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BIPPP-2025: बिहार में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए नया निवेश पैकेज लागू

पटना  बिहार में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 के बाद अब नया बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025) लागू किया है। इसके तहतः- (1) 40 करोड़ रूपए तक की ब्याज सब्सिडी (Interest Subvention) दी जाएगी। (2) नई इकाइयों को स्वीकृत परियोजना लागत का 300 प्रतिशत तक शुद्ध SGST की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों के लिए की जाएगी। (3) 30 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी (Capital Subsidy) प्रदान की जाएगी। (4) निर्यात प्रोत्साहन की सीमा 14 वर्ष की अवधि के लए 40 लाख रूपए प्रतिवर्ष होगी। इसके अतिरिक्त कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग, स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को सहयोग, पेटेंट पंजीकरण एवं गुणवत्ता प्रमाणन हेतु सहायता दी जाएगी। इस नए औद्योगिक पैकेज 2025 के तहत निवेश को बढ़ावा देने के लिए निःशुल्क भूमि आवंटित की जाएगी। 100 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली एवं 1000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 10 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। 1000 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 25 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। फॉर्च्यून 500 कंपनियों को 10 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी। इस औद्योगिक पैकेज 2025 के अंतर्गत लाभ लेने के लिए निवेशकों को 31 मार्च 2026 से पूर्व आवेदन करना अनिवार्य होगा। इस नए औद्योगिक पैकेज 2025 से 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने में सहायता मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य है कि बिहार में उद्योगों को और ज्यादा बढ़ावा मिले, बिहार के युवा दक्ष एवं आत्मनिर्भर हों तथा उन्हें राज्य के अंदर ही अधिक से अधिक रोजगार मिल सके एवं उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। उद्योग विभाग  बिहार औधोिंगक निवेश पोरसाहन पैकेज (BIPp), 2025 की रचीकित के संबंध में। 2. उधोग विभाग  बिहार  में औधोिंगक सेज के िवरतार हेतु भोजपुर (आर)ि जला अ्तगत अंचल-तरारी के मौजा-मिनकप्र थानासंछया-174, रकबा-56.02 एकड मौजा-पटखोली, थानासंया-173, रकबा-15.48 एकड, मौजा-बौरी, थानानं0-175, रकबा-71.53 एकड, मौजा-बेलिउहरी, थानानं0-110, रकबा-9.98; एकड एवं मौजा-र्नी,शाना नं0-172, रकबा-96.47 अथित कुल समिकत रकबा-249.48 एकड भिम का 3आधारभत संरचना िवकास पािधकार, पटना के मायम से िधगहण एवं िधगहण कीपावकिलत रिश 50 52, 62, 22, 910/-(लपये बावन करोडबासठ लाख बाईस हजार नौ सौ दस) माब के यय कीरवीकित के संबंध में। 3. उछोग िवभाग शेखपुरा िजला अलगत अंचल-चेवड़ा, मौजा-हंसापुर थाना नं0-07 एवं मौजा-अरथावाँ, थाना नं0-04 में कुलरकबा-250.06 एकड भिम का आधारभूत संरचना िवकासािधकार, पटना के मायम से िधघहण एवं िधणहण कीपावकिलत रिश 50 42, 16, 30, 233.00 (लपये िबयािलसकरोड सोलह लाख तीस हजार दो सौ तैंतीस) माज केयय की रवीकित के संबंध में। 