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PAK सेना ने 15 मिनट की मुठभेड़ में टेके घुटने, तालिबान हथियार ले उड़े

काबुल  तालिबानी लड़ाके और पाकिस्तानी की सेनाओं के बीच एक बार फिर से भीषण जंग हो रही है. दोनों सेनाएं अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित स्पिन बोल्डक में लड़ाई लड़ रही हैं. आज सुबह लगभग 4 बजे स्पिन बोल्डक क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना और अफगान तालिबान के बीच भारी लड़ाई शुरू हो गई. सोशल मीडिया पर जारी किए गए बॉर्डर में स्पिन बोल्डक-चमन सीमा का क्रॉसिंग दिखाई दे रहा है. स्पिन बोल्डक अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर स्थित है. यह उत्तर में कंधार शहर और दक्षिण में पाकिस्तान के चमन और क्वेटा शहर से एक राजमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है. पश्चिमी-चमन सीमा क्रॉसिंग शहर के दक्षिण-पूर्व में स्थित है.  अफ़गान तालिबान का दावा है कि पाकिस्तानी सैनिकों के साथ भिडंत के 15 मिनट के अंदर ही तालिबानियों ने पाकिस्तानियों को सरेंडर के लिए मजबूर कर दिया और उनके हथियार ज़ब्त कर लिए गए.  एक और वीडियो में दिखाया गया है कि लड़ाई के 15 मिनट के अंदर ही तालिबानियों ने पाकिस्तानियों के हथियार जब्त कर लिए. स्पिन बोल्डक जिले के सूचना प्रमुख अली मोहम्मद हकमल ने टोलो न्यूज़ को बताया कि जारी लड़ाई में हल्के और भारी दोनों तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है. अभी तक हताहतों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तानी तोपखाने की गोलाबारी से आम लोगों के घर तबाह हो गए हैं, जिससे कई निवासियों को इलाक़े से भागना पड़ा है.  अफगानिस्तान के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल से जुड़े कबीर हकमाल ने कहा है कि, 'स्पिन बोल्डक क्षेत्र में तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच भीषण झड़पें हुई हैं. कई सूत्रों ने हताहतों की पुष्टि की है और बताया है कि कई स्थानीय घर नष्ट हो गए हैं. पाकिस्तानी सेना कथित तौर पर डूरंड रेखा से सटे इलाकों को निशाना बनाने के लिए भारी हथियारों और हवाई शक्ति का इस्तेमाल कर रही है. दोनों पक्षों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.' AFGEYE नाम की न्यूज एजेंसी ने कहा है कि कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक गेट पर आज तड़के अफगान सुरक्षा बलों और पाकिस्तानियों के बीच भीषण झड़पें शुरू हो गईं. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के हताहत होने की पुष्टि हुई है. एक दूसरे यूजर ने लिखा है कि अफगान सेना ने स्पिन बोल्डक में डूरंड रेखा पर पाकिस्तान की चौकियों को नष्ट कर दिया है और दर्जनों पाकिस्तानी सैनिकों को ज़िंदा पकड़ लिया है. उन्होंने बड़ी संख्या में हल्के और भारी हथियारों के साथ-साथ टैंक भी ज़ब्त कर लिए हैं और उन्हें अफ़ग़ानिस्तान में स्थानांतरित कर दिया है. पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच हालिया टकराव  11-12 अक्टूबर की रात को अफगान तालिबान ने पाकिस्तानी हवाई हमलों के जवाब में पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला बोला. तालिबान ने दावा किया कि उन्होंने 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और 25 चौकियां कब्जे में लीं, जबकि पाकिस्तान के अनुसार 23 उसके सैनिक मारे गए और 200 से अधिक तालिबानी लड़ाके मारे गए.  यह लड़ाई डुरंड लाइन के आस-पास हो रही है. ये वो जगह है जहां पर पाकिस्तान अफगानिस्तान पर टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) को पनाह देने का आरोप लगाता है. पाकिस्तान टीटीपी पर अपने यहां हमलों का आरोप लगाता रहता है.  जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने कंधार और हेलमंद में ड्रोन हमले किए. तनाव के बीच दोनों देशों ने सीमा बंद कर दी है जिससे व्यापार ठप हो गया और हजारों वाहन फंस गए हैं. 

पाक सेना ने अपने ही नागरिकों पर बरसाए बम, 30 की मौत! भारत-पाक में फर्क नहीं समझ पाई मुनीर की फौज

खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बीती रात जो मंजर देखने को मिला, उसने पूरे मुल्क को दहला दिया। तिराह घाटी के मात्रे दारा गांव में आधी रात को जब लोग गहरी नींद में थे, तब आसमान से मौत बरसी। पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने अपने ही नागरिकों पर बम बरसाए – और सुबह जब धुआं छंटा, तो ज़मीन पर सिर्फ लाशें थीं। चारों तरफ चीख-पुकार, जले हुए मकान, और मलबे के नीचे दबे मासूम बच्चों के शव… गांव का हर कोना मानो किसी कब्रिस्तान में तब्दील हो चुका था। 30 से ज़्यादा निर्दोष लोगों की जान चली गई – जिनमें महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं। और सबसे चौंकाने वाली बात ये कि यह हमला पाकिस्तान की सेना ने खुद किया – उस "ऑपरेशन" के तहत, जिसे आतंकी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई बताया गया, लेकिन निशाना बने सिर्फ आम लोग। एएमयू टीवी की रिपोर्ट – घर बने कब्रगाह एएमयू टीवी ने स्थानीय लोगों के हवाले से बताया कि खैबर जिले के तिराह इलाके में नागरिकों के घरों को निशाना बनाकर पाकिस्तानी आर्मी ने हमला किया. धमाकों के बाद कई घर ढह गए. सोते हुए लोग मलबे के नीचे दब गए. हमले के करीब 10 घंटे बाद भी स्थानीय लोग और बचाव दल शवों की तलाश में मलबे को खंगाल रहे थे. सोमवार दोपहर तक राहत और रेस्क्यू का काम जारी था. आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है. घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.  ‘सेना ने नरसंहार किया’ स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि खैबर पख्तूनख्वा के लोगों ने इस बमबारी को “पाकिस्तानी सेना का क्रूर नरसंहार” करार दिया है. सबसे ज्यादा तबाही मत्रे दारा गांव में हुई. वहां के लोग अब भी सदमे में हैं. खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान, ये दोनों प्रांत पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. यहां के लोग लंबे समय से सरकार और सेना से नाराज हैं. वजह है अधिकार और संसाधनों पर ज्यादा हक की मांग. इन इलाकों में कई सशस्त्र गुट सक्रिय हैं. वे खुद को आंदोलनकारी कहते हैं, जबकि पाकिस्तान सरकार और सेना उन्हें आतंकवादी बताती है. रात 2 बजे गिराए गए बम घटना तिराह घाटी के पास बसे मात्रे दारा गांव की है। रात करीब दो बजे, जब लोग नींद में थे, तभी पाकिस्तान की वायुसेना ने चीन में बने JF-17 थंडर फाइटर जेट से कम से कम 8 LS-6 बम बरसाए। पूरा इलाका धमाकों से दहल उठा और कई घर मलबे में तब्दील हो गए। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं 20 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सेना की दोहरी नीति यह घटना पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करती है. एक ओर पाकिस्तानी सरकार और सेना खैबर पख्तूनख्वा में जैश-ए-मोहम्मद जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों को पुलिस सुरक्षा में रैली और भर्ती अभियान चलाने देती है, वहीं दूसरी ओर निर्दोष नागरिकों के घरों पर बम बरसाती है. पिछले हफ्ते ही खबर सामने आई थी कि पाकिस्तान पुलिस की निगरानी में जैश-ए-मोहम्मद का एक बड़ा मजमा आयोजित किया गया था. आतंकवादियों को पनाह पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों को पनाह देती है, उन्हें पालती-पोसती है, और निर्दोष नागरिकों के खून से अपने गुनाहों को ढकने की कोशिश करती है. अब यह हकीकत छिपी नहीं है कि इस्लामाबाद के हुक्मरान और रावलपिंडी की फौज आतंकवाद की जननी और इंसानियत की दुश्मन है. मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी सबसे चिंताजनक बात यह है कि पाकिस्तान में लगातार हो रहे इन हवाई हमलों और आम नागरिकों की हत्याओं पर न तो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन (Human rights violation in Pakistan) कोई प्रतिक्रिया दे रहे हैं और न ही संयुक्त राष्ट्र इस विषय पर कोई संज्ञान ले रहा है. यह एक खतरनाक संकेत है कि जब एक परमाणु शक्ति संपन्न देश अपने ही नागरिकों के खिलाफ हवाई हमले करता है और दुनिया चुप रहती है. सबसे क्रूर उदाहरण यह घटना पाकिस्तान और उसके नेतृत्व की दोहरी मानसिकता का सबसे क्रूर (Pakistan Army atrocities) उदाहरण है. एक तरफ जैश-ए-मोहम्मद जैसे वैश्विक आतंकी संगठन पुलिस की सुरक्षा में रैली करते हैं, और दूसरी तरफ वही सेना अपने ही नागरिकों पर चीनी फाइटर जेट से बम बरसाती है. मुनीर और शहबाज शरीफ का यह कदम न केवल अमानवीय है, बल्कि यह भी साबित करता है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकवाद को पालने और उसे अपनी जमीन पर फैलाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. यह पाकिस्तान की बर्बादी की एक और कहानी है, जहां आंतरिक संघर्ष ने उसे खुद ही तबाह कर दिया है. आतंक के नाम पर आम जनता निशाने पर पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि यह एयर स्ट्राइक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन का हिस्सा थी। लेकिन स्थानीय लोग और प्रत्यक्षदर्शी बता रहे हैं कि हमले का शिकार आतंकियों के ठिकाने नहीं, बल्कि आम नागरिकों के घर बने। इस हमले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पाकिस्तान अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए निर्दोष नागरिकों को निशाना बना रहा है? स्थानीय नेताओं ने की निंदा इस बर्बर कार्रवाई पर स्थानीय विधायक इकबाल अफरीदी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "तिराह अकाखेल घाटी में मासूम बच्चों और महिलाओं की शहादत इंसानियत पर सबसे बड़ा धब्बा है। यह क्रूरता बर्दाश्त के बाहर है।" दोहरी नीति की खुली पोल पाकिस्तान की नीति अब किसी से छिपी नहीं है। एक ओर वही सरकार खैबर पख्तूनख्वाह में जैश-ए-मोहम्मद जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों को पुलिस सुरक्षा में भर्ती अभियान चलाने देती है, तो दूसरी ओर अपने ही निर्दोष नागरिकों पर बम गिराकर खून की होली खेलती है।