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भोपाल में हिंदू लड़कियों के रेप और ब्लैकमेलिंग के पीछे बड़े नेटवर्क चार्जशीट दाखिल, दरिंदगी से रोंगटे खड़े हो जाएंगे

भोपाल अशोका गार्डन थाना क्षेत्र में दो सगी बहनों से दुष्कर्म, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्मांतरण की कोशिश के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. अगली तारीख 22 जुलाई तय की गई है. इस केस में मुख्य आरोपी फरहान और उसके साथी अली समेत अन्य पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है. पीड़िताओं के बयान, वीडियो साक्ष्य और डिजिटल रिकॉर्डिंग के आधार पर चालान पेश किया गया है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. चार्जशीट में बताया गया है कि आरोपी फरहान दोनों बहनों के साथ लंबे समय से संबंध में था. वह पहले प्यार और शादी का झांसा देता रहा, फिर ब्लैकमेल कर बार-बार दुष्कर्म करता रहा. फरहान ने दोनों बहनों के आपत्तिजनक वीडियो बनाए थे और उन्‍हें वायरल करने की धमकी देकर वह उनसे गलत काम करा रहा था. मुख्य आरोपी फरहान पीड़िता को दूसरी लड़कियों के साथ किए रेप के वीडियो दिखाकर  भोपाल में हुए रेप और ब्लैकमेलिंग केस का मुख्य आरोपी फरहान पीड़िता को दूसरी लड़कियों के साथ किए रेप के वीडियो दिखाकर कहता था कि तेरे साथ भी ऐसा ही करूंगा। ये खुलासा पुलिस की चार्जशीट से हुआ है। दरअसल, इस केस में अब तक तीन चालान पेश हो चुके हैं। चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र है कि जिस पीड़िता ने सबसे पहले फरहान के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उसे फरहान ने कहा था कि वह पुलिस से शिकायत न करे। फरहान उसे एक एफिडेविट देने को तैयार था। इसमें वो लिखने वाला था कि आगे से उसके साथ रेप नहीं करेगा। बता दें कि 12 अप्रैल को एक युवती ने भोपाल के बागसेवनिया थाने में रेप और ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने शिकायत के बाद 13 अप्रैल को फरहान को गिरफ्तार किया। इसके बाद एक-एक कर 6 आरोपी गिरफ्तार हुए। इस मामले में अबतक 5 लड़कियों ने शिकायत दर्ज कराई है। शुरुआती जांच से लेकर गवाहों के बयान, डिजिटल सबूतों और मेडिकल रिपोर्ट तक, पुलिस की चार्जशीट में फरहान ही मुख्य आरोपी है। पीड़िताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें जबरन मटन-चिकन खिलाया गया, वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया गया और इस्लाम कबूलने के लिए दबाव डाला गया. शनिवार को विशेष न्यायालय में सुनवाई हुई. विरोध करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई. इस केस में पीड़िता की छोटी बहन ने बताया कि फरहान ने उसे अली नाम के युवक से मिलवाया. अली ने उसे बाहर घूमने के बहाने घर बुलाया और वहां दुष्कर्म कर वीडियो बना लिया. इसके बाद वह भी धर्मांतरण और निकाह का दबाव बनाने लगा. पुलिस की चार्जशीट में स्पष्ट है कि यह मामला केवल व्यक्तिगत शोषण तक सीमित नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित मानसिक और धार्मिक दबाव की रणनीति अपनाई गई थी. कई लड़कियों ने शिकायत नहीं की  आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), 