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कोरोना के बाद नया खतरा! तेजी से फैल रहा वायरस, बजी वैश्विक अलार्म बेल

नई दिल्ली  चीन जहां से कोरोना वायरस फैला था अब एक और नए वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। इस बार मच्छर से फैलने वाले 'CHIKV वायरस' (चिकनगुनिया) ने चीन के कई जिलों में हजारों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है जिसके बाद चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय को आपातकालीन अभियान जारी करना पड़ा है। इस वायरस के कारण तेज बुखार और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। हॉन्गकॉन्ग में भी अलर्ट जारी इस वायरस के तेजी से फैलाव के कारण चीन के कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को इस बीमारी को रोकने में मदद करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। चीन के पड़ोसी देश हॉन्गकॉन्ग में भी इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है जिससे क्षेत्र में चिंता बढ़ गई है।   फोशन में तेज़ी से फैल रहा चिकनगुनिया चीन की मीडिया scmp.com की खबर के मुताबिक दक्षिण चीन के फोशन शहर में चिकनगुनिया बुखार तेज़ी से फैल रहा है। चीन के शुंडे की लोकल हेल्थ बॉडी ने जानकारी दी कि यहां चिकनगुनिया के मामले पाए गए हैं। केवल इसी इलाके में शुक्रवार तक चिकनगुनिया के पुष्टि किए गए मामलों की संख्या 1,161 तक पहुंच चुकी है। चीन के अन्य शहरों जैसे शुंडे, लेशॉन्ग, बिजीओ, चेनकून, नन्हई और चानचेंग में भी इस वायरस के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। दुनिया भर में 2 लाख से अधिक चिकनगुनिया केस अगर चिकनगुनिया बुखार के दुनिया भर के मामलों की बात करें तो साल 2025 में अब तक 2,20,000 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं। ये आंकड़े भी चिकनगुनिया बुखार को लेकर वैश्विक स्तर पर सावधानी बरतने का संकेत दे रहे हैं। क्या है CHIKV वायरस? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार चिकनगुनिया एक CHIKV वायरस है जो मच्छर के ज़रिए फैलता है। इसके कारण शरीर के जोड़ों में दर्द और तेज़ बुखार की शिकायत होती है। बुखार और दर्द काफी अधिक होता है और कई बार मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। बारिश के मौसम में इसके फैलने की संभावना अधिक होती है। बता दें CHIKV वायरस मुख्य रूप से मादा मच्छर के ज़रिए फैलता है।  

कोरोना के बाद नया खतरा! तेजी से फैल रहा वायरस, बजी वैश्विक अलार्म बेल

नई दिल्ली  चीन जहां से कोरोना वायरस फैला था अब एक और नए वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। इस बार मच्छर से फैलने वाले 'CHIKV वायरस' (चिकनगुनिया) ने चीन के कई जिलों में हजारों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है जिसके बाद चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय को आपातकालीन अभियान जारी करना पड़ा है। इस वायरस के कारण तेज बुखार और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। हॉन्गकॉन्ग में भी अलर्ट जारी इस वायरस के तेजी से फैलाव के कारण चीन के कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को इस बीमारी को रोकने में मदद करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। चीन के पड़ोसी देश हॉन्गकॉन्ग में भी इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है जिससे क्षेत्र में चिंता बढ़ गई है।   फोशन में तेज़ी से फैल रहा चिकनगुनिया चीन की मीडिया scmp.com की खबर के मुताबिक दक्षिण चीन के फोशन शहर में चिकनगुनिया बुखार तेज़ी से फैल रहा है। चीन के शुंडे की लोकल हेल्थ बॉडी ने जानकारी दी कि यहां चिकनगुनिया के मामले पाए गए हैं। केवल इसी इलाके में शुक्रवार तक चिकनगुनिया के पुष्टि किए गए मामलों की संख्या 1,161 तक पहुंच चुकी है। चीन के अन्य शहरों जैसे शुंडे, लेशॉन्ग, बिजीओ, चेनकून, नन्हई और चानचेंग में भी इस वायरस के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। दुनिया भर में 2 लाख से अधिक चिकनगुनिया केस अगर चिकनगुनिया बुखार के दुनिया भर के मामलों की बात करें तो साल 2025 में अब तक 2,20,000 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं। ये आंकड़े भी चिकनगुनिया बुखार को लेकर वैश्विक स्तर पर सावधानी बरतने का संकेत दे रहे हैं। क्या है CHIKV वायरस? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार चिकनगुनिया एक CHIKV वायरस है जो मच्छर के ज़रिए फैलता है। इसके कारण शरीर के जोड़ों में दर्द और तेज़ बुखार की शिकायत होती है। बुखार और दर्द काफी अधिक होता है और कई बार मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। बारिश के मौसम में इसके फैलने की संभावना अधिक होती है। बता दें CHIKV वायरस मुख्य रूप से मादा मच्छर के ज़रिए फैलता है।  

