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स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में MP के आठ शहरों को राष्ट्रीय मंच पर सम्मानित किया जाएगा, राष्ट्रपति आज पुरस्कार देंगी

 इंदौर/ भोपाल  सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार आठवीं बार सबसे स्वच्छ शहरों में शीर्ष स्थान पर रहा, उसके बाद सूरत और नवी मुंबई का स्थान रहा. स्वच्छ सर्वेक्षण के नतीजे गुरुवार को घोषित किए गए.3-10 लाख जनसंख्या वर्ग में उत्तर प्रदेश का नोएडा सबसे स्वच्छ शहर रहा, उसके बाद चंडीगढ़ और मैसूर का स्थान रहा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में विजेताओं को स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के पुरस्कार प्रदान किए.केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल और अन्य लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए.सुपर स्वच्छ लीग सिटी में दूसरे पायदान पर रहा उज्जैन: स्वच्छता के लिए महापौर- निगम कमिश्नर को राष्ट्रपति ने दिया अवॉर्ड राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशभर के स्वच्छता मिशन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शहरों को आज सम्मानित किया। मध्यप्रदेश के आठ शहरों को अलग-अलग श्रेणियों में यह पुरस्कार मिला है। कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति उज्जैन को सुपर लीग श्रेणी में दूसरे स्थान पर आने के लिए पुरस्कार प्रदान करेंगी। इसके अलावा इंदौर, देवास, शाहगंज और बुधनी को भी स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया जाएगा। इंदौर ने आठवीं बार मारी बाजी, फिर बना देश का सबसे साफ शहर स्वच्छता सर्वेक्षण आ गया है। लगातार आठवीं बार इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के नतीजे घोषित किए गए हैं। इसमें पहले स्थान पर इंदौर है। वहीं, दूसरे नंबर पर सूरत और तीसरे नंबर पर नवी मुंबई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर को स्वच्छता का सर्वोच्चय सम्मान दिया है। इंदौर शहर लगातार आठवीं बार देश का सबसे साफ शहर बना है। इसे लेकर प्रदेश में खुशी की लहर है। वहीं, देश की सबसे स्वच्छ राजधानी भोपाल है। इंदौर ने फिर लहराया है परचम वहीं, इंदौर ने एक बार फिर देश में स्वच्छता का परचम लहराया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के नतीजे आज दिल्ली में घोषित किए गए हैं। इंदौर पिछले 7 सालों से लगातार सबसे स्वच्छ शहर चुना जा रहा है। आठवीं बार वह नंबर वन बना है। इंदौर नगर निगम और वहां के सफाईकर्मियों ने इसके लिए काफी मेहनत की है। साथ ही आमलोगों में भी स्वच्छता को लेकर जागरूकता पैदा की है। सुपर स्वच्छ लीग में भी नंबर वन इंदौर इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में सुपर स्वच्छ लीग रखा गया था। इसमें इंदौर नंबर वन बना है। दूसरे नंबर पर सूरत है और तीसरे नंबर नवी मुंबई है। विजयवाड़ा चौथे नंबर पर है। इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने राष्ट्रपति के हाथों अवार्ड लिया है। शहर के लोगों को दी बधाई इसके साथ ही मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने इजराइल से एक वीडियो संदेश में शहरवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस बार जो नतीजे आए हैं, उसमें इंदौर फिर से सिरमौर है। भारत सरकार ने इंदौर जैसे शहरों को अलग लीग में रखा था। इसके बावजूद इंदौर सबसे ऊपर रहा। स्वच्छता का मॉडल बन गया है इंदौर इंदौर अब दूसरे शहरों के लिए स्वच्छता का मॉडल बन गया है। यह शहर अब दूसरों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा। सुपर लीग में शामिल 23 शहरों में भी इंदौर के अंक सबसे ज्यादा हैं। निगमायुक्त शिवम वर्मा के नेतृत्व में इंदौर नगर निगम की टीम दिल्ली में है। मेयर पुष्यमित्र भार्गव भी वहां पहुंच गए हैं। 