्रम कल्‍याण एवं कौशल उन्‍नयन केन्‍द्रों का संचालन किया जाता है, जिसमें से 17 स्‍थानों पर श्रमिक परिवार की महिलाओं को सिलाई का नि:शुल्‍क प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मंडल ने विभिन्‍न योजनाओं के अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2001-02 से वित्‍तीय वर्ष 2025-26 में 15 अगस्त 2025 तक कुल 7 लाख 45 हजार 979 हितग्राहियों को हितलाभ राशि रूपये 52 करोड़ 51 लाख 81 हजार 179 का वितरण किया गया है। 

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