506 (धमकी), 295-A (धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना), पॉक्सो एक्ट की धाराएं और धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस अफसरों का कहना है कि पूरा गैंग बनाकर टारगेट करते हुए हिंदू लड़कियों को फंसाया गया था. इन दो बहनों ने पुलिस को शिकायत की और बयान दिए, लेकिन कई लड़कियों ने शिकायत करने से मना कर दिया. कुछ लड़कियों की शादी हो चुकी है और वे लोकलाज से सामने नहीं आ रही है. बचाव पक्ष ने पीड़िताओं के बयान की रिकॉर्डिंग की सीडी मांगी शनिवार को विशेष न्यायाधीश नीलू संजीव श्रृंगऋषि और विशेष पॉक्सो कोर्ट में केस की सुनवाई हुई, जहां आरोप तय करने को लेकर बहस चली. कोर्ट ने अगली सुनवाई 22 जुलाई तय की है. वहीं, बचाव पक्ष ने पीड़िताओं के बयान की रिकॉर्डिंग की सीडी मांगी है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी सबूत तकनीकी तौर पर सुरक्षित किए गए हैं ताकि आरोपी किसी भी स्तर पर कानून से बच न सकें. हालांकि इसी मामले में एक पुलिस अफसर को लाइन हाजिर किया गया था. उन पर जांच को प्रभावित करने के आरोप थे. भोपाल पुलिस पर ऐसे मामलों में विश्‍वसनीय कार्रवाई कर पाने की चुनौती है. रेप कर बोला- फिर नहीं मिली तो बदनाम कर दूंगा बागसेवनिया थाने में ही सबसे पहले दो सगी बहनों ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने एक महीने की जांच के बाद 11 जून को मुख्य आरोपी फरहान खान और साहिल खान के खिलाफ चालान पेश किया। 57 गवाहों की लिस्ट के साथ 240 पेज का ये चालान विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) नीलम मिश्रा की अदालत में पेश हुआ। इस चालान के साथ पुलिस ने पीड़िताओं की मेडिकल रिपोर्ट और अहम दस्तावेज भी पेश किए। दोनों आरोपियों की पेशी जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराई गई। इस चालान में पुलिस ने बताया कि फरहान ने दोनों बहनों को धमकाकर उनके साथ जबरन फिजिकल रिलेशन बनाए थे। इतना ही नहीं मुस्लिम बनने के लिए कई बार दबाव डाला था। पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि अप्रैल 2023 में फरहान मुझे बाहर घुमाने के बहाने अपने अशोका गार्डन स्थित घर ले गया। यहां उसने मेरे साथ रेप किया। इसके बाद मारपीट कर बोला- कि अगर आगे मुलाकात नहीं की तो बदनाम कर दूंगा। धमकी दी थी कि पापा और भाई को मार डालेगा पीड़िता ने बताया कि उसकी फरहान से मुलाकात बहन के कॉलेज में हुई थी। यहां उसने जबरदस्ती दोस्ती की। उसने जब पहली बार रेप किया तो धमकी दी थी कि अगर अगली बार शारीरिक संबंध नहीं बनाए तो पापा और भाई को मार डालेगा। वह मोबाइल में दूसरी लड़कियों के रेप वीडियो दिखाकर कहता था- तेरे साथ भी ऐसा ही करूंगा। पीड़िता के मुताबिक जब वह इंदौर चली गई तब भी उसने पीछा नहीं छोड़ा। अप्रैल महीने में वह इंदौर आया और मुझे कॉल कर बोला कि तुझसे माफी मांगना है। मैं उससे मिलने के लिए तैयार हो गई। वह मेरे घर आया तब मैं अपने दोस्त से बात कर रही थी। उसने चाकू दिखाकर मुझसे जबरन शारीरिक संबंध बनाए। मैंने जब ये बात अपने दोस्त और बुआ के बेटे को बताई तो वे मुझे भोपाल लेकर आए। यहां सभी ने मुझसे पुलिस में शिकायत करने के लिए कहा। मैं डर … Read more