4. उछोग िवभाग रोहतास िजला अलतगत अंचल-िशवसागर के मौजा-तारडीह, थाना नं -574 में कुल रकबा-492.85 एकड भूमका आधारभूत संरचना ियकास पािधकार, पटना के माะयमसे धगहण एवं िधयहण की पावकिलत रिश कमश:西0 1, 54, 07, 12, 370.00 (सपये एक अरब चौबन करोडसात लाख बारह हजार तीन सौ सतर) माब के यय कीरवीकित के संबंध में। उद्योग विभाग 5. शिवहर जिला अन्तर्गत अंचल तरियानी, मौजा-सलेमपुर थाना नं०-06, रकबा 147.43 एकड़ एवं मौजा बेलाही दुल्लाह, थाना-141 रकबा 122.58 अर्थात समेकित कुल रकबा 270.01 एकड़ भूमि का आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार, पटना के माध्यम से अधिग्रहण एवं अधिग्रहण की प्राक्कलित राशि क्रमशः रु० 1,05,27,12,000/- (रूपये एक अरब पांच करोड़ सताईस लाख बारह हजार) मात्र के व्यय की स्वीकृति के संबंध में। उद्योग विभाग दरभंगा जिला अन्तर्गत अंचल बहादुरपुर, मौजा-तारालाही, थाना नं०-251 एवं मौजा-मोतनाजा तारालाही थाना-252 से कुल रकबा 361.38 एकड़ एवं अंचल-हनुमाननगर, मौजा-बिहारी मुकुन्द, थाना नं 221 एवं मौजा-अम्माडीह, थाना नं०-220 से कुल रकबा 24.07 एकड़ अर्थात समेकित कुल रकबा 385.45 एकड़ भूमि का आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार, पटना के माध्यम से अधिग्रहण एवं अधिग्रहण की प्राक्कलित राशि क्रमशः रू० 3,76,07,79,329.00 (रूपये तीन अरब छिहत्तर करोड़ सात लाख उनासी हजार तीन सौ उनतीस) मात्र के व्यय की स्वीकृति के संबंध में। उद्योग विभाग थाना पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे के समीप पूर्णिया जिला अन्तर्गत अंचल-के० नगर के मौजा-बिठनौली खेमचंद, नं०-24 में रकबा 119.55 एकड़, मौजा-गणेशपुर, थाना नं०-36 में रकबा 152.40 एकड़ एवं मौजा-डरवे चकला, थाना नं०-29 रकबा 7.70 एकड़ अर्थात कुल समेकित रकबा-279.65 एकड़ भूमि का आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार, पटना के माध्यम से अधिग्रहण एवं अधिग्रहण की प्राक्कलित राशि रू० 66,91,91,318.00 (रूपये छियासठ करोड़ इकानवें लाख इकानवें हजार तीन सौ अठारह) मात्र के व्यय की स्वीकृति के संबंध में। उद्योग विभाग 8. पटना जिला अन्तर्गत अंचल-फतुहाँ में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (MMLP) परियोजना से सटे भू-भाग में GIFT- सामान औद्योगिक परियोजना के अधीन Fin Tech City विकसित करने हेतु मौजा-जैतीया, थाना नं०-79 में कुल रकबा 242 एकड़ भूमि का आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार, पटना के माध्यम से अधिग्रहण एवं अधिग्रहण की प्राक्कलित राशि 4,08,81,30,503.00 (चार सौ आठ करोड़ इक्यासी लाख तीस हजार पाँच सौ तीन) रूपये मात्र के व्यय की स्वीकृति के संबंध में। ऊर्जा विभाग 9. बिहार राज्य जल विद्युत निगम के अंतर्गत 12 निर्माणाधीन परियोजनाओं में से 09 परियोजनाओं (तेजपुरा, डेहरा, सिपहा, वलिदाद, पहरमा, मथौली, राजापुर, अमेठी एवं डेहरी स्केप) के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलित राशि 166.81 करोड़ (एक सौ छियासठ करोड़ इक्यासी लाख) रूपये की स्वीकृति एवं शेष 03 परियोजनाओं (बरबल, रामपुर एवं नटवार) को बन्द करने की स्वीकृति प्रदान करने के संबंध में। 