samacharsecretary.com

रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकार पेश करेंगे श्रीराम की लीला

दीपोत्सव 2025: अयोध्या में पांच देशों के कलाकारों द्वारा अंतरराष्ट्रीय रामलीला का भव्य मंचन रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकार पेश करेंगे श्रीराम की लीला नेपाल और श्रीलंका की पहली बार होगी लक्ष्मण और रावणेश्वरा की प्रस्तुति – दीपोत्सव 2025: लाखों दीपों की रोशनी में सांस्कृतिक महोत्सव का अनोखा अनुभव – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से अयोध्या बना अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र अयोध्या इस वर्ष नौवें संस्करण के दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक मंच बनकर उभर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार अयोध्या में एक अभूतपूर्व अंतरराष्ट्रीय रामलीला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की लीला का मंचन करेंगे। अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की भागीदारी अयोध्या को न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र भी बनाएगी। इस बार कुल 90 विदेशी कलाकार अयोध्या की पावन भूमि पर अपनी कला और सांस्कृतिक धरोहर के माध्यम से रामकथा को जीवंत रूप में पेश करेंगे। अयोध्या के राम कथा पार्क में इस वर्ष विभिन्न राज्यों की प्रसिद्ध रामलीलाओं का मंचन किया जाएगा। रूस के कलाकार स्वयंवर की महिमा का अद्भुत मंचन रूस से आए 15 कलाकार रामलीला के दौरान स्वयंवर का दृश्य प्रस्तुत करेंगे। उनके मंचन में रूस की पारंपरिक रंगमंचीय तकनीक और भारतीय कथा का अनूठा मिश्रण दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। रूस के कलाकारों ने इस प्रस्तुति के लिए महीनों की तैयारी की है और वे दर्शकों को राम और सीता के दिव्य मिलन की अनुभूति देंगे। थाईलैंड : तीन प्रमुख युद्धों का दृश्य थाईलैंड से आए 10 कलाकार रामलीला में शूर्पणखा और राम-लखन संघर्ष, मारीच से संघर्ष और राम-रावण युद्ध का मंचन करेंगे। इन युद्धों के माध्यम से राम और रावण के बीच धर्म और अधर्म की कहानी दर्शकों के सामने प्रस्तुत होगी। थाईलैंड के कलाकारों की पारंपरिक नृत्य-नाट्य शैली इस प्रस्तुति को और भी जीवंत बनाएगी। इंडोनेशिया : लंका दहन और अयोध्या वापसी इंडोनेशिया के 10 कलाकार रामलीला में लंका दहन और अयोध्या वापसी के दृश्य को अद्भुत ढंग से प्रस्तुत करेंगे। यह प्रस्तुति दर्शकों को राम के जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ों का अनुभव कराएगी और अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाएगी। नेपाल : लक्ष्मण पर शक्ति प्रदर्शन की पहली प्रस्तुति नेपाल से आए 33 कलाकार इस बार रामलीला में पहली बार लक्ष्मण पर शक्ति प्रदर्शन प्रस्तुत करेंगे। इससे पहले नेपाल की रामलीला मुख्य रूप से मां सीता पर केंद्रित होती थी। इस बार की प्रस्तुति अयोध्या में रामलीला के अंतरराष्ट्रीय स्तर को और भी प्रतिष्ठित बनाएगी और दर्शकों को रामकथा का नया दृष्टिकोण दिखाएगी। श्रीलंका : के रावणेश्वरा का अद्भुत दृश्य श्रीलंका से आए 22 कलाकार में से दो कलाकार पहले ही अयोध्या पहुंच चुके हैं। यह टीम रामेश्वर की भूमि पर रावणेश्वरा का दृश्य प्रस्तुत करेगी। श्रीलंका वासी आज भी रावण को ईश्वर की भूमिका में मानते हैं और इस भाव को मंच पर जीवंत रूप से दिखाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान की भूमिका अयोध्या अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के संस्थान के सलाहकार और विशेष कार्याधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय रामलीला 17 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक चलेगी। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य न केवल रामलीला की परंपरा को जीवंत रखना है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संस्कृति और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करना है। दीपोत्सव और अयोध्या की परंपरा अयोध्या के 56 घाटों और मंदिरों पर लाखों दीपों की रोशनी में यह रामलीला देखने वालों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बनेगी। दीपोत्सव के दौरान रंग-बिरंगी रोशनी, पारंपरिक और आधुनिक सजावट और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों का मंचन अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को और भी उजागर करेगा। दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण इस अंतरराष्ट्रीय रामलीला का अंतरराष्ट्रीय कलाकारों का मंचन, पारंपरिक भारतीय वेशभूषा, लाइटिंग और सेट डिजाइन, सभी दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव होगा। विदेशी कलाकारों की प्रस्तुति से न केवल भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान बढ़ेगी, बल्कि अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव की भव्यता और आकर्षण भी दोगुना होगा।

अयोध्या में दिखेगी योगी सरकार के विकास की झांकियां

दीपोत्सव 2025: दीपोत्सव पर दिखेगा विकास और संस्कृति का अनूठा संगम अयोध्या में दिखेगी योगी सरकार के विकास की झांकियां दीपोत्सव पर योगी सरकार की उपलब्धियों पर साकेत से निकाली जाएंगी 22 झांकियां पर्यटन व संस्कृति विभाग रामायण के सातों कांड पर निकालेगा झांकियां  झांकियों के साथ दिखेगी राज्यों की लोक कलाएं – हरियाणा का फाग और केरल का कथककली लोक नृत्य होंगे आकर्षण का केंद्र  पांच सौ से अधिक कलाकार देंगे प्रस्तुति अयोध्या भगवान राम की नगरी अयोध्या में इस बार नौवां दीपोत्सव न केवल दीपों की जगमगाहट से, बल्कि प्रदेश के विकास और भारतीय संस्कृति की जीवंत झांकियों से भी सजेगा। योगी सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए सूचना विभाग द्वारा 15 आकर्षक झांकियां निकाली जाएंगी, जबकि पर्यटन संस्कृति विभाग रामायण के सातों कांडों पर आधारित थीम पर झांकियां प्रस्तुत करेगा। जिसमें 22 झांकियां साकेत महाविद्यालय में तैयार हो रही हैं। इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों की लोक कलाएं और नृत्य दीपोत्सव की शोभा बढ़ाएंगे।  जिला सूचना अधिकारी संतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि सूचना विभाग की झांकियां योगी सरकार के विकास कार्यों को दर्शाएंगी। इनमें उत्तर प्रदेश में हुए बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और सांस्कृतिक विकास जैसे क्षेत्रों में सरकार की उपलब्धियों को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा। ये झांकियां प्रदेश की प्रगति और समृद्धि का प्रतीक होंगी। दूसरी ओर, संस्कृति विभाग द्वारा रामायण के सात कांडों बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तरकांड पर आधारित झांकियां तैयार की जा रही हैं। ये झांकियां भगवान राम के जीवन और रामायण की शिक्षाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेंगी। झांकियों को आकर्षक व तकनीकी बनाने के लिए दिया जा रह विशेष ध्यान संतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि सूचना विभाग द्वारा नामित की गई कम्पनी ने झांकियों को आकर्षक और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया है। ये झांकियां न केवल दृश्यात्मक रूप से प्रभावशाली होंगी, बल्कि इनमें आधुनिक तकनीक का उपयोग भी किया जाएगा ताकि दर्शकों को एक अनूठा अनुभव प्राप्त हो। इसके अतिरिक्त, दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या को दीपों से सजाया जाएगा। रामपथ, भक्ति पथ और अन्य प्रमुख स्थानों पर लाखों दीप जलाए जाएंगे, जो विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में