हर समस्या का हल ढूंढना हमारा दायित्व है: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

मुंबई  केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के लोककल्याण कार्यालय में रविवार को आयोजित जनता दरबार में नागरिकों की विभिन्न शिकायतें सुनी गईं और 15 शिकायतों का तत्काल निपटारा किया गया। सांसद पीयूष गोयल ने कहा कि हमारा प्रयास नागरिकों की समस्याओं को हल करना है। इस दौरान नगर निगम, म्हाडा, हाउसिंग सोसाइटी और पुलिस विभाग से संबंधित शिकायतें सामने आईं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली से ऑनलाइन माध्यम से नागरिकों से सीधे संवाद किया और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की। इस मौके पर सांसद गोयल ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को नागरिकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के स्पष्ट निर्देश दिए। कांदिवली स्थित लोककल्याण कार्यालय में आयोजित इस जनता दरबार में कई नागरिकों ने अपनी शिकायतें और निवेदन प्रस्तुत किए। कुछ मामलों में तत्काल कार्रवाई कर राहत प्रदान की गई। बाणडोंगरी क्षेत्र की महिलाओं ने पानी की आपूर्ति के समय में बदलाव को लेकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वे घरों में काम करके अपनी जीविका चलाती हैं और नगरपालिका द्वारा पानी की आपूर्ति का समय बदल दिए जाने से उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस पर गोयल ने आश्वासन दिया कि पानी विभाग से संपर्क कर पुराने समय को बहाल करने का प्रयास किया जाएगा। इस बीच, दहिसर के पुनर्विकास परियोजना से प्रभावित निवासियों ने भी अपनी समस्याएं साझा कीं। उनका कहना था कि वे पिछले 14 वर्षों से किराये के मकानों में रह रहे हैं, जबकि डेवलपर्स ने उनके मूल मकान दूसरों को किराये पर दे दिए हैं। इस पर गोयल ने स्पष्ट रूप से कहा कि आपके साथ धोखाधड़ी हुई है, आप पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा, सहकारी हाउसिंग सोसाइटी, अस्पताल, सड़क मरम्मत, पीने का पानी, खेल के मैदान, मुआवजा आदि से जुड़ी शिकायतें भी दर्ज की गईं। कई संस्थाओं और संगठनों के पदाधिकारी भी अपनी मांगों के साथ जनता दरबार में शामिल हुए। एक विशेष प्रसंग में चारकोप सेक्टर-8 निवासी मनसुख जाधव ने जनता दरबार में आकर सांसद गोयल का व्यक्तिगत रूप से आभार प्रकट किया। उन्हें हृदय शल्य चिकित्सा के लिए अस्पताल द्वारा अधिक खर्च बताया गया था, जिससे वह परेशान थे, लेकिन लोककल्याण कार्यालय के हस्तक्षेप से उन्हें मुफ्त इलाज प्राप्त हुआ। इसके लिए उन्होंने दरबार में आकर दिल से धन्यवाद दिया। जनता दरबार में उत्तर मुंबई भाजपा के जिलाध्यक्ष दीपक तावड़े, पूर्व नगरसेवक गणेश खणकर सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे। सांसद पीयूष गोयल ने कहा, "हमारा प्रयास नागरिकों की समस्याओं को हल करना है। लोककल्याण कार्यालय में आने वाली हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाता है और संबंधित विभागों से समन्वय कर निर्णय लिए जाते हैं। मेरी टीम भी लगातार फॉलोअप करती रहती है।"