10. जल संसाधन विभाग पटना मुख्य नहर के बायें बांध-सह-सोन सुरक्षा तटबंध पर बैदराबाद में राष्ट्रीय राज्य मार्ग 139 (NH-139) से पालीगंज वितरणी के शीर्ष नियामक तक एवं पालीगंज वितरणी के सेवापथ पर पालीगंज शीर्ष नियामक से कोरियम मोड़ तक कालीकृत सड़क का निर्माण कार्य, प्राक्कलित राशि 10000.00 लाख रूपये (एक सौ करोड़ रूपये) की प्रशासनिक एवं व्यय की स्वीकृति। पथ निर्माण विभाग 11. पथ प्रमंडल बेनीपुर अंतर्गत कुशेश्वर स्थान (एस.एच-56) से फुलतोड़ाघाट पथ के कि०मी० 0.00 से 20.80 तक (कल लंबाई 20.80 कि०मी०) में मिट्टी कार्य, सीमेन्ट कंक्रीट पथ कार्य, आर०सी०सी० उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य, क्रॉस ड्रेन कार्य, ड्रेन निर्माण कार्य, डायवर्सन निर्माण कार्य, बचाव कार्य, रिटेनिंग वाल निर्माण कार्य, कम्पेन्सेटरी एफोरेटेशन कार्य, युटिलिटी शिफ्टिंग कार्य, भू-अर्जन कार्य, विविध कार्य एवं पथ फर्निचर कार्य सहित उन्नयन / निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत्यादेश संख्या 7025 (एस.) डब्लु.ई., दिनांक 11.09. 2018 से प्रदत्त मूल प्रशासनिक स्वीकृत राशि ₹24304.42 लाख का पुनरीक्षित राशि ₹38122.67 लाख (तीन सौ इक्कासी करोड़ बाईस लाख सड़सठ हजार) का प्रथम पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने के … Read more

बिहार में पुलों की क्रांति: गंगा, सोन, गंडक और कोसी पर तेज़ी से हो रहा निर्माण

बिहार बन रहा पुलों का प्रदेश, गंगा-सोन-गंडक-कोसी पर पुलों का हो रहा तेजी से निर्माण बिहार में पुलों की क्रांति: गंगा, सोन, गंडक और कोसी पर तेज़ी से हो रहा निर्माण बदलती तस्वीर: बिहार बन रहा पुलों का प्रदेश, नदियों पर जुड़ रहे नए सफर पटना बिहार अब पुलों का प्रदेश बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2005 में सत्ता संभालने के बाद से पुल निर्माण में ऐतिहासिक तेजी आई है। पिछले दो दशकों में गंगा, सोन, गंडक और कोसी नदियों पर 15 बड़े पुल बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 21 पुलों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। हाल ही में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा नदी पर बने 6 लेन वाले औंटा-सिमरिया पुल का उद्घाटन किया। यह पुल देश का सबसे चौड़ा पुल है, जिसकी लंबाई 8.15 किलोमीटर है। इसके चालू हो जाने से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच संपर्क और मजबूत हुआ है। राज्य के अधिकांश जिलों में नदियों के जाल के कारण आवागमन लंबे समय से चुनौती रहा है। तीन घंटे में पटना पहुंचने के मुख्यमंत्री के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नदियों पर मजबूत पुलों का निर्माण जरूरी है।  गंगा नदी पर पुलों का विस्तार गंगा नदी पर फिलहाल 8 पुल चालू हैं। नौ पुलों का निर्माण चल रहा है, जबकि तीन और नए पुलों की योजना पर काम शुरू हो गया है। इनमें औंटा-सिमरिया पुल राज्य की जीवनरेखा बनकर उभरा है। सोन नदी पर सातवां पुल सोन नदी पर अब तक पांच पुल बन चुके हैं। एक का निर्माण जारी है और दो और पुलों की मंजूरी मिल चुकी है। नया सातवां पुल कोइलवर से 10 किलोमीटर दूर बिंदौल और कोशीहान के बीच बनेगा। वहीं, छठा पंडुका घाट पुल डेहरी ऑन सोन से अकबरपुर-सदुनाथपुर मार्ग को जोड़ेगा। इससे न केवल बिहार बल्कि उत्तर प्रदेश के लोगों को भी सीधा फायदा मिलेगा। गंडक और कोसी पर लंबी छलांग गंडक नदी पर सात पुल तैयार हैं। तीन और निर्माणाधीन हैं तथा चार नए प्रस्तावित हैं। दूसरी ओर कोसी नदी पर अब तक 4 पुल बन चुके हैं और 3 पुल निर्माणाधीन हैं । खासकर मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल के बकौर तक बनने वाला पुल पूरे देश का सबसे लंबा पुल होगा। 