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डॉ. संजय कुमार निषाद बोले- हर मछुआरे तक पहुँचे दुर्घटना बीमा योजना का लाभ

मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित करने हेतु  बैंकों से संपर्क कर आवश्यक कार्यवाही करायी जाए –  डॉ संजय कुमार निषाद  डॉ. संजय कुमार निषाद बोले- हर मछुआरे तक पहुँचे दुर्घटना बीमा योजना का लाभ  मछुआ दुर्घटना बीमा योजना का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए –  डॉ संजय कुमार निषाद  लखनऊ   उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ० संजय कुमार निषाद ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित करने हेतु बैंकों को प्रेषित प्रस्ताव के सापेक्ष बैंकों से संपर्क कर उनके स्वीकृति की कार्यवाही करायी जाए। साथ ही मछुआ दुर्घटना बीमा योजना का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए एवं इससे मत्स्य पालकों/मछुआरों को लाभान्वित कराया जाए।    मत्स्य विकास मंत्री डॉ० संजय कुमार निषाद ने आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में मत्स्य विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने  कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा वर्ष 20025-26 में जारी वित्तीय स्वीकृत के सापेक्ष शत प्रातश्त व्यय कराते हुए उपभोग प्रमाण पत्र भारत सरकार को प्रेषित करते हुए अगली किश्त की वित्तीय स्वीकृति जारी कराया जाय, ताकि चयनित परियोजनाएं यथा समय पूर्ण हों। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य सेक्टर की योजनाओ के अंतर्गत प्राविधानित बजट धनराशि के सापेक्ष अतिशीघ्र लाभार्थी चयन की कार्यवाही पूर्ण कराते हुए धनराशि का व्यय सुनिश्चित किया जाए। डॉ निषाद ने  कहा कि मत्स्य पालकों के प्रशिक्षण एवं एक्सपोजर विज़िट कार्यक्रम संचालित उत्तर प्रदेश मत्स्य पालक कल्याण कोष एवं एन.एफ.डी. बी. के माध्यम से कराया जाए ताकि उन्हे नई तकनीकी की जानकारी प्राप्त हो। बैठक में मंत्री जी द्वारा विभाग में संचालित केंद्र पुरोनिधानित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना एवं राज्य सेक्टर की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई।  बैठक में महानिदेशक मत्स्य एवं निदेशक मत्स्य द्वारा मा. मंत्री जी को बैठक में दिए गए निर्देश के क्रम में ससमय कार्यवाही किए जाने हेतु आश्वस्त किया गया। समीक्षा बैठक  में श्री राजेश प्रकाश, महानिदेशक मत्स्य, श्री एन.एस. रहमानी, निदेशक मत्स्य, श्री पुनीत कुमार उप निदेशक मत्स्य, श्रीमती मोनिशा सिंह उप निदेशक मत्स्य, श्री एजाज अहमद उप निदेशक मत्स्य, सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

निषाद पार्टी की जड़ें गोरखपुर से निकलीं, पर कुछ नेता इसे बदनाम करने में लगे हैं: डॉ संजय कुमार निषाद