हर समस्या का हल ढूंढना हमारा दायित्व है: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

मुंबई  केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के लोककल्याण कार्यालय में रविवार को आयोजित जनता दरबार में नागरिकों की विभिन्न शिकायतें सुनी गईं और 15 शिकायतों का तत्काल निपटारा किया गया। सांसद पीयूष गोयल ने कहा कि हमारा प्रयास नागरिकों की समस्याओं को हल करना है। इस दौरान नगर निगम, म्हाडा, हाउसिंग सोसाइटी और पुलिस विभाग से संबंधित शिकायतें सामने आईं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली से ऑनलाइन माध्यम से नागरिकों से सीधे संवाद किया और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की। इस मौके पर सांसद गोयल ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को नागरिकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के स्पष्ट निर्देश दिए। कांदिवली स्थित लोककल्याण कार्यालय में आयोजित इस जनता दरबार में कई नागरिकों ने अपनी शिकायतें और निवेदन प्रस्तुत किए। कुछ मामलों में तत्काल कार्रवाई कर राहत प्रदान की गई। बाणडोंगरी क्षेत्र की महिलाओं ने पानी की आपूर्ति के समय में बदलाव को लेकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वे घरों में काम करके अपनी जीविका चलाती हैं और नगरपालिका द्वारा पानी की आपूर्ति का समय बदल दिए जाने से उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस पर गोयल ने आश्वासन दिया कि पानी विभाग से संपर्क कर पुराने समय को बहाल करने का प्रयास किया जाएगा। इस बीच, दहिसर के पुनर्विकास परियोजना से प्रभावित निवासियों ने भी अपनी समस्याएं साझा कीं। उनका कहना था कि वे पिछले 14 वर्षों से किराये के मकानों में रह रहे हैं, जबकि डेवलपर्स ने उनके मूल मकान दूसरों को किराये पर दे दिए हैं। इस पर गोयल ने स्पष्ट रूप से कहा कि आपके साथ धोखाधड़ी हुई है, आप पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा, सहकारी हाउसिंग सोसाइटी, अस्पताल, सड़क मरम्मत, पीने का पानी, खेल के मैदान, मुआवजा आदि से जुड़ी शिकायतें भी दर्ज की गईं। कई संस्थाओं और संगठनों के पदाधिकारी भी अपनी मांगों के साथ जनता दरबार में शामिल हुए। एक विशेष प्रसंग में चारकोप सेक्टर-8 निवासी मनसुख जाधव ने जनता दरबार में आकर सांसद गोयल का व्यक्तिगत रूप से आभार प्रकट किया। उन्हें हृदय शल्य चिकित्सा के लिए अस्पताल द्वारा अधिक खर्च बताया गया था, जिससे वह परेशान थे, लेकिन लोककल्याण कार्यालय के हस्तक्षेप से उन्हें मुफ्त इलाज प्राप्त हुआ। इसके लिए उन्होंने दरबार में आकर दिल से धन्यवाद दिया। जनता दरबार में उत्तर मुंबई भाजपा के जिलाध्यक्ष दीपक तावड़े, पूर्व नगरसेवक गणेश खणकर सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे। सांसद पीयूष गोयल ने कहा, "हमारा प्रयास नागरिकों की समस्याओं को हल करना है। लोककल्याण कार्यालय में आने वाली हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाता है और संबंधित विभागों से समन्वय कर निर्णय लिए जाते हैं। मेरी टीम भी लगातार फॉलोअप करती रहती है।"

