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सुपर अपडेट: मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूल फीस अब सरकार भर देगी, जानिए कैसे मिलेगा 20 हजार का लाभ

भोपाल प्राइवेट स्कूलों की भारी भरकम फीस चुकाना हर किसी के वश की बात नहीं है। कई नामी स्कूलों का सालाना अध्ययन शुल्क 1 लाख के पार जा चुका है। मामूली आमदनी वाले अभिभावक निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने की सोच भी नहीं सकते। हालांकि ऐसे बच्चों और उनके अभिभावकों की सहायता के लिए राज्य सरकार आगे आई है। प्रदेश में निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों की फीस सरकार चुकाती है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में गैर-अनुदान प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में प्रथम प्रवेशित कक्षा की न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश का प्रावधान है। ऐसे 20 हजार से ज्यादा स्कूलों के बैंक खातों में राज्य सरकार बच्चों की फीस की राशि डालेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन विद्यालयों के खातों में फीस की राशि अंतरित करेंगे। हरदा जिले के खिरकिया में 29 सितम्बर को आयोजित कार्यक्रम में स्कूलों के बैंक खातों में सिंगल क्लिक से 489 करोड़ रुपए डाले जाएंगे। बच्चों की वर्ष 2023-24 की फीस शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कुल 20 हजार 652 निजी स्कूलों को फीस की राशि अंतरित की जाएगी। प्रदेशभर के 8 लाख 45 हजार बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव खिरकिया के कार्यक्रम में नि:शुल्क अध्ययनरत बच्चों की वर्ष 2023-24 की फीस डालेंगे। यहां अनेक विकास कार्यों का भूमि-पूजन, लोकार्पण भी करेंगे। बता दें कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में गैर-अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रथम प्रवेशित कक्षा की न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश का प्रावधान है। प्रदेश में वर्ष 2011-12 से लागू इस प्रावधान के तहत अब तक 19 लाख बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा अब तक कुल 3 हजार करोड़ रुपए की फीस प्रतिपूर्ति की जा चुकी है। प्राइवेट स्कूलों में वर्तमान में प्रदेशभर में करीब 8 लाख 50 हजार बच्चे नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

इलेक्टिक वाहन मालिकों के लिए राहत: MP में मिलेगी EV चार्जिंग पॉइंट की लोकेशन ऐप पर

भोपाल मध्य प्रदेश सरकार ने ईवी यानी इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाने के बाद नियम भी जारी कर दिए हैं। इसके तहत मोबाइल एप भी बनाया जा रहा है। एप की मदद से शहर में ईवी के चार्जिंग पॉइंट की लोकेशन का पता लगाया जा सकेगा। एप से किसी भी शहर का विकल्प चयन कर चार्जिंग पॉइंट की लोकेशन पता की जा सकेगी। ईवी वाहन के लिए लाइव पोर्टल भी बनाया जाएगा। इसमें पता चल सकेगा कि कितने ईवी पंजीकृत हैं। साथ ही, पीपीपी मोड पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। चार्जिंग स्टेशन के साथ-साथ बैटरी स्वैपिंग के लिए कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी। मध्य प्रदेश में जल्दी ही ईवी संवर्धन बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने और विभिन्न मुद्दों का समाधान निकालने के लिए जिम्मेदार होगा। आईटी विभाग की मदद से मोबाइल एप और लाइव पोर्टल बनवाया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि मध्य प्रदेश ईवी नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य है। मध्य प्रदेश में एक अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 के बीच 1,00,500 से अधिक ईवी का रजिस्ट्रेशन हुआ। सबसे ज्यादा मांग दोपहिया ईवी की रही। प्रदेश में ईवी उद्योग के लिए आवश्यक कौशल के साथ कार्यबल तैयार करने के लिए नीति में इंजीनयिरिंग कॉलेजों और आइटीआई में ईवी संबंधित पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को ईवी मॉडल सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति-2025 के अंतर्गत वर्ष 2030 तक प्रदेश में कुल पंजीकृत दोपहिया, तीन पहिया, चार पहिया वाहन एवं बस के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रमश: 40 प्रतिशत, 80 प्रतिशत, 15 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है। ईवी के लिए दी जाएगी प्रोत्साहन राशि ईवी के लिए विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन जैसे स्माल, मीडियम और लार्ज चार्जिंग स्टेशन के लिए 10 लाख रुपये तक, अनुसंधान, नवाचार एवं कौशल विकास के लिए दो करोड़ रुपये, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के लिए पांच लाख रुपये तक और दोपहिया, तीन पहिया एवं कार के लिए रेट्रोफिटिंग अंतर्गत 25 हजार रुपये तक के वित्तीय प्रोत्साहन का प्रविधान किया गया है।

बाढ़ पीड़ितों की मदद को आगे आए MP सीएम, 5 करोड़ की सहायता और राहत सामग्री भेजी

भोपाल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने छत्तीसगढ़ में बाढ़ प्रभावित जिले दंतेवाड़ा के लिए 5 करोड़ की सहायता राशि दी है। एमपी से राहत सामग्री लेकर एक ट्रेन छत्तीसगढ़ रवाना होगी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन ने कहा-छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा इलाके में बाढ़ के हालात हैं। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से 5 करोड़ की सहायता राशि सीएम फंड के लिए दी है। राहत सामग्री लेकर ट्रेन भी रवाना हो रही है। मध्य प्रदेश पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के साथ खड़ा है और भी जरूरत होगी तो मध्य प्रदेश की ओर से सहायता प्रदान दी जाएगी। प्रधानमंत्री जी की भावना है दुख और परेशानी के समय सभी सरकारें सहयोग करें। इसी भावना के तहत पड़ोसी राज्य होने के नाते पड़ोसी धर्म का निर्वहन कर रहे हैं