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सत्र का आगाज़ आज, विधेयकों की बारिश और विपक्ष के तीखे सवाल आमने-सामने

नई दिल्ली संसद का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है. विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर ली है, जिनमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पाकिस्तान के साथ सीजफायर कराने के दावे और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) सबसे प्रमुख हैं. सरकार ने कहा है कि वह ऑपरेशन सिंदूर सहित सभी अहम मुद्दों पर चर्चा को तैयार है, लेकिन विपक्ष का जोर 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले पर रहेगा, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी और जिसे लेकर सरकार पर 'चूक' के आरोप लगाए जा रहे हैं. 17 विधेयक पेश करेगी सरकार इस सत्र में, जो 21 अगस्त को समाप्त होगा, सरकार 17 विधेयकों को पेश करने की योजना बना रही है. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाने संबंधी विधेयक की मांग कर रही है, लेकिन सरकार के सहयोग की संभावना कम दिख रही है. कांग्रेस सांसदों ने दिए नोटिस कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने शून्यकाल को स्थगित कर पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है. वहीं, सांसद मणिकम टैगोर ने पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और डोनाल्ड ट्रंप के विवादित बयान को लेकर अलग से नोटिस दिया है. प्रधानमंत्री का बयान और विपक्ष की मांगें सत्र की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया को संबोधित कर सरकार के एजेंडे और प्राथमिकताओं को बताते हुए करेंगे. यह संसद का पहला सत्र होगा जो पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रहा है, लिहाजा ये मुद्दे कार्यवाही में हावी रहने की संभावना है. सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने पीएम मोदी से ट्रंप के दावों, पहलगाम हमले में कथित चूक और बिहार में SIR (Special Intensive Revision) को लेकर जवाब मांगा. एअर इंडिया हादसा और विमान सुरक्षा विपक्ष एक और बड़ा मुद्दा उठाने जा रहा है- अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया हादसे का, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई थी. अमेरिकी रिपोर्ट्स में हादसे के लिए पायलटों को दोषी ठहराया गया है, ऐसे में सरकार से विस्तृत जवाब की मांग की जाएगी. हालांकि सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री की ओर से इन विवादित मुद्दों पर सीधे तौर पर जवाब देने की संभावना नहीं है.  सरकार की रणनीति और एक संभावित सर्वसम्मति केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार है और किसी मुद्दे से भागने वाली नहीं है. हालांकि, ट्रंप के दावों पर उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. सरकार का फोकस पाकिस्तान के साथ टकराव के दौरान हासिल उपलब्धियों और उसके बाद हुई सर्वदलीय विदेश यात्राओं को उजागर करने पर रहेगा. मॉनसून सत्र के दौरान कुल 21 बैठकें होंगी, जो 32 दिनों की अवधि में आयोजित की जाएंगी.

29 जुलाई से बुध करेंगे शनि के नक्षत्र, इन 3 राशियों की लगेगी लॉटरी

 बुध शनि के नक्षत्र पुष्य में 29 जुलाई को गोचर करने जा रहे हैं। इस गोचर से तीन राशियों को सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।  बुध करेंगे पुष्य नक्षत्र में गोचर  ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों का उल्लेख देखने को मिलता है जिसमें सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु शामिल हैं। समय-समय पर विभिन्न ग्रह राशि और नक्षत्र परिवर्तन करते हैं। 29 जुलाई को बुध पुष्य नक्षत्र में गोचर करने वाले हैं। बता दें कि पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि हैं। ऐसे में शनि के घर में बुध का प्रवेश कुछ राशियों के लिए लाभदायी साबित होगा तो कुछ के लिए नकारात्मक भी हो सकता है। बुध को संवाद, वाणी और बुद्धिमानी का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में तीन राशियों को विशेष लाभ हो सकता है। चलिए जानते हैं कि वह लकी राशियां कौन सी हैं। तीन राशियों को बुध नक्षत्र से होगा फायदा  मेष राशि बुध का पुष्य नक्षत्र परिवर्तन मेष राशि वालों के लिए शुभ रहने वाला है। इस समय आप आनंदमय जीवन व्यतीत करेंगे। भौतिक सुख-संपत्ति में वृद्धि का अनुभव करेंगे। आय के नए स्रोत बनेंगे और पुराने स्रोत से भी धन प्राप्त होगा। व्यावसायिक स्थिति सुदृढ़ होगी। निवेश लाभदायक रहेगा। व्यापार में वृद्धि के संकेत हैं। कन्या राशि बुध का नक्षत्र परिवर्तन कन्या राशि वालों के लिए लाभकारी रहने वाला है। करियर में उन्नति हो सकती है। आपको विदेश यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है। आपकी योजनाएँ फलीभूत होंगी। आपको बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। वैवाहिक जीवन में अच्छे परिणाम मिलेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों को शुभ समाचार मिलने की संभावना है। मिथुन राशि बुध का नक्षत्र परिवर्तन मिथुन राशि वालों के लिए शुभ रहने वाला है। इस समय नौकरी में अच्छे परिणाम मिलने के संकेत हैं। आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी। व्यवसायियों को विस्तार और नए सौदे करने के अवसर मिलेंगे। आर्थिक लाभ के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

