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जेल प्रशासन पर बड़ी कार्रवाई: हजारीबाग जेपी कारा के 12 कर्मी निलंबित/बर्खास्त

हजारीबाग झारखंड के हजारीबाग स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में लापरवाही और अनियमितताओं के गंभीर आरोपों के बाद सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। जेल अधीक्षक की अनुशंसा पर जेलर समेत छह सरकारी कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि संविदा पर कार्यरत छह भूतपूर्व सैनिक कक्षपालों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हाल ही में एक पूर्व जेल सिपाही की गिरफ्तारी के बाद हुई विभागीय जांच में कई गंभीर गड़बड़ियां सामने आईं। जांच में यह पाया गया कि कारा के अंदर बाहरी व्यक्तियों को अनधिकृत रूप से प्रवेश की अनुमति दी जा रही थी। कुछ कर्मियों पर बंदियों को अनुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने के भी आरोप लगे हैं। प्रशासन ने निलंबित कर्मियों के विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश जारी किए हैं। वहीं बर्खास्त संविदाकर्मियों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है। इस कार्रवाई के बाद जेल प्रशासन में भारी हड़कंप मच गया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 'जेल व्यवस्था में किसी भी प्रकार की ढिलाई, अनुशासनहीनता या भ्रष्टाचार को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।' राज्य कारा निदेशालय ने घटना के बाद सभी जिलों के जेलों को सतर्क किया है और सुरक्षा मानकों के सख्त पालन का निर्देश जारी किया है।  

हिरासत में मौत से हड़कंप: डूंगरपुर में पुलिस पर कार्रवाई, धरना प्रदर्शन जारी

बांसवाड़ा/डूंगरपुर बांसवाड़ा के समीपवर्ती डूंगरपुर जिले के दोवड़ा थाना क्षेत्र में चोरी के आरोप में गिरफ्तार किए गए देवसोमनाथ निवासी दिलीप अहारी की पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे उदयपुर के महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय रेफर किया गया, जहां मंगलवार दोपहर उसने दम तोड़ दिया। इस घटना को लेकर अब बवाल मचा हुआ है।  धरने पर बैठे परिजन और ग्रामीण युवक की मौत के बाद परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण पहले दोवड़ा थाने और फिर कलेक्ट्री के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि पुलिस की पिटाई से दिलीप की मौत हुई है। मृतक के परिवार और ग्रामीणों ने एक करोड़ रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और दोवड़ा थाने में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की है। मंत्री, सांसद और विधायक पहुंचे, वार्ता विफल घटना के बाद मंगलवार शाम को जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सांसद मन्नालाल रावत, विधायक गणेश घोघरा, उमेश डामोर, अनुतोष रोत सहित आदिवासी समाज के प्रतिनिधि प्रशासन के साथ बातचीत में शामिल हुए। देर रात तक कलेक्टर अंकित कुमार सिंह और एसपी मनीष कुमार ने वार्ता की, लेकिन सहमति नहीं बन पाई। बुधवार शाम तक भी ग्रामीण कलेक्ट्री परिसर में डटे रहे।   पांच पुलिसकर्मी निलंबित मामले की गंभीरता को देखते हुए डूंगरपुर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने कार्रवाई की है। दोवड़ा थानाधिकारी तेजकरण सिंह, सहायक पुलिस निरीक्षक वल्लभराम, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, कांस्टेबल पुष्पेंद्र सिंह और माधव सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन के बाद इनका मुख्यालय डूंगरपुर रिजर्व पुलिस लाइन में कर दिया गया है।

राजधानी भोपाल में 8 पुलिसकर्मी को सस्पेंड, ये पुलिसकर्मी ट्रांसफर के आदेश को नहीं मान रहे थे

भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस विभाग ने अनुशासनहीनता को लेकर 8 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Policeman Suspended) कर दिया है. इन पुलिसकर्मियों द्वारा ट्रांसफर आदेशों का पालन न करने और ट्रांसफर वाली जगह पर आमद नहीं देने पर निलंबित किया गया है. DCP श्रद्धा तिवारी द्वारा यह कार्रवाई की गई है. सस्पेंड होने वालों में एक सब इंस्पेक्टर, ASI, 2 कांस्टेबल, 4 हेड कांस्टेबल शामिल हैं.  निलंबित किए गए ये पुलिसकर्मी     साबिर खान- उप निरीक्षक (थाना टीलाजमालपुरा)     रामअवतार- सहायक उप निरीक्षक (रक्षित केंद्र)     नरेश कुमार शर्मा- प्रधान आरक्षक क्रमांक 1906 (थाना श्यामला हिल्स)     मनोहरलाल- प्रधान आरक्षक क्रमांक 1851 (थाना बागसेवनिया)     चंद्रमौल मिश्रा प्रधान आरक्षक क्रमांक 2091 (थाना कमलानगर)     वीरेंद्र यादव आरक्षक क्रमांक 1517 (थाना हनुमानगंज)     कपिल चंद्रवंशी आरक्षक क्रमांक 4682 (थाना हनुमानगंज)     प्रशांत शर्मा आरक्षक क्रमांक 3305 (थाना अपराध शाखा)