2017 से लगातार नंबर वन इंदौर 2017 से लगातार पहले नंबर पर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इंदौर की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि दूसरे शहर जब कुछ करने का सोचते हैं, तब तक इंदौर वह काम कर चुका होता है। यह बात स्वच्छता को लेकर बिल्कुल सही साबित हुई है। इंदौर के जनभागीदारी मॉडल की पूरे देश में तारीफ होती है। नवाचारों की सीरीज, आपसी समन्वय और कुछ नया करने का जज्बा ही इंदौर को दूसरे शहरों से आगे रखता है। इन श्रेणियों में मिलेंगे अवॉर्ड     सुपर स्वच्छ लीग शहर     जनसंख्या के अनुसार शीर्ष शहर (5 श्रेणियों में)     स्वच्छ शहर     विशेष श्रेणी: गंगा शहर, छावनी बोर्ड     सफाई मित्र सुरक्षा     महाकुंभ     राज्य स्तरीय पुरस्कार उज्जैन को 3 से 10 लाख जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में अवॉर्ड मिलेगा। निगमायुक्त आशीष पाठक ने बताया कि, इस बार हमने स्वच्छता मिशन के मानकों के अनुसार एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) को बेहतर ढंग से अपनाया। यही कारण है कि उज्जैन को यह सम्मान मिला है। सबसे स्वच्छ शहरों में इंदौर, उज्जैन और बुधनी को सुपर स्वच्छ लीग में शामिल किया गया है। जबलपुर को स्पेशल कैटेगरी और ग्वालियर को राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्त होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति मुर्मू करेंगी और मंच पर कई मंत्री उपस्थित रहेंगे। क्या है सुपर स्वच्छ लीग कैटेगरी?     इस श्रेणी में वो शहर शामिल होते हैं जो बीते 3 वर्षों में उत्कृष्ट रहे हों। इंदौर, उज्जैन और बुधनी ने लगातार बेहतर प्रदर्शन कर इस श्रेणी में जगह बनाई है। इंदौर लगातार सातवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने की दौड़ में है। इसके साथ ही इंदौर का मुकाबला सूरत और पुणे जैसे टॉप शहरों से है। भोपाल टॉप 3 में, दूसरी रैंक की पूरी उम्मीद इस बार राजधानी भोपाल टॉप-3 स्वच्छ शहरों की सूची में जगह बना चुकी है। पिछले साल भोपाल 5वें स्थान पर था, इस बार उसके दूसरे स्थान पर आने की संभावना है। स्वच्छता में सुधार, डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और जीआईएस के चलते मजबूत दावा। GIS के दौरान किए गए 100 करोड़ से अधिक के कार्यों का लाभ मिल सकता है। ऐसे समझिए पूरी खबर     MP के 8 शहरों को स्वच्छता अवॉर्ड मिलेंगे सबसे ज्यादा किसी राज्य से।     राष्ट्रपति मुर्मू नई दिल्ली में देंगी अवॉर्ड, प्रमुख नेता भी रहेंगे मौजूद।     इंदौर सुपर लीग में नंबर-1 की दौड़ में सबसे आगे।     भोपाल टॉप-3 में, दूसरी रैंक मिलने की पूरी उम्मीद।     कचरा मुक्त शहरों की रेटिंग और ODF++/Water+ नतीजे भी आज घोषित होंगे। स्वच्छता अवार्ड में इस बार नया क्या 2023 में मध्यप्रदेश को कुल 18 अवॉर्ड मिले थे। इस बार राज्य को 20 पुरस्कार तक मिलने की … Read more

इंदौर का क्लीननेस रिकॉर्ड कायम! इंदौर फिर सबसे ऊपर? दिल्ली में आज 17 जुलाई को परिणाम का खुलासा

इंदौर स्वच्छ भारत सर्वेक्षण की रैंकिंग आज गुरुवार को जारी होगी। दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू की मौजूदगी में स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को पुरस्कार मिलेंगे। जनसंख्या के हिसाब से शहरोंं को अलग-अलग श्रेणियों में रखा गया है। इस बार इंदौर सहित अन्य 12 शहरों की स्वच्छता का पैमाना अलग रहेगा। उनका आंकलन भी अलग रहा। लगातार तीन वर्षों तक रैंकिंग में टाॅप रहे शहरों की केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने अलग केटेगरी बनाई है। इन शहरों को प्रीमियर लीग में रखा गया है। सात साल से लगातार देश में स्वच्छता का ताज बरकार रखने वाले इंदौर का दावा इस बार मजबूत है, लेकिन सूरत की तरफ से कड़ी टक्कर इंदौर को मिल रही है। सूरत ने पिछले साल भी इंदौर के साथ स्वच्छता का पुरस्कार साझा किया था। सफाई में इस बार स्वच्छता की अलग-अलग श्रेणियां रखी गई है। लीग में जो शहर पहले स्थान पर होगा, उसे स्वच्छता लीग पुरस्कार दिया जाएगा,जबकि लीग से बाहर के शहरों के पुरस्कारों की घोषणा अलग से रैंकिंग के आधार पर होगी। इस रैंकिंग में गुजरात का अहमदाबाद शहर पहले स्थान पर हो सकता है। दूसरे नंबर पर भोपाल शहर है। विजेता शहरों को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इंदौर से अफसर रवाना हो गए है।   