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आज है अनंत चतुर्दशी, जानें बप्पा विसर्जन के सही समय और मुहूर्त

भोपाल  गणेश चतुर्थी से शुरू हुआ गणेश उत्सव का पर्व आज अनंत चतुर्दशी के साथ समाप्त हो जाएगा। अनंत चतुर्दशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसी दिन बप्पा की विदाई होती है। मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में विसर्जन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। आइए अब जानते हैं, आज गणेश विसर्जन के लिए कौन-कौन से शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य  के अनुसार अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के लिए आज कई चौघड़िया मुहूर्त बन रहे हैं। इनमें आप गणेश विसर्जन कर सकते हैं।  ये है शुभ मुहूर्त     अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): दोपहर 12:19 से शाम 5:02 बजे तक     सायं मुहूर्त (लाभ): शाम 6:37 से रात 8:02 बजे तक     रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर): रात 9:28 से सुबह 1:45 बजे (7 सितंबर) तक     उषाकाल मुहूर्त (लाभ): 7 सितंबर सुबह 4:36 से सुबह 6:02 बजे तक अनंत चतुर्दशी का महत्व गणेश विसर्जन के लिए अनंत चतुर्दशी की तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है, इसलिए इसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। पूजा के समय हाथ में अनंत सूत्र बांधा जाता है, जो भक्तों की हर संकट में रक्षा करता है। गणेशोत्सव के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को नदी, तालाब या समुद्र में विसर्जित किया जाता है। विसर्जन से पहले प्रतिमा की विधिवत पूजा की जाती है, फूल चढ़ाए जाते हैं और नारियल व प्रसाद का भोग लगाया जाता है। इसके बाद ढोल-नगाड़ों और जयकारों के साथ बप्पा को धूमधाम से विदाई दी जाती है।

कब है अनंत चतुर्दशी? जानें दिन और गणेश विसर्जन का सही समय

अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक बड़ा खास त्योहार है, जो भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की खास पूजा होती है और गणेश उत्सव का भी समापन होता है. यानी इस दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और अनंत भगवान की पूजा करने से सारे दुख-दर्द खत्म हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस बार अनंत चतुर्दशी का पर्व 6 सितंबर, शनिवार को मनाया जाएगा.  अनंत चतुर्दशी 2025 महत्व  अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा के लिए एक खास धागा होता है जिसे अनंत सूत्र कहते हैं. ये धागा चौदह गांठों वाला होता है, जो भगवान विष्णु के चौदह लोकों का प्रतीक है. जो कोई भी इस व्रत को विधि-पूर्वक रखता है और अनंत सूत्र को पहनता है, उसे जीवन में सब कामयाबी और खुशहाली मिलती है. साथ ही, गणेश उत्सव का समापन भी अनंत चतुर्दशी को ही होता है. इस दिन सारे भक्त बड़े शौर्य के साथ 'गणपति बप्पा मोरया' कहते हुए गणेश जी को विदा करते हैं. अनंत चतुर्दशी 2025 शुभ मुहूर्त  अनंत चतुर्दशी की तिथि 6 सितंबर को सुबह 3 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी और तिथि का समापन 7 सितंबर को अर्धरात्रि 1 बजकर 41 मिनट पर होगा.  अनंत चतुर्दशी का पूजन मुहूर्त 6 सितंबर को शाम 6 बजकर 02 मिनट से लेकर 7 सितंबर की अर्धरात्रि 1 बजकर 41 मिनट तक रहेगा.  गणेश विसर्जन का मुहूर्त  अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के 5 पांच मुहूर्त हैं, जो कि चौघड़िया मुहूर्त में बन रहे हैं- प्रातः मुहूर्त (शुभ) – सुबह 7 बजकर 36 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 10 मिनट तक अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 02 मिनट तक सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – शाम 06 बजकर 37 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 02 मिनट तक रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – रात 09 बजकर 28 मिनट से लेकर अर्धरात्रि 1 बजकर 45 मिनट तक 7 सितंबर को उषाकाल मुहूर्त (लाभ) – सुबह 4 बजकर 36 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 02 मिनट तक 7 सितंबर को अनंत चतुर्दशी 2025 पूजन विधि  पूजा की शुरुआत सुबह स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनकर होती है. फिर घर के साफ जगह पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर रखकर पूजा की जाती है. पूजा में रोली, चावल, फूल, फल, मिठाई और तांबे के पात्र का इस्तेमाल होता है. अनंत सूत्र को पूजा के बाद हाथ में बांधा जाता है, महिलाएं इसे बाएं हाथ में पहनती हैं. पूजा के बाद अनंत चतुर्दशी की कथा सुनी जाती है और अंत में आरती करके प्रसाद बांटा जाता है.