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मान सरकार का ऐतिहासिक फैसला: राज्य के लिए नया अध्याय शुरू

कोटकपूरा गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शताब्दी समारोह को समर्पित पंजाब विधानसभा का एक विशेष सत्र 24 नवंबर को चंडीगढ़ के बाहर आयोजित किया जा रहा है। श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी समारोह मुख्य रूप से 23 नवंबर से शुरू हो रहा है और 24 नवंबर शहीदी दिवस है। इतिहास में यह पहली बार होगा जब पंजाब सरकार राजधानी के बाहर श्री आनंदपुर साहिब में विधानसभा का सत्र आयोजित कर रही है। पंजाब सरकार ने इस सत्र की तैयारियां शुरू कर दी हैं और इस सरकारी प्रस्ताव पर मंथन के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस संबंध में एक विशेष बैठक बुलाई है। स्पीकर कार्यालय के अनुसार भारतीय संविधान के मुताबिक विधानसभा का सत्र कहीं भी आयोजित किया जा सकता है और राज्यपाल की स्वीकृति से पंजाब सरकार 24 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब स्थित बाबा जीवन सिंह मेमोरियल पार्क में यह सत्र आयोजित करने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान 5 अक्टूबर को श्री आनंदपुर साहिब स्थित बाबा जीवन सिंह मेमोरियल पार्क का उद्घाटन करेंगे। विधानसभा स्पीकर कार्यालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को श्री आनंदपुर साहिब में पंजाब विधानसभा का सत्र आयोजित करने के लिए एक बैठक बुलाई है जिसमें सत्र के प्रारूप पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पंजाब विधानसभा सचिवालय के साथ पत्राचार किया जा रहा है। 