पीड़ितों को राहत: मंत्री देवांगन ने वितरित किए आर्थिक सहायता के चेक

रायपुर, कोरबा विधानसभा अंतर्गत दर्री के कलमीडुग्गु, प्रगतिनगर के 10 लोगों की फरवरी माह में कुम्भ यात्रा के दौरान सड़क हादसे में दुःखद निधन हो गया था। सभी शोक संतृप्त परिवार को वाणिज्य उद्योग एवं श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने 1-1 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की थी। मंत्री देवांगन ने आज कोहड़िया, कोरबा निवास कार्यालय में सभी 10 परिवार को 1-1 लाख की सहायता राशि का चेक वितरण किया। उन्होंने इसके लिए सवेदनशील मुख्यमंत्री माननीय विष्णुदेव साय का बहुत बहुत आभार व्यक्त किया। इस दौरान पार्षद राधा महंत जी, पार्षद मुकुंद सिंह कँवर जी भी उपस्थित रहे।

अमरनाथ यात्रा का 18वां दिन: भारी सुरक्षा घेरे में 4 हजार श्रद्धालु निकले बाबा बर्फानी के दर्शन को

श्रीनगर, अमरनाथ यात्रा के 18वें दिन श्रद्धालुओं की संख्या तीन लाख के पार पहुंचने की संभावना है। रविवार को 4,388 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना हुआ। यह यात्रा अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच हो रही है। अब तक 2.75 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री बाबा बर्फानी का दर्शन कर चुके हैं। जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से 4,388 तीर्थयात्री कश्मीर पहुंचते हैं, जबकि इससे चार गुना ज्यादा तीर्थयात्री रोजाना सीधे यहां पहुंचते हैं और या तो ट्रांजिट कैंपों में या दोनों आधार शिविरों में, वहीं पंजीकरण कराते हैं। रविवार को यह संख्या तीन लाख को पार कर जाने की संभावना है। जम्मू से बालटाल और पहलगाम के दो आधार शिविरों तक और बालटाल व पहलगाम से अमरनाथ गुफा तक के दो मार्गों पर सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, सीआईएसएफ और अन्य सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे पहरा दे रहे हैं। सेना ने यात्रा ड्यूटी पर पहले से तैनात सीएपीएफ की 180 अतिरिक्त कंपनियों के अतिरिक्त 8,000 से ज्यादा विशेष बल तैनात किए हैं। यात्रा मार्ग पर हर पांच मीटर पर विभिन्न सीएपीएफ इकाइयों के पूरी तरह से सशस्त्र जवान तैनात हैं, और इस असाधारण सतर्कता के कारण इस साल हिमालयी अमरनाथ गुफा मंदिर की तीर्थयात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का विश्वास और भी मजबूत हुआ है। इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए अधिकारियों ने व्यापक बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है, क्योंकि यह यात्रा 22 अप्रैल के कायराना हमले के बाद हो रही है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसरन घाटी में आस्था के आधार पर 26 बेगुनाहों की हत्या कर दी थी। एक अधिकारी ने बताया, “आज 4,388 यात्रियों का एक और जत्था भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ। 64 वाहनों का पहला सुरक्षा काफिला 1,573 यात्रियों को लेकर सुबह 3.30 बजे बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ, जबकि 115 वाहनों का दूसरा सुरक्षा काफिला 2,815 यात्रियों को लेकर सुबह 4 बजे नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुआ।” 10 जुलाई को पहलगाम में ‘छड़ी मुबारक’ (भगवान शिव की पवित्र गदा) का पूजन किया गया। छड़ी मुबारक के एकमात्र संरक्षक महंत स्वामी दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में संतों के एक समूह द्वारा छड़ी मुबारक को श्रीनगर के दशनामी अखाड़ा भवन स्थित उसके स्थान से पहलगाम ले जाया गया। पहलगाम में, छड़ी मुबारक को गौरी शंकर मंदिर ले जाया गया, जहां भूमि पूजन हुआ। इसके बाद छड़ी मुबारक को दशनामी अखाड़ा भवन में वापस उसके स्थान पर ले जाया गया। यह छड़ी मुबारक 4 अगस्त को श्रीनगर स्थित दशनामी अखाड़ा मंदिर से गुफा मंदिर की ओर अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगी और 9 अगस्त को पवित्र गुफा मंदिर पहुँचेगी, जो यात्रा का आधिकारिक समापन होगा। इस वर्ष, यह यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 38 दिनों के बाद 9 अगस्त को समाप्त होगी, जो श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का संयोग है। यात्री कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक या तो पारंपरिक पहलगाम मार्ग से या छोटे बालटाल मार्ग से पहुँचते हैं। पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वाले लोग चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं, और 46 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करते हैं। इस यात्रा में तीर्थयात्री को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं। और, छोटे बालटाल मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुँचने के लिए 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है और दर्शन करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौटना पड़ता है। सुरक्षा कारणों से इस वर्ष यात्रियों के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।  

