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PM मोदी का बड़ा कूटनीतिक मिशन: ब्रिटेन और मालदीव में व्यापार-रक्षा पर फोकस

नई दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से ब्रिटेन और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार, निवेश और रक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, अपनी यात्रा के पहले चरण में, मोदी लंदन जाएंगे और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। रविवार को दोनों देशों की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी, स्टॉर्मर के साथ भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर व्यापक चर्चा करेंगे, साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी करेंगे। मोदी की 23-24 जुलाई की ब्रिटेन यात्रा, इस देश की उनकी चौथी यात्रा होगी। लंदन से मालदीव जाएंगे PM मोदी विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के महाराजा चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यात्रा के दौरान दोनों पक्ष व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान देते हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे।" लंदन से मोदी मालदीव जाएंगे। वह मुख्य रूप से 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होने मालदीव जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर 25 से 26 जुलाई तक मालदीव की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे और 'व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी' के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लेंगे। यह संयुक्त दृष्टिकोण पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान अपनाया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह यात्रा भारत द्वारा अपने समुद्री पड़ोसी, मालदीव को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है, जो भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और विजन महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) में एक विशेष स्थान रखता है।" मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा दोनों पक्षों को घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज करेंगे नवीन विधायक विश्राम-गृह का भूमि-पूजन

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य एवं विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में आज प्रातः 10:30 बजे विधायक विश्राम गृह खण्ड-क्र.-1 के सामने, विधायक विश्राम गृह परिसर भोपाल में नवीन विधायक विश्राम गृह निर्माण कार्य का भूमि-पूजन होगा। कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय और लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह भी शामिल होंगे। लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने रविवार को भूमि-पूजन स्थल का निरीक्षण किया और भूमि-पूजन कार्यक्रम की उत्कृष्ट तैयारियों के अधिकारियों को निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि यह नवीन विधायक विश्राम गृह लगभग 160 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा और इसमें सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ 102 फ्लैट्स का निर्माण प्रस्तावित है।  

20वीं किस्त कब आएगी? कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान योजना पर खोले अहम राज

नई दिल्ली  9.8 करोड़ से अधिक किसान पीएम किसान योजना की अगली किस्त का इंतजार कर रहे हैं। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त जारी कर सकते हैं। हालांकि, अभी तक इसकी कोई आधिकारिक तारीख या स्थान की घोषणा नहीं की गई है। तारीख की घोषणा पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर की जाएगी। इस बीच, कृषि मंत्रालय ने शुक्रवार को उन्हें सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं के प्रति आगाह किया। मंत्रालय ने कहा कि किसानों को पीएम किसान योजना से जुड़ी जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करने की सलाह दी जाती है। कृषि विभाग ने क्या कहा? कृषि विभाग के अंतर्गत आने वाले पीएम किसान सम्मान निधि के आधिकारिक अकाउंट "एक्स" ने शुक्रवार, 18 जुलाई को एक पोस्ट में कहा, "प्रिय किसान भाइयों और बहनों, पीएम-किसान के नाम पर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही झूठी सूचनाओं से सावधान रहें। केवल आधिकारिक वेबसाइट: http://pmkisan.gov.in और @pmkisanofficial पर ही भरोसा करें। फर्जी लिंक, कॉल और संदेशों से दूर रहें।" योजना के बारे में बता दें कि पीएम-किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत पात्र किसानों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद के रूप में प्रति वर्ष 6,000 रुपये मिलते हैं। यह राशि 2,000 रुपये की तीन किस्तों में दी जाती है। इससे पहले फरवरी 2025 में पीएम मोदी ने बिहार के भागलपुर से 19वीं किस्त जारी की थी, जिसमें 9.8 करोड़ किसानों को 22,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। अब देशभर के किसान 20वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि यह किस्त आमतौर पर हर चार महीने में जारी की जाती है, इसलिए किसान जून में इसके जारी होने की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि, 18 जुलाई तक किस्त जारी नहीं की गई है और देरी का कोई आधिकारिक कारण भी नहीं बताया गया है। पिछले साल, जून की किस्त महीना खत्म होने से पहले ही जारी कर दी गई थी।  

