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सर्वोदय विद्यालयों व छात्रावासों में शुरू हुआ श्रमदान अभियान

अनुशासन, सहयोग और जिम्मेदारी की सीख देंगे श्रमदान कार्यक्रम सदनवार जिम्मेदारी से बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा और स्वच्छता की ललक बागवानी से विद्यालयों में खिलेगी हरियाली और पर्यावरण चेतना डिजिटल मॉनिटरिंग के लिए QR कोड से अपलोड होंगी तस्वीरें लखनऊ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को नई गति देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक और अभिनव कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के निर्देश पर प्रदेश के सभी जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों और राजकीय छात्रावासों में प्रत्येक रविवार श्रमदान कार्यक्रम शुरू हो गया है। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों में अनुशासन, सहयोग और श्रम के प्रति सम्मान की भावना विकसित करना है। परिसर की साफ-सफाई और मरम्मत कार्य श्रमदान कार्यक्रम के तहत प्रत्येक रविवार को विद्यालय और छात्रावास परिसर की साफ-सफाई की जाएगी। टूटी हुई कुर्सियाँ, मेज और अन्य फर्नीचर की मरम्मत, पानी की टंकियों व नालियों की सफाई तथा कचरा निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आवश्यक उपकरण—झाड़ू, फावड़े, बाल्टी, तसला और कूड़ेदान—की व्यवस्था पहले से कर दी गई है। बागवानी से हरियाली को बढ़ावा बागवानी पर जोर देते हुए पेड़-पौधों की निराई-गुड़ाई, नए पौधों का रोपण और सूखे पत्तों व टहनियों से खाद बनाने का कार्य भी किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण की भावना मजबूत होगी। सदनवार जिम्मेदारी और डिजिटल मॉनिटरिंग विद्यालयों को सदनों में बाँटकर श्रमदान की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इससे विद्यार्थियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जागेगी और परिसर को सुंदर बनाने की प्रेरणा मिलेगी। श्रमदान कार्य की पहले और बाद की तस्वीरें निर्धारित प्रारूप में QR कोड के माध्यम से अपलोड की जाएंगी, जिससे निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।  

स्वच्छ भारत मिशन की मीटिंग में गूंजा फरमान, कैथल के वाइस चेयरमैन बोले- लापरवाह अधिकारियों का दो वीडियो

कैथल  कैथल में आज एक स्वच्छता अभियान को लेकर अहम बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती और स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने अधिकारियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया।  इस बैठक का उद्देश्य था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराना। लेकिन, इस महत्वपूर्ण वर्कशॉप में मौजूद अधिकारियों की उदासीनता ने सबको हैरान कर दिया। ज्यादातर अधिकारी स्वच्छता पर चर्चा के बजाय अपने मोबाइल फोनों में व्यस्त दिखे। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो उन्हें इस अभियान से कोई सरोकार ही नहीं है।  पत्रकारों से बातचीत में सुभाष चंद्र ने जोश के साथ कहा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना के पूरे भारत को स्वच्छ बनाना है इसी तरह हरियाणा के मुख्यमंत्री भी पूरे हरियाणा को स्वच्छ बनाने पर जोर दे रहे हैं और हम उनके प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं, "हमें पूरे भारत को स्वच्छ बनाना है। स्वच्छ भारत ही रोगमुक्त भारत की नींव है। इसके लिए हम अधिकारियों को जागरूक कर रहे हैं।" लेकिन जब पत्रकारों ने उनसे अधिकारियों की लापरवाही और मोबाइल में व्यस्त रहने का सवाल उठाया, तो सुभाष चंद्र ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "अगर आपके पास ऐसा कोई तथ्य या वीडियो है, तो हमें उपलब्ध कराएं। हम ऐसे गैर-जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। "यह घटना न केवल स्वच्छ भारत मिशन के प्रति अधिकारियों की गंभीरता पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि क्या इस तरह की उदासीनता के साथ स्वच्छ भारत का सपना सचमुच पूरा हो पाएगा?