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मेयर भार्गव का ऐलान: सराफा चौपाटी यथावत, 80 दुकानदारों के लिए 2000 व्यापारियों की आवाज़ अनसुनी

इंदौर 

इंदौर को स्वाद की राजधानी का दर्जा दिलाने वाली सराफा चौपाटी को लेकर सोना-चांदी बेचने वाले कारोबारी विरोध में है। इसे लेकर नगर निगम में मेयर ने बैठक ली थी। जिसमें चौपाटी के दुकानदार और सराफा कारोबारी शामिल हुए। मेयर ने बैठक में कहा कि निगम यह फैसला ले चुका है कि सराफा चौपाटी नहीं हटेगी। यह इंदौर की पहचान है, लेकिन चौपाटी में सुरक्षा और लगने के समय का ध्यान रखा जाएगा।

बैठक में सराफा व्यापारियों ने कहा कि पहले चौपाटी में परंपरागत व्यंजनों की दुकानें लगती थी। दुकानदार अपने घरों से व्यंजन बनाकर लाते थे, लेकिन अब वहां पर व्यंजन बनाए जाते है। इससे आग लगने का खतरा बना रहता है। दुकानों में लाखों रुपये के जेवर रखे रहते है। इसके अलावा चौपाटी लगाने के लिए दुकानदार जल्दी आ जाते है, जबकि अब सोने-चांदी खरीदने के लिए ग्राहक रात में भी आते है।

महापौर बोले- सराफा चौपाटी इंदौर की परंपरा और धरोहर है

बैठक में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि सराफा चौपाटी केवल स्वाद का केंद्र ही नहीं, बल्कि इंदौर की परंपरा और धरोहर है। इंदौर को स्वाद की राजधानी बनाने में सराफा चौपाटी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। देश और दुनिया से आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा, अनुशासन और परंपरा को बनाए रखने के लिए नगर निगम पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।

महापौर ने बताया कि निगम की जन समिति में लंबे विचार-विमर्श और सुझावों के बाद यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि सराफा चौपाटी अपनी विशिष्ट पहचान के साथ विश्व प्रसिद्ध है और इसे परंपरागत व्यंजनों के साथ स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में जारी रखना आवश्यक है।

सराफा व्यापारी बोले- हम दुकान किराए पर नहीं देंगे तो कहां लगाएंगे

सराफा व्यापारी एसो. के मंत्री बसंत सोनी ने कहा कि 1 सितंबर से सराफा व्यापारी चौपाटी के दुकानदारों को किराए पर आगे की जगह नहीं देंगे तो वे दुकान कहां लगाएंगे। हमें सुरक्षा ज्यादा जरूरी है। चौपाटी के लिए जगह कहीं भी दी जा सकती है, वहां सभी पार्किंग, गैस लाइन सहित अन्य सभी सुरक्षा के इंतजाम किए जाना चाहिए। ​​​​​​

सराफा व्यापारी एसोसिएशन ने कहा कि इतनी अधिक संख्या में दुकानें लगने के कारण यदि हादसा होता है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी अंदर तक नहीं पहुंच पाएगी। अफरा-तफरी में बड़ा हादसा भी होने की आशंका है। कई बार सफाई भी नहीं करते। इस वजह से सराफा व्यापारियों को अगले दिन परेशानी होती है।

इस कारण चौपाटी के कारण हमारा धंधा प्रभावित हो रहा है। हम चाहते है कि चौपाटी को सराफा के बजाए कही और शिफ्ट किया जाए। मेयर भार्गव ने कहा कि सराफा चौपाटी विश्व प्रसिद्ध है। वह इंदौर की पहचान है। वह परंपरागत व्यंजनों के साथ सुरक्षित तरह से लगे। हम यह चाहते हैै। सराफा चौपाटी हटा नहीं सकते। चौपाटी लगने का समय क्या होगा, उसे नियमित करेंगे।

उन्होंने कहा कि यह बात एक दम स्पष्ट है कि सराफा इंदौर की धरोहर है। इंदौर को स्वाद की राजधानी बनने में सराफा की बड़ी भूमिका है। यहां आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए चौपाटी का संचालन होगा। उसका समय तय होगा। इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि सराफा कारोबारियों का भी नुकसान न हो। हमने सराफा चौपाटी के संचालन के लिए एक कमेटी भी गठित की थी। उसकी रिपोर्ट में भी सुरक्षा पर जोर दिया गया।

सुरक्षा व अन्य व्यवस्था के लिए निगमायुक्त को किया अधिकृत

एमआईसी द्वारा सराफा चौपाटी की सुरक्षा व अन्य व्यवस्था के लिए निगम आयुक्त को अधिकृत किया गया है। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि सराफा व्यापारियों का हित सुरक्षित रहेगा और चौपाटी लगाने वालों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे। दोनों पक्षों से सुझाव लिए गए हैं और उन्हीं के आधार पर आगे की कार्ययोजना बनाई जाएगी।

​​​​​​बैठक में ये लोग मौजूद थे

बैठक में निगम आयुक्त शिवम वर्मा, महापौर परिषद सदस्य निरंजन सिंह चौहान, अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया, अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर सहित सराफा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हुकुम सोनी, कोषाध्यक्ष अजय लाहोटी, कार्यकारी सदस्यय अविनाश शास्त्री एवं सराफा चौपाटी एसोसिएशन के अध्यक्ष राम गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारी व व्यापारी मौजूद थे।

सराफा चौपाटी को लेकर कांग्रेस की मांग

इधर, कांग्रेस ने कहा है कि इस प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र में सराफा बाजार की परंपरागत बहुमूल्य विरासत को बनाए रखना आवश्यक है। अवैध और अनुचित तरीके से चौपाटी का विस्तार न केवल व्यापारियों को प्रभावित करता है बल्कि इंदौर की सांस्कृतिक पहचान को भी धूमिल करता है।

वहीं सराफा व्यापारियों का कहना है कि अगर चौपाटी की दुकानें लगानी हैं तो सिर्फ उन्हें अनुमति मिले जो सालों से व्यापार कर रहे हैं। जिनमें 70 अधिक दुकानदार शामिल हैं, सिर्फ उन्हें अनुमति दी जाए या फिर सभी को हटाया जाए। ऐसे विवादों और असुविधाओं को देखते हुए नगर निगम को चाहिए कि वह सराफा क्षेत्र की साफ-सफाई, सुरक्षा व नियोजन में तत्काल सुधार करे।

 

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