नेपानगर में पानी की नई क्रांति: 36 करोड़ से घर-घर पहुंचेगा नल कनेक्शन

भोपाल बुरहापुर जिले के नेपानगर में अब हर घर तक नल का स्वच्छ जल पहुँच रहा है। नगरीय विकास एवं आवास के उपक्रम म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा संचालित यह परियोजना, एशियन डेवलपमेंट बैंक  की सहायता से संचालित हो रही है। परियोजना की कुल लागत लगभग 36 करोड़ रुपये है। इसमें आगामी दस वर्षों का संचालन और संधारण भी शामिल है। बुरहानपुर जिले की नेपानगर की इस परियोजना के अंतर्गत, ताप्ती नदी से जल लेकर इसे 7.7 एमएलडी क्षमता वाले जल शोधन संयंत्र के माध्यम से शोधित किया जा रहा है। शोधित जल को संग्रहित करने के लिए नगर में 150 किलोलीटर और 160 किलोलीटर की क्षमता वाले दो ओवरहेड टैंक बनाए गए हैं। इसके साथ ही 1900 किलोलीटर क्षमता का ग्राउंड स्टोरेज रिजर्वायर  भी स्थापित किया गया है। इस जल प्रदाय परियोजना से नेपानगर की 35 हजार से अधिक आबादी को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। हर घर तक पहुँचते नल कनेक्शन न केवल स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि आमजन के जीवन स्तर को भी सुदृढ़ बना रहे हैं। घर में आसानी से जल उपलब्ध होने पर क्षेत्रीय नागरिक भी खासे उत्साहित हैं। नेपानगर वार्ड क्रमांक 22निवासी हेमंत पाटिल का कहना है कि इस योजना के माध्यम से हमें पर्याप्त जल मिल रहा है। स्वच्छ जल मिलने से बीमारियों का खतरा कम हुआ है। वार्ड क्रमांक 23 निवासी भास्कर पवार का कहना है कि नल के माध्यम से जल मिलने से अब समय की बचत हो रही है। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा संचालित यह प्रयास  न केवल शहरी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर भी अग्रसर है।  

अब नहीं बच पाएंगे दुश्मन: खराब मौसम में भी हमला करेंगे अपाचे हेलीकॉप्टर

नई दिल्ली  भारतीय सेना को अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टरों का पहला जत्था 22 जुलाई को मिलने की उम्मीद है। इसमें 15 महीने से अधिक की देरी पहले ही हो चुकी है। ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर पश्चिमी सीमा (पाकिस्तान-अफगानिस्तान) पर सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, 2020 में अमेरिका के साथ 600 मिलियन डॉलर का सौदा हुआ। इसके तहत 6 अपाचे हेलीकॉप्टरों में से पहले 3 की डिलीवरी जल्द हो सकती है, जबकि बाकी तीन इस साल के अंत तक पहुंच जाएंगे। सेना के एविएशन कोर ने मार्च 2024 में जोधपुर में पहली अपाचे स्क्वाड्रन तैयार की थी, लेकिन हेलीकॉप्टर न होने के कारण यह स्क्वाड्रन बिना उपकरणों के थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सप्लाई चेन में रुकावटों और तकनीकी समस्याओं के कारण डिलीवरी दिसंबर 2024 तक टल गई, जो मई-जून 2024 में होनी थी। इस देरी से पश्चिमी मोर्चे पर बढ़ते खतरे के बावजूद सेना ने तत्परता में कोई कमी नहीं छोड़ी। अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर अपनी चपलता, मारक क्षमता और एडवांस टारगेंटिग सिस्टम के लिए जाने जाते हैं। यह 300 किमी/घंटा की रफ्तार और 20 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसमें आधुनिक टारगेट एक्विजिशन एंड डिजाइनेशन सिस्टम (TADS) और नाइट विजन सेंसर हैं, जो रात और खराब मौसम में सटीक निशाना साधते हैं। ड्रोन नियंत्रण और डेटा लिंक क्षमता इसे और प्रभावी बनाती है। भारतीय वायुसेना ने 2015 में एक अलग समझौते के तहत 22 अपाचे हेलीकॉप्टर पहले ही शामिल कर लिए हैं, लेकिन सेना को अपने हिस्से के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। ये हेलीकॉप्टर सेना की जमीनी हमले की क्षमता को मजबूती देंगे, जो ऑपरेशन सिंदूर के तहत मौजूदा जरूरतों के लिए अहम है। सैन्य तैयारियों को मिलेगा बढ़ावा सेना का एविएशन कोर टोही, घायल सैनिकों की निकासी और दूसरे मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके मौजूदा संसाधनों में स्वदेशी उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (ALH) ध्रुव, रुद्र, चीता, चेतक, और हल्का युद्धक हेलीकॉप्टर (LCH) शामिल हैं। अपाचे हेलीकॉप्टरों के आ जान से पश्चिमी सीमा पर आक्रामक और रक्षात्मक अभियानों को मजबूती मिलेगी, जिससे सेना की तैयारियां आगे बढ़ती नजर आएंगी।  