एक और कदम होगा। इस आयोजन में स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भी शामिल होंगे। जानिए, कौन कौन से राज्य की दिखेंगी लोककलाएं  इस बार दीपोत्सव में सांस्कृतिक विविधता का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। देश के विभिन्न राज्यों की लोक कलाएं और नृत्य इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होंगे। हरियाणा का फाग, केरल का कथककली, राजस्थान का झूमर, पंजाब का भांगड़ा, ओडिशा का संबलपुरी, गाजीपुर का डिबिया और पश्चिम बंगाल व मध्य प्रदेश की लोक कलाएं अयोध्या के रामपथ पर अपनी छटा बिखेरेंगी। ये प्रस्तुतियां न केवल सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेंगी, बल्कि देश की एकता और विविधता को भी रेखांकित करेंगी। इस भव्य आयोजन में लगभग 500 से अधिक कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लेंगे। सरकार की उपलब्धियों को ये झांकियां करेंगी प्रस्तुत इवेंट के लिए जिम्मेदार कंपनी विविद इंडिया के एक प्रतिनिधि के अनुसार दीपोत्सव में प्रयागराज महाकुंभ, काशी कॉरिडोर, कृषि पशु पालन, आयुष्मान कैशलेस, डिफेंस कॉरिडोर, उत्तर प्रदेश को बेहतर बनाना हमारी प्रतिबद्धता, स्वच्छ एवं हरित उत्तर प्रदेश, विकसितअ भारत, उत्तर प्रदेश पुलिस सुरक्षा,  प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना, पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना, आत्मनिर्भर नारी, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा कराए गए कार्यों की झलक दिखाई पड़ेगी।

योगी सरकार की योजनाओं से रोशन होगी अयोध्या, दीपोत्सव में नजर आएगा विकास का रंग

अयोध्या रामनगरी अयोध्या सिर्फ आस्था की धरती नहीं, बल्कि अब यह विकास और विरासत का संगम बन चुकी है। इस बार के नौवें दीपोत्सव में योगी सरकार की विकास दृष्टि भी दीपों की तरह चमकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को वैश्विक तीर्थ और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अनेक भव्य परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया है। इनमें राम की पैड़ी का भव्य सौंदर्यीकरण, सरयू घाटों का पुनरुद्धार और पर्यटन सुविधाओं का विस्तार शामिल है। इन योजनाओं ने न सिर्फ अयोध्या की प्राचीनता को जीवित रखा है, बल्कि श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा है। दीपोत्सव जैसे विश्व प्रसिद्ध आयोजन में दर्शकों के लिए अब राम की पैड़ी पर बैठना पहले से कहीं अधिक आरामदायक और आकर्षक होगा। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2324.55 लाख रुपए की लागत से यहां लगभग 350 मीटर लंबी सीढ़ियों और दर्शक दीर्घा का निर्माण कराया है, जिसमें 18,000 से 20,000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। यहां बनाया गया सेल्फी पॉइंट, जिसमें भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी की पत्थर की भव्य मूर्तियां हैं, श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन चुका है। आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, बाउंड्री वॉल और अन्य पर्यटन सुविधाओं ने इसे विश्वस्तरीय रूप प्रदान किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 2367.61 लाख रुपए की नई परियोजना से राम की पैड़ी और भी भव्य स्वरूप में नजर आएगी। यहां आठ छोटे एम्फीथिएटर बनाए जा रहे हैं, जो दर्शकों को बैठने की सुविधा देंगे। साथ ही छह पत्थर की छतरियां, आठ भव्य दीपक और सात मीटर ऊंचे पत्थर के स्तंभ इस घाट की शोभा बढ़ाएंगे। प्रकाश व्यवस्था और सौंदर्यीकरण के साथ यह स्थान अब आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत संगम बन जाएगा, जो विश्वभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा। अयोध्या की जीवनरेखा कही जाने वाली सरयू