samacharsecretary.com

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा लौटेगा? सुप्रीम कोर्ट में 8 अगस्त को हो सकती है बड़ी बहस

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट 8 अगस्त (शुक्रवार) को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के निर्देश देने की मांग की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने इस याचिका को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) वीआर गवई के समक्ष उठाया और आग्रह किया कि इसे निर्धारित तिथि (8 अगस्त) की सूची से हटाया न जाए। न्यायमूर्ति गवई ने यह अनुरोध स्वीकार कर लिया। यह मामला अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण से संबंधित है, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था।

यह याचिका उस पुराने केस से जुड़ी एक मिक्स्ड एप्लिकेशन के रूप में दायर की गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 में अपने ऐतिहासिक फैसले में अनुच्छेद 370 को हटाने को वैध ठहराया था। हालांकि, उस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की संवैधानिक वैधता पर कोई टिप्पणी नहीं की थी, क्योंकि सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि राज्य का दर्जा "शीघ्र" बहाल किया जाएगा। कोर्ट ने उस समय कहा था- “राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए” लेकिन कोई ठोस समयसीमा तय नहीं की गई थी।

ताजा याचिका कॉलेज शिक्षक जाहूर अहमद भट और सामाजिक कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक द्वारा दायर की गई है। यह याचिका एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड इजाज मकबूल के माध्यम से दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आए लगभग 11 महीने बीत चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जबकि क्षेत्र में विधानसभा चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो चुके हैं। इधर सोमवार को हुई उच्चस्तरीय बैठकों से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि केंद्र सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया जल्द शुरू कर सकती है। रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच हुई अलग-अलग मुलाकातों और मंगलवार सुबह एनडीए सांसदों की बैठक ने इन अटकलों को और हवा दी है।

सोमवार को संसद भवन परिसर में हुई एक और अहम बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी प्रमुख तपन कुमार डेका और गृह सचिव गोविंद मोहन शामिल हुए। हालांकि इस बैठक से जुड़ी कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है। अब निगाहें 8 अगस्त की सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह स्पष्ट हो सकता है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने के लिए क्या रोडमैप तय करती है।

 

Leave a Comment

हम भारत के लोग
"हम भारत के लोग" यह वाक्यांश भारत के संविधान की प्रस्तावना का पहला वाक्य है, जो यह दर्शाता है कि संविधान भारत के लोगों द्वारा बनाया गया है और उनकी शक्ति का स्रोत है. यह वाक्यांश भारत की संप्रभुता, लोकतंत्र और लोगों की भूमिका को उजागर करता है.
Click Here
जिम्मेदार कौन
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here
Slide 3 Heading
Lorem ipsum dolor sit amet consectetur adipiscing elit dolor
Click Here