रक्षाबंधन पर रेलवे का गिफ्ट: MP में पहली बार दौड़ेगी तेजस ट्रेन, 23 जुलाई से संचालन शुरू

इंदौर रक्षाबंधन सहित अन्य आगामी त्यौहारों को देखते हुए मध्य प्रदेश में पहली बार इंदौर से मुंबई के बीच सुपरफास्ट तेजस स्पेशल ट्रेन का चलेगी। जिससे इंदौर से मुंबई जाने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी। पश्चिम रेलवे ने लंबे समय से यात्रियों द्वारा की जा रही मांग के बाद सुपरफास्ट तेजस स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। इस ट्रेन का संचालन 23 जुलाई से 30 अगस्त तक किया जाएगा। जानें कब-कब चलेगी ट्रेन पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक के मुताबिक ट्रेन संख्या 09085 मुंबई सेंट्रल – इंदौर स्पेशल प्रत्येक सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को मुंबई सेंट्रल से 11.20 बजे प्रस्थान करेगी और अगले दिन एक बजे इंदौर पहुंचेगी। इसी प्रकार ट्रेन संख्या 09086 इंदौर–मुंबई सेंट्रल स्पेशल प्रत्येक मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को इंदौर से शाम पांच बजे प्रस्थान करेगी तथा अगले दिन सुबह 7.10 बजे मुंबई सेंट्रल पहुंचेगी।   ट्रेन दोनों दिशाओं में बोरिवली, वापी, सूरत, वडोदरा, दाहोद, रतलाम तथा उज्जैन स्टेशनों पर रुकेगी। इस ट्रेन में फर्स्ट एसी, एसी 2-टियर एवं एसी 3-टियर कोच होंगे। सोमवार से इसकी बुकिंग सभी पीआरएस काउंटरों एवं आईआरसीटीसी वेबसाइट पर शुरू होगी। बता दें कि इसका किराया अभी तक तय नहीं हुआ है। अवंतिका से महंगा होगा तेजस का किराया तेजस स्पेशल ट्रेन का किराया अभी इंदौर से मुंबई के बीच चल रही अवंतिका ट्रेन से अधिक रहेगा। तेजस ट्रेन की स्पीड भी अधिक रहेगी। इससे यह जल्दी गंतव्य तक पहुंचाएगी। तेजस स्पेशल ट्रेन के किराए निर्धारण का अधिकार आईआरसीटीसी को है। यदि ट्रेन चलने में देरी होती है तो आईआरसीटीसी यात्रियों को रिफंड भी देता है। जानकारी अनुसार इस ट्रेन में पांच से 12 साल के बच्चे का पूरा किराया लगेगा। इमरजेंसी कोटा के तहत यात्री ट्रेन राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, मेल-एक्सप्रेस आदि में वेटिंग टिकट के एवज में बर्थ उपलब्ध कराई जाती है। वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग, गंभीर रोगी, पुरस्कार विजेता आदि किसी को भी रियायती टिकट नहीं दिए जाएंगे। ऐसे सभी यात्रियों को पूरा किराया देना होगा।

संसद के मॉनसून सत्र में ही आएगा जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव? रिजिजू ने दिया जवाब

नई दिल्ली  संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। सरकार और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने एजेंडे तैयार कर लिए हैं। इसी सत्र में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाने की भी संभावना है। हालांकि संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक बिजनेस एडवाइजरी कमेटी इस मुद्दे को पास नहीं करती और चेयर से मंजूरी नहीं मिल जाती, इस मामले में कोई भी ऐलान करना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि महाभियोग को लेकर सांसदों के हस्ताक्षर हो रहे हैं। 100 से ज्यादा सदस्य इसपर साइन कर चुके हैं। जस्टिस यशवंत वर्मा वर्तमान में इलाहाबाद हाई कोर्ट में कार्यरत हैं। हालांकि उन्हें कोई न्यायिक कार्य नहीं सौंपा गया है। दिल्ली हाई कोर्ट में जज रहने के दौरान उनके आवास से जली हुए नोटों की गड्डियां मिली थीं। इससे पहले रीजीजू ने शुक्रवार को कहा था कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दल एकमत हैं। न्यायमूर्ति वर्मा के आवास से नोटों की जली हुई गड्डियां बरामद हुई थीं। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के आदेश पर हुई आंतरिक जांच में उन्हें दोषी ठहराया गया है। न्यायमूर्ति वर्मा ने किसी भी गलत कार्य में संलिप्त होने से इनकार किया है, लेकिन सुप्रीम द्वारा गठित आंतरिक जांच समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि न्यायाधीश और उनके परिवार के सदस्यों का उस स्टोर रूम पर गुप्त या सक्रिय नियंत्रण था, जहां नकदी पाई गई थी। इससे यह साबित होता है कि मामला गंभीर है और उन्हें हटाया जाना चाहिए। शुक्रवार को इस मामले को लेकर रिजिजू ने भी कहा था कि उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी वरिष्ठ नेताओं से बात की है। मैं एकमात्र सांसद वाले कुछ दलों से भी संपर्क करुंगा, क्योंकि मैं किसी भी सदस्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहता। ताकि यह भारतीय संसद की एक संयुक्त राय के रूप में सामने आए।’ केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने का प्रस्ताव लाने की पहल सरकार की नहीं, बल्कि विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों की है, जिनमें कांग्रेस के सांसद भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘न्यायपालिका में भ्रष्टाचार एक अत्यंत संवेदनशील और गंभीर मामला है, क्योंकि न्यायपालिका ही वह जगह है जहां लोगों को न्याय मिलता है। अगर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है, तो यह सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसी कारण न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने का प्रस्ताव सभी राजनीतिक दलों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाएगा।’  

