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मैहर में भव्य आयोजन: 5000 श्रद्धालु पहुंचे, मां शारदा धाम में सामूहिक भंडारे और मुर्ति विसर्जन

मैहर  भक्ति, आस्था और परंपरा का अनोखा संगम देखने को मिला जब कोतमा से माँ दुर्गा की ऐतिहासिक पदयात्रा मंगलवार को मैहर पहुँची। 245 किलोमीटर की कठिन यात्रा और 5000 से अधिक श्रद्धालुओं की अपार श्रद्धा के साथ यह भव्य यात्रा माँ शारदा के दरबार में समर्पित हुई। जैसे ही माँ दुर्गा की प्रतिमा का रथ डेल्हा मोड़ पहुँचा, 'जय माँ शारदा' के जयकारों से पूरा नगर गूंज उठा। डमरू, ढोल और शंखध्वनि से वातावरण भक्तिमय हो उठा। इस पावन अवसर पर मैहर विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी, डेल्हा सरपंच अभिषेक जायसवाल, समाजसेवी आदिनारायण शुक्ला समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों ने माँ के जयकारों के साथ यात्रा का स्वागत किया। विधायक चतुर्वेदी ने माँ दुर्गा की प्रतिमा का पूजन-अर्चन कर पुष्पवर्षा की और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। माँ के चरणों में सबकी आस्था, सबकी भक्ति, यही है कोतमा से मैहर यात्रा की शक्ति।' यह यात्रा न केवल धार्मिक उत्सव है बल्कि आस्था, अनुशासन और एकता का जीवंत प्रतीक भी है। माँ के जयकारों से गूंजता मैहर आज इस दिव्य यात्रा का साक्षी बन गौरवान्वित हो उठा है। तीन दशकों की अविरल परंपरा, 1987 में हुई थी शुरुआत यात्रा संयोजक हनुमान गर्ग ने बताया कि इस धार्मिक परंपरा की शुरुआत सन् 1987 में महज 100 श्रद्धालुओं के जत्थे से हुई थी। तब से निरंतर यह कोतमा से माँ शारदा धाम, मैहर तक पैदल यात्रा का रूप ले चुकी है। इस वर्ष यह यात्रा 2 अक्टूबर को कोतमा बस स्टैंड परिसर से आरंभ होकर फुनगा, अनूपपुर, बुढ़ार, शहडोल, घुनघुटी, पाली, उमरिया, चंदिया और बरही होते हुए मैहर पहुँची। पाली नगर में माँ की यात्रा का भव्य स्वागत हुआ। नगरवासियों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया और श्रद्धालुओं के लिए चाय, नाश्ता और पेय पदार्थों की सेवा की। वहीं माँ बिरासिनी मंदिर में दर्शन कर श्रद्धालुओं ने माँ से आशीर्वाद प्राप्त किया। माँ काली के रूप में सजे श्रद्धालु बने आकर्षण का केंद्र यात्रा के दौरान 8 से 10 श्रद्धालु माँ काली के रूप में सजे नृत्य करते हुए चल रहे थे। उनके भावनात्मक प्रदर्शन से यात्रा की भव्यता और भी बढ़ गई। ढोल-नगाड़ों और जयकारों से पूरा मार्ग गूंजता रहा। यात्रा मार्ग में जगह-जगह भक्तों के लिए भोजन, जल, विश्राम और चिकित्सा व्यवस्था की गई थी। स्थानीय नगरवासियों की सेवा भावना इस यात्रा की विशेष पहचान बनी। आज होगा विसर्जन, माँ शारदा के दरबार में सामूहिक भंडारा माँ की प्रतिमा का विसर्जन आल्हा-ऊदल के ऐतिहासिक तलैया में किया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु माँ शारदा देवी मंदिर में दर्शन-पूजन कर सामूहिक भंडारा में सम्मिलित होंगे। इसके साथ ही इस वर्ष की भव्य पदयात्रा का विधिवत समापन किया जाएगा।

शिव मंदिर में नंदी की प्रतिमा खंडित करने वाले दो आरोपी मैहर में सलाखों के पीछे

मैहर धार्मिक नगरी मैहर में धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने की साजिश को अंजाम देने वाले आरोपियों को पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए गिरफ्तार कर लिया है। कोतवाली थाना क्षेत्र के संकुटा तालाब किनारे बने शिव मंदिर में भगवान नंदी की मूर्ति खंडित करने के मामले में पुलिस ने 72 घंटे के भीतर दोनों आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। पुलिस के मुताबिक दिनांक 18 अगस्त को मैहर जिले के संकुटा तालाब के किनारे स्थित शिव मंदिर में नंदी भगवान की मूर्ति खंडित पाई गई थी। इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया था। कोतवाली पुलिस ने तुरंत मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और अज्ञात आरोपियों की तलाश शुरू की। पुलिस की त्वरित कार्रवाई वही, मैहर पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल ने मामले को संज्ञान में लेते हुए थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक अनिमेष द्विवेदी के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की और आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। इसराइल और नावेद ने शराब के नशे में तोड़ी थी नदी की मूर्ति जांच के दौरान टीम ने घटना स्थल और आसपास के इलाकों में सघन पूछताछ की। इसी आधार पर पुलिस ने मो. इसराइल उर्फ इस्सी (36 वर्ष), निवासी चिकान मोहल्ला, मैहर को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि अपने साथी नावेद अहमद (23 वर्ष) निवासी पुरानी बस्ती, मैहर के साथ संकुटा तालाब के पास शराब पीने के बाद नशे में नंदी भगवान की मूर्ति खंडित की थी। दोनों आरोपी पहुंचे जेल अमर्यादित कृत्य स्वीकार करने के बाद पुलिस ने आरोपी मो. इसराइल उर्फ इस्सी को 18 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं, फरार चल रहे उसके साथी नावेद अहमद को पुलिस ने 21 अगस्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे भी जेल भेज दिया गया है।