बेंगलुरु
देश का बड़ा औद्योगिक शहर बेंगलुरु किलोमीटरों तक लगने वाले जाम के चलते चर्चा में रहा है। शहर का जनजीवन भी इस जाम की समस्या से प्रभावित हुआ है और अब इससे निपटने के लिए बेंगलुरु बिजनेस कॉरिडोर बनाने की तैयारी है। इस 117 किलोमीटर के कॉरिडोर से टेक सिटी को जाम मुक्त करने का प्लान है। यह दिल्ली के रिंग रोड जैसा होगा, जो पूरे बेंगलुरु को बाहर से होते हुए ही कनेक्ट करेगा। कर्नाटक कैबिनेट की ओर से इसकी मंजूरी मिल गई है। इस प्रोजेक्ट को बेंगलुरु डिवेलपमेंट अथॉरिटी की ओर से पूरा किया जाएगा और इसकी टाइमलाइन दो साल की रखी गई है।
इस प्रोजेक्ट का ऐलान करते हुए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का कहना है कि बेंगलुरु का जाम खत्म करने की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम होगा। उन्होंने कहा, 'बेंगलुरु चोक हो रहा है। हम चाहते हैं कि ट्रैफिक की समस्या कम हो। मैं जानता हूं कि इस प्रोजेक्ट से 1900 परिवार प्रभावित होंगे। लेकिन सरकार उन्हें उम्मीद से बढ़कर मुआवजा देगी। हमारा यह फैसला कर्नाटक सरकार की ओर से लिए गए सबसे बड़े निर्णयों में से एक है।' शिवकुमार ने कहा कि यह कॉरिडोर बन जाएगा तो बेंगलुरु का 40 पर्सेंट ट्रैफिक कम हो जाएगा। इससे हाइवेज और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की ओर गुजरने वाले बड़े वाहन शहर के बाहरी इलाके से ही निकल जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यदि कुछ जमीन मालिकों ने भूमि देने से इनकार किया तो हम अदालत में मुआवजा जमा करेंगे और काम को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु के विकास के लिए अहम इस परियोजना को हम किसी भी कीमत पर नहीं रोकेंगे। इस प्रोजेक्ट में 10000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस परियोजना के लिए अधिग्रहित होने वाली जमीन के लिए सरकार ने किसानों को 5 विकल्प दिए हैं। इसके तहत किसानों को विकसित भूमि भी मिलेगी। यदि वे चाहेंगे तो उन्हें रिहायशी और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स में भी जगह दी जाएगी। कर्नाटक सरकार का मानना है कि यह परियोजना बेंगलुरु के विकास के लिए गेमचेंजर होगी।