नीतिगत निर्णयों से सशक्त हुए छत्तीसगढ़ के किसान: सरकार की बड़ी पहल

रायपुर : विशेष लेख : सरकार के नीतिगत फैसलों ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ के किसानों का मान सरकार के नीतिगत फैसलों ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ के किसानों का मान साल दर साल बढ़ रहा है किसानों की संख्या, रकबा और उत्पादन     रायपुर   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के नीतिगत फैसलों एवं कृषि मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के किसान खुशहाल हैं। इन नीतियों से प्रदेश के किसान निरंतर समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहे हैं। मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए प्रदेश के पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल 31 सौ रूपए प्रति क्विंटल की मान से धान खरीदी कर न सिर्फ किसानों का मान बढ़ाया बल्कि किसानों को उन्नति की ओर ले जाने में भी उल्लेखनीय कार्य किया है। राज्य सरकार ने बीते 18 महीने में विभिन्न योजनाओं के तहत् लगभग सवा लाख करोड़ रूपए किसानों के खाते में अंतरित की है। इन कल्याणकारी फैसलों और प्रोत्साहन से साल दर साल किसानों की संख्या, खेती-किसानी का रकबा और उत्पादन में वृद्धि हो रही है। बता दें कि देश की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मूल आधार भी कृषि ही है और छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहलाता है। मुख्यमंत्री साथ के नेतृत्त्व में प्रदेश सरकार की इन डेढ़ साल की अवधि में किसानों के हित में लिए गए नीति गत फैसलों से खेती-किसानी की नया सम्बल मिला है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों से बीते खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में सर्वाधिक 24.75 लाख किसानों से समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी कर एक नया रिकार्ड कायम किया है। किसानों को समर्थन मूल्य के रूप में 32 हजार करोड रूपए का भुगतान एवं किसान समृद्धि योजना के माध्यम से मूल्य की अंतर की राशि 13,320 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया था। इसी तरह खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में प्रदेश के किसानों से रिकार्ड 149.25 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई और धान खरीदी के एवज में किसानों को 34,500 करोड़ रूपए का तत्काल भुगतान किया गया तथा 12 हजार करोड़ रूपए की अंतर की राशि एकमुश्त सीधे किसानों के खातों में अंतरित किया गया। राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वायदे को पूरा कर यह बता दिया है कि छत्तीसगढ़ की खुशहाली और अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने का रास्ता खेती-किसानी से ही निकलेगा। राज्य सरकार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी के साथ ही दो साल के बकाया धान बोनस की राशि 3716 करोड रूपए का भुगतान करके अपना संकल्प पूरा किया, इससे प्रदेश के किसानों में खुशी की लहर है। किसानो का मानना है कि राज्य सरकार के फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार किसानों की हितैषी है। खेती-किसानी ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। कृषि के क्षेत्र में सम्पन्नता से ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और विकसित राज्य बनाने का सपना साकार होगा। छत्तीसगढ़ में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन कृषि ऋण 01 अप्रैल 2014 से उपलब्ध कराया जा रहा है। ऋण की अधिकतम सीमा 5 लाख रूपए तक है। फसल ऋण में नगद एवं वस्तु का अनुपात 60 अनुपात 40 है। सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से व्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए खरीफ वर्ष 2024 में 15.21 लाख किसानों को 6912 करोड़ रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर वितरित किया गया था। वर्ष 2025 में किसानों को 7800 करोड़ रूपए कृषि ऋण वितरित करने का लक्ष्य है। किसानों को 11 जुलाई की स्थिति में 5124 करोड़ रूपए कृषि ऋण वितरित किए गए हैं। यह किसानों के हित में क्रांतिकारी कदम है। छत्तीसगढ़ में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना लागू की गई है। सौर सुजला योजना के माध्यम से सरकार ने दूरस्थ वनांचल में जहां बिजली की सुविधा नहीं है, वहां किसानों के खेतों में भी इस योजना के माध्यम से सौर सुजला सिंचाई पंप स्थापित कर सिंचाई की व्यवस्था की गई है। छत्तीसगढ़ में किसानों एवं भूमिहीन मजदूरों की स्थिति में सुधार, कृषि एवं सहायक गतिविधियां के लिए समन्वित प्रयास पर राज्य सरकार का फोकस है। कृषि विभाग के बजट में बीते वर्ष की तुलना में वर्ष 2024-25 में 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 13 हजार 435 करोड रूपए का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए राज्य के बजट में भी कृषि के साथ-साथ ग्रामीण विकास को फोकस किया गया है। यहां धान और किसान एक-दूसरे के पर्याय है। पिछले वर्ष 149.25 लाख मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर राज्य के 25 लाख 48 हजार 798 किसानों से खरीदी की गई है। राज्य सरकार ने बजट में कृषक उन्नति योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया, जिसका उद्देश्य कृषि समृद्धि को बढ़ावा देना है। वहीं किसानों के 5 एचपी तक के कृषि पंपों को मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए 3,500 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इसी तरह भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत राज्य के 5.65 लाख भूमिहीन मजदूरों को सालाना 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही दलहन एवं तिलहन फसलों समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 80 करोड़ रुपये तथा फसल बीमा योजना के लिए 750 करोड़ रुपये और मोटे अनाजों के साथ-साथ दलहन, तिलहन, बीज उत्पादन एवं वितरण के लिए कृषक समग्र विकास योजना के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह सरकार की किसान हितैषी नियत को दर्शाता है। केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के 26 लाख से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का भी लाभ मिल रहा है। इस योजना में किसानों को तीन किश्तों में साल में 6 हजार रूपए की राशि केन्द्र सरकार के द्वारा सीधे किसानों के बैंक खातों में दी जा रही है। केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में धान के विपुल उत्पादन को देखते हुए केन्द्रीय पूल में 78 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य दिया है।     डॉ. ओम डहरिया, सहायक जनसंपर्क अधिकारी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की विदेश यात्रा ने रचा कीर्तिमान, दुबई और स्पेन से मिले निवेश के नए अवसर