नदी के तट को भी नया रूप दिया जा रहा है। लगभग 2.5 किलोमीटर लंबाई में फैले घाटों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण पर 2346.11 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। परियोजना में 32 पत्थर की छतरियां, 11 विशाल स्तंभ, चार पूजा स्थल, दो गौ-पूजा स्थल, 15 दिशा सूचक, 60 इंटरप्रिटेशन वॉल और एक वीआईपी पवेलियन बनाए जा रहे हैं। आधुनिक रोशनी और स्वच्छ घाट व्यवस्था के साथ यह क्षेत्र अब आध्यात्मिक पर्यटन का नया गंतव्य बनेगा। सरयू आरती का दृश्य अब और भी मनमोहक और भव्य होगा। यूपीपीसीएल के परियोजना प्रबंधक मनोज शर्मा ने कहा योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या में जो विकास कार्य हो रहे हैं, वे महज निर्माण नहीं बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रतीक हैं। राम की पैड़ी और सरयू घाटों के सौंदर्यीकरण से न सिर्फ धार्मिक पर्यावरण समृद्ध हुआ है, बल्कि पर्यटन को भी नई दिशा मिली है। हमारा प्रयास है कि सभी परियोजनाएं निर्धारित समय से पहले और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरी हों, ताकि श्रद्धालु और पर्यटक यहां आने पर अयोध्या की भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर सकें। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम ने बताया कि सभी निर्माण कार्य यूपीपीसीएल के माध्यम से कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा इन परियोजनाओं ने अयोध्या को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। राम की पैड़ी और सरयू घाटों का सौंदर्यीकरण न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण है, बल्कि यह श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुखद वातावरण भी देता है। इन विकास कार्यों से न सिर्फ अयोध्या की पहचान विश्व में सशक्त हुई है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी नई गति मिली है।  

दीपोत्सव 2025:लक्ष्मण किला घाट पहली बार बना दीपोत्सव का आकर्षण केंद्र

दीपोत्सव 2025: 56 घाटों पर जगमगाएंगे 28 लाख दीप, अयोध्या में रचेगा नया विश्व रिकॉर्ड दीपोत्सव 2025:लक्ष्मण किला घाट पहली बार बना दीपोत्सव का आकर्षण केंद्र दीपोत्सव 2025 :योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या का दीपोत्सव बनेगा सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक -22 समितियाँ जुटीं युद्धस्तर पर तैयारियों में, सरयू तट होगा दिव्य आलोकित  -दीपोत्सव से अयोध्या की आस्था और संस्कृति पहुंचेगी विश्व पटल पर अयोध्या रामनगरी अयोध्या इस वर्ष एक बार फिर विश्व मंच पर अपनी आस्था, संस्कृति और गौरव का प्रकाश फैलाने जा रही है। योगी सरकार के नेतृत्व में इस बार नौवां दीपोत्सव 2025 अब तक का सबसे भव्य और ऐतिहासिक आयोजन बनने जा रहा है। सरयू तट के 56 घाटों पर लगभग 26 लाख दीपों के प्रज्वलन के लिए 28 लाख दिए बिछाए जाएंगे, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेगा। इस वर्ष आयोजन की विशेषता यह है कि पहली बार लक्ष्मण किला घाट को दीपोत्सव में शामिल किया गया है। अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान को देगा वैश्विक स्वरूप यह दीपोत्सव केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति, आध्यात्मिकता और विश्वबंधुत्व का सशक्त प्रतीक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यह आयोजन न केवल अयोध्या के विकास और राम मंदिर निर्माण के विज़न को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु और देश-विदेश से आए पर्यटक रामनगरी की इस दिव्य आभा के साक्षी बनेंगे। इन घाटों पर होगा दीपों का सागर लक्ष्मण किला घाट पर पहली बार सवा चार लाख दीप प्रज्वलित होंगे। राम की पैड़ी और चौधरी चरण सिंह घाट पर करीब साढ़े चार लाख दीप जलाए जाएंगे। भजन