मुख्यमंत्री से मिले गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा, खेल विकास पर हुई चर्चा

छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाएं छूएंगी आकाश, आधुनिक तकनीक से होंगे खिलाड़ी पारंगत छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी और स्पोर्ट्स साइंस डेवलपमेंट के लिए होगा कार्य रायपुर,  छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाएं अब आकाश को छूएंगी। राज्य के खिलाड़ी प्रारंभिक स्तर से ही आधुनिक तकनीकों के माध्यम से दक्ष बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज उनके निवास कार्यालय में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री साय ने बिंद्रा से छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी एवं स्पोर्ट्स साइंस डेवलपमेंट के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बिंद्रा का पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने बिंद्रा से छत्तीसगढ़ में खेल गतिविधियों के विकास एवं खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने संबंधी योजनाओं पर गहन चर्चा की। मुख्यमंत्री साय ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। प्रदेश के युवाओं में खेलों के प्रति स्वाभाविक रुचि एवं नैसर्गिक प्रतिभा है, विशेषकर आदिवासी अंचलों के युवाओं में अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस परिप्रेक्ष्य में बिंद्रा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वे छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी और स्पोर्ट्स साइंस कार्यक्रम प्रारंभ करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि राज्य की खेल प्रतिभाओं को निखारने में ये प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। चर्चा के दौरान बिंद्रा ने बताया कि वे अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों में खिलाड़ियों को आगे लाने के लिए विविध कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि फाउंडेशन द्वारा खेलहित में संचालित ये कार्यक्रम निःशुल्क होते हैं, जिससे खिलाड़ियों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी फाउंडेशन के माध्यम से ऐसे कार्यक्रम प्रारंभ किए जाने के सम्बन्ध में चर्चा की। श्री बिंद्रा ने जानकारी दी कि ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों में ओलंपिक मूल्यों का विकास किया जाएगा। उन्हें उत्कृष्टता, सम्मान और मैत्री जैसे मूल्यों को अपनाने हेतु प्रेरित किया जाएगा, जिससे प्रारंभिक अवस्था से ही खेल प्रतिभाओं का संवर्धन संभव हो सकेगा। मुख्यमंत्री साय को बिंद्रा ने अवगत कराया कि स्पोर्ट्स इंजरी खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी कार्यक्रम के अंतर्गत खिलाड़ियों को निःशुल्क सर्जरी, पुनर्वास एवं उपचार उपरांत देखभाल की संपूर्ण सुविधा प्रदान की जाएगी, ताकि वे स्वस्थ होकर पुनः खेल क्षेत्र में सक्रीय हो सकें। इस हेतु फाउंडेशन के साथ देश के 30 उत्कृष्ट चिकित्सकों का नेटवर्क कार्यरत है, जिसका लाभ छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को मिलेगा। मुख्यमंत्री को बिंद्रा ने बताया कि वर्तमान खेल परिदृश्य पूर्णतः विज्ञान-आधारित हो गया है। अतः वे छत्तीसगढ़ में स्पोर्ट्स साइंस कार्यक्रम प्रारंभ करना चाहते हैं, जिससे आधुनिक एवं वैज्ञानिक पद्धति से खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जा सके। नवीनतम तकनीकों की सहायता से प्रतिभाओं की पहचान वैज्ञानिक तरीके से की जा सकेगी तथा टेक्नोलॉजी के माध्यम से उनके कौशल को समुचित रूप से विकसित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को आवश्यक सभी सुविधाएं प्रदान कर रही है। विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय के युवाओं में तीरंदाजी का प्राकृतिक कौशल है। इस प्रतिभा को बढ़ावा देने हेतु रायपुर एवं जशपुर में एनटीपीसी के सहयोग से 60 करोड़ रुपये की लागत से आर्चरी अकादमी की स्थापना की जा रही है। इसी प्रकार बस्तर में आयोजित बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपये एवं कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में देने की घोषणा की गई है। इस अवसर पर खेल मंत्री टंकराम वर्मा, छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर, खेल विभाग के सचिव यशवंत कुमार, संचालक श्रीमती तनुजा सलाम, डॉ. दिगपाल राणावत सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।    

