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प्रधानमंत्री श्री मोदी को मिला घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान विश्व पटल पर भारत के बढ़ते वर्चस्व का प्रतीक : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रधानमंत्री श्री मोदी को मिला घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान विश्व पटल पर भारत के बढ़ते वर्चस्व का प्रतीक : मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को दी बधाई भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना (Officer of the Order of the Star of Ghana)" से सम्मानित किए जाने पर उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्व पटल पर फिर से मां भारती की जय-जयकार गूंज रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी को मिला यह सम्मान देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। यह सम्मान विश्व पटल पर भारत के बढ़ते वर्चस्व का प्रतीक है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत और घाना के संबंध पहले से अधिक मजबूत हुए हैं।

दिल्ली जल बोर्ड घोटाला! सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार का शिकंजा कसने लगी ED

नई दिल्ली दिल्ली में आप सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन एक बार फिर फंसते दिख रहे हैं। उनपर दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की ओर से कुछ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) को बढ़ाने में कथित भ्रष्टाचार का आरोप है। ईडी इस मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग वाले एंगल से आज सत्येंद्र जैन से पूछताछ भी की है। 60 वर्षीय सत्येंद्र जैन सुबह करीब 11:15 बजे संघीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे और उनका बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया जा रहा है। ED ने पिछले साल जुलाई में इस मामले में तलाशी ली थी। मनी लॉन्ड्रिंग की यह जांच दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) की ओर से यूरोटेक एनवायर्नमेंटल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई FIR से जुड़ी है। FIR में दिल्ली जल बोर्ड (DJB) में पप्पनकला, निलोठी, नजफगढ़, केशोपोर, कोरोनेशन पिलर,नरेला, रोहिणी और कोंडली में 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के विस्तार और उन्नयन के नाम पर कथित घोटाले का आरोप है। ये चार टेंडर,जिनकी कीमत 1,943 करोड़ रुपये थी,अक्टूबर 2022 में विभिन्न संयुक्त उद्यम (JV) संस्थाओं को दिए गए थे। ED के अनुसार, ACB की FIR में आरोप लगाया गया है कि इन चार टेंडरों में केवल तीन JV कंपनियों ने भाग लिया था। टेंडर दस्तावेजों के सत्यापन से पता चलता है कि चार टेंडरों की प्रारंभिक लागत लगभग 1,546 करोड़ रुपये थी, जिसे बिना उचित प्रक्रिया/परियोजना रिपोर्ट के 1,943 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया गया था।  

रवींद्र जडेजा अर्धशतक बनाकर विराट कोहली और एमएस धोनी के क्लब में हुए शामिल

नई दिल्ली  दिग्गज भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में कड़ी मेहनत से अर्धशतक बनाकर विराट कोहली और एमएस धोनी के क्लब में शामिल हो गए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने प्रतिष्ठित इंग्लिश स्थल पर संयुक्त रूप से दूसरे सबसे अधिक पचास से अधिक स्कोर बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड बनाया। भारत द्वारा ऋषभ पंत और नितीश कुमार रेड्डी के महत्वपूर्ण विकेट जल्दी-जल्दी गंवाने के बाद रवींद्र जडेजा ने कप्तान शुभमन गिल के साथ मिलकर पारी को संभाला। दोनों ने 6 विकेट के लिए शानदार शतकीय साझेदारी की जिससे भारत ने शानदार वापसी की। जब गिल ने एक और टेस्ट शतक बनाया, तो जडेजा ने दूसरे दिन पहले सत्र में शानदार अर्धशतक पूरा किया। इस तरह वह बर्मिंघम में सबसे अधिक पचास से अधिक स्कोर बनाने वाले भारतीय बल्लेबाजों की सूची में पूर्व कप्तान एमएस धोनी और विराट कोहली के साथ शामिल हो गए।  लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर इस सूची में पहले स्थान पर हैं जिन्होंने एजबेस्टन में टेस्ट मैचों में तीन अर्धशतक लगाए हैं। धोनी, जडेजा, कोहली, पंत और विश्वनाथ ने बर्मिंघम में दो बार पचास या उससे ज़्यादा रन बनाए हैं। दिलचस्प बात यह है कि जडेजा उन कुछ भारतीय बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने एजबेस्टन में टेस्ट शतक बनाया है। अगर वह अपने अर्धशतक को शतक में बदल देते हैं, तो यह ऑलराउंडर ऐतिहासिक स्थल पर दो टेस्ट शतक लगाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बन जाएंगे।  एजबेस्टन में भारत के लिए सबसे ज़्यादा पचास से ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी सुनील गावस्कर – 3 एमएस धोनी – 2 रवींद्र जडेजा – 2 विराट कोहली – 2 ऋषभ पंत – 2 गुंडप्पा विश्वनाथ – 2   