10.02 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण भारतमाला परियोजना के तहत लगभग 1200 करोड़ की लागत से हो रहा है। इसके चालू होते ही मधुबनी और सुपौल की दूरी 30 किलोमीटर घट जाएगी और यातायात में क्रांतिकारी सुधार आएगा। बिहार में पुलों का यह विस्तार न सिर्फ परिवहन व्यवस्था को सुगम बना रहा है, बल्कि राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति की नई राह खोल रहा है। आने वाले वर्षों में जब ये सभी पुल तैयार हो जाएंगे, तब तीन घंटे में पटना का सपना हकीकत बन जाएगा।

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना: पांच साल में 2317 बच्चों की धड़कनें फिर से हुईं मजबूत

मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना से पांच साल में 2317 बच्चों को मिला नया जीवन मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना: पांच साल में 2317 बच्चों की धड़कनें फिर से हुईं मजबूत पांच साल की सफलता: सीएम बाल हृदय योजना से हजारों बच्चों को जीवनदान पटना बिहार सरकार की मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए संजीवनी बनकर उभरी है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के माध्यम से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की पहचान कर उनका निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2021 से अब तक कुल 2317 बच्चों के हृदय का सफल इलाज किया जा चुका है। इनमें सबसे अधिक 1565 बच्चों का निःशुल्क इलाज अहमदाबाद के प्रशांति मेडिकल सर्विसेज और रिसर्च संस्थान (श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल) में हुआ है। वहीं, पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) में 402, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में 149 और जयप्रभा मेदांता अस्पताल में 201 बच्चों के हृदय रोग का इलाज किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 338, 2022-23 में 410, 2023-24 में 556, 2024-25 में 764 और 2025-26 में अब तक 249 बच्चों का सफल इलाज हो चुका है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को विशेष सहायता मिली है। योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी दस्तावेज मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना का लाभ उठाने के लिए बच्चे का आधार कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट साइज फोटो और माता-पिता का बिहार का निवासी होना अनिवार्य है।

तस्वीर बदल रहीं जीविका दीदियां, नशामुक्ति आंदोलन में बनीं नई ताकत