अब तक की सफलतम विदेश यात्रा रही दुबई और स्पेन की यात्रा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव दुबई और स्पेन की विदेश यात्रा सबसे सफल रही: सीएम डॉ. यादव का दावा मुख्यमंत्री डॉ. यादव की विदेश यात्रा ने रचा कीर्तिमान, दुबई और स्पेन से मिले निवेश के नए अवसर मुख्यमंत्री डॉ. यादव 7 दिन की विदेश यात्रा से स्वदेश लौटे भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 7 दिन की दुबई और स्पेन की विदेश यात्रा से रविवार को स्वदेश लौट आए। वैदेशिक संबंधों को नई ऊर्जा देने वाली दुबई और स्पेन की इस यात्रा को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सफलतम यात्रा निरूपित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यात्रा की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूर-दृष्टि और कुशल नेतृत्व को दिया है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया से चर्चा में कहा कि प्रदेश में अलग-अलग सेक्टर में काफी निवेश की संभावनाएं हैं। दुबई और स्पेन के 7 दिन के प्रवास से मध्यप्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की अच्छी संभावनाएं बनी है। यात्रा के दौरान कई विदेशी कंपनियों से मध्यप्रदेश में निवेश और नॉलेज शेयरिंग के लिए करार भी हुए हैं। अभी तक की सफलतम विदेशी यात्राओं में स्पेन दुबई की यात्रा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इससे पहले मध्यप्रदेश में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव और भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से लगभग 30.77 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। निवेश धीरे-धीरे धरातल पर भी उतर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस विदेश यात्रा से मध्यप्रदेश में कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, खनन, उद्योग और पर्यटन विकास के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं निकलकर सामने आईं हैं, जिससे रोजगार के नए अवसरों के साथ-साथ औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश अब बड़ी तेजी से निवेश के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में उभर रहा है।  