प्रदेश की पिछड़े वर्ग की जातियों को केन्द्र की सूची में शामिल करने जनसुनवाई 4 जुलाई को

प्रदेश की पिछड़े वर्ग की जातियों को केन्द्र की सूची में शामिल करने जनसुनवाई 4 जुलाई को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग करेगा जनसुनवाई भोपाल प्रदेश की पिछड़े वर्ग की जातियों को केन्द्र की सूची में शामिल करने 4 जुलाई को पूर्वान्ह 11 बजे से व्हीआईपी स्टेट गेस्ट हाउस लालघाटी के सभागार में जनसुनवाई होगी। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर, सदस्य भुवन भूषण कमल जनसुनवाई करेंगे। इस अवसर पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया एवं सदस्य सीताराम यादव उपस्थित रहेंगे। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव देवेश कुमार मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग नई दिल्ली द्वारा मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग की 32 जातियों, दवेज, भोपा मनभाव, दमामी, हरिदास, कोहरी, फूलमाली (फूलमारी), कलार, जायसवाल, डउसेना, लोढ़ा (तंवर), गोलान, गौलान, गवलान, जादम, कुडमी, रूआला / रूहेला, अब्बासी के साथ सक्का, घोषी गवली और गोली है। इनके अतिरिक्त लिंगायत, महाकुल (राउत), थारवार, जमना लोधी, मनधाव डूकर, कोल्हाटी, घड़वा, झारिया, वोवरिया, मोवार, रजवार, सुत सारथी, तेलंगा, तिलंगा, गयार / परधनिया, बया महरा / कौशल, वया थोरिया, खरादी, कमलीगर, संतराम, शेख मेहतर को केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग सूची में सम्मिलित करने के संबंध में जनसुनवाई आयोजित की गई है।  

लापता नहीं पहचान बनाती लेडीज- विधिक जागरूकता के लिए प्रेरणादायक फिल्म प्रदर्शन जागरूकता अभियान” का शुभारंभ