महिला यूरो 2025: स्विट्जरलैंड का सपना तोड़ सेमीफाइनल में पहुंचा स्पेन

बर्न मौजूदा विश्व चैंपियन स्पेन ने शुक्रवार (भारतीय समयानुसार शनिवार) को स्विट्जरलैंड की ऐतिहासिक यात्रा पर विराम लगाते हुए 2-0 की जीत के साथ महिला यूरो 2025 के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। बेंच से उतरकर एथेनेया डेल कास्टिलो ने पहला गोल दागा, जबकि क्लाउडिया पीना ने शानदार दूसरा गोल कर मुकाबले को निर्णायक बना दिया। पहले घंटे तक मेज़बान स्विट्ज़ टीम ने शानदार बचाव करते हुए स्पेन को गोल करने से रोके रखा और पलटवार के जरिए मौके बनाए, लेकिन जैसे ही स्पेन ने लय पकड़ी, उन्होंने मैच पर पूरी तरह नियंत्रण बना लिया। मैच के बाद स्पेन की मिडफील्डर और प्लेमेकर आइताना बोनमाती ने कहा, हां, कई बार हम जल्दी बढ़त लेने की आदत में होते हैं, लेकिन असली फुटबॉल 90 मिनट का होता है, खासकर जब आप यूरोपीय चैम्पियनशिप खेल रहे हों। मैच की शुरुआत में ही स्पेन को पेनल्टी मिली जब नादिन रीज़ेन ने मैरियोना कालदेंते को लापरवाही से टैकल किया, लेकिन कालदेंते खुद पेनल्टी लेने उतरीं और गेंद को पोस्ट के बाहर मार बैठीं। पहले हाफ में पीना को कई मौके मिले, लेकिन स्विस डिफेंस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और स्कोर 0-0 पर बनाए रखा। 66वें मिनट में बोनमाती की रचनात्मकता ने खाता खोला, जब उन्होंने बैकहील पास से एथेनेया को सेट किया, जिन्होंने खूबसूरती से गोल दागा। सिर्फ पांच मिनट बाद, स्विट्ज़ कप्तान लिया वेल्टी से गेंद छीनकर क्लाउडिया पीना ने गेंद को गोल के ऊपरी कोने में शानदार तरीके से डाल दिया, जिससे स्पेन ने 2-0 की अजेय बढ़त बना ली। अंतिम क्षणों में मैच में और ड्रामा देखने को मिला, जब स्पेन की एलेक्सिया पुटेलास एक और पेनल्टी चूक गईं और स्विट्ज़ की नोएल मारिट्ज को स्टॉपेज टाइम में सीधा रेड कार्ड दिखाया गया। जीत के बाद स्पेन की टीम ने गोल घेरे में नाचकर जश्न मनाया, वहीं दर्शकों ने तालियों और गीतों के साथ स्विस टीम को विदाई दी, जिसने पहली बार यूरो में नॉकआउट तक पहुंचने का गौरव प्राप्त किया। स्पेन की डिफेंडर लाइया एलेक्सांद्री ने कहा, हमने मानसिक मजबूती दिखाई। क्वार्टरफाइनल आसान नहीं होता, लेकिन हमने धैर्य रखा और टीम की परिपक्वता नजर आई। स्पेनिश टीम ने मैच के बाद मैदान छोड़ रही स्विस खिलाड़ियों के लिए 'गार्ड ऑफ ऑनर' बनाया, जो खेल भावना का प्रतीक था। अब स्पेन का सामना सेमीफाइनल में फ्रांस और जर्मनी के बीच होने वाले दूसरे क्वार्टरफाइनल के विजेता से होगा। एलेक्सांद्री ने कहा, “अब यह जश्न का समय है — नाचना, गाना, खुशी मनाना। सेमीफाइनल में पहुंचना एक बड़ा कदम है।”   

मथुरा में दर्दनाक सड़क हादसा, सीएम योगी ने जताया दुख, प्रशासन को दिए कड़े निर्देश

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए दर्दनाक हादसे पर दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनका समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के जरिए इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनपद मथुरा में हुए सड़क हादसे का संज्ञान लिया है। उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनका समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।” मथुरा में शनिवार सुबह दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में 6 लोगों की मौत हुई है, जबकि लगभग 30 लोग घायल हुए। पहला हादसा मथुरा के बलदेव क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस-वे माइलस्टोन 140 पर करीब 3 बजे हुआ, जिसमें एक ईको कार एक अज्ञात वाहन से टकराई। इसमें कार सवार 6 लोगों की मौके पर मौत हो गई। दूसरी घटना बलदेव थाना क्षेत्र में ही यमुना एक्सप्रेस वे माइलस्टोन 131 पर हुई, जहां एक बस पलट गई। इस घटना में 29 यात्री घायल हुए। मथुरा के एसएसपी श्लोक कुमार के मुताबिक, दोनों हादसे वाहन चालकों को संभवत: नींद आने के कारण हुए। मथुरा के जिलाधिकारी और एसएसपी ने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की है। साथ ही, दोनों अधिकारियों ने सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों से भी मुलाकात की है। आगरा निवासी राकेश सिंह ने इस दुर्घटना में अपने भाई, दो भतीजे और दो भांजों को खोया है। उन्होंने बताया, “वे आगरा के रहने वाले हैं। उनके भाई दिल्ली से आगरा भंडारा करने के लिए आ रहे थे। रास्ते में कार का एक्सीडेंट हो गया, जिसमें भाई और दो भतीजों की मौत हो गई। दो भांजे दलबीर और पारस का भी निधन हुआ है। अन्य व्यक्ति इनका दोस्त था, जो दिल्ली से आ रहा था।” उन्होंने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी उनके भाई भंडारा कराने के लिए आ रहे थे। हादसे में उनकी भाभी और एक भतीजी घायल हुई हैं, जिनको आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा, बस हादसे में घायल व्यक्ति ने कहा, “दिल्ली से आगरा के लिए बस जा रही थी। रास्ते में अचानक से बस पलट गई। हादसे के समय बस में करीब 50-60 लोग सवार थे।”  

