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हमीदिया अस्पताल में चमत्कार! डेढ़ साल के बच्चे की आंख से निकाला गया चार्जर पिन, सफल सर्जरी से बची दृष्टि

भोपाल  हमीदिया अस्पताल में रविवार को हरदा जिले से आए एक डेढ़ साल के बच्चे की आंख की सर्जरी कर उसे बचाया गया। बच्चे की आंख में खेल-खेल में मोबाइल चार्जर का पिन घुस गया, जिससे उसकी आंख का कार्निया क्षतिग्रस्त हो गया था। माता-पिता बच्चे को लेकर तत्काल स्थानीय अस्पताल पहुंचे। जहां से बच्चे की स्थिति को देखते हुए, उसे भोपाल रेफर कर दिया गया। उन्होंने शहर के तीन बड़े अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन सभी ने इमरजेंसी में सर्जरी करने से इनकार कर दिया। अंत में अभिभावक हमीदिया अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में ड्यूटी डाक्टर ने बताया कि उन्होंने बच्चे की स्थिति को देखते हुए कार्निया स्पेशलिस्ट डा. भारती आहूजा को सूचना दी। उन्होंने बिना देरी किए विभाग में पहुंचकर तत्काल मरीज की जांच की। उसे भर्ती किया गया। इसके बाद सर्जरी की तैयारी शुरू कर दी गई। करीब छह घंटे में सभी व्यवस्थाएं हुईं, जिसके बाद मरीज की सफल सर्जरी कर उसकी आंख की रोशनी बचाई जा सकी। ऑपरेशन में देरी से रोशनी जाने का था खतरा कार्निया स्पेशलिस्ट डा. भारती आहूजा ने बताया कि बच्चे की जांच में कार्नियल टियर की समस्या देखने को मिली थी। इस स्थिति में सर्जरी देर से होने पर इंफेक्शन का खतरा रहता है, जो आगे चलकर किसी गंभीर परेशानी का कारण बन सकता था। बच्चा सिर्फ डेढ़ साल का है। ऐसे में उसकी सर्जरी के लिए जनरल एनेस्थीसिया देना पड़ा। हमने एनेस्थीसिया विभाग की टीम से मदद मांगी। उनके सहयोग से और नेत्र विभाग व इमरजेंसी विभाग के स्टाफ की मदद से बच्चे की आंख की सर्जरी 20 मिनट में पूरी की गई। बच्चे की आंख में फिलहाल पट्टी बंधी हुई है। दो दिन के बाद इसे खोला जाएगा, जिसके बाद आंखों की अंतिम जांच की जाएगी। रिपोर्ट सही आने के बाद बच्चे को जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

हमीदिया अस्पताल में अतिक्रमण को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मोर्चा खोला, मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा

भोपाल  राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल की बाउंड्री बाल में कुछ लोगों ने हरे रंग का पेंट करके वहां धार्मिक झंडा लगा दिया था। जिसके बाद से जूनियर डॉक्टर ने विरोध शुरू कर दिया और थाने में शिकायत की। अब यह शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंच गई है। जूनियर डॉक्टरों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को बताया है कि किस तरह से हमीदिया अस्पताल के परिसर में लगातार अतिक्रमण बढ़ रहा है। अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग  अस्पताल परिसर में हो रहे अतिक्रमण को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने मोर्चा खोला दिया है। संगठन के अध्यक्ष डॉ कुलदीप गुप्ता का कहना है कि अस्पताल परिसर में लगातार हो रहे धार्मिक अतिक्रमण से बाहरी लोगों का लगातार आना जाना लगा रहता है जिससे अस्पताल परिसर की सिक्योरिटी एवं सेफ्टी पर समस्याएं खड़ी हो रही है। लगातार डॉक्टरों के साथ कर्मचारीयो के साथ दुर्व्यवहार के मामले सामने आ रहे है। हमारा यही मानना है अस्पताल परिसरों को सुरक्षित किया जाए, जिससे डॉक्टर अपने रोगियों की सेवा पूरी तन्मयता निर्भयता के साथ और पूरी लगन के साथ कर सके । निरंतर धार्मिक अतिक्रमण की समस्या सीएम से शिकायत में कहा गया है कि गांधी चिकित्सा महाविद्यालय एवं हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल जो कि राज्य का एक प्रमुख चिकित्सा एवं शैक्षणिक संस्थान है, वर्तमान में निरंतर धार्मिक अतिक्रमण की समस्या से ग्रसित हो रहा है। यह अतिक्रमण बाहरी व्यक्तियों द्वारा किया जा रहा है। जिसमे परिसर के अंदर के लोग भी इन गतिविधियों को संचालित करने के लिए सहयोग कर रहे है। जो न केवल संस्थान की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि चिकित्सा सेवाओं एवं शैक्षणिक वातावरण में भी बाधा उत्पन्न कर रहा है। लगातार बाहरी लोगों के द्वारा अनुचित और अनैतिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं जिससे महिला डॉक्टर्स की सुरक्षा के साथ बड़ी लापरवाही भी सामने आई है । सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित शिकायत में कहा गया है कि यह अत्यंत खेदजनक है कि यह परिसर, जो केवल चिकित्सा शिक्षा एवं मरीजों की सेवा के लिए समर्पित है, वहां धार्मिक गतिविधियां एवं असंवैधानिक अतिक्रमण बढ़ते जा रहे हैं। इससे न केवल सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि रोगियों, चिकित्सकों, और विद्यार्थियों को मानसिक तनाव एवं असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यह है प्रमुख मांगे 1. परिसर में हो रहे अवैध धार्मिक अतिक्रमणों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। 2. बाहरी व्यक्तियों की अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लगाई जाए एवं सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। 3. चिकित्सा शिक्षा और रोगी देखभाल के माहौल को शुद्ध एवं सुरक्षित बनाए रखने हेतु उचित प्रशासनिक कार्रवाई की जाए। पहले भी हो चुका है अतिक्रमण यह कोई पहला मामला नहीं है जब हमीदिया अस्पताल परिसर में धार्मिक अतिक्रमण हुआ हो। पिछले साल भी लाइब्रेरी के पास बनी एक मजार को बढ़ाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। उस समय सिटी एसडीएम ने अस्पताल परिसर का निरीक्षण कर अतिक्रमण को चिह्नित किया था। इसके बाद जिला प्रशासन, गांधी मेडिकल कॉलेज, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और अन्य विभागों की संयुक्त बैठक कर कार्रवाई करने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।