जयपुर, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला द्वारा गुरुवार को समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा एवं बालिका शिक्षा की उपेक्षा जैसे विषयों पर लोगों में विधिक जागरूकता फैलाने हेतु “लापता नहीं पहचान बनाती लेडीज- विधिक जागरूकता के लिए प्रेरणादायक फिल्म प्रदर्शन जागरूकता अभियान” का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के दौरान श्री हरिओम शर्मा अत्री सदस्य सचिव राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर द्वारा बताया गया कि समाज में बाल-विवाह, दहेज प्रथा एवं बालिका शिक्षा की उपेक्षा जैसी कुरीतियाँ आज भी विद्यमान है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला द्वारा स्कूली बच्चों व आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान “लापता नहीं पहचान बनाती लेडीज- विधिक जागरूकता के लिए प्रेरणादायक फिल्म प्रदर्शन जागरूकता अभियान” की शुरुआत की जा रही है। श्री पवन कुमार जीनवाल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर ने बताया कि जिला प्राधिकरण जयपुर द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे बाल विवाह, दहेज प्रथा एवं बालिका शिक्षा की उपेक्षा जैसे विषयों पर स्कूली विद्यार्थियों तथा आमजन को जागरूक करने हेतु दृश्यात्मक माध्यम के रूप में एक सशक्त और प्रभावशाली फिल्म “लापता लेडिज” की विशेष स्क्रीनिंग करवाये जाने का निर्णय लिया गया है चूंकि दृश्य कथा, विशेष रूप से युवा वर्ग में, सामाजिक मुद्दों को समझाने एवं स्मरणीय बनाने का अत्यंत प्रभावी तरीका है। साथ ही फिल्में गहरे स्तर पर भावनात्मक जुड़ाव बनाकर सकारात्मक परिवर्तन को उत्प्रेरित कर सकती है। अतः “लापता लेडिज” की विशेष स्क्रीनिंग हेतु सर्वप्रथम ऐसे स्कूलों व महाविद्यालयों का चयन किया जाएगा जहां प्रोजेक्टर पर उक्त फिल्म दिखाए जाने की व्यवस्था हो सके। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी के समन्वय स्थापित करते हुए चयनित स्कूलों व महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को शाला समय के पश्चात् उक्त फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित करवाई जाएगी। इसके साथ ही पंचायत समिति स्तर पर “लापता लेडिज” की विशेष स्क्रीनिंग हेतु ऐसे पंचायत भवनों और आंगनबाड़ी केन्द्रों का भी चयन किया जाएगा जहां पर प्रोजेक्टर के माध्यम से उक्त फिल्म दिखाए जाने की व्यवस्था हो सके। इसके लिए तालुकाओं तथा पंचायत समिति स्तर के स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए एक गांव एक स्क्रीन के तहत उक्त फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित करवाई जाएगी। प्रत्येक स्क्रीनिंग के पश्चात पीएलवी व पैनल अधिवक्तागण के द्वारा संवाद सत्र का आयोजन किया जाएगा जिसमें विद्यार्थियों/ग्राम जन से विधिक जानकारी, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, दहेज निषेध अधिनियम एवं शिक्षा के अधिकार से संबंधित चर्चा होगी। साथ ही उक्त फिल्म से उन्हें क्या शिक्षा मिली इस बाबत भी चर्चा की जावेगी। फिल्म एवं चर्चा सत्र के दौरान विधिक सहायता सेवा, हेल्पलाइन नम्बर एवं जागरूकता पुस्तिका वितरित की जाएगी।   इस अवसर पर श्री हरीओम शर्मा तथा श्री अजीत कुमार हिंगर अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला द्वारा पोस्टर का विमोचन भी किया गया। जिसमें श्री पवन कुमार जीनवाल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर जिला, श्री दीपेन्द्र माथुर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर महानगर-प्रथम, निदेशक सुश्री वंदना राठौड़, विशेष सचिव डॉ. प्रियंका पारीक, सचिव राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति श्री अजय डूडी, उपसचिव-प्रथम श्रीमती रश्मि नवल, उपसचिव-द्वितीय श्री प्रदीप कुमावत, उपसचिव- एक्शन एड व एडीआर श्रीमती सावित्री सिंह, जिला एवं सेशन न्यायालय जयपुर जिला में पदस्थापित अन्य न्यायिक अधिकारीगण एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के इन्टर्नशीप हेतु उपस्थित विधि विद्यार्थीगण आदि उपस्थित रहें।