ड्रीम प्रोजेक्ट नियोम की रफ्तार पर ब्रेक! सऊदी अरब में 20% कर्मचारियों की छुट्टी तय

रियाद सऊदी अरब के ड्रीम प्रोजेक्ट नियोम सिटी संकट में फंसता दिख रहा है। सेमाफोर ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में बताया है कि निओम 1,000 कर्मचारियों की छंटनी करने पर विचार कर रहा है। यह इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे कुल कर्मचारियों का 20 प्रतिशत है। इससे पता चलता है कि सऊदी अरब सरकार अपनी अपनी प्रमुख गीगा प्रोजेक्ट को छोटा कर रहा है। सेमाफोर ने बताया है कि निओम एक व्यापक बदलाव के तहत छंटनी पर विचार कर रहा है। इसके तहत 1,000 से ज्यादा कर्मचारी उत्तर-पश्चिमी लाल सागर तट पर स्थित नियोम की साइट को छोड़कर रियाद ट्रांसफर हो सकते है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यह योजनाएं अभी अंतिम रूप नहीं ले पाई हैं। इनमें और बदलाव हो सकते हैं। नियोम सऊदी सरकार की योजना सेमाफोर की यह रिपोर्ट उन लेखों की श्रृंखला में सबसे नई है। इससे पता चलता है कि सऊदी अरब सरकार नियोम के मामले में अपनी महत्वाकांक्षाओं पर अंकुश लगा रही है। नियोम का उद्देश्य सऊदी अरब के लाल सागर तट को लग्जरी होटलों, स्की रिसॉर्ट, द लाइन नाम का 170 किलोमीटर लंबा शहर और एक औद्योगिक पार्क बनना है। निओम ग्रीक शब्द नियोस (नया) और अरबी शब्द मुस्तकबाल (भविष्य) के मिश्रण से बना है। ऐसे में नियोम का अर्थ नया भविष्य है। यह मोहम्मद बिन सलमान के प्रोजेक्ट 2030 का हिस्सा है। नियोम शहर 2,63,000 हेक्टेयर में फैला होगा। इसके जरिए मोहम्मद बिन सलमान का मकसद सऊदी की अर्थव्यवस्था की तेल से निर्भरता कम करनी है। प्रोजेक्ट पर संदेह! सेमाफोर से पहले ब्लूमबर्ग ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि सऊदी अरब ने कई कंस्लटिंग फर्म से 'द लाइन' की व्यवहार्यता की समीक्षा करने के लिए कहा है। द फाइनेंशियल टाइम्स ने इस साल की शुरुआत में दावा किया था कि सऊदी अरब ने नियोम की व्यापक समीक्षा शुरू की है क्योंकि इस पर कई सवाल हैं। नियोम की व्यावहारिकता लंबे समय से बहस का विषय रही है। खासतौर उन निवेशकों के बीच संदेह है, जिन्हें लगता है कि सऊदी अरब शायद ही इस भविष्यवादी दूरस्थ शहर में लोगों को रहने के लिए आकर्षित कर पाएगा। सऊदी अरब का 1 ट्रिलियन डॉलर का सार्वजनिक निवेश कोष (पीआईएफ) से फिलहाल नियोम की फंडिंग हो रही है। हालांकि विदेशी निवेशकों की सीमित रुचि के कारण इस परियोजना को असफलताओं का सामना करना पड़ा है।