TSI का ऐतिहासिक कदम: पहले अंतरिक्ष मिशन के लिए छत्तीसगढ़ के राजशेखर पैरी होंगे शामिल

रायपुर, अमेरिका की प्रतिष्ठित निजी एयरोस्पेस कंपनी टाइटन स्पेस इंडस्ट्रीज (टीएसआई) ने अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के पेंड्रा कस्बा निवासी 30 वर्षीय राजशेखर पैरी का चयन किया है। 2029 में लॉन्च होने वाले इस मिशन में राजशेखर को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। वे अंतरिक्ष यान प्रणालियों के संचालन, मिशन सिमुलेशन, जीरो-ग्रैविटी उड़ानों की तैयारी, आपातकालीन प्रक्रियाओं और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे कार्यों में योगदान देंगे। राजशेखर ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि अब अंतरिक्ष की दौड़ में निजी कंपनियां वैश्विक प्रतिभाओं को अवसर दे रही हैं। यह हमारे जैसे इंजीनियरों और छात्रों के लिए नया युग है। राजशेखर ने स्थानीय स्तर पर शुरुआती पढ़ाई के बाद 11वीं-12वीं की पढ़ाई हैदराबाद से की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (रक्षा मंत्रालय) में कार्य किया। इसके बाद उच्च शिक्षा और अंतरिक्ष विज्ञान में विशेषज्ञता के लिए राजशेखर यूके गए। वर्तमान में यूके में रह रहे राजशेखर एयरोस्पेस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं और स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी ऑर्बिटालॉकर में प्रोजेक्ट मैनेजर (इंजीनियरिंग) के रूप में कार्यरत हैं। राजशेखर ने मिशन के लिए कठिन प्रशिक्षण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पार किया, जिसमें नकली चंद्र मिशन, एनालॉग स्पेस आवासों में समय बिताना और उच्च स्तरीय शारीरिक व मानसिक मापदंडों को पूरा करना शामिल था। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनेमिक्स में इंटर्नशिप और एयरोस्पेस प्रणोदन में विशेषज्ञता हासिल की। मिशन का नेतृत्व नासा के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री विलियम मैकआर्थर जूनियर करेंगे।  

दुबई और स्पेन के निवेशक मध्यप्रदेश में निवेश के लिए उत्साहित: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