भारत को मिलेगा फायदा? QUAD का चीन के खिलाफ क्रिटिकल मिनरल्स एक्शन प्लान तैयार

नई दिल्ली  भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के समूह ‘क्वाड’ ने मिलकर चीन की मनमानी रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। वैश्विक तकनीकी और रक्षा उद्योगों के लिए अहम क्रिटिकल मिनरल्स की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित और विविध बनाने के लिए एक नई रणनीतिक पहल की शुरुआत की है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब चीन द्वारा इन खनिजों पर नियंत्रण को लेकर वैश्विक चिंता गहराती जा रही है। क्वाड की ओर से बुधवार देर रात जारी संयुक्त बयान में कहा गया, “क्रिटिकल मिनरल्स की आपूर्ति श्रृंखलाओं में अचानक बाधा और भविष्य की विश्वसनीयता को लेकर हम गहराई से चिंतित हैं। एक ही देश पर अत्यधिक निर्भरता से आर्थिक दबाव, कीमतों में हेराफेरी और आपूर्ति बाधित होने का खतरा रहता है।” इस बयान में स्पष्ट रूप से चीन को निशाने पर लेते हुए कहा गया कि इस निर्भरता से हमारे उद्योगों की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान हो सकता है। क्यों जरूरी हैं क्रिटिकल मिनरल्स? क्रिटिकल मिनरल्स जैसे रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REEs), लिथियम, कोबाल्ट आदि का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, रक्षा उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स में होता है। NdFeB मैग्नेट (Neodymium-Iron-Boron) इलेक्ट्रिक मोटरों के लिए आवश्यक हैं। ये चीन लगभग एकाधिकार के साथ बनाता है। भारत की ऑटो इंडस्ट्री पर असर भारत की नई नवेली ईवी इंडस्ट्री को भी चीन की पाबंदियों का सीधा असर महसूस हो रहा है। चीन ने भारतीय कार कंपनियों के आवेदनों को मंजूरी नहीं दी है, जिससे मैग्नेट और आवश्यक उपकरणों की कमी हो रही है। बीजिंग अब कंपनियों से कह रहा है कि वे अलग-अलग उपकरणों के बजाय पूरा मोटर असेंबली चीन से खरीदें, जिससे भारतीय कंपनियों की निर्माण योजनाओं पर संकट मंडरा रहा है। क्वाड ने “Quad Critical Minerals Initiative” के तहत घोषणा की कि सदस्य देश आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित और विविध बनाने में सहयोग करेंगे। ई-वेस्ट से खनिजों की प्राप्ति और पुनःप्रसंस्करण को भी बढ़ावा देंगे। निजी कंपनियों के साथ मिलकर निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पहल आर्थिक सुरक्षा और सामूहिक लचीलापन बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम है। G7 की पहल से भी जुड़ा भारत इससे पहले कनाडा में हुए G7 सम्मेलन में भी क्रिटिकल मिनरल्स पर एक्शन प्लान तैयार किया गया था जिसे भारत ने समर्थन दिया था। RISE Initiative के तहत विश्व बैंक के सहयोग से सप्लाई चेन मजबूत करने की योजना बनाई गई है। जापान और अन्य देशों ने इसमें 25 मिलियन डॉलर का योगदान देने का वादा किया। भारत-अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान ‘TRUST’ (Transforming Relationship Utilizing Strategic Technology) पहल पर सहमति बनी। इसमें लिथियम और रेयर अर्थ एलिमेंट्स के खनन व प्रसंस्करण की तकनीक विकसित करने पर फोकस है। अमेरिका के Critical Materials Innovation Hub के प्रमुख टॉम लोग्रासो ने हाल ही में भारत आकर साझेदारियों की संभावनाएं टटोलीं।  

नेहरू सहकार भवन में लगी ‘सहकारिता का सफर: अतीत से वर्तमान तक’ विषय पर प्रदर्शनी

जयपुर, सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने गुरूवार को नेहरू सहकार भवन में ‘सहकारिता का सफर: अतीत से वर्तमान तक’ विषय पर आयोजित प्रदर्शनी का फीता काटकर एवं गणेश प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन कर प्रदर्शित की गई जानकारी की सराहना की। अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस (5 जुलाई) एवं सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के चतुर्थ स्थापना दिवस (6 जुलाई) के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही गतिविधियों की श्रंखला में प्रचार अनुभाग द्वारा यह प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में सहकारी आन्दोलन के अब तक के सफर को आकर्षक रुप में विस्तार से प्रदर्शित किया गया है। प्राचीन भारतीय लोकाचार में सहकारिता के बीज, विश्व में सहकारी आन्दोलन का शुभारम्भ, भारत में सहकारी आन्दोलन का शुभारम्भ, राजस्थान में सहकारी आन्दोलन का शुभारम्भ, राजस्थान में सहकारी विधि का विकास, राज्य में सहकारिता की त्रिस्तरीय संरचना, राज्य में शीर्ष सहकारी संस्थाओं का इतिहास एवं वर्तमान स्वरूप आदि से सम्बन्धित जानकारियों के साथ ही सहकारिता के सिद्धांत एवं उद्देश्य, सहकार से समृद्धि के अंतर्गत राज्य की प्रमुख उपलब्धियां, राज्य में सहकारिता का वर्तमान परिदृश्य एवं वर्तमान में सहकारिता की प्रासंगिकता आदि से संबंधित जानकारियां प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई हैं। वहीं, राज्य में सहकारी आन्दोलन के विकास के जुड़े पुराने छायाचित्रों को भी प्रदर्शनी में आकर्षक रूप में प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी में विभिन्न सहकारी संस्थाओं कॉनफेड, ट्राइफेड, इफको, कृभको एवं तिलम संघ द्वारा भी स्टॉल्स लगाकर अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। श्रीमती राजपाल ने इन स्टॉल्स का अवलोकन कर प्रदर्शित उत्पादों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने इस अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण कर अधिक से अधिक पेड़ लगाने का संदेश दिया। इस दौरान सहकारिता विभाग एवं सहकारी संस्थाओं के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