नाइजर में भारतीय बंधक संकट, उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की

नाइजर पश्चिमी अफ्रीकी देश नाइजर के डोसो क्षेत्र में बीती 15 जुलाई को बड़ा आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने दो भारतीयों की भी हत्या कर दी थी। वहीं जम्मू-कश्मीर के रामबन के रहने वाले रंजीत सिंह को किडनैप कर लिया गया था। अब उनका परिवार मोदी सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी मोदी सरकार से उन्हें वापस लाने के प्रयास करने की अपील की है। जानकारी के मुताबिक रंजीत सिंह एक कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे थे, तभी हथियारबंद आतंकियों ने हमला कर दिया। उमर अब्दुल्ला के कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, रंजीत सिंह की किडनैपिंग को लेकर सीएम अब्दुल्ला बेहद चिंतित हैं। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मामले में दखल देने की गुजारिश की है ताकि रंजीत सिंह को सुरक्षित वापस लाया जा सके। कौन हैं रंजीत सिंह? रंजीत सिंह की पत्नी शीला देवी ने शनिवार को मोदी सरकार से पति की सुरक्षित वापसी के लिए गुहार लगाई थी। उन्होंने बताया कि रंजीत ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड में सेफ्टी ऑफिसर थे। रामबन के चक्काकुंडी गांव में उनका परिवार रहता है। रंजीत सिंह के तीन बच्चे हैं। 15 जुलाई के बाद शीला देवी की पति से बात नहीं हो पाई। शीला ने कहा, 15 जुलाई को उनसे वॉट्सऐप पर बात हुई थी। मैनेजमेंट को फोन किया तो उन्होंने बताया कि साइट पर नेटवर्क नहीं रहते हैं। शीला देवी को पति की किडनैपिंग की जानकारी अगले दिन मिली। उनके एक दोस्त ने आतंकी हमले के बारे में बताया। वहीं मैनेजमेंट का कहना है कि आतंकियों से डरकर वह जंगल में भाग गए हैं। शीला देवी ने कहा, ऐसा लगता है कि उनके पति को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस कंपनी में रंजीत सिंह काम करते थे, उसकी तरफ से भी कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। शीला देवी ने कहा, अगर विदेश मंत्रालय चाहेगा तभी उनके पति की सकुशल वापसी हो सकती है।  

मुख्यमंत्री साय के प्रयास रंग लाए, कोतबा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 56 पदों की मंजूरी

रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जशपुर जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। पत्थलगांव विकास खंड के कोतबा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उन्नयन करके सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कोतबा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण करने के लिए 4 करोड़ 37 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति भी दे दी है। कोतबा में लोगों तक बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 56 पद स्वीकृत किए हैं। इनमें अस्पताल अधीक्षक, सर्जन, मेडिकल विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, दंत विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग सिस्टर, लैब टेक्नीशियन, ओटी टेक्नीशियन, स्टाप नर्स, लेखापाल, फार्मासिस्ट, सहायक ग्रेड 3, ड्रेसर, वार्ड बॉय, आया और भृतय के पद स्वीकृत किया गया है। शीघ्र ही उनकी पदस्थापना की जाएगी जिसमें लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जा सके।

