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सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी, हथकरघा तथा वस्त्र मंत्री बोलेः ‘वोकल फॉर लोकल’ का मूलमंत्र पहल के माध्यम से होगा साकार

छोटे उद्यमियों, हस्तशिल्पियों व कारीगरों के चेहरों पर प्रसन्नता लाने का माध्यम बनेगा स्वदेशी मेलाः राकेश सचान -सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी, हथकरघा तथा वस्त्र मंत्री बोलेः 'वोकल फॉर लोकल' का मूलमंत्र पहल के माध्यम से होगा साकार -'विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश' तथा 'आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' की परिकल्पना को साकार करने का माध्यम बनेगा प्रदेशव्यापी स्वदेशी मेलाः राकेश सचान -यूपीआईटीएस की सफलता से प्रेरित होकर अब जिला स्तर पर भी कारीगरों, उद्यमियों व हस्तशिल्पियों को उपलब्ध कराया जा रहा है मंच  -9 से 19 अक्टूबर के मध्य प्रदेश के सभी जिलों में हाई फुटफॉल वाले क्षेत्रों में स्वदेशी मेले का होगा आयोजन, दीपावली पर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का  भी किया आह्वान लखनऊ उत्तर प्रदेश को 'विकसित व आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' बनाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) के तृतीय संस्करण के सफल आयोजन के उपरांत अब एक और अभिनव प्रयास करने जा रही है। प्रदेश के 75 जिलों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), खादी, हथकरघा व हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने और जिला स्तर पर उन्हें बड़ा मंच उपलब्ध कराने की दिशा में योगी सरकार 9 से 19 अक्टूबर के मध्य स्वदेशी मेलों का आयोजन कराने जा रही है। बुधवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी, हथकरघा तथा वस्त्र मंत्री राकेश सचान ने प्रेसवार्ता के माध्यम से इस विषय में जानकारी देते हुए दीपावली के शुभ अवसर पर लोगों से इन मेलों में आने और स्थानीय उत्पादों को खरीदकर 'वोकल फॉर लोकल' की परिकल्पना को साकार करने की अपील भी की।            उन्होंने कहा कि सीएम योगी की मंशा अनुरूप प्रदेशव्यापी स्वदेशी मेला के आयोजन के जरिए एक बड़ा मंच उपलब्ध कराया जा रहा है, जो दीपावली पर्व के अवसर पर छोटे उद्यमियों, हस्तशिल्पियों व कारीगरों के चेहरों पर प्रसन्नता व घरों में खुशहाली लाने का माध्यम बनेगा।   अधिक फुटफॉल वाले क्षेत्रों में होगा मेले का आयोजन यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन देश में केवल उत्तर प्रदेश में ही होता है। इसी तर्ज पर इस बार स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अब प्रदेशव्यापी स्वदेशी मेलों के आयोजन की शुरुआत की जा रही है। राकेश सचान ने कहा कि जैसे यूपीआईटीएस के संस्करणों ने प्रदेश के उद्यमियों, कारीगरों व शिल्पियों के उत्पादों को देशी- विदेशी मंच मिला, ठीक उसी तर्ज पर अब जिलों में भी अवसर उप्लब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रदेश के सभी जिलों में अधिक फुटफॉल वाले क्षेत्रों में इन मेलों का आयोजन होगा जो कि टेंट आदि लगाकर किया जाएगा। इन आयोजन में गांवों से आने वाले छोटे कारीगरों को अपने उत्पाद लाने के लिए किराया व हर प्रकार की मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन भी उन्होंने दिया।   यूपीआईटीएस से ली प्रेरणा, जिलों में उत्पाद बेचने का साबित होगा उत्तम मंच सचान ने बताया कि 25 सितंबर से 29 सितंबर के मध्य ग्रेटर नोएडा में आयोजित हुए उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) के तृतीय संस्करण ने अपार सफलता प्राप्त की है। आयोजन में 2200 से अधिक स्टॉलों का संचालन हुआ। 