पिता की हत्या कर शव को नहलाया और फेंक दिया बाहर, बेटी-पति गिरफ्तार

राजकोट पिता की बार-बार की जा रही लापरवाही और झगड़े ने बेटी दामाद को इतना गुस्सा दिला दिया कि दोनों ने मिलकर वृद्ध की हत्या कर दी। मामला गुजरात के राजकोट जिले का है। यहां मजूदरी करने वाला एक शख्स अपनी बेटी और दामाद के साथ रहता था। इस दौरान बेटी और दामाद से उपेक्षा करने को लेकर अक्सर लड़ाई होती रहती थी। 30 जून को एक बार फिर से बेटी और दामाद से शख्स का झगड़ा हुआ तो बेटी और दामाद के सिर पर खून सवार हो गया। दोनों पिता की लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से पीट-पीटकर हत्या कर दी और शव को उसके काम करने वाली जगह पर फेंक दिया। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। शव को क्यों नहलाकर फेंका बाहर मामला राजकोट के पडाधरी तालुका का है। यहां के तरघाडी गांव में पिता की हत्या को अंजाम देने के बाद बेटी और दामाद ने इसे दुर्घटना की शक्ल देनी चाही। दोनों ने पहले शव को पानी से नहलाया और शव की साफ-सफाई करने के बाद उसे लेकर एक सूनसान जगह पर पहुंचे। यहां पहुंचने पर दोनों ने शव को सड़क किनारे फेंक दिया और घर वापस चले आए। कैसे खुला मामला शख्स का शव मिलने के बाद पुलिस को पहली ही नजर में शक हो गया कि यह दुर्घटना नहीं है, बल्कि हत्या की गई है। पुलिस ने अपनी लोकल इंटेलिजेंस टीम की सहायता से मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस ने पहले बेटे कांति दमोर का पता लगाया और शख्स की तस्वीर दिखाई। बेटे ने पिता को पहचान लिया। बेटे ने बताया कि यह तस्वीर उसके पिता हिम्मत सिंह की है, जो राजकोट में मजदूरी करते हैं और अपने बेटी-दामाद के साथ रहते थे। इसके बाद पुलिस ने बेटी खेता अजनार और दामाद गणपत अजनार को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू कर दी। शुरू में दोनों टालमटोल की लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने के बाद दोनों अपना जुर्म कबूल कर लिया। बेटी और दामाद ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि पिता हिम्मतसिंह बार-बार लापरवाही करते थे। इसके बाद उनसे तीखी बहस शुरू हो जाती थी और लड़ाई हो जाती थी। इसके बाद दोनों ने मिलकर लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से पीटा। पिटाई इतनी ज्यादा हुई की हिम्मत सिंह की मौत हो गई। गिरफ्तारी के डर से बेटी और दामानद ने मामले को दुर्घटना की शक्ल देने का पूरा प्रयास किया लेकिन, पुलिस की नजरों से नहीं बच पाए। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।  

सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि फीस में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की जाएगी: स्टेट फार्मेसी काउंस‍िल

रायपुर छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के द्वारा 8 मई 2025 को आयोजित आम सभा में नए पंजीयन एवं नवीनीकरण सहित अन्य फीस को बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय को 1 जून 2025 से लागू कर दिया गया था। फीस वृद्धि के बाद राज्य के विभिन्न फार्मासिस्ट संगठन तथा दवा व्यापारी संगठनों ने फीस वृद्धि पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी युवाओं और व्यापारी वर्ग के हितों का ध्यान रखते हुए फीस वृद्धि को लेकर काउंसिल के सदस्यों को सुझाव दिया था। यह जानकारी आज गुरुवार काे जनसंपर्क विभाग ने विज्ञप्ति जारी कर दी है। बढ़ी हुई फीस पर पुनर्विचार के लिए बुधवार 2 जुलाई 2025 को काउंसिल का विशेष सम्मेलन नवीन विश्राम गृह रायपुर में आयोजित किया गया। इस विशेष बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने उक्त बढ़ी हुई फीस पर विभिन्न बिन्दुओं पर पुनर्विचार किया और अंत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि फीस में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की जाएगी। यह भी निर्णय लिया गया कि केवल कोविड महामारी काल में घटाए गए पंजीयन नवीनीकरण शुल्क को 300 रूपये के स्थान पर पुनः 500 रूपये किया जाए। इस तरह पूर्व में लागू फीस ही याथावत रहेगी। इसके साथ ही 1 जून 2025 से जिनसे भी बढ़ी फीस को लिया गया है उन फार्मासिस्टों को अतिरिक्त फीस को वापस किये जाने का निर्णय लिया गया है।  