संध्या घाट पर साढ़े पांच लाख दीपों की रौशनी से सरयू तट अलौकिक चमक में नहाएगा। मुख्य आकर्षण राम की पैड़ी रहेगी, जहां 15 से 16 लाख दीपों की अविरल ज्योति से पूरा घाट जगमगा उठेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं दीप प्रज्ज्वलित कर इस भव्य कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे और ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय बन जाएगा। पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने की तैयारी बीते वर्षों में अयोध्या का दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है। इस बार लक्ष्य है उस रिकॉर्ड को और आगे बढ़ाना 28 लाख दीपों का नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का। इसके लिए सरकार, प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की टीमें युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी हैं। दीपों की सजावट, सुरक्षा व्यवस्था, सांस्कृतिक मंचन, और पर्यटकों के स्वागत की रूपरेखा बारीकी से तैयार की जा रही है। फैक्ट फाइल दीपोत्सव 2025 नौवां दीपोत्सव अयोध्या में आयोजित होगा। 33 लाख दीपों की कुल व्यवस्था। 75 हजार लीटर तेल की जरूरत होगी। 55 लाख रुई बत्तियाँ तैयार की जा रही हैं। 30 हजार स्वयंसेवकों को टोपी व टीशर्ट वितरित होंगी। 28 लाख दीप बिछाकर नया विश्व रिकॉर्ड रचा जाएगा। 22 समितियाँ बना रहीं आयोजन को साकार डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र के निर्देशन में 22 समितियाँ गठित की हैं, जो दीपोत्सव के प्रत्येक पहलू की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। इनमें प्रमुख समितियाँ हैं। समन्वय समिति, अनुशासन समिति,सुरक्षा समिति, दीप गणना समिति, यातायात समिति, स्वच्छता समिति, मीडिया एवं फोटोग्राफी समिति, प्राथमिक चिकित्सा समिति, साज-सज्जा एवं रंगोली समिति,वालंटियर व आईकार्ड समिति, पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण समिति, सभी समितियों के संयोजक, सह-संयोजक एवं सदस्य दिन-रात अयोध्या को दिव्य स्वरूप देने के अभियान में लगे हुए हैं। अयोध्या दीपोत्सव का आध्यात्मिक और राष्ट्रीय महत्व अयोध्या दीपोत्सव केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं यह ‘रामराज्य’ के आदर्शों का स्मरण, भारतीय संस्कृति की एकता का प्रतीक और विश्व को शांति का संदेश देने वाला अवसर है। यह आयोजन अयोध्या को केवल एक शहर नहीं, बल्कि “विश्व सांस्कृतिक राजधानी” के रूप में स्थापित करता है। दीपों की यह ज्योति केवल सरयू किनारे नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष और विश्व के हृदय में आस्था, एकता और आशा की लौ जलाएगी।

राम की पैड़ी पर दर्शक दीर्घा बनी आकर्षण, एक साथ बैठ सकेंगे 20 हजार श्रद्धालु

दीपोत्सव 2025 दीपोत्सव में झलकेगा विकास का उजियारा, योगी सरकार की योजनाओं से निखरेगी अयोध्या  राम की पैड़ी पर दर्शक दीर्घा बनी आकर्षण, एक साथ बैठ सकेंगे 20 हजार श्रद्धालु एम्फीथिएटर, छतरियां और दीपकों से सजेगी रामनगरी, बढ़ेगा सांस्कृतिक वैभव  सरयू घाटों का भव्य सौंदर्यीकरण, पर्यटकों के लिए बनेगा नया आकर्षण केंद्र  डीएम बोले अयोध्या पहुंची विकास की नई ऊंचाइयों पर, बन रही विश्व की आध्यात्मिक राजधानी अयोध्या  रामनगरी अयोध्या केवल आस्था की धरती नहीं, बल्कि अब यह विकास और विरासत का संगम बन चुकी है। इस बार के नौवें दीपोत्सव में योगी सरकार की विकास दृष्टि भी दीपों की तरह चमकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को वैश्विक तीर्थ और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अनेक भव्य परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया है। इनमें राम की पैड़ी का भव्य सौंदर्यीकरण, सरयू घाटों का पुनरुद्धार और पर्यटन सुविधाओं का