दिव्यांग बच्चों की जिंदगी में नई उम्मीद, मान सरकार ने खोले अवसरों के दरवाजे

पंजाब  पंजाब की मान सरकार ने दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाने और उन्हें न्याय दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है। अगस्त 2025 में, पंजाब ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत सांकेतिक भाषा के दुभाषियों, अनुवादकों और विशेष शिक्षकों को नियुक्त करने वाला भारत का पहला राज्य बनकर एक मिसाल कायम की है। यह फैसला उन बच्चों के लिए वरदान साबित होगा, जिन्हें सुनने या बोलने में परेशानी होती है और जिन्हें अक्सर कानूनी और शैक्षिक प्रक्रियाओं में अनदेखा कर दिया जाता है। यह सिर्फ एक सरकारी फैसला नहीं, बल्कि एक बच्चे की खामोश दुनिया में गूंजती हुई उम्मीद की कहानी है। जब कोई बच्चा जन्म से ही सुनने और बोलने में अक्षम होता है, तो उसका संसार शब्दों के शोर से दूर, एक शांत और सीमित दायरे में सिमट जाता है। उसकी आँखों में अनगिनत सवाल होते हैं, मन में बहुत कुछ कहने की चाह होती है, लेकिन जुबान खामोश रहती है। न्याय के गलियारों में, जहाँ शब्दों का ही राज चलता है, ऐसे बच्चों के लिए अपनी बात रखना किसी पहाड़ से कम नहीं होता। लेकिन पंजाब की मान सरकार ने इन बच्चों की खामोशी को अपनी आवाज बना दिया। यह सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि एक बच्चे के दिल से निकली दुआ का परिणाम है। यह पहल केवल कानूनी और राजनीतिक तक सीमित नहीं है। पटियाला में एक तकनीकी समाधान “साइन लिंगुआ फ्रैंका” ‘sign lingua franca’ को विकसित करने का फैसला लिया गया है, जो बोले गए शब्दों को सांकेतिक भाषा में बदल देता है। यह तकनीक उन लाखों लोगों के जीवन को बदल सकती है जो सुनने में असमर्थ है। मान सरकार केवल योजनाओं की घोषणा नहीं कर रही, बल्कि तकनीक और मानवीय संवेदना का संगम करके वास्तविक बदलाव ला रही है। मान सरकार की पहल यह दर्शाती है कि शासन केवल आंकड़ों से नहीं, बल्कि दिल से चलता है। यह सिर्फ एक नीति नहीं, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा है—एक ऐसी यात्रा जो एक खामोश बच्चे को उम्मीद की राह दिखाती है। इस कदम से पंजाब ने न केवल एक मिसाल कायम की है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि जब संवेदना और इच्छाशक्ति एक साथ मिलती है, तो बड़े से बड़े अवरोध भी दूर हो जाते हैं। मान सरकार का यह हर दिव्यांग बच्चे के लिए एक मुस्कान और एक नए, सशक्त भविष्य का वादा है।   यह पहल लाखों मूक-बधिर बच्चों और उनके परिवारों के लिए सम्मान और उम्मीद की किरण है। जब एक बच्चा अपनी बात कह पाता है और उसे समझा जाता है, तो यह उसके आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा देता है। यह फैसला इन बच्चों को यह महसूस कराता है कि वे भी समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनकी आवाज़ भी मायने रखती है, भले ही वह आवाज़ शब्दों में न हो। मान सरकार का यह कदम एक मानवीय पहल है। यह दिखाता है कि एक संवेदनशील सरकार कैसे समाज के सबसे कमजोर तबके के लिए बदलाव ला सकती है। पंजाब, दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए अपनी विधानसभा में सांकेतिक भाषा लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने दिव्यांगजनों की चिंताओं को दूर करने के लिए यह अनूठी पहल की है। जिसने दिव्यांगों को यह अहसास कराया कि वे भी इस समाज का अभिन्न अंग हैं। इससे उन्हें सरकार की नीतियों को समझने और अपनी राय रखने का मौका मिला। डॉ. बलजीत कौर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 40 के तहत, दिव्यांगजनों को उनके मानवाधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए संचार प्रणालियों को सुलभ बनाना आवश्यक है। इसी क्रम में, पंजाब विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण, बजट सत्र और अन्य महत्वपूर्ण चर्चाओं का प्रसारण भी सांकेतिक भाषा में किया गया | यह फैसला भारत के अन्य राज्यों के लिए एक प्रेरणा बनेगा। मान सरकार की अगवाई मे पंजाब ने एक ऐसा रास्ता दिखाया है, जहाँ हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए, ताकि हमारे समाज का कोई भी हिस्सा पीछे न छूटे। यह एक ऐसी कहानी है, जो दिलों को छू लेती है और हमें यह याद दिलाती है कि जब हम सब मिलकर चलते हैं, तो कोई भी दूरी असंभव नहीं होती। पंजाब मे मान सरकार ने दिखा दिया कि एक छोटी सी शुरुआत कैसे एक बड़े और सकारात्मक बदलाव की नींव रख सकती है। यह केवल एक ‘काम’ नहीं, बल्कि एक ‘क्रांति’ है। “मान सरकार ने साबित किया – सच्चा विकास तब होता है जब समाज का हर वर्ग अपनी ‘भाषा’ में खुद को व्यक्त कर सके।”  