तेल डील पर अमेरिका की धमकी! जयशंकर ने दिया कड़ा संदेश: समय आने पर देंगे जवाब

वाशिंगटन भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अमेरिका द्वारा रूसी तेल के प्रमुख खरीदारों पर 500% टैरिफ लगाने की योजना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भारत उस समय उचित कदम उठाएगा, जब यह सामने आएगा। जयशंकर ने इसे "पुल को पार करने" की तरह बताया, जिसका मतलब है कि भारत इस मामले में तभी कोई ठोस रुख अपनाएगा, जब स्थिति स्पष्ट होगी। जयशंकर अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि भारत ने अमेरिका के उस सांसद के सामने अपनी ऊर्जा सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर कर दी है, जिसने रूस से व्यापार करने वाले देशों पर 500% शुल्क लगाने वाला विधेयक पेश किया है। जयशंकर ने वाशिंगटन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ऐसे घटनाक्रम, जो भारत के हित में हों या उस पर प्रभाव डाल सकते हों, हम उन्हें बेहद करीब से ट्रैक करते हैं।" उन्होंने बताया कि भारत सरकार और भारतीय दूतावास अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम के संपर्क में हैं। ग्राहम वही सीनेटर हैं, जिन्होंने यह सख्त विधेयक पेश किया है। विधेयक पेश करते समय उन्होंने विशेष रूप से भारत और चीन का नाम लेते हुए आरोप लगाया था कि ये देश मिलकर पुतिन का 70% तेल खरीद रहे हैं। जयशंकर ने कहा, "मुझे लगता है कि हमने अपनी ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और हितों को ग्राहम के साथ स्पष्ट रूप से साझा किया है। अब यह देखना होगा कि यह बिल कितना आगे बढ़ता है। जब समय आएगा, तो हम उस पुल को पार करेंगे।" ट्रंप का समर्थन बना नई चुनौती इस विधेयक को और जटिल बना रहा है अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन। राष्ट्रपति ट्रंप इस विधेयक को समर्थन दे चुके हैं। यह विधेयक उन देशों पर 500% आयात शुल्क लगाने की मांग करता है, जो अब भी रूस से व्यापार कर रहे हैं- इनमें भारत और चीन शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विधेयक अमेरिका की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए वह रूस पर यूक्रेन युद्ध को लेकर बातचीत के लिए दबाव बनाना चाहता है। अगर यह विधेयक पास हो जाता है, तो भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। 500% शुल्क भारतीय व्यापार के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा। व्यापार समझौते की दौड़ इस बीच, भारत और अमेरिका एक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। इस समझौते का उद्देश्य ट्रंप द्वारा अप्रैल में घोषित 26% जवाबी टैरिफ से बचना है। अगर यह समझौता हो जाता है, तो भारतीय निर्यातकों को अमेरिका में बड़ी राहत मिल सकती है। भारत की रूस से बढ़ती तेल खरीद भारत की रूस से कच्चे तेल की खरीद लगातार बढ़ रही है। मई 2025 में यह आयात 1.96 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक पहुंच गया, जो पिछले 10 महीनों में सबसे अधिक है। अब स्थिति यह है कि भारत ने पश्चिम एशियाई देशों से ज्यादा तेल रूस से खरीदना शुरू कर दिया है। यह रुझान फरवरी 2022 के बाद से शुरू हुआ, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए। इसके बाद रूस ने भारत और चीन जैसे देशों को रियायती दरों पर तेल बेचना शुरू किया, जिसे भारतीय रिफाइनरियों ने हाथों-हाथ लिया। भारत वर्तमान में अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 40-45% हिस्सा कच्चे तेल से पूरा करता है, जिसमें रूस की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है।