दुबई और स्पेन की यात्रा मध्यप्रदेश के लिए खोलेगी विकास के नए द्वार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में होगी सहायक दुबई और स्पेन के निवेशक मध्यप्रदेश में निवेश के लिए उत्साहित दुबई और स्पेन यात्रा से मध्य प्रदेश को 11 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त वैश्विक निवेश का केंद्र बन रहा है मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया के साथ किये अपनी विदेश यात्रा के अनुभव साझा भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उनकी दुबई और स्पेन की यात्रा मध्यप्रदेश में विकास के नए द्वार खोलेगी। दुबई और स्पेन के निवेशक मध्यप्रदेश में निवेश के लिए उत्साहित हैं। इस यात्रा से मध्यप्रदेश को 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इससे पूर्व भी जर्मनी, जापान और यूके आदि की यात्रा के दौरान वहां से मध्यप्रदेश में निवेश के लिए बड़े प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। मध्यप्रदेश में निरंतर देश-विदेश से आ रहे निवेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने में सहायक होंगे। यह अत्यंत आनंद का विषय है कि मध्यप्रदेश वैश्विक निवेश का केंद्र बन रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रविवार को दुबई और स्पेन की यात्रा से लौटने पर स्टेट हैंगर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम एवं मीडिया संवाद में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की स्पेन और दुबई यात्रा में 11 हजार 119 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिससे 14 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार भी प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति की जिंदगी बदलना आवश्यक है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके लिए भरसक प्रयत्न कर रहे हैं। गरीब, युवा, महिला,किसान सभी वर्गों को साथ लेकर विरासत सहेजने से लेकर विकास की गति बढ़ाने का दृढ़ संकल्प है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी नागरिकों से प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित रहने को कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई को बनाया प्रमुख केंद्र मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत की प्रगति के लिए प्रधानमंत्री मोदी अभिनंदन के पात्र हैं। उन्होंने अपने ग्यारह वर्ष के कार्यकाल में सात बार दुबई की यात्रा कर दो तरफा व्यापारिक और औद्योगिक साझेदारी को बढ़ाने का कार्य किया है। दुबई एक लघु विश्व की तरह है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे प्रधानमंत्री जी की नीतियों का अनुसरण करते हुए उद्योग एवं व्यापार वर्ष 2025 में देश-विदेश से निवेश लाने के प्रयास कर रहे हैं। इस क्रम में दुबई और स्पेन की यात्रा महत्वपूर्ण रही। प्रधानमंत्री के संकल्प को पूर्ण करने के लिए इस यात्रा को सार्थक बनाने का प्रयास किया गया। प्रधानमंत्री मोदी का एक-एक निर्णय विश्व में भारत की साख बढ़ाने का कार्य कर रहा है। प्रदेश में 20 वर्ष में बदला वातावरण, अब विकास की गति तीव्र मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में गत दो दशक विकास के दशक रहे हैं। वर्ष 2002-03 तक प्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों में जो स्थिति रही उसमें निर्णायक परिवर्तन आया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पिछले 20 वर्षों के कार्यकाल को मध्यप्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इन वर्षों में नागरिकों को यह अनुभव करवाया गया है कि सरकार क्या होती है। देश में गुजरात के बाद मध्यप्रदेश ऐसा राज्य होगा जो प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के स्वप्न को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। जहां गुजरात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार सरोवर परियोजना में सबसे बड़े बांध को पूर्ण करवाकर राष्ट्र को समर्पित किया वहां मध्यप्रदेश के हित में अंतर्राज्यीय नदी जोड़ो परियोजनाओं की स्वीकृति देकर उल्लेखनीय कदम उठाया। अब प्रदेश के विकास की गति तीव्र से तीव्रतम होगी। भारत स्पेन सांस्कृतिक सहयोग वर्ष मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि भारत सरकार ने भारत-स्पेन सांस्कृति सहयोग वर्ष की घोषणा की है। इस नाते उनकी स्पेन यात्रा अधिक प्रासंगिक हो गई है। इस वर्ष में अन्य गतिविधियों के साथ मध्यप्रदेश में स्पेन के कला और सांस्कृतिक जगत के प्रतिनिधियों और कलाकारों के मंचीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। निवेश बढ़ाने के निरंतर प्रयास मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दुबई और स्पेन की यात्रा में विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त निवेश प्रस्तावों की विस्तार से जानकारी दी। प्रदेश में सम्पन्न संभाग स्तरीय उद्योग कॉनक्लेव, भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, दुबई और स्पेन यात्रा के पूर्व इंग्लैंड, जर्मनी और जापान की यात्राओं में नए निवेश के माध्यम से मध्यप्रदेश की समृद्धि के प्रयास किए गए हैं। भारत के प्रमुख नगरों कोलकाता, कोयम्बटूर, सूरत, लुधियाना में भी सेक्टर वाइज बैठकों और संगोष्ठियों के माध्यम से मध्यप्रदेश में उद्योग क्षेत्र में नई इकाईयों की स्थापना के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं। बहनों को देंगे रक्षा बंधन का तोहफा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रक्षा बंधन 9 अगस्त से पहले लाड़ली बहनाओं के खाते में 1500 रुपए पहुंचने वाले हैं। योजना में दी जाने वाली 1250 रुपए की मासिक राशि के अलावा रक्षाबंधन पर शगुन के रूप में अतिरिक्त 250 रुपए दिए जाएंगे। दुबई एवं स्पेन प्राप्त निवेश प्रस्ताव   क्र. संगठन संपर्क व्यक्ति पदनाम क्षेत्र प्रस्तावित निवेश (करोड़ रू.) प्रस्तावित रोजगार देश 1 बीएनडब्ल्यू डेवलपर्स श्री अंकुर अग्रवाल सीईओ संस्थापक इंफ्रॉस्ट्रक्चर 2750 3575 दुबई, यूएई 2   श्री प्रवीण मेहता   प्रपोजल टू सेट सीनियर केयर सस्टेनेबल सिटी 1100 1430 दुबई, यूएई 3 कोनारेस मेटल सप्लाई भरत भाटिया सीईओ और चेयरमैन इस्पात निर्माण 640 832 दुबई यूएई 4 स्पेन कम्यूनिकेशन श्री नरेश खेतरपाल निदेशक हॉस्पिटैलिटी और मीडिया 500 650 दुबई, यूएई 5 अल्फा मेआ जनरल ट्रेडिंग       500 500 दुबई, यूएई 6 सराफ ग्रुप श्री इब्राहिम सराफ चैयरमैन वेयरहाउस 250 300 दुबई, यूएई 7 रिलायंस डिफेंस श्री दिनेश   रक्षा क्षेत्र 250 325 दुबई, यूएई 8 रेडियंट एजेस श्री मिलिंद सुरेश गोकर्ण   नेट जीरो एआईडेटा सेंटर 200 260 दुबई, यूएई 9 माविप ग्रुप श्री प्रत्यूष शास्त्री   इंदौर सिविक आई, हेल्थ्केयर सिटी और ग्रिड में निवेश प्रस्ताव 170 221 दुबई, यूएई 10 तौरानी ग्रुप ऑफ कंपनिज श्री उमेश सहजवानी निदेशक इस्पात निर्माण 100 130 दुबई, यूएई 11 ब्रावो फार्मा श्री राकेश पांडे संस्थापक और निदेशक फार्मा 100 130 दुबई, यूएई 12   श्री राजीवभार्गव   टायर रिट्रीडिंग 100 130 दुबई, यूएई 13 फॉर्च्यून … Read more

