samacharsecretary.com

मंत्री टेटवाल ने कहा- तकनीकी ज्ञान एवं नवाचार से ही भारत बनेगा विश्वगुरू

भोपाल
कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम टेटवाल ने कहा है कि दीक्षारंभ केवल शिक्षा का औपचारिक आरंभ नहीं है, बल्कि यह वह क्षण है जब विद्यार्थी अपने ज्ञान और कौशल के माध्यम से समाज व राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना या रोजगार नहीं है, बल्कि यह चरित्र निर्माण, जिम्मेदारी और राष्ट्र निर्माण का माध्यम होना चाहिए। राज्यमंत्री श्री टेटवाल ने मैनिट परिसर में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) 2025 बैच के दीक्षारंभ समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित किया।

मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि आज भारत सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियान युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने की हिम्मत दे रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईआईआईटी-2025 बैच के विद्यार्थी इस बदलते दौर में अपनी पहचान बनाकर प्रदेश और देश का नाम रौशन करेंगे।

मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि इस संस्थान से 'ऑपरेशन सिंदूर' की नेतृत्वकर्ता विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरेशी जैसे प्रतिभाशाली चरित्र निकलकर आएं, जो अपने योगदान से राष्ट्र को नई दिशा दें। अंतरिक्ष के क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाले शुभांशु शुक्ला का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आईआईआईटी-2025 बैच के विद्यार्थी भी इसी तरह वैश्विक स्तर पर अपनी उपलब्धियों से देश का नाम रौशन करें।

मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश शिक्षा की दृष्टि से ऐतिहासिक परंपरा वाला प्रदेश है। उज्जैन का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि वहाँ संदीपनी आश्रम से लेकर कृष्ण जैसे महान शिक्षार्थी और विद्वान निकले, जिन्होंने इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर, इतिहास और ज्योतिष जैसे क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया। उन्होंने कहा कि उज्जैन सदियों से शिक्षा का बड़ा केंद्र रहा है। उन्होंने देश के कई राज्यों से आये विद्यार्थियों का भोजताल और तालाबों की नगरी भोपाल में स्वागत किया।

मंत्री श्री टेटवाल ने गीता का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘कर्म में कौशल ही योग है' और यही उत्कृष्टता जीवन को सार्थक बनाती है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा का वास्तविक स्वरूप वही है, जो व्यक्ति में अनुशासन, समर्पण और जिम्मेदारी की भावना जगाए। विद्यार्थियों ने मंत्री श्री टेटवाल से संवाद किया और कई प्रश्न पूछे, जिसका उन्होंने बहुत ही सरल तरीके से जवाब दिया। मंत्री श्री टेटवाल ने विद्यार्थियों को ग्लोबल स्किल पार्क, भोपाल का भ्रमण करने के लिये आमंत्रित भी किया। मंत्री श्री टेटवाल को प्रोफेसर्स ने संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।

मंत्री श्री टेटवाल ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि वे अपने जीवन के इस नए अध्याय में पूरी निष्ठा और लगन के साथ आगे बढ़ें तथा भविष्य के भारत के निर्माता बनें। समारोह में आईआईआईटी-2025 बैच में 660 विद्यार्थियों ने बीटैक, 48 विद्यार्थियों ने एमटैक, 71 विद्यार्थियों ने एमसीए और 9 विद्यार्थियों ने पीएचडी के लिये एडमिशन लिया है।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here