शिवपुरी के अजय रघुवंशी की मेहनत रंग लाई, दिव्यांग होते हुए भी बने करोड़ों दिलों के हीरो

शिवपुरी   कहते भी हैं कि अगर कुछ पाने की दृढ़ इच्छाशक्ति है और पूरी लगन, मेहनत के साथ कोशिश की जाए तो परिणाम सकारात्मक मिलते हैं. यही कर दिखाया है शिवपुरी जिले के छोटे से गांव के एक युवा ने. दिव्यांग क्रिकेटर अजय रघुवंशी को बेंगलुरु वॉरियर्स ने 11 लाख 40 हजार में खरीदा है. अजय अब दुबई में होने वाली दिल्ली प्रीमियर लीग में अपना दमखम दिखाएंगे. शानदार प्रदर्शन करने पर मिला इनाम शिवपुरी जिले के कोलारस विकासखंड अंतर्गत ग्राम लुकवासा के दिव्यांग क्रिकेटर अजय रघुवंशी ने राष्ट्रीय पटल पर शिवपुरी का नाम रोशन कर दिया.  को मुंबई में दिव्यांग क्रिकेटरों की नीलामी हुई. दिल्ली प्रीमियर लीग के लिए अजय रघुवंशी को बेंगलुरु वॉरियर्स ने अपने पाले में कर लिया. अब अजय दुबई में 5 अक्टूबर से आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में अपना हुनर दिखाएगा. खास बात यह है प्रतियोगिता के लिए मध्य प्रदेश सिर्फ दो खिलाड़ियों को खरीदा गया है, जिसमें एक अजय हैं. अजय रघुवंशी के अलावा एक खिलाड़ी सागर जिले का है, जो दिल्ली की टीम के लिए खेलेगा. ऐसे में मिली अजय के सपनों को उड़ान मां की कोख से ही एक हाथ के बिना जन्मे अजय रघुवंशी जब गांव में लड़कों को क्रिकेट खेलते हुए देखते थे तो वह भी इस खेल में हाथ आजमाने का सपना देखने लगे. लेकिन एक हाथ न होने के कारण नहीं खेल पाते थे. बेटे को दुखी देख पिता चंद्रभान रघुवंशी ने उनका हौसला बढ़ाया. धीरे-धीरे उसे गांव के लड़कों के साथ प्रैक्टिस करवाई. करीब 12 साल की उम्र में दिव्यांग अजय गांव की टीम का हिस्सा बन गया. आसपास के जिलों में होने वाली प्रतियोगिताओं में जब गांव की टीम खेलने जाती तो वह उस टीम में शामिल रहता. उदयपुर और कानपुर में दिखाया जलवा इसी क्रम में दिसंबर 2024 में भोपाल में दिव्यांग क्रिकेटरों की ट्रायल रखी गई. ट्रायल में अजय रघुवंशी शामिल हुए. टैलेंट के बूते उनका चयन हुआ. चयन के बाद पहले उदयपुर और फिर कानपुर में आयोजित दिव्यांग टूर्नामेंट में अजय ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 8 मैचों में 21 विकेट लिए और 132 रन बनाए. इसी प्रदर्शन के बूते अजय का नाम दिल्ली प्रीमियर लीग के लिए खिलाड़ियों में शामिल किया गया. अजय ने किया उम्मीदों पर खरा उतरने का दावा अजय रघुवंशी ने बताया "वह मानता है कि अब उसके लिए काम्पटीशन टफ हो गया है, क्योंकि अब उसे खुद को पूरे भारत के सामने साबित करना है. इसके अलावा अब वह भी इंडिया की टीम के लिए खेलने की इच्छा रखता है. ऐसे में खुद को और खुद के खेल को बेहतर बनाने के लिए वह दिन-रात प्रयास कर रहे हैं. उसे उम्मीद है कि वह डीपीएल में भी शानदार प्रदर्शन करेगा." 