सरकार के नीतिगत फैसलों ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ के किसानों का मान

साल दर साल बढ़ रहा है किसानों की संख्या, रकबा और उत्पादन रायपुर, मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय सरकार के नीतिगत फैसलों एवं कृषि मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के किसान खुशहाल हैं। इन नीतियों से प्रदेश के किसान निरंतर समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनते ही प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए प्रदेश के पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल 31 सौ रूपए प्रति क्विंटल की मान से धान खरीदी कर न सिर्फ किसानों का मान बढ़ाया बल्कि किसानों को उन्नति की ओर ले जाने में भी उल्लेखनीय कार्य किया है। राज्य सरकार ने बीते 18 महीने में विभिन्न योजनाओं के तहत् लगभग सवा लाख करोड़ रूपए किसानों के खाते में अंतरित की है। इन कल्याणकारी फैसलों और प्रोत्साहन से साल दर साल किसानों की संख्या, खेती-किसानी का रकबा और उत्पादन में वृद्धि हो रही है। बता दें कि देश की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मूल आधार भी कृषि ही है और छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है। मुख्यमंत्री श्री साथ के नेतृत्त्व में प्रदेश सरकार की इन डेढ़ साल की अवधि में किसानों के हित में लिए गए नीति गत फैसलों से खेती-किसानी की नया सम्बल मिला है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों से बीते खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में सर्वाधिक 24.75 लाख किसानों से समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी कर एक नया रिकार्ड कायम किया है। किसानों को समर्थन मूल्य के रूप में 32 हजार करोड रूपए का भुगतान एवं किसान समृद्धि योजना के माध्यम से मूल्य की अंतर की राशि 13,320 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया था। इसी तरह खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में प्रदेश के किसानों से रिकार्ड 149.25 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई और धान खरीदी के एवज में किसानों को 34,500 करोड़ रूपए का तत्काल भुगतान किया गया तथा 12 हजार करोड़ रूपए की अंतर की राशि एकमुश्त सीधे किसानों के खातों में अंतरित किया गया। राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वायदे को पूरा कर यह बता दिया है कि छत्तीसगढ़ की खुशहाली और अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने का रास्ता खेती-किसानी से ही निकलेगा। राज्य सरकार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी के साथ ही दो साल के बकाया धान बोनस की राशि 3716 करोड रूपए का भुगतान करके अपना संकल्प पूरा किया, इससे प्रदेश के किसानों में खुशी की लहर है। किसानो का मानना है कि राज्य सरकार के फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार किसानों की हितैषी है। खेती-किसानी ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और विकसित राज्य बनाने का सपना साकार होगा। छत्तीसगढ़ में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन कृषि ऋण 01 अप्रैल 2014 से उपलब्ध कराया जा रहा है। ऋण की अधिकतम सीमा 5 लाख रूपए तक है। फसल ऋण में नगद एवं वस्तु का अनुपात 60 अनुपात 40 है। सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से व्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए खरीफ वर्ष 2024 में 15.21 लाख किसानों को 6912 करोड़ रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर वितरित किया गया था। वर्ष 2025 में किसानों को 7800 करोड़ रूपए कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य है। किसानों को 11 जुलाई की स्थिति में 5124 करोड़ रूपए कृषि ऋण वितरित किए गए हैं। यह किसानों के हित में क्रांतिकारी कदम है। छत्तीसगढ़ में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना लागू की गई है। सौर सुजला योजना के माध्यम से सरकार ने दूरस्थ वनांचल में जहां बिजली की सुविधा नहीं है, वहां किसानों के खेतों में भी इस योजना के माध्यम से सौर सुजला सिंचाई पंप स्थापित कर सिंचाई की व्यवस्था की गई है। छत्तीसगढ़ में किसानों एवं भूमिहीन मजदूरों की स्थिति में सुधार, कृषि एवं सहायक गतिविधियां के लिए समन्वित प्रयास पर राज्य सरकार का फोकस है। कृषि विभाग के बजट में बीते वर्ष की तुलना में वर्ष 2024-25 में 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 13 हजार 435 करोड रूपए का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए राज्य के बजट में भी कृषि के साथ-साथ ग्रामीण विकास को फोकस किया गया है। यहां धान और किसान एक-दूसरे के पर्याय है। पिछले वर्ष 149.25 लाख मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर राज्य के 25 लाख 48 हजार 798 किसानों से खरीदी की गई है। राज्य सरकार ने बजट में कृषक उन्नति योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया, जिसका उद्देश्य कृषि समृद्धि को बढ़ावा देना है। वहीं किसानों के 5 एचपी तक के कृषि पंपों को मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए 3,500 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इसी तरह भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत राज्य के 5.65 लाख भूमिहीन मजदूरों को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही दलहन एवं तिलहन फसलों समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 80 करोड़ रुपये तथा फसल बीमा योजना के लिए 750 करोड़ रुपये और मोटे अनाजों के साथ-साथ दलहन, तिलहन, बीज उत्पादन एवं वितरण के लिए कृषक समग्र विकास योजना के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह सरकार की किसान हितैषी नियत को दर्शाता है। केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के 26 लाख से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का भी लाभ मिल रहा है। इस योजना में किसानों को तीन किश्तों में साल में 6 हजार रूपए की राशि केन्द्र सरकार के द्वारा सीधे किसानों के बैंक खातों में दी जा रही है। केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में धान के विपुल उत्पादन को देखते हुए केन्द्रीय पूल में 78 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य दिया है।