संघर्ष से सफलता तक: बस्तर में ‘बिहान’ योजना से महिलाओं की आर्थिक उड़ान

एकीकृत खेती और संबद्ध गतिविधियों से बढ़ रही आय रायपुर, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन 'बिहान' के तहत राज्य में  महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रही हैं। बस्तर जिले में जगदलपुर, तोकापाल, लोहंडीगुड़ा और दरभा – इन चार विकासखंडों में चिन्हांकित 16 इंटीग्रेटेड फार्मिंग क्लस्टर्स के माध्यम से लगभग 4600 परिवारों को एकीकृत खेती और संबद्ध गतिविधियों से जोड़कर उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य समूह से जुड़ी महिलाओं को 'लखपति दीदी' बनाना है, जिससे वे सालाना एक लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित कर सकें। 'बिहान' परियोजना के तहत, पारंपरिक खेती से हटकर उन्नत किस्म के बीजों और नई तकनीकों का उपयोग करके अधिक मात्रा में उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही, पौधों में होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए भी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। सब्जी उत्पादन से आत्मनिर्भरता की राह परियोजना के पहले चरण में, स्वसहायता समूह से जुड़ी 1800 से अधिक दीदियों ने अपने घरों के बाड़ी में 5 से 10 डिसमिल भूमि पर लतर वाली सब्जियों जैसे करेला, बरबटी, लौकी, तरोई और गिलकी का उत्पादन शुरू किया है। इसके लिए उन्होंने मल्चिंग और मचान जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है। ग्राम कलचा के जयंती बघेल बिहान स्व सहायता समूह' की सदस्य हैं और लगभग 15 डिसमिल में सब्जी उत्पादन कर रही हैं। इसी तरह ग्राम नेगीगुड़ा की पद्मा बघेल 'रुपशिला स्व सहायता समूह' से जुड़ी हैं और 10 डिसमिल में सब्जी उगा रही हैं। ग्राम बीजापुट की चंपा बघेल 'जीवन ज्योति स्व सहायता समूह' की सदस्य हैं और 25 डिसमिल में, जबकि ग्राम करणपुर की हीरामणि 'दुलार देई स्व सहायता समूह' की सदस्य हैं और 5 डिसमिल में सब्जी उत्पादन कर रही हैं। इस पहल से गांवों में सब्जियों का पर्याप्त उत्पादन हो रहा है, जिससे न केवल स्वयं के परिवार के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, बल्कि बाजार से सब्जी खरीदने पर होने वाले खर्च में भी कमी आ रही है। इस बचत राशि का उपयोग महिलाएं अपनी दैनिक आवश्यकताओं, बच्चों की पढ़ाई, संपत्ति निर्माण या नए व्यवसाय में कर सकती हैं। इसके अलावा, अतिरिक्त सब्जी को स्थानीय बाजारों और छोटी मंडियों में बेचकर महिलाएं अपनी आय बढ़ा रही हैं, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।g  भविष्य में, बस्तर में उत्पादित सब्जियों की मांग के अनुरूप जिले के बाहर भी इनकी आपूर्ति की योजना है। एक सदस्य, कई आजीविका गतिविधियां 'बिहान' परियोजना का लक्ष्य एक सदस्य को तीन से चार आजीविका गतिविधियों से जोड़ना है। इसमें सब्जी उत्पादन के अलावा मक्का, पशुपालन (मुर्गी, बकरी), वनोपज (इमली प्रसंस्करण), मछली पालन और लघु धान्य उत्पादन जैसी संबद्ध गतिविधियां भी शामिल हैं, जो महिलाओं की आय वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। 'बिहान' की यह पहल बस्तर की ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे सही मायने में 'लखपति दीदी' बन सकेंगी।

कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने किया 3 अगस्त को बंद का आह्वान, पांच राज्य होंगे प्रभावित

नई दिल्ली,  कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम में 3 अगस्त को बंद का एलान किया है। कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों और कार्यकर्ताओं से शामिल होने की अपील की गई है। पत्र में जिक्र किया गया है कि पूर्वी रीजनल ब्यूरो अपनी पार्टी कमेटियों, फौजी इकाइयों और जन संगठनों से अपील करता है कि वे हमारी पार्टी के महासचिव अमर शहीद कॉमरेड बसवराज और कॉमरेड विवेक की शहादत को याद करें, उनके क्रांतिकारी जीवन और कम्युनिस्ट आदर्शों से प्रेरणा लें और क्रांति के रास्ते पर जोश के साथ आगे बढ़ें। इसमें आगे कहा गया, “पूर्वी रीजनल ब्यूरो 20 जुलाई से 3 अगस्त 2025 तक स्मृति सभा का आयोजन कर रहा है। उसे सफल करने के लिए गांव-गांव, इलाके-इलाके में व्यापक रूप में ग्रुप मीटिंग, आम सभा व रैली का आयोजन कर स्मृति सभा को सफल करें। साथ ही 3 अगस्त 2025 को बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम में एक दिवसीय बंद को सफल करें। यह बंद केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा माओवादी नेताओं, कार्यकर्ताओं, समर्थकों और आदिवासी-ग्रामीण जनता पर किए जा रहे दमन के खिलाफ है।” पत्र में कॉमरेड बसवराज का भी जिक्र किया गया। इसमें कहा गया, “21 मई 2025 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गुंडेकोट पहाड़ में पुलिस के साथ 60 घंटे के संघर्ष के बाद हमारी पार्टी के महासचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड बसवराज (नवाला केशव राव) अपने दल के साथ शहीद हो गए। 21 मई 2025 को भारत के क्रांतिकारी आंदोलन के लिए काला दिन था।” बता दें कि 21 मई को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 27 नक्सली मारे गए थे। मारे गए नक्सलियों में 1.5 करोड़ का इनामी बसवराजू भी शामिल था, जो 70 साल का था और आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के एक गांव का रहने वाला था।  

