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ब्लूमबर्ग रिपोर्ट: मिडिल ईस्ट बना रिलायंस की तेल खरीद का नया केंद्र

मुंबई  रिलायंस इंडस्‍ट्रीज ने मिडिल ईस्‍ट से कच्‍चे तेल की अपनी खरीद बढ़ा दी है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले हफ्ते कम से कम 25 लाख बैरल तेल खरीदा गया है. यह बदलाव ऐसे वक्‍त में सामने आया है, जब अमेरिका भारत पर रूसी कच्‍चे तेल के आयात पर अंकुश लगाने के लिए दबाव बढ़ा रहा है. इससे कंपनी के संचालन और भारत की एनर्जी रणनीति पर असर पड़ सकता है.  ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में व्‍यापारियों के हवाले से कहा गया है कि मिडिल ईस्‍ट क्षेत्र में रिलायंस की खरीदारी गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसे रूसी आपूर्ति के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. इस बदलाव का ग्‍लोबल क्रूड ऑयल मार्केट के साथ-साथ भारत की भूमिका पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा.  यहां से खरीदे 25 लाख बैरल तेल रिपोर्ट के अनुसार, इस प्राइवेट रिफाइनरी कंपनी ने इराक के बसरा मीडियम, अल-शाहीन और कतर लैंड से कम से कम 25 लाख बैरल तेल खरीदा है. ये खरीदारी मिडिल ईस्‍ट कच्चे तेल के लिए रिलायंस के सामान्य खरीद पैटर्न की तुलना में अधिक सक्रियता को दिखाती है. जबकि कंपनी पहले रूसी तेल पर ज्‍यादा निर्भर रही है, लेकिन हाल में मिडिल ईस्‍ट से बढ़ी खरीदारी बदलाव का संकेत दे रही है.  सामान्‍य से ज्‍यादा रही खरीदारी  रिपोर्ट में व्यापारियों के हवाले से कहा गया है कि हाजिर सौदों के अलावा, रिलायंस बड़ी संख्या में रूसी कच्चे तेल जैसी गुणवत्ता वाले क्षेत्र से तेल की उपलब्धता के बारे में भी पूछताछ कर रही है. व्यापारियों ने बताया कि हाल ही में हुई खरीदारी में तेजी सामान्‍य से ज्‍यादा रही है.  भारत पर अमेरिका का दबाव  गौरतलब है कि अमेरिका बार-बार भारत और चीन पर रूसी तेल नहीं खरीदने को लेकर दबाव बढ़ा रहा है. रूसी तेल खरीदने के कारण अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी का एक्‍स्‍ट्रा टैरिफ भी लगा दिया है. इस महीने की शुरुआत में, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को वचन दिया है कि युद्ध समाप्त होने तक भारत मास्को से तेल की सभी खरीद बंद कर देगा. हालांकि नई दिल्ली ने ऐसी किसी भी बातचीत से इनकार किया है.  रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिफाइनरों ने कहा है कि स्थानीय रिफाइनरों ने मोटे तौर पर संकेत दिया है कि वे ओपेक+ उत्पादक से खरीद कम करेंगे – लेकिन बंद नहीं करेंगे. मुंबई 

रिलायंस के अधिग्रहण से केल्विनटर को मिलेगा नया जीवन, बाजार में फिर लौटेगा पुराना ब्रांड