भारत की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं: ट्रंप के बयान पर धनखड़ ने रखी स्पष्ट राय

नई दिल्ली अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया है। अब इसको लेकर भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जवाब दिया है। धनखड़ ने कहा कि दुनिया की कोई ताकत भारत को निर्देश नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि लोगों को किसी नैरेटिव से प्रभावित नहीं होना चाहिए। धनखड़ ने कहा कि भारत को पता है कि उसे अपने मामलों को कैसे संभालना है। शीर्ष नेतृत्व लेता है फैसला उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस देश में सभी निर्णय इसके नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं। उपराष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि भारत आपसी सहयोग से काम करता है, परस्पर सम्मान रखता है और अन्य देशों के साथ कूटनीतिक संवाद करता है। उन्होंने कहा कि लेकिन अंततः हम संप्रभु हैं, हम अपने फैसले खुद लेते हैं। विपक्ष मांग रहा है जवाब धनखड़ की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विपक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया भारत-पाकिस्तान झड़प में ‘संघर्ष विराम’ कराने के दावे पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग कर रहा है। उन्होंने यहां भारतीय रक्षा संपदा सेवा के प्रशिक्षुओं के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि बाहरी नैरेटिव्स से निर्देशित न हों। इस देश में, एक संप्रभु राष्ट्र में, सभी निर्णय इसके नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं। दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारत को यह निर्देश दे कि उसे अपने मामलों को कैसे संभालना है। क्रिकेट का दिया उदाहरण उपराष्ट्रपति ने क्रिकेट की शब्दावली में कहा कि हर खराब गेंद को खेलना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि क्या इस बात पर माथापच्ची करने की जरूरत है कि किसने क्या कहा? जो क्रिकेट पिच पर अच्छे रन बनाता है, वह हमेशा खराब गेंदें छोड़ता है। वे लुभाने वाली होती हैं, लेकिन कोशिश नहीं की जातीं। और जो कोशिश करते हैं, उनके लिए आपके पास विकेटकीपर और गली में किसी के दस्ताने होते हैं।