प्रदेश के सभी शासकीय भवन दिसम्बर-2025 तक किये जाने हैं सौर ऊर्जीकृत

भोपाल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2030 तक 500 गीगा वॉट नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में मध्यप्रदेश निरंतर आगे बढ़ रहा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर रहे है। इसी क्रम में “प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’’ में प्रदेश के सभी शासकीय भवनों को दिसम्बर-2025 तक सौर ऊर्जीकृत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिये RESCO द्वारा सभी जिलों में पृथक-पृथक निविदाएँ जारी कर दर आमंत्रित की गयी है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने बताया है कि “प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’’ में प्रदेश में राज्य शासन के भवनों की छतों पर रेस्को पद्धति अंतर्गत सोलर रूफ़टॉप संयंत्र लगाने हैं। शासकीय विभागों को इन सौर परियोजनाओं में कोई निवेश नहीं करना होगा। शासकीय कार्यालयों द्वारा ऊर्जा के उपयोग के लिए RESCO विकासक को प्रति यूनिट भुगतान करना होगा। रेस्को द्वारा लगाये गये संयंत्र की प्रति यूनिट दर विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा निर्धारित व्यवसायिक दर (जिसमें शासकीय कार्यालय भी शामिल हैं) से काफी कम होगी। इस प्रकार शासकीय कार्यालय “शून्य निवेश, पहले दिन से बचत, नेट जीरो’’ के सिद्धांत पर कार्य कर सकेंगे।  RESCO परियोजना अंतर्गत म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा प्रत्येक जिले के लिए पृथक–पृथक निविदा जारी की गई है। इसमें RESCO विकासकों से प्रत्येक जिले के लिए पृथक–पृथक दर माँगी गई है। प्रत्येक जिले की न्यूनतम दर के आधार उस जिले में RESCO परियोजनाएँ स्थापित होंगी। भोपाल जिले में अधिकतम 15.6 MW की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जबकि ग्वालियर जिले में 5.26 MW, इंदौर जिले में 3.12 MW, छिंदवाड़ा जिले में 1.43 MW, दतिया जिले में 1.4MW, धार जिले में 1.34 MW की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। शासकीय विभागों/संस्थाओं के भवन पर RESCO इकाई द्वारा 25 वर्ष की अवधि के लिये सोलर रूफ़टॉप संयंत्र स्थापित किये जायेंगे। इस पूरी अवधि तक सोलर रूफ़टॉप संयंत्र का रख–रखाव RESCO इकाई द्वारा किया जाएगा। RESCO की आय पूरी तरह से 25 वर्ष तक सौर ऊर्जा के उत्पादन पर आधारित है। इससे RESCO विकासक सौर संयंत्र से अधिकतम उत्पादन की कोशिश करेंगे, जिससे शासकीय विभागों को अधिकाधिक लाभ होगा। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2018 से 2020 के बीच म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा राज्य में 133 शासकीय कार्यालयों में सफलतापूर्वक RESCO पद्धति से सोलर रूफ़टॉप संयंत्र लगाए, जो सफलतापूर्वक संचालित हैं। इसमें IIM Indore, CAPT भोपाल, शासकीय मेडिकल कॉलेज (रीवा, शिवपुरी, खण्डवा, दतिया, विदिशा), NLIU भोपाल, AG कार्यालय ग्वालियर, SAI भोपाल, भारत सरकार का पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन आदि शामिल हैं। नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के सफल एवं दक्षतापूर्ण क्रियान्वयन से निश्चित ही प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में होगा।  

भोपाल मेट्रो का रफ्तार परीक्षण सफल, जल्द शुरू होगा टेक्निकल ट्रायल

भोपाल सुभाष नगर से एम्स तक 90 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से मेट्रो रेल को दौड़ाया जा रहा है। यह परीक्षण पिछले तीन दिन से तीन से चार घंटे तक किया जा रहा है, जिसके तहत 10 से 15 फेरे लगाए जा रहे हैं। इसी बीच एम्स, अलकापुरी और डीआरएम ऑफिस स्टेशन पर आवागमन सहित अन्य काम किए जा रहे हैं। दरअसल, आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन) की टीम भोपाल मेट्रो की तकनीकी जांच करने इसी महीने आ सकती है। इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज पहले ही जमा किए जा चुके हैं। यह टीम रेलवे से जुड़ी है और लखनऊ से आएगी। इसकी अनुमति के बाद सीएमआरएस (आयुक्त मेट्रो रेल सेफ्टी) की टीम अंतिम निरीक्षण करेगी। इस टीम द्वारा रिपोर्ट मिलने के बाद ही भोपाल मेट्रो में यात्रियों की आवाजाही शुरू हो सकेगी। सितंबर तक तय की डेटलाइन बता दें कि परीक्षण के दौरान एक्सपर्ट ट्रैक, उसकी फिटनेस, अधिकतम स्पीड, सिग्नल, ब्रेकिंग सिस्टम आदि पैमाने पर जांच कर रहे हैं। मेट्रो कारपोरेशन ने सभी काम को खत्म करने की डेटलाइन सितंबर तक तय की है। इसके बाद अक्टूबर या नवंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेट्रो की शुरुआत कर सकते हैं। वर्ष 2018 में शुरू हुआ था काम भोपाल में मेट्रो का पहला मार्ग एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 6.22 किमी एम्स से सुभाष नगर के बीच का काम प्रायोरिटी कारिडोर के रूप में 2018 में शुरू हुआ था। सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक काम पूरा सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक काम पूरा हो गया है। इसके आगे अलकापुरी, एम्स और डीआरएम मेट्रो स्टेशन तक ट्रैक का काम हो चुका है और मेट्रो यहां तक पहुंच चुकी है। वहीं, दोनों स्टील ब्रिज की लोड टेस्टिंग भी की जा चुकी है। तीन अक्टूबर 2023 को भोपाल में पहली बार मेट्रो ट्रैक पर दौड़ी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था। इसके बाद से ही लगातार परीक्षण किया जा रहा है।