मान सरकार के एक्शन का इंतज़ार, सामने आया कारोबारियों से जुड़ा चौंकाने वाला राज़

लुधियाना  नोएडा के कॉल सैंटर से 3 कारोबारियों को फर्जी रेड के माध्यम से किडनैप कर 10 करोड़ की फिरौती मांगने के मामले में हर रोज नए नए खुलासे हो रहे है। जो किसी फिल्म की स्टोरी से कम नही लग रहे। चाहे पुलिस इस मामले में अभी तक एक ही बदमाश को गिरफ्तार कर पाई है।  लेकिन जिस प्रकार से फिरौती की योजना बनाई गई थी,वो इस तरफ इशारा करती है कि यह खेल काफी समय से चल रहा है और सारे खिलाड़ी सीनियर बन चुके है। पंजाब केसरी टीम की इन्वैस्टीगेशन में सामने आया है कि पकड़ा गया आरोपी लुधियाना का एक ज्वैलर है,जिस पर थाना शिमलापुरी में साला 2023 में चोरी की ज्वैलरी खरीदने की एफ.आई.आर. है। एस.पी. का गंनमैन इसी पर्चे से बरी करवाने के सपने दिखा रहा था। इसी के चलते ज्वैलर पर उसका पुरा दवाब था। जब एफ.आई.आर. हुई थी,उस समय एस.पी. की लुधियाना में तैनाती थी। नोएड़ा रेड़ करने से एक दिन पहले गंनमैन ने ज्वैलर से उसकी एक कार एस.पी. के नाम से मंगवाई। जिसके बाद अगले दिन शेरपुर चौक पर अपनी दूसरी कार लेकर आने को कहा। वहां पहुंचने पर अपने साथ नोएड़ा ले गए। ज्वैलर पहली बार आप नेता को मिला,जिसे डी.एस.पी. कहकर मिलवाया गया। गंनमैन और जी.आर.पी. का ए.एस.आई. का पुराना रिश्ता एस.पी. का गंनमैन और जी.आर.पी. का ए.एस.आई. पहली बार एक दुसरे को नही मिले है,दोनों का पुराना रिश्ता है। दोनों ही पठानकोट के रहने वाले है। जिस कारण एक साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। खन्ना पुलिस ने पठानकोट में भी दोनों के घर पर दबिश दी है। साहनेवाल और खन्ना साइबर सैल में जाकर की वीडियो कॉल पंजाब केसरी इन्वैस्टीगेशन के दौरान सामने आया है कि गनमैंन इतना शातिर है कि पकड़े गए कारोबारियों के परिवार वालो से पैसे लेने के लिए डराते समय उन्हें किसी बात का शक न हो,इसलिए जब साहनेवाल पुलिस स्टेशन और बाद में खन्ना के साइबर सैल थाने में गया तो वहां से कारोबारियों के परिवारवालों को वीडियो कॉल करता था,ताकि उन्हें विश्वास दिलवा सके कि पैसे ने देने पर इन पर बड़ा मामला दर्ज हो सकता है। मान सरकार के एक्शन का लुधियानवियों को इंतजार इस फिरौती के मामले में फरार चल रहे आप नेता और उसको आर्शीवाद देने वाले विधायक पर मान सरकार कोई एक्शन लेगी या भष्ट्राचार के  खिलाफ दिए जाने वाले बयान आम जन के लिए है। इस बात की पुष्टि चंद दिनों में हो जाएगी। वहीं आप विधायक के तार जुड़ते देख सरकार की बदनामी के डर से मामले को गोल मोल कर दिया जाएगा। लेकिन जो भी एक्शन होगा,लुधियानवियों को उसका इंतजार है।  

मान सरकार ने शुरू किया पंजाब को पटरी पर लाने का मिशन

