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बुध के गोचर के बाद इन 3 राशियों की किस्मत खुलेगी, होगी मालामाल!

ज्योतिश शास्त्र में बुध के गोचर या कहें राशि परिवर्तन को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है. बुध वाणी, वाणिज्य-व्यापार के स्वामी माने जाते हैं. फिलहाल बुध तुला राशि में गोचर कर रहे हैं. 24 अक्टूबर यानी दिवाली के महापर्व के बाद बुध का राशि परिवर्तन होगा. 24 अक्टूबर को बुध तुला से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. द्रिक पंचांग के अनुसार, बुध शुक्रवार 24 अक्टूबर को दोपहर के समय 12:39 बजे वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं. ये अग्नि तत्व वाली राशि है. बुध का इस प्रवेश व्यक्ति की सोच, संवाद शैली, निर्णय क्षमता को साहसी और गहरा करता है. मंगल की राशि में बुध ग्रह का यह गोचर तीन राशि के जातकों के लिए विशेष लाभकारी हो सकता है. तीन राशि वालों के करियर, निवेश और व्यापार में चमत्कारी बदलाव आ सकते हैं, तो आइए जानते हैं भाग्यशाली राशियां कौन-सी हैं. वृश्चिक राशि बुध का वृश्चिक राशि में गोचर इस राशि के जातकों के संपूर्ण व्यक्तित्व को निखार सकता है. वाणी में प्रभाव बढ़ सकता है. विचारों को महत्व दिया जा सकता है. आत्मविश्वास के साथ फैसले लेने पर करियर और कारोबार को ऊंचाई मिल सकती है. मिथुन राशि बुध का वृश्चिक राशि में गोचर मिथुन राशि वाले जातकों को रणनीतिक लाभ दे सकता है. नई योजनाएं बना सकते हैं. कोई पुराना अटका हुआ पैसा मिल सकता है. निवेश से लाभ के योग बन रहे हैं. जो जातक विदेश से आायात-निर्यात के काम में करते हैं उनको खास सफलता मिल सकती है. मेष राशि वृश्चिक राशि बुध का यह गोचर मेष राशि वालों के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है. निवेश, बीमा, शेयर बाजार या पारिवारिक संपत्ति से जुड़े मामलों में लाभ के योग हैं. करियर में नई संभावनाएं बन सकती हैं. प्रमोशन मिल सकता है.

गजकेसरी राजयोग का असर: 12 अक्टूबर से इन 3 राशियों को मिलेगा बंपर लाभ

ग्रहों की चाल में बदलाव का असर सीधे तौर पर मानव जीवन पर पड़ता है, और जब शुभ योगों का निर्माण होता है, तब यह प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. आगामी 12 अक्टूबर को ज्योतिषीय जगत में एक महत्वपूर्ण और बहुत शुभ घटना होने जा रही है. इस दिन, ज्ञान और भाग्य के कारक देवगुरु बृहस्पति और मन तथा सुख के कारक चंद्रमा की युति से ‘गजकेसरी राजयोग’ का निर्माण होगा. यह योग कुछ राशियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा, जिससे उनकी तकदीर बदलने की प्रबल संभावना है. आइए जानते हैं ये योग कब बनेगा और इससे किन राशि वालों की किस्मत चमकने वाली है. कब और कैसे बन रहा है ‘गजकेसरी राजयोग’? ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 12 अक्टूबर को सुबह 02 बजकर 24 मिनट पर चंद्रमा अपनी राशि बदलकर वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समय देवगुरु बृहस्पति भी पहले से ही मिथुन राशि में संचरण कर रहे हैं. इस प्रकार, एक ही राशि मिथुन में गुरु और चंद्रमा का एक साथ आना ही ‘गजकेसरी राजयोग’ कहलाता है. क्या होता है गजकेसरी राजयोग? गजकेसरी योग तब बनता है जब चंद्रमा और बृहस्पति एक साथ किसी एक ही राशि में आते हैं या एक-दूसरे के केंद्र भाव में स्थित होते हैं. यह योग व्यक्ति को बुद्धिमान, प्रसिद्ध, धनी और सम्मानित बनाता है. जिन जातकों की कुंडली में यह योग बनता है, उनके जीवन में सौभाग्य और उन्नति के अवसर बढ़ जाते हैं. इन 3 राशि वालों को होगा बंपर लाभ! इस शक्तिशाली राजयोग का सबसे अधिक लाभ तीन राशियों को मिलने जा रहा है. इन राशि के जातकों को धन, करियर और व्यक्तिगत जीवन में अप्रत्याशित सफलता मिल सकती है. मिथुन राशि     चूंकि यह राजयोग मिथुन राशि में ही बन रहा है, इसलिए इस राशि के जातकों के लिए यह समय स्वर्णिम साबित हो सकता है.     व्यक्तित्व और मान-सम्मान: आपके आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि होगी. सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी और लोग आपके विचारों को महत्व देंगे.     करियर और व्यापार: कार्यक्षेत्र में आपकी नेतृत्व क्षमता उभरकर सामने आएगी. नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति या वेतन वृद्धि मिल सकती है. व्यापार में निवेश और विस्तार के लिए यह समय उत्तम है.     स्वास्थ्य: स्वास्थ्य संबंधी पुरानी समस्याओं से राहत मिलेगी और आप ऊर्जावान महसूस करेंगे. सिंह राशि     सिंह राशि के जातकों के लिए यह योग आय और सामाजिक नेटवर्क के स्थान पर बन रहा है.     आय और लाभ: आपकी आय के स्रोतों में वृद्धि होगी. अचानक धन लाभ या रुके हुए पैसे वापस मिलने की संभावना है.     सामाजिक संबंध: बड़े भाई-बहनों और मित्रों के सहयोग से आपके कई महत्वपूर्ण कार्य पूरे होंगे. सामाजिक दायरा बढ़ेगा, जिससे भविष्य में लाभ मिलेगा.     इच्छाओं की पूर्ति: लंबे समय से अटकी हुई मनोकामनाएं और लक्ष्य इस अवधि में पूरे हो सकते हैं. मकर राशि     मकर राशि के जातकों के लिए यह योग छठा भाव (शत्रु, ऋण, रोग) से संबंधित है, जो सकारात्मक परिणाम देगा.     शत्रु और विरोधी: आपके विरोधी और शत्रु चाहकर भी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे. कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी.     स्वास्थ्य और रोग: पुराने रोगों से मुक्ति मिलेगी और स्वास्थ्य में सुधार आएगा. नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर सहकर्मियों का पूरा सहयोग मिलेगा.     वित्तीय प्रबंधन: यदि आपने कोई ऋण लिया हुआ है, तो उसे चुकाने के लिए रास्ता बनेगा और वित्तीय स्थिति मजबूत होगी.