चार हजार से अधिक शहरों की रैंकिंग स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में 4 हजार 700 शहर शामिल है। इन शहरों को 12 हजार 500 में से अंक दिए जाएंगे। कचरा प्रबंधन, निपटान, पब्लिक फीडबैक, कचरा संग्रहण सहित अन्य केटेगरी में अलग-अलग नंबर दिए जाएंगे। इंदौर का दावा इसलिए मजबूत इंदौर में सड़कों की सफाई, कचरा कलेक्शन और कचरा निपटना का सिस्टम सबसे मजबूत है। इंदौर के लोग भी सफाई को लेकर सजग है। कचरा सड़कों पर नहीं फेंकते है। दूसरे शहरों में यह सिस्टम नियमित तौर पर काम नहीं कर पा रहा है। सूरत ने पिछले साल डोर डू डोर कचरा संग्रहण पर काफी काम किया था और उसमे समान नंबर आने के कारण रैंकिंग में इंदौर के समान नंबर पाए थे। स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में भोपाल देश के सबसे साफ शहरों में टॉप-3 पर स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में स्वच्छ शहरों के मामले राजधानी भोपाल ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है. भोपाल की रैंकिंग में सुधार करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया. देश के दूसरे क्लीनेस्ट सिटी में शुमार हुए भोपाल में अब जश्न की तैयारी है. भोपाल नगर निगम ने जनप्रतिनिधि स्वच्छता मित्रों और जनता के साथ जश्न मनाएंगी. स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में भोपाल देश के सबसे साफ शहरों में टॉप-3 पर है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू पुरस्कार देगी। निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने बताया, भोपाल ने 3 पायदान छलांग लगाई है और देश में दूसरे नंबर पर आया है स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में राजधानी भोपाल ने पिछले साल की तुलना में तीन पायदान की छलांग लगाते हुए भारत के दूसरे क्लीनेस्ट सिटी का तमगा हासिल किया है.अहमदाबाद अव्वल आया है, जबकि लखनऊ ने 44वें पायदान से बड़ी छलांग लगाकर तीसरे स्थान पर पहुंच गई है. 17 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में होगा स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 अवॉर्ड वितरण कार्यक्रम गौरतलब है 17 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 अवॉर्ड वितरण कार्यक्रम में होगा. अवॉर्ड समारोह में शामिल होने के लिए भोपाल मेयर और कमिश्नर आज नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे, जहां आधिकारिक रूप से स्वच्छ शहर के विजेताओं की घोषणा भी होगी, इसके बाद अवॉर्ड दिए जाएंगे. अवॉर्ड लेने नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे भोपाल नगर निगम मेयर और कमिश्नर रिपोर्ट के मुताबिक देश के स्वच्छ सिटी में दूसरा स्थान का अवॉर्ड पाने के लिए भोपाल नगर निगम मेयर और निगम कमिश्नर आज नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे और 17 जुलाई यानी कल राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों अवॉर्ड ग्रहण करेंगे.निगम शुक्रवार को भोपाल में जनप्रतिनिधि स्वच्छता मित्रों और जनता के साथ जश्न मनाने की तैयारी कर रही है. राष्ट्रपति 17 जुलाई को सुपर लीग श्रेणी में इंदौर को अवॉर्ड देंगी. यह अवॉर्ड इंदौर को 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मिलेगा. 3 से 10 लाख तक की जनसंख्या में उज्जैन और 20 हजार से अधिक जनसंख्या वाले में सीहोर जिले की बुदनी को यह अवॉर्ड मिलेगा. इधर, पुरस्कार लेने के लिए मेयर मालती राय और निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण बुधवार को दिल्ली के रवाना होंगे। 