पटना  जीविका दीदियां बिहार की नई ताकत बन कर उभरीं हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शुरू हुई ‘जीविका’ योजना की वजह से न केवल बिहार की महिलओं को आर्थिक मजबूती मिल रही है बल्कि वो बिहार के विकास की मजबूत कड़ी बन चुकी हैं। इतना ही नहीं जीविका समूहों से जुड़ी महिलाएं सामाजिक बदलाव की भी गाथा लिख रहीं हैं। जिसका नतीजा है कि सीएम नीतीश ने उनके योगदान को सराहते हुए मान देय में बढ़ोतरी की है। सक्रीय जीविका समूहों ने समाज को दिखाई राह बिहार सरकार के आंकड़ों की मालने तो बिहार के गांवों में इनकी भूमिका काफी अहम हो गई है। गांव–गांव में जीविका की सक्रिय 60,000 से ज्यादा ग्राम संगठन हैं। जो आज नशामुक्त का संदेश और उसके अपनी सक्रीय भूमिका निभाकर समाज को राह दिखा रही हैं। जीविका दीदियों के नेतृत्‍व में चलाए जा रहे अभियान जिसका नतीजा है कि अब महिलाओं की अगुवाई में ही जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। जागरूकता रैलियां, नुक्कड़ नाटक और चौपाल पर बैठकें की जा रही हैं। ये सब जीविका से जुड़ी गांव की आम सी दिखने वाली महिलाएं कर रही हैं।  कुरीतियों में सुधार शराब के सेवन और तंबाकू के नुकसान की जो जागरूकता जीविका दीदियों ने फैलाई है। सामजिक व्‍यवहार की कुरीतियों पर काबू पाने में अहम भूमिका निभाई है। जिन इलाकों में कभी नशा आम बात थी, वहां अब सामाजिक दबाव और सामूहिक चेतना से सकारात्मक माहौल दिखाई दे रहा है। शराबबंदी कानून को सफल बनाने और शराब माफियाओं को कमजोर करने में भी इनका महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है। समाज सुधार की मिसाल बनीं दीदियां  गौर करने वाली बात ये कि सीएम नीतीश कुमार के विजन से बाल विवाह रोकथाम और शराबबंदी नियमों के अनुपालन में भी जीविका दीदियों की सक्रिय भागीदारी निर्णायक साबित हो रही है। ग्रामीण विकास विभाग का यह अभियान अब समाज सुधार की सबसे बड़ी मिसाल बनता जा रहा है।

Government Job # खेल प्रशिक्षक से लेकर अधिकारी और लिपिक तक, युवाओं के लिए सुनहरा मौका

Sports JOB खेल विभाग में आई 824 पदों पर बंपर बहाली! नौकरियों का ‘नया मैदान’ तैयार Government Job # खेल प्रशिक्षक से लेकर अधिकारी और लिपिक तक, युवाओं के लिए सुनहरा मौका Sports JOB # बिहार में यह अब तक का सबसे बड़ा खेल में बहाली अभियान है शुरू Job Vacancy # बिहार में खेल नौकरियों की बंपर बहाली, 824 पदों पर होगी नियुक्ति Bihar Job vacancy # खेल प्रशिक्षक से लेकर अधिकारी तक, जानिए खेल के किस-किस विभाग में सरकारी नौकरी का मौका! पटना  खेल में नौकरी के इंतजार में बैठे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी आ गई है। राज्य सरकार ने खेल विभाग में बंपर बहाली का रास्ता खोल दिया है। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब नवगठित खेल विभाग में 824 पदों पर बहाली होने जा रही है। खेल प्रशिक्षक से लेकर क्रीड़ा सेवा संवर्ग में अधिकारी, खेल लिपिक और अन्य पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। खेल विभाग ने इन नियुक्तियों के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC), बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) और बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC) को सफरिश भेज दी है। ग्राफिक के लिए ::: किस किस पद पर होगी बहाली खेल प्रशिक्षक (Sports Trainer): 379 पद खेल सेवा संवर्ग के अधिकारी: 33 पद निम्नवर्गीय लिपिक: 53 पद राजगीर खेल अकादमी: 81 पद (खेल प्रशिक्षक और लिपिक दोनों) बिहार राज्य खेल प्राधिकार, पटना: 301 पद खेल प्रशिक्षकों के 379 पद होगी सीधी बहाली वो युवा जो खेल विभाग में नौकरी की आस लगाए लंबे समय से बैठे थे और खेल के प्रशिक्षक बनना हैं। अब उनकी लौटरी लगने वाली है। खेल विभाग की ओर बिहार खेल अधीनस्थ सेवा संवर्ग में 380 पद स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से 379 पद अभी खाली हैं। इन सभी पदों पर बहाली के लिए खेल विभाग ने BSSC को प्रस्ताव भेज दिया है। जल्‍द ही इन पर सीधी बहाली की जाएगी।  