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चित्रों में श्रद्धांजलि: कोरबा के बच्चों ने याद किए शहीदों को

 कोरबा पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन कोरबा के सामुदायिक भवन में चित्रकला प्रदर्शनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम पुलिस परिवार के द्वारा आयोजित गया एसपी कोरबा के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। रक्षित निरीक्षक अनथ राम पैकरा की गरिमामयी उपस्थिति में विजेता प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और आकर्षक पुरस्कार प्रदान किए गए। पुलिस परिवार के बच्चों ने शहीद जवानों के बलिदान, वीरता और कर्तव्यनिष्ठा को अपने रंगीन चित्रों में जीवंत किया। प्रतियोगिता का उद्देश्य नई पीढ़ी में शहीदों के प्रति श्रद्धा और पुलिस बल के योगदान के प्रति सम्मान जगाना था। रक्षित निरीक्षक अनथ राम पैकरा ने पुरस्कार वितरण करते हुए कहा, “बच्चों की यह रचनाएँ न केवल कला का प्रदर्शन हैं, बल्कि शहीदों की अमर गाथा को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम भी हैं।” कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस अधिकारियों, जवानों और परिवारजनों ने शहीदों को दो मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षित निरीक्षक अनथ राम पैकरा ने बताया कि इस तरह के आयोजन करने का उद्देश्य केवल और केवल युवाओं को और बच्चों को देश के लिए शहीद हुए जवानों के बारे में उनकी शहादत के बारे में जानकारी देना है ताकि आने वाला पीढ़ी उनसे अवगत हो। इस आयोजन में पुलिस परिवार के लगभग 30 से अधिक बच्चों ने हिस्सा लिया और अपनी कला के माध्यम से शहीद हुए जवानों को प्रदर्शित किया। छोटे-छोटे बच्चों ने चित्रकला के माध्यम से अलग-अलग रूपों में चित्रकला का प्रदर्शन किया। जिसमें भारत माता की तस्वीर, शहीद हुए जवानों की और शहीद हुए नेताओं को प्रदर्शित किया।

कोरबा में हाथियों का उत्पात जारी, ग्रामीणों की नींद उड़ी – खेतों में भारी नुकसान

कोरबा वन मंडल कोरबा में हाथियों की संख्या बढ़कर 61 हो गई है। 10 हाथी धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज से पहुंचे हैं। हाथियों ने 32 किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया है। फसल को बचाने ही ग्रामीण हाथियों को भगाने में जुटे हैं। इसकी वजह से हाथियों की संख्या भी बढ़ने लगी है। कुदमुरा रेंज में एक दंतैल हाथी अलग से घूम रहा है। करतला रेंज में सबसे अधिक 52 हाथी घूम रहे हैं। इनमें नवापारा में 20, कोटमेर में 31 और चोरभट्टी में एक दंतैल घूम रहा है। कोरबा रेंज के घेराव 80 हाथी घूम रहे हैं। कोरबा वनमंडल का कुदमुरा रेंज धरमजयगढ़ वन मंडल से लगा हुआ है। मांड नदी पार करते ही छाल रेंज आ जाता है। वहां से हाथियों को भगाने पर कुदमुरा होते हुए दूसरे रेंज में पहुंच जाते हैं। धान की फसल अब पकने को तैयार है। ऐसे समय में किसानों को अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। नवापारा के किसानों ने बताया कि लंबे समय बाद हाथी इस क्षेत्र में पहुंचे हैं, लेकिन ग्राम के आसपास नहीं आ रहे हैं। धान की फसल को दिन में भी खा रहे हैं। कटघोरा वन मंडल में 54 हाथी अलग-अलग रेंज में घूम रहे हैं। हाथियों की निगरानी के लिए वन विभाग की टीम लगी है, लेकिन फसल को नुकसान होने से नहीं रोक पा रहे हैं। ड्रोन कैमरे से भी हाथियों की निगरानी हो रही है। उनके मूवमेंट के आधार पर ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है।