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मनरेगा से 30 हजार से अधिक महिलाओं की निजी भूमि पर लगेंगे 30 लाख फलदार पौधे, 1000 करोड़ रुपए की राशि की जाएगी खर्च

एक बगिया माँ के नाम परियोजना 15 अगस्त से होगी शुरू : मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रधानमंत्री  मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से मिली प्रेरणा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव मनरेगा से 30 हजार से अधिक महिलाओं की निजी भूमि पर लगेंगे 30 लाख फलदार पौधे, 1000 करोड़ रुपए की राशि की जाएगी खर्च महिलाओं और स्व-सहायता समूहों की तरक्की का आधार बनेगी परियोजना भोपाल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वसहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पूरे देश में ज्ञान अभियान चलाया जा रहा है। पीएम श्री मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से प्रेरित होकर प्रदेश में भी नई परियोजना शुरू की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर स्वसहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बड़ी घोषणा की है। प्रदेश में मनरेगा के माध्यम से “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना चलाई जाएगी। परियोजना के अंतर्गत मनरेगा के माध्यम से प्रदेश की 30 हजार से अधिक स्व सहायता समूह की पात्र महिलाओं की निजी भूमि पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाएं जाएंगे जो महिलाओं की आर्थिक तरक्‍की का आधार बनेंगे। 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर किया जाएगा पौधारोपण प्रदेश की स्‍व-सहायता समूह की 30 हजार से अधिक महिलाओं की 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर ‘’एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत पौधरोपण किया जाएगा। लगभग 1000 करोड़ रुपए की लागत से आजीविका संर्वद्धन के लिए 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण कर फलोद्यान का विकास किया जाएगा।परियोजना के तहत हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्‌ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही उद्यान के विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।  15 अगस्त से शुरू होगा अभियान “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत फलदार पौधारोपण का कार्य प्रदेश में 15 अगस्त से अभियान के रूप में शुरू होगा जो 15 सितंबर तक चलेगा। फलदार पौधरोपण की इच्छुक महिलाओं का होगा चयन “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत आजीविका मिशन के स्‍व-सहायता समूह की ऐसी महिला सदस्‍य, जो फलदार पौधारोपण करने हेतु इच्‍छुक हों, का चयन किया जाएगा। चयनित महिला हितग्राही के नाम पर भूमि नहीं होने की दशा में उस महिला के पति-पिता-ससुर-पुत्र की भूमि पर उनकी सहमति के आधार पर पौधरोपण किया जाएगा। अत्याधुनिक तकनीक से किया जाएगा स्थल चयन “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत पौधरोपण के लिए स्थल का चयन अत्याधुनिक तकनीक (सिपरी सॉफ्टवेयर) के माध्यम से किया जाएगा। स्थल चयन के लिए सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से चयनित हितग्राही की भूमि का परीक्षण किया जाएगा। साथ ही तकनीक के माध्यम से जलवायु, कौन सा फलदार पौधा जमीन के लिए उपयुक्त है, पौधा किस समय और कब लगाया जाएगा इसका भी सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से पता लगाया जाएगा। उपयोगी जमीन नहीं पाए जाने पर पौधरोपण का कार्य नहीं होगा।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के आश्वासन के पश्चात आयोग का देवास दौरा निरस्त