खेल सेवा संवर्ग में होंगे 33 अधिकारी बिहार खेल सेवा संवर्ग में भी 33 अधिकारियों के लिए 44 नए पदों का सृजन किया गया है। इनमें से 11 पद प्रोन्नति के लिए हैं, जबकि 33 पदों पर सीधी भर्ती होगी है। इन पदों पर नियुक्ति के लिए BPSC को अधियाचन भेज दिया गया है। लिपिकीय सेवा संवर्ग का गठन खेल विभाग में लिपिकीय सेवा संवर्ग का भी गठन कर दिया गया है। इसके लिए 80 पदों की स्वीकृति भी मिल गई है। इनमें से 53 रिक्त पद ऐसे हैं जिस पर जल्‍द बहाली होनी है। जिसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राजगीर खेल अकादमी में 81 पदों पर भर्ती निम्नवर्गीय लिपिक के 10 पद और विभिन्न खेलों के प्रशिक्षकों के 48 पद पूरी तरह खाली। वहीं, खेल प्राधिकार में भी 301 पदों पर नियुक्ति होनी है। प्रस्ताव को कार्यकारिणी समिति की मंजूरी मिल चुकी है और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी कर दिया गया है। नियुक्ति प्रक्रिया की सिफारिश BTSC को भी सौंप दी गई है। युवाओं के लिए सुनहरा मौका इन बहालियों के साथ ही बिहार में खेलों के क्षेत्र में बड़ा बदलाव तय है। खेल प्रशिक्षकों की तैनाती से गांव-गांव और शहर-शहर में खेल प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिलेगा। वहीं, खेल सेवा संवर्ग और प्राधिकार के अधिकारियों की नियुक्ति से खेल प्रशासन को नई गति मिलेगी। बिहार में यह अब तक का सबसे बड़ा खेल बहाली अभियान है, जिससे हजारों युवाओं को रोजगार और राज्य को नई खेल पहचान मिलने वाली है।  खेल प्रेमियों और नौकरी के इच्छुक युवाओं के लिए यह खबर किसी बंपर खुशखबरी से कम नहीं।

सीएम नीतीश ने ‘मुफ्त बिजली-पेंशन-रोजगार’ से सेट किया बिहार का सियासी समीकरण!

'सोशल इंजीनियर' ने सेट किया समीकरण …तो 2025 से 2030 फिर से नीतीश!  सीएम नीतीश ने ‘मुफ्त बिजली-पेंशन-रोजगार’ से सेट किया बिहार का सियासी समीकरण! बिहार की सियासत में नीतीश का तिहरा वार! गरीब, बुजुर्ग और युवाओं को साधने की चली ऐसी चाल!  सीएम नीतीश ने दिखाया सोशल इंजीनियरिंग और वोट मैनेजमेंट का कमाल! एक साथ करोड़ों को दिया फायदा पटना बिहार का राजनीतिक माहौल चरम पर है। चुनावी तैयारियां जोरों पर है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी ताकत झोंकी हुई है। कुछ लोगों को भले यह मुगालता हो कि नीतीश कुमार एक्टिव नहीं हैं। ये विपक्षी खेमे के लिए और भी खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि वो चुपचाप ऐसे काम कर रहे हैं जो आने वाले विधानसभा चुनावों में गेम चेंजर साबित होगा है। बताते चलें कि कि सीएम नीतीश की चर्चा उन राजनेताओं में होती है, जो चुपचाप बाजी पलटने का हुनर रखते हैं। सोशल सेक्‍टर और वोट बैंक मैनेजमेंट  गौर करने वाली बात ये है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल के दिनों में ऐसी-ऐसी घोषणाएं की हैं, जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएम नीतीश का सीधा फोकस सोशल सेक्‍टर और वोट बैंक मैनेजमेंट पर है। आइए उन महत्‍वपूर्ण प्‍वांट पर चर्चा करते हैं, जिसके जरिए उन्‍होंने सीधे उस बड़े समूहों साधने की कोशिश की जहां से बिहार की चुनावी जंग में जीत का रास्‍ता गुजरता है।  