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21 दिन से ‘बीमार’ लड़ाकू विमान को ले जाने के लिए ब्रिटेन ने कर ली तैयारी, टूटकर वापस जाएगा F-35 फाइटर जेट

तिरुवनंतपुरम  ब्रिटेन की रॉयल नेवी का एफ-35 फाइटर जेट जो पिछले 21 दिनों से तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर खड़ा है, अब वहां से हटाया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, एक ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर आज  रविवार को तिरुवनंतपुरम पहुंचेगा. इसमें करीब 25 तकनीकी विशेषज्ञ आएंगे, जो इस लड़ाकू विमान की खराबी का आकलन करेंगे.  जानकारी के मुताबिक ब्रिटिश तकनीशियन तय करेंगे कि इस एफ-35 जेट की मरम्मत भारत में की जा सकती है या फिर इसे वापस ब्रिटेन ले जाना होगा. भारत ने इसे पास की MRO (Maintenance, Repair and Overhaul) सुविधा में ठीक करने का प्रस्ताव भी दिया था. रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि यदि जरूरत पड़ी तो एफ-35 को आंशिक रूप से खोलकर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए ब्रिटेन भेजा जा सकता है. ये विशेषज्ञों की टीम विशेष उपकरणों के साथ पहुंच रही है और तय करेगी कि क्या विमान की मरम्मत भारत में की जा सकती है या इसे आंशिक रूप से खोलकर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए यूके भेजना पड़ेगा. प्लेन ने 14 जून को इमरजेंसी लैंडिंग की थी दरअसल, ब्रिटिश रॉयल नेवी का यह फाइटर जेट, जो HMS Prince of Wales कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, जो कि 14 जून को एक तकनीकी खराबी के कारण तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करने को मजबूर हुआ था. इसके बाद से यह विमान एक सुरक्षित बेज में खड़ा है, जिसकी छह सदस्यीय सुरक्षा टीम निगरानी कर रही है. ब्रिटिश हाई कमीशन के अनुसार, भारत सरकार की ओर से विमान को एयरपोर्ट स्थित MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) फैसिलिटी में शिफ्ट करने की पेशकश स्वीकार कर ली गई है. ब्रिटिश इंजीनियरों के पहुंचने के बाद विमान को हेंगर में ले जाया जाएगा ताकि अन्य विमानों के शेड्यूल में कोई बाधा न आए. “मरम्मत और सुरक्षा जांच पूरी होने के बाद विमान को पुनः सक्रिय सेवा में शामिल किया जाएगा. ग्राउंड टीमें भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने में लगी हैं कि सभी सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन हो. हम भारतीय अधिकारियों और तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को उनके सतत सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं.” ब्रिटिश लड़ाकू विमान के आपातकालीन स्थिति में उतरने के कुछ दिन बाद,  भारतीय वायुसेना ने कहा था कि वह विमान की ‘‘मरम्मत और वापसी'' के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है. बता दें कि यह कोई आम विमान नहीं है, बल्कि पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट है. जिसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है. इसे दुनिया के सबसे आधुनिक और खतरनाक लड़ाकू विमानों में गिना जाता है. अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इटली, नॉर्वे, नीदरलैंड और इजरायल जैसे देश इसका इस्तेमाल करते हैं. इस प्लेन की कीमत 915 करोड़ रुपये गौरतलब है कि F-35B लाइटनिंग दुनिया का सबसे आधुनिक पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है, जिसकी कीमत करीब 110 मिलियन डॉलर (करीब 915 करोड़ रुपये) है. यह STOVL (Short Take-Off and Vertical Landing) क्षमता से लैस है और छोटे डेक या सीमित क्षेत्र वाले बेस से उड़ान भरने में सक्षम है. आपात लैंडिंग के कुछ दिन बाद ही भारतीय वायुसेना ने ब्रिटिश दल को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने की बात कही थी, ताकि विमान को ठीक किया जा सके और उसकी वापसी सुनिश्चित की जा सके.

