samacharsecretary.com

पहली सवारी में संकरे पड़े गए मार्ग, प्रशासन के लिए यह है बड़ा अलर्ट, सवारी मार्ग का चौड़ीकरण जरूरी

उज्जैन  श्रावण के पहले सोमवार को राजाधिराज महाकाल की निकली भव्य सवारी के दर्शन के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ ने यह साफ कर दिया है कि मौजूदा सवारी मार्ग इस विशाल जनसमूह के दबाव को सहने में सक्षम नहीं है। समय आ गया है कि अब बिना कोई देरी किए महाकाल सवारी मार्ग को मास्टर प्लान अनुसार 15 से 24 मीटर चौड़ा किया जाए। भीड़, अव्यवस्था और सीमित मार्ग की वजह से श्रद्धालुओं को जो कठिनाई हुई, वह प्रशासन के लिए चेतावनी से कम नहीं है। स्थितियों को देख शासन-प्रशासन ने इस मार्ग को चौड़ा करने का काम प्राथमिक सूची में शामिल कर लिया है। मालूम हो कि महाकाल सवारी मार्ग केवल एक रास्ता नहीं, यह आस्था की वह धारा है जिससे उज्जैन की सांस्कृतिक, धार्मिक और विकास की दिशा जुड़ी है। अब जबकि सिंहस्थ की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, तो इस मार्ग को उसकी गरिमा के अनुरूप बनाना समय की मांग है। प्रदेश सरकार, इसी वर्ष अप्रैल में इस कार्य के लिए 64 करोड़ रुपये स्वीकृत कर चुकी है, लेकिन अब तक ठेकेदार तय करने को निविदा प्रक्रिया तक शुरू नहीं हो सकी है। इस विषय पर पिछले सप्ताह महापौर मुकेश टटवाल ने योजना को तेजी से लागू करने के निर्देश नगर निगम के अधिकारियों को दिए थे। उनका ‘नईदुनिया’ से कहना है कि महाकाल सवारी मार्ग को अब उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड नहीं, बल्कि नगर निगम खुद अपने स्तर पर विस्तृत कार्य योजना बनाकर क्रियान्वित करेगा। यह काम उनकी प्राथमिकता में पहले भी था, आज भी है और भविष्य में भी रहेगा। 4.3 किलोमीटर लंबे महाकाल सवारी मार्ग को मास्टर प्लान-2035 में 15 से 24 मीटर चौड़ा करने का लेख है। चौड़ीकरण के लिए सरकार 64 करोड़ रुपये अप्रैल में मंजूर कर चुकी है। स्पष्ट किया है कि मार्ग में डिवाइडर नहीं बनाएंगे। मार्ग में आने वाली ऐतिहासिक धरोहरों को फसाड़ लाइट से आकर्षक स्वरुप दिया जाएगा। बिजली, पानी और सीवरेज की सभी लाइनें भूमिगत की जाएंगीं। चौराहों को त्रिशूल, डमरू, नंदी जैसी कलाकृतियों से सजाया जाएगा। 2023 में बनी थी 110 करोड़ की योजना, विरोध के कारण काम नहीं हुआ महाकाल सवारी मार्ग काे चौड़ा करने को 110 करोड़ रुपये की योजना वर्ष 2023 में उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने बनाई थी। सर्वे में 2500 भवन प्रभाव में आना चिह्नित किए थे। एक हिस्से का काम शुरू भी हुआ था, लेकिन विरोध और न्यायालय में याचिका के चलते काम आगे न बढ़ा और बंद हो गया। अब जब महाकुंभ सिंहस्थ-2028 निकट है, तो शासन इस कार्य को पुनः पूर्ण करने को तत्पर है। जन सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से बेहतर जरूरी श्रावण और भादौ मास में हर सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी को देखने लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। भविष्य में सिंहस्थ जैसे आयोजनों में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की आमद तय मानी जा रही है। ऐसे में सवारी मार्ग का चौड़ीकरण यातायात, सुरक्षा और सुविधा तीनों ही दृष्टि से बेहद आवश्यक हो गया है।

महाकाल की चांदी की पालकी यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, 1 लाख से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल

उज्जैन  सावन के पहले सोमवार पर उज्जैन में भगवान महाकाल नई पालकी में प्रजा का हाल जानने निकले। ये पहली सवारी वैदिक उद्घोष की थीम पर निकाली जा रही है। सवारी शिप्रा नदी तक जाएगी। यहां महाकाल का पूजन किया जाएगा। इसके बाद रात करीब 7 बजे पालकी मंदिर वापस आएगी। सवारी में भजन मंडलियों नाचते-गाते आगे बढ़ रही हैं। इससे पहले तड़के 2:30 बजे महाकालेश्वर मंदिर के कपाट खोले गए थे। कपाट रात 10 बजे शयन आरती तक खुले रहेंगे। दाेपहर 3 बजे तक 1 लाख 15 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। इधर, खंडवा के ओंकारेश्वर में सुबह 5 बजे मंगला आरती हुई। ओंकार महाराज का फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया। नैवेद्य में 56 भोग अर्पित किए गए। महाकाल को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन अर्चन मनमहेश स्वरूप में होने के बाद सवारी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची। यहां पर पुलिस द्वारा श्री महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।  सीएम मोहन यादव ने महाकाल के श्री चरणों में किया नमन सीएम मोहन यादव विदेश यात्रा पर हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा कि सावन के पहले सोमवार के पावन अवसर पर आज उज्जैन में अपने भक्तों का कुशलक्षेम जानने हेतु बाबा महाकाल भ्रमण पर धूमधाम से निकलने वाले हैं। उनके श्री चरणों में नमन एवं वंदन।  चांदी की नई पालकी में सवारी महाकाल चांदी की नई पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर हैं। मंदिर प्रशासन के अनुसार, करीब 10 साल बाद सवारी में नई पालकी को शामिल किया गया है। नवंबर में छत्तीसगढ़ के एक भक्त ने गुप्तदान के रूप में मंदिर समिति को यह पालकी भेंट की थी।  कई नृत्यदलों की प्रस्तुति बाबा महाकाल की सवारी में सीधी के घसिया बाजा, हरदा के ढांडल नृत्य दल,सिवनी के गुन्नूरसाई नृत्यदल आगे-आगे चलेंगे। विभिन्न जनजातियों के समुहों द्वारा भगवान श्री महाकाल की सवारी में मनमोहक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी का भव्य रूप   मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप सवारी में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। प्रथम सवारी वैदिक उद्घोष थीम पर है।  बाबा महाकाल की सवारी के दौरान रामघाट पर वैदिक उद्घोष के लिए दत्ता अखाड़ा क्षेत्र में बटुकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। सभा मंडप में शुरू हुआ पूजन अर्चन  महाकालेश्वर मंदिर के सभागृह में बाबा महाकाल के मनमहेश स्वरूप का पूजन अर्चन शुरू हो चुका है। मंदिर के शासकीय पुजारी पंडित घनश्याम गुरु के द्वारा यह पूजन अर्चन किया जा रहा है। इस दौरान मंत्री तुलसी सिलावट, विधायक महेश परमार के साथ ही अन्य जनप्रतिनिधि भगवान का पूजन अर्चन कर रहे हैं।  12 स्थानों से होते हुए गुजरेगी महाकाल की सवारी बाबा महाकाल की सवारी महाकाल चौराहे से शुरू होगी। इसके बाद गुदरी चौराहा, कहारवाड़ी, रामघाट, मोड़  की धर्मशाला, कार्तिक चौक से होते हुए सत्यनारायण मंदिर पहुंचेगी। बाद में सवारी छत्रीचौंक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए महाकाल मंदिर वापस आएगी। यहीं पर सवारी यात्रा का समापन होगा। बाबा महाकाल के छह स्वरूप  महाकाल सवारी 2025 में बाबा महाकाल के छह स्वरूप होंगे। आज पहली सवारी निकलेगी। इसके बाद  18 अगस्त को अंतिम राजसी सवारी श्री सप्तधान मुखारविंद स्वरूप में निकाली जाएगी, जिसमें बाबा का राजसी शृंगार किया जाएगा। सभी सवारियां श्रद्धा और उत्साह के साथ निकाली जाएंगी।  सवारी में शामिल होंगे मंत्री  महाकाल की पहली सवारी में उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और पंचायत  एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल शामिल होंगे। वे महाकाल मंदिर के सभा मंडप में बाबा महाकाल का पूजन अर्चन करेंगे। पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर में पहुंचे 11 लाख श्रद्धालु  श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु पहुंच रहे हैं। 7 से 13 जुलाई 2025 के बीच 11 लाख से अधिक भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए।  अचलेश्वर महादेव मंदिर को फूलों से सजाया ग्वालियर में अचलेश्वर महादेव मंदिर को फूलों से सजाया गया है। रायसेन के भोजपुर में 11 बजे तक करीब 40 हजार भक्त भोजेश्वर महादेव का दर्शन-पूजन कर चुके थे। भोपाल के बड़वाले महादेव, गुफा मंदिर, छतरपुर के जटाशंकर धाम में भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की जा रही है। खजुराहो में भक्त 18 फीट ऊंचे मतंगेश्वर महादेव का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। नर्मदापुरम में सेठानी घाट से कांवड़ यात्रा निकाली गई। कांवड़िए नर्मदा जल लेकर पचमढ़ी जाएंगे, जहां जटाशंकर महादेव का अभिषेक करेंगे।