सेफ्टी पहले: भोपाल में स्कूल बच्चों के लिए ई-रिक्शा पर लगेगा बैन, बच्चों की सेफ्टी के सही नहीं

भोपाल  शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए शुक्रवार को कंट्रोल रूम में एक मीटिंग हुई। सांसद आलोक शर्मा ने जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। मीटिंग में लेफ्ट-टर्न को सुधारने, ई-रिक्शा पर नियंत्रण रखने, ट्रांसफार्मर हटाने और पार्किंग व्यवस्था को ठीक करने जैसे मुद्दों पर बात हुई। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को उनके अधूरे प्लान के लिए फटकार लगाई गई और उन्हें एक हफ्ते में ट्रैफिक एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर लेफ्ट टर्न सुधार का प्लान पेश करने का निर्देश दिया गया। शहर के 42 चौराहों पर लेफ्ट टर्न की समस्या को दूर करने के लिए 3 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। ई-रिक्शा पर रोक ई-रिक्शा के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई गई और कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को ई-रिक्शा में स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं है। इसलिए स्कूलों में ई-रिक्शा को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया गया, क्योंकि यह बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी था। मीटिंग में सड़कों से अतिक्रमण हटाने और कंडम वाहनों को हटाने पर भी बात हुई। सांसद शर्मा ने ट्रांसफार्मर और खंभों को हटाने की बात कही और पार्किंग व्यवस्था को आम लोगों के लिए आसान बनाने के निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को फटकार सांसद आलोक शर्मा ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को फटकार भी लगाई। दरअसल, पीडब्ल्यूडी अधिकारी बिना किसी वर्किंग प्लान के मीटिंग में पहुंच गए थे। इस पर सांसद ने नाराजगी जताई। मीटिंग में संबंधित विभागों को कुछ निर्देश दिए गए। उन्हें मैनिट के ट्रैफिक विशेषज्ञों की मदद से सभी 42 चौराहों की समीक्षा रिपोर्ट और एस्टीमेट तैयार करने को कहा गया। इससे जल्द से जल्द काम शुरू किया जा सके। ऐसा करने से ट्रैफिक जाम में कमी आएगी और लोगों का आना-जाना आसान हो जाएगा। साथ ही, चौराहों की सुरक्षा और दृश्यता भी बेहतर हो जाएगी।  

नेहा किन्नर केस में चौंकाने वाला खुलासा! फर्जी दस्तावेजों से 25 साल से रह रही थी भोपाल में

 भोपाल  बीते करीब ढाई दशक से भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक नेहा किन्नर (पूर्व में अब्दुल कलाम) को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं। अब्दुल कलाम भारत में कोई वीजा लेकर नहीं बल्कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की टोली में अवैध रूप से सीमा पार करके आया था। माता-पिता के साथ कई दोस्त-रिश्तेदार भी उस टोली में एक साथ भारत में घुसे थे। पहले वे महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों में अवैध रूप से रहे, फिर भोपाल आकर फर्जी रूप से अपने दस्तावेज तैयार करवाए और यहीं बस गए। भोपाल में कलाम नेहा किन्नर के नाम से रह रहा था। बांग्लादेश से उसके साथ आकर भोपाल में बसे पांच घुसपैठिए करीब चार साल से चोरी-लूट के मामले में जेल में बंद हैं। 17 साल की उम्र में सीमा पार कर आया था वहीं नेहा किन्नर के एमपी नगर थाने में दर्ज मारपीट के मामले में जल्द ही फैसला आएगा, जिसके बाद उसे बांग्लादेश वापस भेज दिया जाएगा। बता दें तलैया पुलिस ने एक सप्ताह पहले बुधवारा क्षेत्र में रहने वाली नेहा किन्नर को हिरासत में लिया था। पूछताछ में उसने बताया कि वह 17 वर्ष की उम्र में सीमा पार कर अवैध रूप से भारत में रह रहा था। पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि नेहा किन्नर का एक मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उस पर सुनवाई जारी है। वहीं, उसे आश्रय देने वालों को लेकर भी जांच की जा रही है।

मुख्यमंत्री साय बोले – महारानी अहिल्याबाई होलकर ने समाज में प्रशासन, न्याय और जनकल्याण की अनुकरणीय व्यवस्था एवं उदाहरण प्रस्तुत किए

पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर का संपूर्ण जीवन समाज कल्याण हेतु रहा समर्पित पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर की जीवनी पर आधारित नाट्य मंचन समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रायपुर,  पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर का संपूर्ण जीवन समाज कल्याण हेतु समर्पित रहा। वह इंदौर की न केवल महारानी थीं, बल्कि न्यायप्रिय, धार्मिक एवं निष्पक्ष प्रशासक भी थीं। उन्होंने देशभर में धार्मिक स्थलों एवं मंदिरों के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण के क्षेत्र में जो कार्य किए, वे आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायक हैं। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर में विश्व मांगल्य सभा द्वारा आयोजित पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर की जीवनी पर आधारित नाट्य मंचन समारोह में कही। श्री साय ने आगे कहा कि हम सभी लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती मना रहे हैं। इस अवसर पर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूरे देश एवं प्रदेश में उनकी स्मृति में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। सुशासन, सनातन और संस्कृति के लिए समर्पित लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी के जीवन पर आधारित यह नाट्य प्रस्तुति लोगों तक उनके महान कृतित्व को पहुंचाने में सहायक होगी। राजमाता अहिल्याबाई होलकर हमारे गौरवशाली इतिहास की महान प्रेरणापुंज हैं। उनके जीवन चरित्र से वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने रामराज्य की अवधारणा को साकार किया। तीन दशकों तक उन्होंने होलकर राजवंश का नेतृत्व किया। उन्होंने प्रशासन, न्याय और जनकल्याण की अनुकरणीय व्यवस्था प्रदान की। दक्षिण में कांची, उत्तर में बद्रीनाथ, पूर्व में पुरी और पश्चिम में द्वारका तक, हर स्थान पर उनके पुण्य कार्यों की छाप मिलती है। वे इंदौर की महारानी थीं, परंतु उन्होंने अपने को किसी भौगोलिक सीमा में नहीं बाँधा। देश के विभिन्न हिस्सों में उन्होंने मंदिरों का निर्माण, धर्मशालाओं की स्थापना की और धर्म की पताका सदैव लहराई। वह सनातन की ध्वजवाहिका रहीं। जब महारानी अहिल्याबाई का नाम आता है तो हाथों में शिवलिंग लिए हुए उनकी तस्वीर सजीव हो उठती है। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना के प्रतीक काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट किया, तब यह घटना हिंदू समाज के लिए अत्यंत आघातकारी थी। उस समय माता जीजाबाई ने शिवाजी महाराज से कहा था कि काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण हमारा सर्वोच्च लक्ष्य होना चाहिए। पेशवा माधवराव ने भी अपनी वसीयत में लिखा था कि उनकी इच्छा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर फिर से बने। यह यशस्वी कार्य राजमाता अहिल्याबाई होलकर के कर-कमलों से संपन्न हुआ। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कर लाखों आस्थावान हिंदुओं के सपनों को साकार किया। वे हरिद्वार से गंगाजल मंगवाकर उसे कांचीपुरम के शिव मंदिर में अर्पित करवाती थीं। उन्होंने पुरी में धर्मशाला तथा द्वारका में भी धार्मिक निर्माण कार्य करवाए। जिस प्रकार आदि शंकराचार्य जी ने सनातन परंपरा को जोड़ते हुए चार धाम की स्थापना की, उसी परंपरा में राजमाता अहिल्याबाई होलकर जी ने भारत को सांस्कृतिक रूप से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर जगदलपुर विधायक श्री किरण देव साय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रस्तावना विश्व मांगल्य सभा की श्रीमती निकिता ताई द्वारा प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष एवं जगदलपुर विधायक श्री किरण देव साय, श्री अजय जामवाल, श्री पवन साय सहित बड़ी संख्या में विधायकगण, सांसदगण, निगम-मंडल-आयोग के अध्यक्षगण, जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