80 से अधिक देशों के 500 से अधिक क्रेताओं ने इसमें रुचि दर्शायी। इस पांच दिनी कार्यक्रम में 5 लाख से अधिक फुटफॉल हुआ तथा 12500 करोड़ के व्यवसायिक पूछताछ भी हुई। इसी सफलता को ध्यान में रखते हुए अब जीएसटी सुधारों व स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 9 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के मध्य 75 जनपदों में स्वदेशी मेले का आयोजन किया जा रहा है। स्वदेशी मेले के जरिए जिला स्तर पर उद्यमियों, कारीगरों व हस्तशिल्पियों को अपने उत्पाद बेचने का उत्तम मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेलों में सांस्कृतिक विभाग व संस्थाओं के माध्यम से तमाम प्रकार की कलाओं का भी प्रदर्शन होगा। इन कार्यक्रमों के उद्घाटन के लिए प्रभारी मंत्री, विधायक व अध्यक्षों को सूचित कर दिया गया है। उनके अनुसार, प्रदेश में 9 अक्टूबर से अधिकतर क्षेत्रों में  मेलों का आयोजन शुरू होगा जो कि 18 तक चलेगा। वहीं, जिन क्षेत्रों में 10 अक्टूबर को मेले का शुभारंभ होगा वहां 19 अक्टूबर को समापन होगा। उन्होंने जानकारी दी कि 10 अक्टूबर को गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ मेले का शुभारंभ कर सकते हैं। वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने का बड़ा माध्यम साबित होगा प्रयास राकेश सचान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जीएसटी की घटी दरों के रूप में दीपावली के पहले जो उपहार देश को दिया गया इसी के अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश को बढ़ावा देने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। इसी कड़ी में प्रदेशव्यापी स्वदेशी मेला का आयोजन मील का पत्थर साबित होगा। वर्तमान में वैश्विक आर्थिक परिवेश के अनुरूप उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने की दिशा में हस्तशिल्पी, उद्यमी और कारीगरों को बड़ा संबल मिलेगा। मेले में उद्यमियों को निःशुल्क दुकाने लगाने के लिए स्थान दिया जाएगा तथा हर प्रकार की मदद की जाएगी। छोटे उद्यमियों व कारीगरों की आर्थिक सहायता भी एमएसएमई विभाग के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा 75 जनपदों में मेले के आयोजन के लिए आदेश जारी किया गया है तथा पहली बार जनपद स्तर पर इस प्रकार के मेले का आयोजन किया जा रहा है। प्रक्रिया के अंतर्गत, लखनऊ में स्वदेशी मेला का आयोजन यूनिवर्सिटी कैंपस में होगा।  96 लाख इकाइयों के उत्पादों के जिले स्तर पर प्रदर्शन का मार्ग होगा सुनिश्चित राकेश सचान के अनुसार, यह पहल आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश तथा विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में सफल होगी जिसमें एमएसएमई की 96 लाख इकाइयों का जिले स्तर पर प्रदर्शन का मार्ग सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि हमें अपने स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्पियों व कारीगरों को प्रोत्साहित करना है। ऐसे में, मेले के माध्यम से दीपावली के पूर्व होने वाली खरीदारी में लोग आएं और माटीकला बोर्ड द्वारा तैयार किए गए दीये व कलाकृतियों, सीएम युवा मुहिम के अंतर्गत झालर आदि बनाने वाले कलाकारों, विश्वकर्मा श्रम सम्मान के माध्यम से ओडीओपी के हस्तशिल्पी कारीगर, खादी ग्रामोद्योग से जुड़े जो लोग हैं इनके उत्पाद अगर प्रदेशवासी खरीदेंगे तो गांवों के कारीगर लाभान्वित होंगे। यह आपके घरों में समृद्धि तो लाएगी ही विदेशी उत्पादों पर … Read more

यूपीआईटीएस में सौर ऊर्जा से चलने वाला आधुनिक UAV बना आकर्षण