विपक्ष को दिया राजनीतिक करंट राजनीतिक जानकारों की माने तो सीएम नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में सियासी करंट दे दिया है। 125 यूनिट मुफ्त बिजली देकर सीएम नीतीश कुमार ने राज्य के 1 करोड़ 86 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को राहत दी है। जिनका मासिक बिल अब पूरी तरह माफ हो गया। गौर से देखा जाए तो बिहार की 90 फीसद आबादी को इसका सीधा फायदा मिल रहा है। राजनीतिक रूप से देखें तो ग्रामीण और निम्न-मध्यम वर्ग के वोटरों में इसकी सबसे ज्यादा चर्चा है। सर्वे में भी 63 फीसद लोगों ने माना कि यह योजना सत्‍ता की राह आसान बनाएगी।  पेंशन राशि बढ़ाकर ‘संवेदनशील मुख्यमंत्री’ की छवि बीते दो महीनों के दौरान सीएम नीतीश ने सामाजिक सुरक्षा को लेकर बड़ी घोषणाएं की हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 400 से बढ़ाकर 1100 रुपये कीं। इस घोषणा से उन्‍होंने सीधे तौर पर 1 करोड़ 12 लाख लोग लाभान्वित हुए। इन लाभार्थियों में बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगजन शामिल हैं। यानी वह वर्ग जो चुनाव में वोट डालने में सबसे ज्यादा सक्रिय और निर्णायक भूमिका निभाता है। उसके लिए यह घोषणा राजनीति रूप से अहम माना जा रहा है।  युवाओं को नौकरी और रोजगार का वादा बताते चलें कि नीतीश कुमार अब तक 10 लाख सरकारी नौकरियां और 39 लाख रोजगार उपलब्ध करा चुके हैं। चुनावी माहौल को देखते हुए उन्‍होंने इस लक्ष्‍य को बढ़ा कर इसी साल 12 लाख नौकरी और 50 लाख रोजगार का तय कर दिया। जिस पर काम जारी है। इतना ही नहीं, सीएम नीतीश ने चुनावी दांव खेलते हुए अगले पांच में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का वादा भी कर डाला। नीतीश के इस दांव को काफी अहम माना जा रहा है। गौर करने वाली बात ये है कि सीएम नीतीश के इस मास्‍टर स्‍ट्रोक की चर्चा राजनीतिक गलियारे में भी है। इस वादे ने युवा वोट बैंक और उनके परिवारों को भी अपने साध लिया है। जानकारों का मानन है कि लंबे समय से नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं और उनके परिवार को नीतीश कुमार के विकास कार्यों और औद्योगिक क्षेत्र के विकास के ऐलान से उम्‍मीद जगी है। सर्वे का संकेत, नीतीश फिर पसंदीदा हाल में हुए सी-वोटर सर्वे में भी सीएम नीतीश बढ़त बनाए हुए हैं। इस सर्वे में बिहार की 65 फीसद जनता ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहली पसंद बताया है। समझने वाली बात ये है कि नीतीश कुमार ने मुफ्त बिजली देकर ग्रामीण और गरीब वर्ग को साधने की कोशिश की। पेंशन में बढ़ोतरी से बुजुर्ग, महिलाओं और दिव्यांगों को अपने पाले में लाने का प्रयास किया, नौकरी और रोजगार के वादे से युवाओं को, मानदेय और पेंशन बढ़ोतरी से सरकारी कर्मी ओर समाजसेवी वर्ग प्रभावित करने वाला दांव खेल दिया है। इन फैसलों से एक साथ एक बड़ा वोट बैंक लाभंवित हुआ है। जिसका चुनावी फायदा मिलना तय माना जा रहा है। माना जा रहा है चुनाव से ठीक पहले किए गए ये फैसले सीएम नीतीश के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकते हैं।