देवास जिले में जनजाति वर्ग के हित में की गई कार्यवाही से आयोग संतुष्ट: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव से मिले अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य दोषी अधिकारियों के विरूद्ध होगी कार्यवाही मुख्यमंत्री डॉ. यादव के आश्वासन के पश्चात आयोग का देवास दौरा निरस्त भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से  राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आर्य को देवास जिले के घटनाक्रम और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम से अवगत कराया। आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के आश्वासन से संतुष्ट होकर वे एक जुलाई को प्रस्तावित अपना देवास जिले का दौरा निरस्त कर रहे हैं। आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य ने कहा कि आयोग ने देवास जिले में जनजातीय वर्ग के लोगों के मकान हटाए जाने की घटना पर संज्ञान लिया था। इसे ध्यान में रखते हुए वे नई दिल्ली से मध्यप्रदेश प्रवास पर आए और इस संदर्भ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव से भेंट की है। आर्य ने कहा कि घटना पर विस्तृत चर्चा के पश्चात इस बात से संतुष्ट हूं कि इस संबंध में संवेदनशील और समुचित कार्यवाही की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह और वरिष्ठ अधिकारी लक्ष्मण सिंह मरकाम को देवास जिला भेजा गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव और सरकार ने आवश्यक सुझाव उन्हें मान्य किए हैं। इस बात पर भी सहमति हुई है कि इस तरह की कोई घटना भविष्य में न हो इसका ध्यान विभिन्न पक्षों द्वारा रखा जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आश्वस्त किया है कि जनजातीय वर्ग का हित सुनिश्चित किया जाएगा। दोषी अधिकारियों को बख्शेंगे नहीं आर्य ने बताया मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आश्वस्त किया है कि इस प्रकरण में किसी भी दोषी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। जनजातीय वर्ग के हितों की रक्षा और उनका समग्र कल्याण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव खण्डवा में दादाजी दरबार भूमि-पूजन महोत्सव में हुए शामिल

लाखों भक्तों की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है धूनी वाले दादा का मंदिर: मुख्यमंत्री डॉ. यादव भक्तों की बरसों की कामना भूमि-पूजन के साथ हुई पूर्ण: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव खण्डवा में दादाजी दरबार भूमि-पूजन महोत्सव में हुए शामिल खण्डवा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि धूनी वाले दादाजी मंदिर जिलेवासियों सहित निमाड़ क्षेत्र के भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह केवल एक मंदिर नहीं लाखों भक्तों की आस्था एवं उनकी श्रद्धा का प्रतीक है। मंदिर निर्माण की कई बरसों पूर्व की कामना आज शिलान्यास के साथ पूर्ण हुई जो एक नए आध्यात्मिक युग का प्रारंभ हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को खंडवा में आयोजित दादाजी दरबार भूमि-पूजन महोत्सव में पहुँचकर समाधि के दर्शन और पूजन-अर्चन किया। उन्होने भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि-पूजन स्थल पर पुष्प अर्पित किए। धूनी वाले दादाजी मंदिर के भव्य निर्माण के लिए भूमि-पूजन वेद-ऋचाओं के उच्चारण के साथ संतों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में हुआ। मुख्यमंत्री द्वारा समाधी स्थल पर पुष्प अर्पित मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दादाजी दरबार में बड़े और छोटे दादाजी महाराज की समाधियों के दर्शन कर पूजन अर्चन किया और धूनीमाई में आहूति अर्पित कर प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समाधी स्थल पर संतों की उपस्थिति में पुष्प अर्पित किये। धूनी वाले दादाजी का भव्य मंदिर निर्माण किया जाएगा धूनी वाले दादाजी मंदिर का निर्माण 22 एकड़ भूमि पर 100 करोड़ की लागत से किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा जितना संभव हो उतना मंदिर का निर्माण कार्य किया जाए, उसके बाद शेष रहे कार्य का निर्माण शासन द्वारा किया जाएगा। मंदिर का निर्माण शिर्डी एवं अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर विभिन्न चरणों में किया जाएगा। मंदिर निर्माण में संगमरमर का उपयोग होगा। निर्माण कार्य का प्रारंभ गुरु पूर्णिमा के बाद किया जाएगा। भव्य मंदिर निर्माण में आधुनिक गौशाला, सेवाधारी निवास, पार्किंग व्यवस्था, भक्त निवास, भोजनशाला एवं नर्मदा परिक्रमावासी विश्रामस्थल का निर्माण किया जाएगा। दादा गुरु महाराज ने कहा कि यह मंदिर निर्माण नहीं बल्कि एक युग का प्रारंभ होगा। भारत के आध्यात्मिक चारों धामों के बाद किसी धाम की गिनती होती है तो वह है दादाजी धाम जो पांचवां धाम हैं। ये मंदिर श्रद्धा, सेवा एवं आध्यात्म का पवित्र केन्द्र है। कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, जनजातीय कार्य विभाग मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग एवं प्रभारी मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, बुरहानपुर विधायक श्रीमती अर्चना चिटनीस, पंधाना विधायक श्रीमती छाया मोरे, महापौर श्रीमती अमृता यादव, विधायक कंचन तनवे सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।