मुंबई  केल्विनेटर (Kelvinator), एक समय भारतीय बाजार में इस कंपनी की तूती बोलती है, दौर था 1960-80 का. यानी करीब 50 साल पहले. फिलहाल भारतीय बाजार में ये कंपनी गुमनाम है. लेकिन अब कंपनी के दिन फिर सकते हैं. देश के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने इस कंपनी को खरीद लिया है.  दरअसल, रिलायंस रिटेल ने अमेरिका की मशहूर कंपनी केल्विनटर का अधिग्रहण कर लिया है. इस डील की घोषणा 18 जुलाई, 2025 की गई. हालांकि इसका खुलासा नहीं हुआ है कि कितने में ये सौदा हुआ है. Kelvinator कंपनी रिलायंस रिटेल के पास पहुंचने के बाद अब इसका पुनर्जन्म की संभावना है. क्या-क्या बनाती है Kelvinator कंपनी  केल्विनेटर कंपनी फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और किचन के सामान बनाती है. 1970 और 80 के दशक में इस कंपनी के प्रोडक्ट्स की भारत में खूब डिमांड थी. इसके प्रोडक्ट्स मजबूत और अच्छे होते थे. लोग इस पर भरोसा करते थे. आज से 50 साल पहले Kelvinator की पहचान एक बेहतरीन ब्रांड के तौर पर थी.  इस बड़ी डील के बाद रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ईशा अंबानी ने कहा, 'हमारा हमेशा से यह लक्ष्य रहा है कि हम हर भारतीय की जरूरत को पूरा करें. हम चाहते हैं कि हर किसी को अच्छी तकनीक मिले, जो उनके काम आए और भविष्य के लिए तैयार हो.' उन्होंने कहा कि केल्विनेटर को खरीदना हमारे लिए एक बहुत बड़ा कदम है. इससे हम देश के लोगों को और भी अच्छे प्रोडक्ट्स दे पाएंगे. क्योंकि हमारे पास दुकानों का एक बड़ा नेटवर्क है. रिलायंस अपने 19,340 स्टोर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के नेटवर्क के जरिये केल्विनेटर को फिर से घर-घर तक पहुंचाने का योजना बना रहा है. इसके अलावा रिलायंस की डिजिटल कॉमर्स रणनीति, जिसमें रिलायंस डिजिटल और जियोमार्ट शामिल हैं, ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा दे सकती है.  Kelvinator का इतिहास केल्विनेटर की स्थापना 1914 में अमेरिका के नाथनियल बी. वेल्स और अर्नोल्ड एच. गोस ने की थी. यह ब्रांड रेफ्रिजरेशन तकनीक में अग्रणी रहा और इसका नाम वैज्ञानिक लॉर्ड केल्विन के नाम पर रखा गया था. भारत में केल्विनेटर ने 1963 में प्रवेश किया और अपने रेफ्रिजरेटरों की विश्वसनीयता और 'द कूलेस्ट वन' टैगलाइन के साथ घर-घर में लोकप्रिय हो गया.  केल्विनेटर ने 1970 और 1980 के दशक में भारत में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाई, जब यह गोदरेज और ऑलविन के साथ बाजार में अग्रणी था. हालांकि, 1990 के दशक में उदारीकरण के बाद LG, Samsung और Whirlpool जैसे वैश्विक ब्रांडों से प्रतिस्पर्धा के कारण इसकी चमक फीकी पड़ गई.  2000 के दशक में, केल्विनेटर उपस्थिति भारतीय मार्केट में कमजोर हुई, हालांकि अभी Kelvinator के पोर्टफोलियो में रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और माइक्रोवेव ओवन शामिल हैं. अब रियालंस इसे फिर से घर-घर तक पहुंचाने का प्लान बनाएगा. फिलहाल Kelvinator ये प्रोडक्ट्स बाजार में हैं… सिंगल-डोर रेफ्रिजरेटर: 95 लीटर से 201 लीटर (1-3 स्टार रेटिंग), कीमत 10,590 रुपये से 15,190 रुपये. डबल-डोर रेफ्रिजरेटर: 252 लीटर से 275 लीटर (2-3 स्टार), कीमत 22,490 रुपये से 23,490 रुपये. साइड-बाय-साइड रेफ्रिजरेटर: 500 लीटर, कीमत 75,600 रुपये।

रिलायंस के अधिग्रहण से केल्विनटर को मिलेगा नया जीवन, बाजार में फिर लौटेगा पुराना ब्रांड

