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इंटरव्यू में CM भगवंत मान ने बताया पंजाब में बाढ़ की पीछे का कारण

पंजाब  पंजाब में आई बाढ़ और उसके बाद पैदा हुए हालातों को लेकर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने इंटरव्यू में विस्तृत जानकारी दी है. सीएम भगवंत मान ने कुछ विदेशी मीडिया की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है कि सिंधु जल समझौता रद्द किए जाने की वजह से ही पंजाब में बाढ़ आई. भगवंत मान का कहना है कि अभी पानी रोकने में काफी वक्त लगेगा. पंजाब में बाढ़ का पानी ऊपर (हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर) से आया है. पंजाब के सीएम ने कहा कि सिंधु जल समझौते का पानी अभी कहां रोका गया है. उसे रोकने में काफी समय लगेगा. झेलम का पानी सीधे पाकिस्तान जाता है. हमारे यहां पानी ऊपर से बहुत आया है. दरिया अपना रास्ता खुद बनाते हैं, उन्हें कैसे रोक सकते हैं. हरियाणा के साथ हमारा 100 क्यूसिक पानी का झगड़ा था और भाखड़ा डैम में रोजाना डेढ़ लाख लीटर पानी आ रहा था. पंजाब सीएम ने कहा कि अभी भी भाखड़ा में 80 हजार क्यूसिक पानी आ रहा है. इसके साथ ही पोंग डैम और रणजी सागर डैम को हमने सुरक्षित रखा लेकिन ऊपर से पूरे पहाड़ ही बहकर आ गए. उत्तराखंड में भारी नुकसान हुआ है.   भगवंत मान ने कहा कि पीएम ने हमें 1600 करोड़ दिया है और 2300 गांव हमारे डूबे हैं. गांव वालों को अगर घर के पैसे भी देने हों तो वो भी पूरा नहीं होगा. ये मजाक करके गए हैं. हमारा अनुमान है कि 13800 करोड़ का नुकसान हुआ है और उसमें 1600 करोड़ रुपये मिले हैं. ये क्या मजाक है? सीएम का कहना है कि SDRF में 5012 करोड़ आए हैं, उसमें से 3800 रुपये खर्च हुए हैं. उसमें सिर्फ 1200 का ही गैप है. ये जीरो लगाकर 12 हजार बना रहे हैं. SDRF के अनुसार, बाढ़ से बर्बाद हुए घर का 6800 रुपये, भैंस के लिए 1500 रुपये मिलते हैं. क्या भैंस की कीमत 1500 रुपये ठीक है?  

CM भगवंत मान का ऐतिहासिक फैसला: खेत मालिकों के लिए रेत नीति में हरी झंडी, बाढ़ पीड़ितों को राहत

पंजाब  मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने ऐतिहासिक फैसले लिया. सीएम मान ने जिसका खेत, उसकी रेत की जन-हितैषी नीति को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत एक विशेष अवसर प्रदान करते हुए किसानों को भयंकर बाढ़ के कारण खेतों में जमा रेत और मिट्टी निकालने के साथ-साथ, यदि वे चाहें, तो इसे बेचने की छूट दी जाएगी. यह फैसला आज सुबह मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उनके सरकारी आवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया. मुख्यमंत्री ने इस बैठक में मोहाली के फोर्टिस अस्पताल से वर्चुअल रूप से भाग लिया, जहां वे इलाज के लिए भर्ती हैं. जानकारी के मुताबिक बाढ़ के कारण पानी की मार झेल रहे खेतों में रेत और मिट्टी जमा हो चुकी है. इन खेतों के किसानों को बड़ी राहत देने के लिए यह फैसला लिया गया है. किसानों को अपने खेतों में जमा रेत और मिट्टी निकालने की अनुमति दी जाएगी. यदि वे चाहें तो इसे बेच भी सकेंगे.   प्रभावित किसानों/काश्तकारों/किसान समूहों को लाभ कृषि योग्य जमीन से मिट्टी/रेत/नदियों के माध्यम से जमा सामग्री निकालने का यह एकमुश्त अवसर माना जाएगा, लेकिन इसे खनन सामग्री नहीं माना जाएगा. संबंधित जिले का डिप्टी कमिश्नर जिले में प्रभावित गांवों की सूची घोषित करेगा, जहां बाढ़ के कारण रेत या गाद जमा होने से प्रभावित किसानों/काश्तकारों/किसान समूहों द्वारा मिट्टी/रेत/नदियों के माध्यम से जमा सामग्री को निकालने और ढोने का कार्य किया जा सकेगा. हाल ही में आई बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए सभी जिला खनन अधिकारियों के साथ-साथ जिला और उप-मंडल स्तर की निगरानी कमेटियां प्रभावित खेतों से मिट्टी/रेत/नदियों के माध्यम से जमा सामग्री को बिना जमीन की मूल सतह के साथ छेड़छाड़ किए हटाने और ढोने में सहयोग करेंगी. फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि पंजाब सरकार प्रति एकड़ 20,000 रुपए का मुआवजा देगी, जो न केवल पंजाब में बल्कि पूरे देश में अब तक का सबसे अधिक मुआवजा है. गंभीर संकट में फंसे किसानों को उबारने के लिए राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है ताकि किसानों को अत्यंत आवश्यक राहत दी जा सके. पंजाब टाउन इम्प्रूवमेंट एक्ट, 1922 में संशोधन मंत्रिमंडल ने राज्य की शहरी स्थानीय इकाइयों को म्यूनिसिपल डेवलपमेंट फंड के माध्यम से इम्प्रूवमेंट ट्रस्टों के फंडों का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए पंजाब टाउन इम्प्रूवमेंट एक्ट, 1922 में संशोधन को मंजूरी दे दी. राज्य सरकार द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे के कार्यों के लिए म्यूनिसिपल डेवलपमेंट फंड की स्थापना की गई थी, जिसके लिए प्रत्येक वर्ष प्रांतीय बजट से धन प्राप्त होता है. शहरी निकाय इकाइयों द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे के कार्यों के लिए इम्प्रूवमेंट ट्रस्टों को अपनी संपत्तियों के निपटान से प्राप्त फंडों का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए इस एक्ट में धारा 69बी जोड़ी गई है, जिसके तहत जमीन, इमारतों या अन्य चल-अचल संपत्तियों के निपटान से ट्रस्ट को मिलने वाले धन का हिस्सा, जैसा कि निर्धारित हो, म्यूनिसिपल डेवलपमेंट फंड में स्थानांतरित किया जाएगा.