38 लाख महिला किसान बदल रहीं बिहार की तस्वीर, खेत से बाजार तक संभाली कमान

अब खेत से बाजार तक महिलाओं का कमाल! सीएम नीतीश ने बदली बिहार की तस्वीर  38 लाख महिला किसान बदल रहीं बिहार की तस्वीर, खेत से बाजार तक संभाली कमान  बिहार की महिलाएं बनीं खेती में ताकत की मिसाल! नीतीश सरकार ने दी आधुनिक तकनीक की उड़ान  अब घर से लेकर खेत तक, महिलाओं के हाथ में कमान! हाथों में ड्रोन और अपने नाम पर कारोबार   61 महिला कंपनियों ने खेती को बनाया व्यापार, किसानों को मिल रहा सही दाम पटना बिहार की मिट्टी अब महिलाओं के हाथों से नई कहानी लिख रही है। कभी अपने घर की चौखट तक सीमित रहने वाली महिलाएं आज खेत, खलिहान और कारोबार का नेतृत्व संभाल रहीं हैं। इसका श्रेय जाता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच और उनकी सरकार की उन योजनाओं को, जिन्होंने महिलाओं को खेती-बाड़ी से लेकर कारोबार तक के लिए सशक्त और जिम्‍मेदार बनाया है। 38 लाख महिलाएं बनीं आधुनिक किसान राज्यभर में अब तक 38 लाख से अधिक महिला किसान आधुनिक खेती के तौर-तरीके सीख चुकी हैं। यह बदलाव जीविका योजना और कृषि विभाग की साझेदारी का नतीजा है। अब बिहार के गांव-गांव में खुले 519 कस्टम हायरिंग सेंटर हैं। जहां से महिलाएं ट्रैक्टर, सीड ड्रिल, थ्रेशर और पावर टिलर जैसी मशीनें किराए पर ले रही हैं। इससे न सिर्फ खेती की लागत घटी है, बल्कि मानव श्रम में कमी आई है और उत्पादन भी दोगुने रफ्तार से बढ़ा है। पशुपालन और नीरा उत्पादन में भी महिलाएं आगे खेती ही नहीं, महिलाएं अब बकरी पालन, दुग्ध उत्पादन और छोटे डेयरी कारोबार से भी कमाई कर रही हैं। आज 10 लाख से ज्यादा परिवार इनसे जुड़े हैं। बीते साल महिला स्वयं सहायता समूहों ने 1.9 करोड़ लीटर नीरा का उत्पादन और बिक्री की। इससे न सिर्फ गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई बल्कि महिलाओं के लिए स्थायी आमदनी का नया जरिया भी बना। अररिया में तो सीमांचल बकरी उत्पादक कंपनी के तहत करीब 20 हजार परिवार जुड़ भी चुके हैं। बाजार तक महिलाओं की पकड़ खेती में व्यापारिक सोच लाने के लिए अब 61 किसान उत्पादक कंपनियां (FPCs) पूरी तरह महिलाओं के हाथों में हैं। ये कंपनियां खेत से उपज खरीदती हैं, उसका प्रोसेसिंग और पैकेजिंग करती हैं और फिर बाजार ले जाकर बेचती भी हैं। इसका सीधा फायदा महिला किसानों को मिल रहा है। उनकी मेहनत को सही दाम मिल रहा है और घर में भी सम्‍मान मिल रहा है।  शहद से लेकर ड्रोन तक आज बिहार में कुल 11,855 महिलाएं मधुमक्खी पालन कर रही हैं। इनकी मेहनत ने अब तक 3,550 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन किया है।  इसके अलावा, सरकार की ‘ड्रोन दीदी योजना’ ने महिलाओं के हाथों में टेक्नोलॉजी थमा दी है। इस योजना में महिलाओं को ड्रोन खरीदने पर 80 फीसद यानी 8 लाख रुपये अनुदान मिल रहा है और बाकी राशि जीविका समूह उपलब्ध करा रहे हैं। आने वाले दो साल में देशभर के 14,500 महिला समूहों को इस योजना से जोड़ा जाएगा। खेत-खलिहान की नई इबारत जैविक खेती, बीज संरक्षण, सब्जी-फल प्रसंस्करण और कृषि उत्पादों में विविधता, इन सबमें महिलाएं अब बराबर की भागीदार हैं। गांव की चौखट से निकलकर खेतों में ड्रोन उड़ाती महिलाएं इस बदलाव का सबसे बड़ा सबूत हैं। बिहार की बदलती तस्वीर साफ कह रही है।