मुंबई  केल्विनेटर (Kelvinator), एक समय भारतीय बाजार में इस कंपनी की तूती बोलती है, दौर था 1960-80 का. यानी करीब 50 साल पहले. फिलहाल भारतीय बाजार में ये कंपनी गुमनाम है. लेकिन अब कंपनी के दिन फिर सकते हैं. देश के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने इस कंपनी को खरीद लिया है.  दरअसल, रिलायंस रिटेल ने अमेरिका की मशहूर कंपनी केल्विनटर का अधिग्रहण कर लिया है. इस डील की घोषणा 18 जुलाई, 2025 की गई. हालांकि इसका खुलासा नहीं हुआ है कि कितने में ये सौदा हुआ है. Kelvinator कंपनी रिलायंस रिटेल के पास पहुंचने के बाद अब इसका पुनर्जन्म की संभावना है. क्या-क्या बनाती है Kelvinator कंपनी  केल्विनेटर कंपनी फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और किचन के सामान बनाती है. 1970 और 80 के दशक में इस कंपनी के प्रोडक्ट्स की भारत में खूब डिमांड थी. इसके प्रोडक्ट्स मजबूत और अच्छे होते थे. लोग इस पर भरोसा करते थे. आज से 50 साल पहले Kelvinator की पहचान एक बेहतरीन ब्रांड के तौर पर थी.  इस बड़ी डील के बाद रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ईशा अंबानी ने कहा, 'हमारा हमेशा से यह लक्ष्य रहा है कि हम हर भारतीय की जरूरत को पूरा करें. हम चाहते हैं कि हर किसी को अच्छी तकनीक मिले, जो उनके काम आए और भविष्य के लिए तैयार हो.' उन्होंने कहा कि केल्विनेटर को खरीदना हमारे लिए एक बहुत बड़ा कदम है. इससे हम देश के लोगों को और भी अच्छे प्रोडक्ट्स दे पाएंगे. क्योंकि हमारे पास दुकानों का एक बड़ा नेटवर्क है. रिलायंस अपने 19,340 स्टोर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के नेटवर्क के जरिये केल्विनेटर को फिर से घर-घर तक पहुंचाने का योजना बना रहा है. इसके अलावा रिलायंस की डिजिटल कॉमर्स रणनीति, जिसमें रिलायंस डिजिटल और जियोमार्ट शामिल हैं, ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा दे सकती है.  Kelvinator का इतिहास केल्विनेटर की स्थापना 1914 में अमेरिका के नाथनियल बी. वेल्स और अर्नोल्ड एच. गोस ने की थी. यह ब्रांड रेफ्रिजरेशन तकनीक में अग्रणी रहा और इसका नाम वैज्ञानिक लॉर्ड केल्विन के नाम पर रखा गया था. भारत में केल्विनेटर ने 1963 में प्रवेश किया और अपने रेफ्रिजरेटरों की विश्वसनीयता और 'द कूलेस्ट वन' टैगलाइन के साथ घर-घर में लोकप्रिय हो गया.  केल्विनेटर ने 1970 और 1980 के दशक में भारत में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाई, जब यह गोदरेज और ऑलविन के साथ बाजार में अग्रणी था. हालांकि, 1990 के दशक में उदारीकरण के बाद LG, Samsung और Whirlpool जैसे वैश्विक ब्रांडों से प्रतिस्पर्धा के कारण इसकी चमक फीकी पड़ गई.  2000 के दशक में, केल्विनेटर उपस्थिति भारतीय मार्केट में कमजोर हुई, हालांकि अभी Kelvinator के पोर्टफोलियो में रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और माइक्रोवेव ओवन शामिल हैं. अब रियालंस इसे फिर से घर-घर तक पहुंचाने का प्लान बनाएगा. फिलहाल Kelvinator ये प्रोडक्ट्स बाजार में हैं… सिंगल-डोर रेफ्रिजरेटर: 95 लीटर से 201 लीटर (1-3 स्टार रेटिंग), कीमत 10,590 रुपये से 15,190 रुपये. डबल-डोर रेफ्रिजरेटर: 252 लीटर से 275 लीटर (2-3 स्टार), कीमत 22,490 रुपये से 23,490 रुपये. साइड-बाय-साइड रेफ्रिजरेटर: 500 लीटर, कीमत 75,600 रुपये।