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यमुना का पानी बढ़ा, दिल्ली के 8 इलाके जलमग्न – रिंग रोड और NH-154A पर रोक

नई दिल्ली दिल्‍ली-एनसीआर में गुरुवार 4 सितंबर 2025 को झमाझम बारिश हुई है. खासकर राष्‍ट्रीय राजधानी के संगम विहार, कालकाजी समेत महानगर के कई हिस्‍सों में बारिश हुई है. दिल्‍ली के सोनिया विहार इलाके में जमीन धंसने की घटना समने आई है. ऊपरी इलाकों में लगातार बारिश की वजह से यमुना का जलस्‍तर खतरे के निशान को पार कर गया है. कई इलाकों में पानी भर गया है. सैकड़ों की संख्‍या में लोगों को सुरक्षित जगहों पर आश्रय लेना पड़ा है. हथिनी बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से हालात और भी बिगड़ रहे हैं. पंजाब और जम्‍मू-कश्‍मीर में भी बाढ़ से स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है. पंजाब का हर जिला बाढ़ से प्रभावित है, जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने पूरे राज्‍य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कई राज्‍यों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. जम्‍मू-कश्‍मीर में मूसलाधार बारिश, बाढ़, लैंडस्‍लाइड और फ्लैश फ्लड के चलते हालात बेहद गंभीर हो गया है. पंपोर में बारिश से हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि राहत-बचाव के लिए सेना को उतरना पड़ा है. झेलम नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके कारण बाढ़ का पानी लगातार नए इलाकों में घुस रहा है. इस वजह से आमलोगों की परेशानियां काफी बढ़ गई हैं. लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के साथ ही आर्मी के जवान झेलम के पानी को रोकने का प्रयास भी कर रहे हैं, ताकि हालात बिगड़े नहीं. राजस्‍थान में मूसलाधार बारिश से हालात खराब राजस्थान में जयपुर समेत कई जिले में भारी बारिश से हालात खराब है. जयपुर के पास कोटखावदा गांव भी सड़कों के दरिया बनने से टापू बन गया है. गांव के कई इलाके पानी में डूबे हैं. इस गांव की आस पास के छोटे गांव यानी ढाणियों के टापू बनने से ग्रामीण संकट में फंसे है. पानी की निकासी की कोशिश जारी है, इसके बावजूद संकट बना हुआ है. कोट खावदा गांव टापू में तब्‍दील हो गया है. कोट खावदा गांव की संपर्क सड़क पूरी तरह पानी में डूब गई है. प्रभावित पीड़ितों को ट्रैक्टरों की मदद से बाहर निकाला जा रहा है. पंजाब सरकार ने आवंटित किया करोड़ों का फंड पंजाब सरकार ने आपदा की स्थिति से निपटने के लिए कुल 71 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है. सभी जिलों को पहले ही 35.50 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं. वित्त आयुक्त (माल) ने बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित 12 जिलों को 35.50 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड जारी किए. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा कि वह प्रदेशवासियों के नुकसान की भरपाई के लिए वचनबद्ध है और उसके लिए प्रयास करेगी.  चंबा में आपदा के बाद राहत कार्य तेज़, भरमौर एनएच की बहाली में जुटा प्रशासन आज का मौसम लाइव: हाल ही में हुई मूसलधार बारिश के चलते चंबा ज़िले की अधिकांश सड़कों पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है. खासकर चंबा से भरमौर को जोड़ने वाला राष्ट्रीय उच्च मार्ग 154-A बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है. इस आपदा के चलते जहां मणिमहेश यात्रा के अधिकतर श्रद्धालु सुरक्षित रूप से अपने घरों को लौट चुके हैं, वहीं कुछ यात्री अब भी फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने के लिए सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर सेवाएं चलाई जा रही हैं. प्रशासन ने राहत और पुनर्बहाली कार्यों में तेजी लाने के लिए विशेष प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसी कड़ी में बिलासपुर से एससी वर्ग के वरिष्ठ अधिकारी जीत सिंह ठाकुर को विशेष रूप से चंबा भेजा गया है. उन्हें इस मार्ग की बहाली की जिम्मेदारी सौंपी गई है और वे दिन-रात मौके पर निगरानी रख रहे हैं.  

उफान पर यमुना: खतरे का निशान पार, दिल्ली में चारों ओर पानी ही पानी

नई दिल्ली दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। लोहा पुल से लिए गए ड्रोन वीडियो में नदी का सैलाब साफ नजर आ रहा है, मानो पूरा शहर समुद्र में डूबने को तैयार हो। बारिश और हरियाणा के वजीराबाद और हथनीकुंड बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। अधिकारियों ने निचले इलाकों को खाली करा लिया है, जहां जलभराव की स्थिति बन गई है। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है, लेकिन अगर जलस्तर और बढ़ा तो बाढ़ का खतरा और गहरा सकता है। नोएडा-गाजियाबाद में भी यमुना का कहर नोएडा और गाजियाबाद के कई गांवों में भी यमुना का पानी पहुंच गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। यमुना के किनारे स्थित गाजियाबाद के कुछ गांव जलमग्न हो गए हैं, जबकि नोएडा के डूब क्षेत्र में बने कई फार्म हाउस तक यमुना का पानी पहुंच चुका है। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। बचाव टीमें अलर्ट पर हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान (205.33 मीटर) को पार कर 205.50 मीटर तक पहुंच गया है। पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में भी बारिश जारी रहने की संभावना है, जिससे यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है। हालांकि सरकार का कहना है कि वो हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। 2023 की बाढ़ की याद यमुना नदी का यह उफान दिल्ली के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। 2023 में नदी का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था, जो अब तक का अधिकतम स्तर था। इस बार भी अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।