samacharsecretary.com

रीवा एयरपोर्ट की बाउंड्रीवॉल पहली बारिश में धराशायी, गुणवत्ता पर उठे सवाल

रीवा
मध्य प्रदेश  के रीवा में 24 घंटे की मूसलाधार बारिश में नवनिर्मित एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल धराशायी हो गई. इस एयरपोर्ट के निर्माण में करीब 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. 15 फरवरी 2023 को शिलान्यास के बाद एयरपोर्ट लगभग डेढ़ साल में बनकर तैयार हुआ था. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने 20 अक्टूबर 24 को वर्चुअल लोकार्पण भी किया था.

इस एयरपोर्ट को बनाने में करीब पांच गांवों की 323 एकड़ जमीन को 99 साल की खातिर भारतीय विमान प्राधिकरण को दिया गया है. राज्य में भोपाल, जबलपुर, खजुराहो, इंदौर और ग्वालियर के बाद रीवा 6वां एयरपोर्ट है, जिसे डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने लाइसेंस दिया है. यह जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी दूर बना है. बताया जा रहा है कि मूलाधार बारिश की वजह से एयरपोर्ट एरिया की जमीन अचानक धंस गई. जिससे दीवार का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया. 
 
एयरपोर्ट में रनवे की कुल लंबाई 2300 मीटर है. एयरपोर्ट से दो फ्लाइट का संचालन हो रहा है. पहली फ्लाइट भोपाल वाया खजुराहो होते हुए रीवा पहुंचती है. इसके बाद यह सिंगरौली को रवाना होती है. वहीं दूसरी फ्लाइट रीवा से जबलपुर होते हुए भोपाल से कनेक्ट है. अभी 19 सीटर विमान का ही संचालन होता है. हालांकि, इसे बढ़ाकर 72 सीटर विमानों के संचालन के लिए योजना है.

इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से रीवा को बड़ी सौगात देते हुए वर्चुअली एयरपोर्ट का लोकार्पण किया था. अथॉरिटी के अनुसार रीवा एयरपोर्ट को अगले 50 सालों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. वहीं, इसको लेकर एयरपोर्ट अथार्टी के मैनेजर नवनीत चौधरी का बयान आया है.

चौधरी ने बताया कि ज्यादा पानी गिरने से आसपास के इलाके का पानी बाउंड्री वॉल से टकराया. जिससे बाउंड्री पानी के दबाव को नहीं रोक पाई. रनवे पूरी तरह से ठीक है. उसे कोई क्षति नहीं हुई है. फ्लाइट बराबर उड़ रही है. नवनीत की दलील है कि बाउंड्री हवा के वेग और लोगों को रोकने के लिए बनाई जाती है. पानी को रोकने के लिए नहीं यह पर्याप्त नहीं है. अब इस बाउंड्री को नए तरीके से डिजाइन किया जाएगा.

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here