ब्रिटेन के एफ-35 लड़ाकू विमान ने जाने में असफल, बदली रणनीति

तिरुवनंतपुरम  केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ब्रिटिश रॉयल नेवी के F-35 फाइटर जेट ने 14 जून को इमरजेंसी लैंडिंग की थी और 19 दिन बाद भी इस विमान में आई खराबी को दूर नहीं किया जा सका है. अब सूत्रों से जानकारी सामने आई है कि फाइटर जेट को टुकड़े-टुकड़े करके सैन्य कार्गो विमान के जरिए वापस ब्रिटेन ले जाया जाएगा. दूर नहीं हो पाई विमान में आई खराबी विमान को केरल में ठीक करने की कई कोशिशों के बावजूद, फिफ्थ जेनरेशन का स्टील्थ फाइटर जेट इंजीनियरिंग की खराबी के कारण अभी तक जमीन पर ही खड़ा है. मामले से सूत्रों ने पुष्टि की है कि विमान को फिर से उड़ान भरने के लिए तैयार करने की सभी कोशिश अब तक फेल साबित हुई हैं. ऐसे में विमान को ले जाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है.  लगातार हो रही देरी के अलावा, यूनाइटेड किंगडम से कोई भी इंजीनियरिंग टीम अभी तक भारत नहीं पहुंची है. सूत्रों ने बताया कि मरम्मत के लिए तीस इंजीनियरों के एक ग्रुप के तिरुवनंतपुरम पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन वे अभी तक नहीं पहुंचे हैं. अब टुकड़ों में वापस जाएगा जेट विमान की वापसी के लिए कोई डेडलाइन न होने के कारण, ब्रिटिश अधिकारी अब विमान को वापस लाने के लिए वैकल्पिक योजनाओं पर काम कर रहे हैं. विमान को आंशिक रूप से तोड़ना मिलिट्री ट्रांसपोर्ट की ओर से विमान को वापस ले जाने के सबसे बेहतर ऑप्शन के रूप में उभरा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन अब इस फाइटर जेट को C-17 ग्लोबमास्टर विमान में ले जाने पर विचार कर रहा है, जो इस विमान के लिए अलग तरह का कदम होगा. विमान के कलपुर्जों को खोलकर उन्हें ग्लोबमास्टर के जरिए सुरक्षित वापस ले जाने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है. एयरपोर्ट पर हुई थी इमरजेंसी लैंडिंग एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा F-35B केरल के तट से 100 समुद्री मील दूर ऑपरेशन कर रहा था, जब खराब मौसम और फ्यूल की कमी के कारण विमान को इमरजेंसी हालात में तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया. भारतीय वायु सेना ने सुरक्षित लैंडिंग में मदद की और फ्यूल भरने और रसद भी पहुंचाई. हालांकि, जब लड़ाकू विमान अपने एयरक्राफ्ट कैरियर पर लौटने की तैयारी कर रहा था, तो टैकऑफ से पहले की जांच के दौरान हाइड्रोलिक फेलियर का पता चला. इस समस्या को गंभीर माना जाता है क्योंकि यह जेट की सुरक्षित रूप से उड़ान भरने और उतरने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है. तीन टेक्निशियंस वाली एक छोटी रॉयल नेवी टीम ने खराबी को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन समस्या की जटिलता के कारण सफलता नहीं मिली. फाइटर जेट को CISF की सुरक्षा में एयरपोर्ट के बे-4 में पार्क किया गया है. शुरुआत में, रॉयल नेवी ने केरल में मॉनसून की बारिश के बावजूद, जेट को हैंगर में ले जाने के एअर इंडिया के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. बाद में, ब्रिटिश नौसेना ने जेट को हैंगर में ले जाने पर सहमति जताई. पर्यटन के लिए प्रचार का जरिया बना केरल में फंसा अत्याधुनिक ब्रिटिश विमान तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग करने वाला ब्रिटेन की रॉयल नेवी का एफ-35बी लाइटनिंग फाइटर जेट अब अनजाने में ही केरल पर्यटन का प्रचार कर रहा है। यह अत्याधुनिक स्टेल्थ फाइटर जेट फिलहाल तकनीकी खराबी के कारण इस हवाई अड्डे पर खड़ा है और मरम्मत का इंतजार कर रहा है। लेकिन अब यह सैन्य मामला सिर्फ एयरबेस या सेना तक सीमित नहीं रह गया। अब इसे यात्रा और पर्यटन की दुनिया में एक रचनात्मक अंदाज में देखा जा रहा है।  केरल टूरिज्म का पोस्टर हो रहा वायरल केरल टूरिज्म के 'एक्स' हैंडल पर एक नया पोस्टर वायरल हो रहा है, जिसमें फाइडर जेट को केरल के नारियल के पेड़ों और हरे-भरे खूबसूरत बैकड्रॉप के सामने दिखाया गया है। पोस्टर में मजेदार अंदाज में लिखा है, 'केरल इतनी कमाल की जगह है कि अब यहां जाने का मन ही नहीं करता। जरूर सिफारिश करूंगा।' इसे मजाक में 'यूके एफ-35बी' का बयान बताया गया है। ऑनलाइन चर्चा सिर्फ इस पोस्टर तक सीमित नहीं रही।       एक्स यूजर्स ने दी ऐसी प्रतिक्रिया एक यूजर सुमोना चक्रवर्ती ने अपने पोस्ट में मजाकिया अंदाज में लिखा, 'अब ये नारियल तेल के बिना स्टार्ट ही नहीं होता।' यह केरल में नारियल तेल के इस्तेमाल पर एक हल्का-फुल्का तंज था। एक अन्य यूजर ‘द छागलतोका’ ने तो अपनी कल्पना और आगे बढ़ा दी। उन्होंने एक पोस्टर बनाया जिसमें वही लड़ाकू विमान एक सड़क किनारे चाय की दुकान के सामने खड़ा दिखाया गया और कैप्शन था- अब तो ये छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा। भाई को यहां शांति, ताड़ी और केले के चिप्स मिल गए।  मरम्मत का इंतजार कर रहा जेट ये एफ-35बी जेट दुनिया के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है। इसकी कीमत 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा है। इस जेट ने 14 जून को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग की थी। जेट फिलहाल वहीं खड़ा है और तकनीकी खराबी के कारण उड़ान नहीं भर पा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ब्रिटेन से एविएशन इंजीनियर तिरुवनंतपुरम पहुंचेंगे और जेट की मरम्मत करेंगे।