फाइनल वार: सीरीज कब्जाने उतरेगी भारत, इंग्लैंड से होगी जोरदार टक्कर

नई दिल्ली भारत और इंग्लैंड की महिला टीमों के बीच लॉर्ड्स में दूसरा वनडे मैच खेला जाना है। टीम इंडिया इस मुकाबले को जीतकर सीरीज पर कब्जा करना चाहेगी। टीम इंडिया ने सीरीज का पहला मैच चार विकेट से अपने नाम किया था। ऐसे में मेजबान इंग्लैंड के लिए यह ‘करो या मरो’ का मुकाबला होगा। क्रांति गौड़ इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे में दो विकेट अपने नाम कर चुकी हैं। इनके अलावा भारतीय टीम को जेमिमा रोड्रिगेज, दीप्ति शर्मा, स्मृति मंधाना और श्री चरणी से खासा उम्मीदें होंगी। हालांकि, भारत को सोफिया डंकले, नैट साइवर-ब्रंट, एलिस डेविडसन रिचर्ड्स और चार्ली डीन के खिलाफ रणनीति बनाकर उतरना होगा, जो पहले वनडे में शानदार खेल दिखा चुकी हैं। लॉर्ड्स की पिच बल्लेबाजों के लिए मददगार है। हालांकि, यहां स्पिनर्स को मदद मिल सकती है। रात में ओस पड़ने की संभावना के चलते टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी चुन सकती है। मौसम विभाग के अनुसार 19 जुलाई को लॉर्ड्स में मैच के दौरान बारिश की आशंका है। बारिश के चलते मैच को रोकना भी पड़ सकता है। भारत-इंग्लैंड के बीच दूसरा वनडे मैच भारतीय समय के अनुसार दोपहर साढ़े तीन बजे से शुरू होगा। इस मुकाबले का लाइव टेलीकास्ट सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर होगा, जबकि लाइव स्ट्रीमिंग सोनीलिव एप और वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। टीम इंडिया ने साउथैम्प्टन में खेले गए पहले वनडे मैच को चार विकेट से जीता था। इंग्लैंड ने सीरीज के शुरुआती मुकाबले में छह विकेट गंवाकर 258 रन बनाए, जिसके जवाब में टीम इंडिया ने 10 गेंदें शेष रहते ही जीत दर्ज कर ली। इंग्लैंड के खिलाफ यह सीरीज, वनडे वर्ल्ड की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण है, जिसकी मेजबानी भारत करेगा। सीरीज का तीसरा और अंतिम मैच 22 जुलाई को खेला जाना है। भारत: प्रतिका रावल, स्मृति मंधाना, हरलीन देयोल, हरमनप्रीत कौर (कप्तान), जेमिमा रोड्रिग्स, दीप्ति शर्मा, ऋचा घोष (विकेटकीपर), अमनजोत कौर, स्नेह राणा, श्री चरणी, क्रांति गौड़, राधा यादव, अरुंधति रेड्डी, तेजल हसबनीस, यास्तिका भाटिया, सयाली सतघरे। इंग्लैंड : टैमी ब्यूमोंट, एमी जोन्स (डब्ल्यू), एम्मा लैंब, नेट साइवर-ब्रंट (सी), सोफिया डंकले, एलिस डेविडसन रिचर्ड्स, सोफी एक्लेस्टोन, चार्ली डीन, केट क्रॉस, लॉरेन फाइलर, लॉरेन बेल, लिन्से स्मिथ, मैया बाउचियर, एम अर्लॉट, एलिस कैप्सी।  

टेबल वर्क नहीं, अब सेवा और शिक्षा पर फोकस: आयुष विभाग ने बदली डॉक्टरों की जिम्मेदारी

भोपाल  मध्य प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत प्रोफेसर और डॉक्टरों को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब ऐसे डॉक्टर जो केवल ऑफिस बैठकर प्रशासनिक काम करते हैं, उन्हें दोबारा पढ़ाई और इलाज से जुड़ी सेवाओं में लगाया जाएगा। सरकार का मानना है कि डॉक्टरों और प्रोफेसरों को मरीजों और छात्रों से दूर बैठाकर बाबूगिरी करवाना मेडिकल सेवाओं और शिक्षा दोनों के लिए नुकसानदायक है। आयुष विभाग इसको लेकर प्रावधान करने जा रहा है। इसमें जिन डॉक्टरों के पास 20 साल से कम का शिक्षण अनुभव है, उन्हें अब 65 की बजाय 62 साल की उम्र में ही सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। यह नियम आयुर्वेद कॉलेजों पर भी लागू होगा। क्लास रूम और क्लिनिक में मौजूदगी अनिवार्य साथ ही मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्राध्यापक अब नियमित रूप से क्लास लें, ओपीडी में बैठें और छात्रों को मार्गदर्शन दें। इसको लेकर ही नियमों को सख्त करने की तैयारी है। प्रशासनिक जिम्मेदारियों के बहाने शिक्षण और मरीजों से दूरी बनाने के बहाने खत्म किए जाएंगे।  बदलेगी डॉक्टरों की कार्यप्रणाली बता दें लंबे समय से कई डॉक्टर ऑफिस वर्क में लगे हुए हैं और उन्होंने क्लास या मरीजों को देखना लगभग बंद कर दिया था। सरकार अब ऐसे डॉक्टरों की सूची तैयार कर रही है जिन्हें मूल कार्य (टीचिंग और ट्रीटमेंट) में वापस भेजा जाएगा। यह पहल विभागीय जवाबदेही और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से की जा रही है।