यूपीआईटीएस 2025 आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को योगी सरकार दे रही नया आयाम पूरी तरह इलेक्ट्रिक और अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह ड्रोन कई मायनों में है खास इसकी ऊंचाई क्षमता 5 किलोमीटर है और यह एक बार उड़ान भरने पर लगातार 12 घंटे तक आसमान में रह सकता है यह UAV लगभग 200 मीटर लंबे रनवे से आसानी से उड़ान भर सकता है पायलट समेत केवल दो लोगों की टीम इसे नियंत्रित कर सकती है इसका सेटअप सिर्फ 30 मिनट में तैयार हो जाता है ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) में इस बार सौर ऊर्जा से संचालित हाई-एंड्यूरेंस UAV (Unmanned Aerial Vehicle) लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पूरी तरह इलेक्ट्रिक और अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह ड्रोन कई मायनों में खास है। इसकी ऊंचाई क्षमता 5 किलोमीटर तक है और यह एक बार उड़ान भरने पर लगातार 12 घंटे तक आसमान में रह सकता है। निर्माताओं ने बताया कि यह UAV लगभग 200 मीटर लंबे रनवे से आसानी से उड़ान भर सकता है। इसका संचालन बेहद सरल है और केवल दो लोगों की टीम, जिसमें एक पायलट शामिल होता है, इसे नियंत्रित कर सकती है। विशेष बात यह है कि इसका सेटअप सिर्फ 30 मिनट में तैयार हो जाता है। योगी सरकार का विज़न, नवाचार और सुरक्षा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार राज्य को रक्षा उत्पादन और स्टार्टअप हब बनाने के प्रयास कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिला है। यह UAV इन्हीं प्रयासों का प्रतीक है, जिसमें लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है। यूपीआईटीएस में यह प्रदर्शनी योगी सरकार की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की प्रतिबद्धता को भी मजबूत करती है। विशेष तकनीक "Auxiron" से किया गया विकसित कंपनी ने इस UAV में एक अनोखी तकनीक “Auxiron” विकसित की है, जो पंखों को झुकाकर सूर्य की किरणों को कैच करती है। इससे सोलर पैनल से अधिकतम ऊर्जा उत्पन्न होती है और UAV की उड़ान अवधि कई गुना बढ़ जाती है। Auxiron न केवल एयरोडायनमिक ड्रैग को कम करता है, बल्कि विमान को बिना स्लिपिंग के सीधी उड़ान भरने में भी मदद करता है। इस पेटेंटेड तकनीक के चलते UAV दिन में आठ घंटे अतिरिक्त और रात में चार घंटे बैटरी बैकअप के साथ उड़ सकता है। रक्षा और नागरिक उपयोग यह UAV खासकर इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉन्नसेंस (ISR) मिशनों के लिए आदर्श है। कंपनी के मुताबिक इसके कई डिफेंस और सिविलियन उपयोग हैं: ▪️सीमा क्षेत्रों में निगरानी और दुश्मन की गतिविधियों पर नजर ▪️पाइपलाइन और पावरलाइन निरीक्षण ▪️खोज एवं बचाव अभियान (Search & Rescue) ▪️आपदा प्रबंधन और राहत कार्य ▪️सटीक कृषि और पर्यावरण मॉनिटरिंग भविष्य की योजनाएं कंपनी का कहना है कि जून-जुलाई 2025 से हाई-एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (HALE) UAV प्रोग्राम पर भी काम शुरू होगा। इसे "प्स्यूडो सैटेलाइट" कहा जा रहा है, जो लंबे समय तक ऊंचाई पर रहकर बार्डर मॉनिटरिंग, शुरुआती चेतावनी और संचार नेटवर्क जैसे कार्यों में क्रांति ला सकता है। यूपीआईटीएस-2025 में इस UAV के स्टॉल पर बड़ी संख्या में लोग और डिफेंस सेक्टर से जुड़े प्रतिनिधि पहुंचे और इसकी तकनीकी खूबियों को करीब से समझा। वो कहते हैं कि यह कहना गलत नहीं होगा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अब डिफेंस और ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में नई उड़ान भर रहा है।