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दुर्गावती टाइगर रिजर्व पर शिकारियों और तस्करों की हमेशा निगाह बनी रहती, उनपर नजर रखने 650 कैमरे, 35 वॉच टॉवर, 40 पेट्रोलिंग कैंप

दमोह 

बारिश के मौसम को देखते हुए अन्य टाइगर रिजर्व की तरह वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व को आगामी तीन महीने के लिए पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। इस दौरान रिजर्व क्षेत्र में शिकारियों की गतिविधियों और अन्य संदिग्ध हरकतों पर नजर रखने के लिए प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। वन्यजीवों की बढ़ी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए टाइगर रिजर्व के भीतर 650 से अधिक ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी मदद से हर मूवमेंट की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा क्षेत्र में 35 वॉच टॉवर, 40 पेट्रोलिंग कैंप और 300 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। 

गश्त के लिए टीमें दिन और रात ड्यूटी पर हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा और चौकसी को विशेष रूप से बढ़ाया गया है। टाइगर रिजर्व का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा नौरादेही क्षेत्र है, जहां सबसे अधिक सुरक्षा संसाधन लगाए गए हैं। यहां 35 वॉच टॉवर, 650 ट्रैप कैमरे, करीब 40 पेट्रोलिंग कैंप और एक हाथी कैंप के साथ 300 से अधिक सुरक्षाकर्मी लगातार निगरानी में जुटे हैं।

दरअसल एक जुलाई से सभी टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए बंद हो जाते हैं और एक अक्तूबर को ही खुलते हैं। यह समय बाघिनों के प्रजनन के लिए माना जाता है और कीचड़ होने के कारण जंगल में घूमना मुश्किल होता है। इसलिए टाइगर रिजर्व को बंद रखा गया है। इसी अवधि में शिकारी भी सक्रिय हो जाते हैं। इसलिए ऐसे समय प्रबंधन को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी होती है।

दमोह में अब भी अधूरी व्यवस्थाएं
टाइगर रिजर्व के तहत आने वाले दमोह वनमंडल में फिलहाल 30-35 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और कुछ ट्रैप कैमरे भी लगाए गए हैं, लेकिन इस क्षेत्र में वायरलेस स्टेशन जैसी सुविधाएं अब तक तैयार नहीं हो सकी हैं। अधिकारी मानते हैं कि यहां सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत किए जाने की जरूरत है।

प्राकृतिक संपदा पर बुरी नजर
2339 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले इस रिजर्व में 24 बाघों समेत 250 से अधिक जीव-जंतुओं की प्रजातियां, 90 से अधिक प्रकार के पेड़, 49 तरह की झाड़ियां, 30 प्रकार की घास और 15 तरह की बेल-लताएं पाई जाती हैं। यही वजह है कि इस जैव विविधता पर शिकारियों और घुसपैठियों की नजर बनी रहती है।

अधिकारियों की अपील
रिजर्व प्रबंधन ने आमजन से अपील की है कि वे इस बंद अवधि में टाइगर रिजर्व की ओर न जाएं और गाइडलाइन का पालन करें, ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन बना रहे।

टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. एए अंसारी का कहना है मानसून को ध्यान में रखते हुए ट्रैप कैमरे, गश्त व निगरानी के जरिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है। हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। 

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