विस्तार शामिल है। इन योजनाओं ने न केवल अयोध्या की प्राचीनता को जीवित रखा है, बल्कि श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा है। राम की पैड़ी पर बैठेगा श्रद्धा और सौंदर्य का संगम दीपोत्सव जैसे विश्व प्रसिद्ध आयोजन में दर्शकों के लिए अब राम की पैड़ी पर बैठना पहले से कहीं अधिक आरामदायक और आकर्षक होगा। योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2324.55 लाख रुपये की लागत से यहां लगभग 350 मीटर लंबी सीढ़ियों और दर्शक दीर्घा का निर्माण कराया है, जिसमें 18,000 से 20,000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। यहां बनाया गया सेल्फी पॉइंट, जिसमें भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी की पत्थर की भव्य मूर्तियां हैं, श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन चुका है। आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, बाउंड्री वॉल और अन्य पर्यटन सुविधाओं ने इसे विश्वस्तरीय रूप प्रदान किया है। राम की पैड़ी का भव्यीकरण, आठ एम्फीथिएटर और पत्थर की छतरियाँ बनेंगी आकर्षण वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 2367.61 लाख रुपये की नई परियोजना से राम की पैड़ी और भी भव्य स्वरूप में नजर आएगी। यहां आठ छोटे एम्फीथिएटर बनाए जा रहे हैं, जो दर्शकों को बैठने की सुविधा देंगे। साथ ही छह पत्थर की छतरियाँ, आठ भव्य दीपक और सात मीटर ऊंचे पत्थर के स्तंभ इस घाट की शोभा बढ़ाएंगे। प्रकाश व्यवस्था और सौंदर्यीकरण के साथ यह स्थान अब आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत संगम बन जाएगा, जो विश्वभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा। सरयू घाटों का नवनिर्माण भक्तिभाव और पर्यटन दोनों का केंद्र अयोध्या की जीवनरेखा कही जाने वाली सरयू नदी के तट को भी नया रूप दिया जा रहा है। लगभग 2.5 किलोमीटर लंबाई में फैले घाटों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण पर 2346.11 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। परियोजना में 32 पत्थर की छतरियाँ, 11 विशाल स्तंभ, चार पूजा स्थल, दो गौ-पूजा स्थल, 15 दिशा सूचक, 60 इंटरप्रिटेशन वॉल और एक वीआईपी पवेलियन बनाए जा रहे हैं। आधुनिक रोशनी और स्वच्छ घाट व्यवस्था के साथ यह क्षेत्र अब आध्यात्मिक पर्यटन का नया गंतव्य बनेगा। सरयू आरती का दृश्य अब और भी मनमोहक और भव्य होगा। यूपीपीसीएल के परियोजना प्रबंधक मनोज शर्मा ने कहा योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या में जो विकास कार्य हो रहे हैं, वे केवल निर्माण नहीं बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रतीक हैं। राम की पैड़ी और सरयू घाटों के सौंदर्यीकरण से न सिर्फ धार्मिक पर्यावरण समृद्ध हुआ है, बल्कि पर्यटन को भी नई दिशा मिली है। हमारा प्रयास है कि सभी परियोजनाएं निर्धारित समय से पहले और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरी हों, ताकि श्रद्धालु और पर्यटक यहां आने पर अयोध्या की भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर सकें। अयोध्या बनी विश्व की आध्यात्मिक राजधानी : डीएम निखिल टीकाराम जिलाधिकारी निखिल टीकाराम ने बताया कि सभी निर्माण कार्य यूपीपीसीएल के माध्यम से कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा इन परियोजनाओं ने अयोध्या को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। राम की पैड़ी और सरयू घाटों का सौंदर्यीकरण न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण है, बल्कि यह श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और सुखद वातावरण भी देता है। इन विकास कार्यों से न सिर्फ अयोध्या की पहचान विश्व में सशक्त हुई है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी नई गति मिली है।