“आरक्षण देना भाजपा की जिम्मेदारी है, सहयोगी के तौर पर हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।” – डॉ संजय कुमार निषाद “त्रेता से ही हम प्रभु श्रीराम की विचारधारा से जुड़े हैं और आगे भी जुड़े रहेंगे।” – डॉ संजय कुमार निषाद “संजय निषाद के विरोध में जिन्हें सांसद और सुरक्षा मिली, उन्होंने समाज का आरक्षण कितनी बार उठाया?” – डॉ संजय कुमार निषाद “अगर भरोसा है तो गठबंधन निभाइए, नहीं है तो साफ कह दीजिए – हम तैयार हैं।” – डॉ संजय कुमार निषाद “सहयोगियों की ताकत को कम मत आंकिए, जीत अकेले की नहीं, सबकी साझी है।” – डॉ संजय कुमार निषाद “प्रवीण की हार पर सवाल हमसे नहीं, भाजपा नेतृत्व की रिपोर्ट से पूछिए।” – डॉ संजय कुमार निषाद गोरखपुर कैबिनेट मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने आज अपने जनपद गोरखपुर दौरे के दौरान एनेक्सी भवन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी की नींव गोरखपुर से रखी गई है, लेकिन अफसोस की बात है कि गोरखपुर और प्रदेश के कुछ नेता लगातार पार्टी और मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरक्षण का निर्णय भारतीय जनता पार्टी को लेना है, क्योंकि केंद्र और राज्य दोनों जगह उनकी ही सरकार है, और निषाद पार्टी भाजपा की सहयोगी है। केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों ही स्तर पर इस मुद्दे पर सकारात्मक पहल हो रही है। मगर कुछ तथाकथित निषाद नेता समाज और पार्टी को गुमराह कर केवल कड़वाहट फैलाने का काम कर रहे हैं। श्री निषाद ने कहा कि हमारा रिश्ता त्रेता युग से ही मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के साथ रहा है और हम उसी आदर्श को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। पत्रकारों द्वारा भाजपा नेता के इस बयान पर प्रश्न पूछे जाने पर कि भाजपा निषाद समाज को अधिक टिकट देगी, डॉ. निषाद ने कहा – “क्या ये वही लोग हैं जो ‘हाथी’ से आए और इम्पोर्ट होकर भाजपा में शामिल हुए? मैंने अखबारों में पढ़ा कि वे कह रहे थे भाजपा निषाद समाज को टिकट देगी। इसका तो हम स्वागत करते हैं। हम तो चाहते हैं कि पूरा विधानसभा ‘निषादमय’ हो जाए और 403 में से 403 विधायक निषाद जीत कर आएं। लेकिन एक सवाल है – जो लोग निषादों को टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे हैं, क्या वे भाजपा से यह गारंटी लेकर आए हैं कि 2027 में उन्हें टिकट मिलेगा? 2024 में भी तो वे खाली हाथ ही रह गए। कभी एक कुंभ, कभी दूसरा सम्मेलन… नतीजा क्या? ज़ीरो बट्टा सन्नाटा।” उन्होंने आगे कहा कि डॉ संजय निषाद जी के विरोध जिन्हें सांसद की कुर्सी और सुरक्षा दी गई है, वे यह बताएं कि अपने कार्यकाल में उन्होंने कितनी बार मछुआ समाज के आरक्षण की आवाज़ उठाई? यदि नहीं उठाई, तो समाज सब देख रहा है और समय आने पर उचित फैसला भी करेगा। सहयोगी दलों के सम्मान को लेकर पूछे गए सवाल पर श्री निषाद ने कहा – “हम भाजपा के सहयोगी दल हैं – सुभासपा, अपना दल, निषाद पार्टी और रालोद। अगर भाजपा को हम पर भरोसा है कि हम अपने समाज को सही दिशा में ले जा रहे हैं और इसका राजनीतिक लाभ भी भाजपा को मिल रहा है, तो यह रिश्ता आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन यदि भरोसा नहीं है तो साफ कह दें और गठबंधन खत्म कर दें।         राजभर भाई के लिए बीजेपी के बड़े इम्पोर्टेड राजभर नेता, रालोद के लिए मथुराबड़े जाट नेता, और हमारे लिए? गोरखपुर में हर समय यही कोशिश रहती है कि हमें कैसे नीचे गिराया जाए। भाई आशीष पटेल जी के मामले में तो खुलासा हो ही गया है। सवाल यह है कि भाजपा नेतृत्व सीधे क्यों नहीं बोलता और छुटभैया नेताओं से ऐसे बयान क्यों दिलवाता है?”         डॉ. निषाद जी ने कहा कि किसी को इस बात का घमंड नहीं होना चाहिए कि उत्तर प्रदेश की जीत केवल भाजपा की थी। यह जीत सभी सहयोगी दलों के योगदान से मिली है। आशीष भाई पटेल समाज को, राजभर भाई राजभर समाज को, रालोद जाट समाज को और निषाद पार्टी मछुआ समाज को भाजपा से जोड़कर खड़ी है। 2018 की जीत सबको याद रखनी चाहिए। 2022 के चुनाव में जब रालोद और राजभर भाई समाजवादी पार्टी से जुड़े, तो उनकी संख्या समाजवादी पार्टी की संख्या 45 से बढ़कर 125 हो गई थी। बाकी आप सभी समझदार हैं।”         संतकबीरनगर चुनाव हारने पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा – “बार-बार ये सवाल उठता है कि प्रवीण चुनाव कैसे हारे। इस संसदीय क्षेत्र के भाजपा नेतृत्व ने क्या किया और क्या नहीं, इसकी पूरी रिपोर्ट भाजपा के पास है। उसे सार्वजनिक कर दिया जाना चाहिए।”         डॉ. निषाद जी ने कहा कि “यदि वास्तव में निषाद समाज के लिए संघर्ष की भावना है तो वे इंपोर्टेड नेता और भाजपा के निषाद नेता आरक्षण के मुद्दे पर विधानसभा का घेराव करें। मैं उनके साथ और पीछे चलने के लिए तैयार हूँ। यदि वे ऐसा नहीं करते तो यह माना जाएगा कि वे समाज और पार्टी के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।”