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विमानन निदेशालय ने ऑपरेटर चयन के लिए जारी किया आरएफपी, जबलपुर एयरपोर्ट में फ्लाइट बढ़ोतरी पर सुनवाई

जबलपुर  डुमना एयरपोर्ट से बड़े शहरों के लिए फ्लाइट संचालित नहीं होने पर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा. इस दौरान सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में पेश जवाब में बताया गया कि विमानन निदेशालय ने प्रदेश के हवाई अड्डे से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों के लिए सीधी उड़ान कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु अनुसूचित ऑपरेटरों के चयन हेतु आरएफपी (Request for Proposal) जारी किया है. याचिका की सनुवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव विमानन निदेशालय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहें. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सरकार को 3 बिन्दुओं पर जवाब पेश करने के निर्देश जारी करते हुए अगली सुनवाई 9 सितम्बर को निर्धारित की है. एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से जनहित याचिका दायर कर जबलपुर से एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया था कि पहले जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट से मुंबई, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरु आदि शहरों के लिए फ्लाइट संचालित होती थीं. डुमना एयरपोर्ट से फ्लाइट संचालित करने आरएफपी जारी जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी प्रदेश के इंदौर, ग्वालियर और भोपाल के सामान थी. फ्लाईट के लगातार बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पूर्व में जबलपुर से औसतन 15 फ्लाइट संचालित होती थीं. वर्तमान में इनकी संख्या कम हो गई है. विमानन कंपनियों की तरफ से पेश जवाब में बताया गया था कि टैक्स अधिक होने के कारण फ्लाइट संचालित करना काफी महंगा पड़ता है. पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इसके पहले हुई सुनवाई में राज्य सरकार को एयरलाइंस कंपनियों के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक कर ठोस निर्णय लेने के निर्देश जारी किये थे. पिछली सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से बताया गया था कि सरकार ने फरवरी 2025 में एक योजना बनाई थी. इसमें एयरलाइंस कंपनियों को रियायती दरों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने विमानन कंपनियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि क्या डुमना एयरपोर्ट को बंद कर दिया जाए. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि अगली सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव विमानन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहें. 9 सितंबर को होगी अगली सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सरकार को 3 बिन्दुओं पर जवाब पेश करने के निर्देश जारी करते हुए अगली सुनवाई 9 सितम्बर को निर्धारित की है. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान लॉ छात्र पार्थ श्रीवास्तव की तरफ से याचिका दायर करते हुए इंटर विनर बनने आवेदन प्रस्तुत किया. उनकी तरफ से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने बताया कि "इंदौर शहर से लगभग 80, भोपाल से 50 और ग्वालियर से 20 से अधिक फ्लाइट संचालित हो रही हैं. जबकि जबलपुर से सिर्फ 9 फ्लाइट संचालित हो रही हैं. जबकि सरकार ने इस एयरपोर्ट पर 400 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. जबलपुर में हाईकोर्ट के अलावा डिफेंस सहित रेलवे और केन्द्र सरकार के कई मुख्यालय हैं. इसके अलावा 4 टाइगर नेशनल पार्क भी जबलपुर से डेढ़ सौ किलोमीटर के दायरे में हैं. इस संबंध में हाईकोर्ट ने सरकार और विमानन कंपनियों को जवाब पेश करने के निर्देश जारी किए हैं." 

जबलपुर विमानतल को फिर बम से उड़ाने की धमकी, एयरपोर्ट प्रबंधन ने दर्ज कराई एफआईआर

जबलपुर मध्य प्रदेश के जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट को फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है. पिछले 8 दिनों में दूसरी बार धमकी भरा ईमेल मिला है. इसमें एयरपोर्ट में बम ब्लास्ट करने की बात लिखी गई है. ईमेल मिलने के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन अलर्ट हो गया. फौरन एयरपोर्ट के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई. फिलहाल डुमना प्रबंधन की ओर से खमरिया थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. अब पुलिस ईमेल भेजने वाले की तलाश में जुट गई है. बता दें कि इससे पहले 29 जून को भी डुमना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिला था, जिसके बाद खमरिया थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस जांच में भी कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली थी और मामला फर्जी निकला था। इस बार भी धमकी मिलने के बाद सघन तलाशी के दौरान एयरपोर्ट पर कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। फिर मिली डुमना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी पिछले दस दिन में दूसरी बार जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से सनसनी का माहौल है।एयरपोर्ट डायरेक्टर के अनुसार धमकी भरा ईमेल ‘इमाम हुसैन अली’ नाम की एक आउटलुक आईडी से भेजा गया था। मेल में एम. गुनासेकरन, जीवा सगप्तम वैश्यू, सेथिल वेल, माइनर, नैनिका कोवन, शिवदास और सुमी पापा जैसे नामों का जिक्र किया गया था। ईमेल में लिखा गया कि एयरपोर्ट में “फोर आरडीएक्स 800 बेस फ्यूज” रखा गया है, जिसे जानबूझकर कम मात्रा में डोप किया गया ताकि प्रभाव कम हो और ज्यादा लोग हताहत कम हों। मेल में जिन नाम का जिक्र था, उनकी जानकारी जुटाई गई। सभी विमान कंपनियों से यात्रा करने वाले पैसेंजरों की जानकारी भी बुलाई गई, लेकिन मेल में जिन नाम को लिखा था उनमें से कोई भी नाम पैसेंजर लिस्ट में नहीं थे। पुलिस ने दर्ज की एफआईआर धमकी भरे ईमेल की सूचना मिलते ही एयरपोर्ट प्रबंधन ने तुरंत बम निरोधक दस्ते, पुलिस और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सूचित किया। सोमवार की शाम से देर रात तक एयरपोर्ट के अंदर और बाहर गहन तलाशी ली गई। बीडीएस ने एयरपोर्ट के हर कोने की बारीकी से जांच की, लेकिन कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। एयरपोर्ट प्रबंधन द्वारा धमकी भरे ईमेल की शिकायत मिलने पर खमरिया थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। खमरिया थाना प्रभारी सरोजिनी टोप्पो ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।