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सदी पुरानी लाइसेंसी बंदूक की दुकान में गिरफ्तार तीन आरोपी, अवैध हथियारों का हुआ खुलासा

कोलकाता
बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शुक्रवार को सौ साल पुरानी लाइसेंसी बंदूक की दुकान एनसी डाव एंड कंपनी के तीन मालिकों को अवैध हथियारों की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

जानकारी के मुताबिक,  उत्तर 24 परगना जिले के रहारा के रीजेंट पार्क इलाके की एक बहुमंजिला इमारत से 4 अगस्त को 15 आग्नेयास्त्रों, 1,000 कारतूस और भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। इसके बाद अबीर डाव, सुबीर डाव और सुब्रत डाव और इमारत में रहने वाला मधुसूदन मुखर्जी उर्फ लिटन  को गिरफ्तार किया गया है। खरदाह इलाके में हथियारों की कथित जब्ती के बाद पुलिस मुंगेर के एक हथियार विक्रेता तक पहुंची। विक्रेता ने पूछताछ में मुखर्जी का नाम लिया था।

इससे पहले फरवरी में  दक्षिण 24 परगना में मिले गोला-बारूद बरामदगी के एक मामले में दुकान के दो कर्मचारियों- जयंत दत्ता और शांतनु सरकार को गिरफ्तार किया गया था। कोलकाता पुलिस मुख्‍यालय से  100 मीटर के दायरे में स्थित दुकान की फरवरी में तलाशी ली गई थी और सील कर दिया गया था।

बैरकपुर कमिश्नरेट के खुफिया विभाग और स्थानीय पुलिस ने मधुसूदन मुखर्जी उर्फ लिटन के आवास पर छापा मारा था। शुरुआती जांच से पता चला कि मुखर्जी ने पुरुलिया से कुछ हथियार मंगवाए थे और उनको बेचने के इरादे से हथियार और कारतूस जमा कर रहा था।

लाइसेंसी बंदूक की दुकान में बेचे जा रहे थे अवैध हथियार
इस बरामदगी के बाद एसटीएफ ने मामले को अपने हाथ में ले लिया। टास्क फोर्स को पता चला कि उक्त लाइसेंसी बंदूक की दुकान अवैध हथियारों के व्यापार में पूरी तरह से शामिल है। एक एसटीएफ अधिकारी ने कहा कि दुकान के स्‍टॉक रजिस्टरों की जांच हथियारों और गोला-बारूद की खरीद और बिक्री में कई गंभीर विसंगतियां मिली।

चार आरोपियों को फरवरी में किया था गिरफ्तार
फरवरी के मामले में दक्षिण 24 परगना जिले के जिवनतल्ला में रहने वाले एक व्यापारी हाजी राशिद मोल्ला के घर पर छापा मारा गया। टीम को वहां से  भारतीय आयुध कारखाने द्वारा निर्मित 7.65 मिमी पिस्तौल के 190 राउंड कारतूस, एक 12 बोर की बंदूक और हथियार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नौ खोखे बरामद किए गए। दत्ता और सरकार के अलावा मोल्ला और तीन अन्य को गिरफ्तार किया गया था।

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