17 जुलाई को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में एक आयोजन होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू करेंगी। सबसे स्वच्छ राजधानी का तमगा मिलने की उम्मीद स्वच्छ सर्वेक्षण में इस बार भी मध्यप्रदेश के शहर बाजी मारेंगे। राजधानी भोपाल देश के सबसे स्वच्छ शहरों में दूसरे नंबर पर रहेगा। साथ ही सबसे स्वच्छ राजधानी का तमगा भी फिर मिलने की उम्मीद है। पिछली बार पांचवें नंबर पर था भोपाल पिछले सर्वे में भोपाल 5वें नंबर पर था। कचरे की प्रोसेसिंग में सुधार व डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था को और पुख्ता कर भोपाल ने दावा मजबूत किया है। वहीं, फरवरी में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) की वजह से भी भोपाल को फायदा मिलेगा। जीआईएस के चलते राजधानी में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के काम शहर में हुए हैं। इसमें स्वच्छता से जुड़े काम भी शामिल थे। इसी दौरान स्वच्छता सर्वेक्षण टीमें भी भोपाल पहुंची थी। इसलिए दावा मजबूत है। स्वच्छ सर्वेक्षण में भोपाल का अब तक का सफर स्वच्छ सर्वेक्षण में भोपाल ने 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरी रैंक हासिल की थी। 2019 में भोपाल खिसककर 19वें नंबर पर आ गया था। उस समय अफसरों के लगातार तबादले के कारण तैयारियों की दिशा ही तय नहीं हो पाई थी, लेकिन 2020 में कम बैक करते हुए 12 पायदान ऊपर खिसका और 7वीं रैंक हासिल की। 2021 के सर्वेक्षण में भी भोपाल ने 7वां स्थान हासिल किया था। 2022 के सर्वेक्षण में भोपाल की रैंक सुधरी और यह छठवें स्थान पर आ गया। वहीं, भोपाल को 5 स्टार मिला। 2023 के सर्वेक्षण में पांचवीं रैंकिंग रही थी। इस बार यह टॉप-3 में हो सकती है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में इस बार प्रदेश के कुल 8 शहर सम्मानित किया गया हैं … Read more

स्वच्छता की जंग में इंदौर की सातवीं परीक्षा, सूरत-नवी मुंबई समेत 12 शहरों से टक्कर

 इंदौर  स्वच्छत भारत रैंकिंग के परिणाम इस माह 17 जुलाई को आ रहे हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू की मौजूदगी में स्वच्छता की रैंकिंग की घोषणा की जाएगी। सात साल से लगातार देश में स्वच्छता में सरताज बने इंदौर का दावा इस बार भी मजबूत है, लेकिन सूरत की तरफ से कड़ी टक्कर इंदौर को मिल रही है। इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण भी देरी से हुआ। इस कारण परिणाम भी देरी से आ रहे है। विजेता शहरों को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। इस आयोजन में शामिल होने प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के मेयर पुष्य मित्र भार्गव और अन्य अधिकारी जाएंगे। कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू होगा। इंदौर को पिछली बार संयुक्त रूप से सूरत के साथ अवार्ड मिला था। इस बार सूरत की भी कोशिश है कि वह अकेला स्वच्छता की पहली रैंकिंग पाए। सूरत ने कचरे से कमाई के मामले में बेहतर काम किया है। इंदौर में भी सीएनजी गैस का प्लांट लगाया गया, लेकिन वह ठीक से काम नहीं कर पा रहा है। डोर टू डोर कलेक्शन इंदौर की सबसे बड़ी ताकत स्वच्छता के लिए घर-घर कचरा संग्रहण इंदौर की सबसे बड़ी ताकत है। ज्यादातर शहर इसे मजबूत नहीं कर पाए है। इंदौर में कचर पेटियां ही नहीं है। शत-प्रतिशत कचरा घरों से निकल कर सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक जाता है। 12 शहर स्वच्छता लीग में शामिल पिछले साल सूरत ने 30 वार्डों को अलग-अलग जनप्रतिनिधियों को गोद दिया था और वहां घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था मजबूत की थी। इंदौर के साथ 12 शहर स्वच्छता लीग में शामिल है। इनमें सूरत, नवी मुबंई, चंडीगढ़, नोएडा, तिरुपति, अंबिकापुर, नई दिल्ली जैसे शहर शामिल हैं। आंकलन के लिए 28 बिन्दू तय केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने इस बार इन शहरों की स्वच्छता आंकने के लिए 28 बिन्दू तय किए गए थे। स्वच्छता के अलावा कचरे का निपटान, कचरे का फिर से उपयोग, नदी-नालों की सफाई सहित अन्य बिन्दू के हिसाब से नंबर मिले। पब्लिक फीडबैक के अंक भी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।