पंजाब  पंजाब को दोबारा पटरी पर लाने के लिए आम आदमी पार्टी की मान सरकार ने एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है। बाढ़ का पानी कई इलाकों से उतर चुका है, लेकिन गांव-गांव में अभी भी सिल्ट, गंदगी और मलबा फैला हुआ है। जनजीवन सामान्य करने और बीमारियों से बचाव के लिए सरकार ने सफाई से लेकर स्वास्थ्य और किसानों की मदद तक का व्यापक प्लान बनाया है। मान सरकार ने कहा है कि 2300 से ज़्यादा गांव और वार्ड में सफाई का महाअभियान चलेगा। हर गांव में जेसीबी, ट्रैक्टर- ट्रॉली और मज़दूरों की टीमें भेजी जा रही हैं। ये टीमें मलबा और सिल्ट हटाएंगी, मरे हुए जानवरों को नष्ट करेंगी और इसके बाद हर गांव में फॉगिंग होगी ताकि कोई बीमारी न फैले। इस काम के लिए ₹100 करोड़ का फंड रखा गया है। हर गांव को तुरंत ₹1 लाख दिया गया है और ज़रूरत पड़ने पर अतिरिक्त पैसा भी मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि 24 सितंबर तक गाँवों से मलबा हट जाए, 15 अक्टूबर तक सामाजिक जगहों की मरम्मत पूरी हो और 22 अक्टूबर तक तालाबों की सफाई हो जाए।स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है। बाढ़ प्रभावित 2303 गांवों में मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे। जिन 596 गांवों में पहले से आम आदमी क्लिनिक हैं, वहाँ ये कैंप चलेंगे। बाकी 1707 गांवों में स्कूल, धर्मशाला, आंगनवाड़ी या पंचायत भवन में कैंप लगेंगे। हर कैंप में डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ और दवाइयाँ मौजूद होंगी। इसके अलावा 550 एंबुलेंस भी तैनात की जा रही हैं, ताकि लोगों को तुरंत इलाज मिल सके। पशुधन को बचाने के लिए भी सरकार ने मोर्चा संभाला है। रिपोर्ट के मुताबिक़ 713 गांवों में करीब 2.5 लाख पशु प्रभावित हुए हैं। इसके लिए वेटनरी डॉक्टरों की टीमें गांवों में पहुंच चुकी हैं। खराब चारा हटाया जा रहा है, किसानों को पोटाशियम परमैगनेट दिया जा रहा है और 30 सितंबर तक सभी प्रभावित पशुओं का टीकाकरण पूरा किया जाएगा। किसानों की सबसे बड़ी चिंता फसल बेचने की है। मान सरकार ने इस बार खरीद जल्दी शुरू करने का फ़ैसला किया है। 16 सितंबर से मंडियों में खरीद शुरू होगी। जिन मंडियों को बाढ़ से नुकसान हुआ है, वहां तेज़ी से सफाई और मरम्मत हो रही है, ताकि 19 सितंबर तक सभी मंडियाँ किसानों की फसल खरीदने के लिए तैयार हो जाएं।मान सरकार का कहना है कि यह सिर्फ़ राहत का काम नहीं, बल्कि पंजाब को दोबारा खड़ा करने का संकल्प है। सरकार ने लोगों से भी अपील की है कि एनजीओ, यूथ क्लब और समाजसेवी संस्थाएँ इस काम में हाथ बंटाएं। पंजाब ने हर संकट में मिलकर लड़ाई लड़ी है, इस समय संकट कितना भी बड़ा क्यों न हो, जब सरकार अपने लोगों के साथ खड़ी हो—तब हर पंजाबी दिल से कह उठता है, ‘ए मान सरकार साडे नाल खड़ी  

हर मां और बच्चा सुरक्षित: बाढ़ राहत में मान सरकार का मानवीय चेहरा

पंजाब  दशकों के बाद, पंजाब एक बार फिर से बाढ़ जैसी भयानक त्रासदी से जूझ रहा है जिसने पंजाब के लोगों का जीवन तहस नहस कर दिया है। इस मुश्किल घड़ी में, जहां मान सरकार अपने लोगों के साथ एक परिवार की तरह कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उनको जरूरत की हर चीज उपलब्ध करा रही है, वहीं महिलाओं की बुनियादी ज़रूरतों को भी पूरा करने में मान सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है और गर्भवती महिलाओं का भी ख़ास ख्याल रखा है। मान सरकार ने इन महिलाओं की देखभाल के लिए कई ज़रूरी निर्देश भी दिए हैं। आप पार्टी की युवा और महिला विंग ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों – नाभा, पठानकोट, गुरदासपुर और कई अन्य ज़िलों में राहत कार्य तेज़ कर दिए है। कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव जाकर राहत सामग्री, राशन पहुंचाया और ख़ास तौर पर महिलाओं और बच्चों की ज़रूरतों का ध्यान रखा। इसके अलावा, फ़िरोज़पुर और फाज़िल्का के राहत शिविरों में महिलाओं को सैनिटरी पैड और मच्छरदानियां भी बांटी गईं। बाढ़ प्रभावित जिलों में तैनात 11,103 से अधिक आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवाइयाँ उपलब्ध करा रही हैं और जल एवं वेक्टर जनित बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ा रही हैं। वे गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग और देखभाल को भी प्राथमिकता दे रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि नियमित टीकाकरण मे कोई रुकावट ना आए । मान सरकार ने बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों और गर्भवती महिलाओं की सहायता के लिए लगभग 458 रैपिड रिस्पांस टीमें, 360 मोबाइल मेडिकल यूनिट और 424 एम्बुलेंस तैनात कीं और बोट एम्बुलेंस के ज़रिए प्रसव सुविधाएं प्रदान कीं। इतना ही नहीं, सवास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कई चिकित्सा शिविर भी लगाए और महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई। इन शिविरों में प्रसव पूर्व जांच और दवाइयां भी उपलब्ध करावाई गई। गुरदासपुर में, अधिकारियों ने गर्भवती महिलाओं सहित गंभीर रूप से बीमार मरीजों को आपातकालीन स्थिति में निकालने के लिए विशेष रूप से बोट एम्बुलेंस और एक हेलीकॉप्टर तैनात किया है। इन प्रयासों से आठ गर्भवती महिलाओं को बचाया गया है, जिनमें से एक महिला ने बोट पर ही चिकित्सकीय देखरेख में सुरक्षित डिलीवरी की और स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया एनडीआरएफ (NDRF) की टीमों को बचाव कार्यों के लिए सक्रिय किया एनडीआरएफ (NDRF) की टीमों को बचाव कार्यों के लिए सक्रिय किया गया। सतलुज नदी के पास भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाढ़ प्रभावित सीमावर्ती गांवों के निवासियों के लिए स्वास्थ्य विभाग आशा की किरण बनकर उभरा है। सिविल सर्जन डॉ. राजविंदर कौर ने बताया कि पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने विभाग को बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान करने, खासकर संकटग्रस्त गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित निकालने और डिलीवरी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इन आदेशों का पालन करते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने टेंडी वाला से मंजीत कौर और कालू वाला से मनप्रीत कौर को सफलतापूर्वक बचाया और उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने सुरक्षित रूप से अपने बच्चों को जन्म दिया। गर्भवती महिलाओं के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा निःशुल्क उपलब्ध करवाई गई। सैनिटरी नैपकिन और प्रसूति देखभाल पर काम किया इस चुनौतीपूर्ण समय में स्वास्थ्य विभाग के विशेष चिकित्सा शिविरों ने महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं और प्रभावित परिवारों को हौंसला दिया है। अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक, स्वास्थ्य विभाग इस संकट में समुदाय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है और उनका साथ दिया है। इसलिए, आप सरकार की ये पहल स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि उन्होंने महिलाओं की बुनियादी जरूरतों पर ध्यान दिया है और सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण पहलुओं – जैसे सैनिटरी नैपकिन, प्रसूति देखभाल – पर भी काम किया है, जो इस कठिन समय में महिलाओं के लिए बेहद ज़रूरी हैं। सतलुज नदी के पास के गांवों में चिन्हित 45 गर्भवती महिलाओं में से, पिछले सप्ताह चार डिलिवरियां हुई तीन सरकारी अस्पतालों में और एक निजी पैनल में।  

बाढ़ पीड़ितों को राहत, मान सरकार ने की विशेष घोषणा

चंडीगढ़  पंजाब के कई जिले इस समय भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने राहत कार्यों को तेज़ करते हुए बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में मिलेगा सुरक्षित आश्रय सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने जानकारी दी कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे बुजुर्गों को तत्काल बचाकर पास के वृद्धाश्रमों में पहुँचाया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में फिलहाल 41 वृद्धाश्रम हैं, जिनमें 572 बुजुर्गों के रहने की व्यवस्था है और इस क्षमता को 700 तक बढ़ाया जा सकता है। मानसा में तैयार हुआ नया वृद्धाश्रम पहले से ही चालू कर दिया गया है, जिससे राहत कार्यों में तेजी आ सके। बच्चों के लिए अनाथालय और आंगनवाड़ी केंद्र तैयार सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के बच्चों को अस्थायी रूप से अनाथालयों और आंगनवाड़ी केंद्रों में रखा जाएगा। यदि कोई बच्चा अपनी माँ के साथ रहना चाहे तो उसके लिए भी विशेष इंतजाम किए जाएंगे। बाढ़ प्रभावित इलाकों में खिचड़ी और दलिया जैसी आसान पचने वाली खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है। गर्भवती महिलाओं के लिए 'सखी' सेंटर खुलेंगे डॉ. कौर ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में चल रहे 'सखी – वन स्टॉप सेंटर' को गर्भवती महिलाओं के लिए खोला जा रहा है, ताकि आपात स्थिति में उन्हें सुरक्षित स्थान मिल सके। साथ ही, महिलाओं को सैनिटरी पैड जैसी बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। सरकार की अपील राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे राहत कार्यों में सहयोग करें और जरूरत पड़ने पर प्रशासन से संपर्क करें। राहत टीमों को 24 घंटे के लिए सक्रिय रखा गया है।