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बाबा बैद्यनाथ धाम केस में MP निशिकांत ने कहा- मैं भगोड़ा नहीं, यहां का सांसद होकर आया हूं आत्मसमर्पण के लिए

देवघर वैद्यनाथ धाम मंदिर मामले में निकास द्वार से प्रवेश करने के मामले में गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे व सांसद मनोज तिवारी व अन्य के खिलाफ दर्ज मामले में खुद की गिरफ्तारी देने के लिए डॉ. निशिकांत दुबे शनिवार को बाबा मंदिर थाना पहुंचे। देवघर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद वे सीधे बाबा मंदिर थाना के लिए निकले। सीता होटल चौक पर गाड़ी से उतरने के बाद वे पैदल बाबा मंदिर थाना तक पहुंचे। वहां उन्होंने थाना प्रभारी से कहा कि वे गिरफ्तारी देने आए हैं। हालांकि, तकनीकी कारणों से उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। इस बारे में सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने कहा कि उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। संभावना बनने पर होगी गिरफ्तारी पुलिस का कहना है कि एफआईआर को एमपी एमएलए कोर्ट में भेजा है। वहां उसे स्वीकार किया जाएगा, उसके बाद सेक्शन 41 के तहत तीन बार नोटिस दिया जाएगा। उसके बाद अगर गिरफ्तारी की संभावना बनेगी तो गिरफ्तारी होगी। उन्होंने कहा कि वे भगोड़ा नहीं हैं बल्कि यहां के सांसद है। यहां की जनता ने चार बार उन्हें चुनाव जिताया है। जनता ने चुनाव इसलिए जिताया है कि मैं उनके लिए संघर्ष कर सकूं। ये संघर्ष तभी कर पाउंगा तब कानून का पालन करूंगा। जो केस दर्ज हुआ है उससे दुखी हो गया हूं उन्होंने कहा कि उनके व परिवार वालों को मिलकर ये 51 वां केस दर्ज किया गया है। इस बार जो केस हुआ है उससे दुखी हो गया हूं। जितनी बार प्रशासन केस करेगा उतनी बात गिरफ्तारी देने आउंगा। कानून में अगर कोई प्रावधान है तो पुलिस मुझे गिरफ्तार करे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सभी को पता है कि किस तरह से गिरफ्तारी के डर से यहां के मुखिया भागे थे। उन्होंने कहा कि सांसद होने के नाते उन्हें भी कुछ सुरक्षा दी गई है। संविधान की धारा 105 के तहत उन्हें विशेषाधिकार का जो अधिकार प्राप्त है उनके तहत यहां के मुख्य सचिव, यहां के डीजीपी, डीएसी, एसपी सह डीआईजी के उपर विशेषाधिकारी किया है। किस आधार पर दर्ज हुआ मामला उन्होंने कहा कि इस पर सोमवार को संसद में सुनवाई होगी। उसके बाद इन लोगों से दिल्ली में ही पूछा जाएगा कि किस आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। गौ तस्कर को पकड़ने पर मामला दर्ज हो जाता है। वे सड़क सुरक्षा कमेटी में शामिल हैं। आरएसएस के विभाग प्रचारक पकड़ाते हैं और उनके ऊपर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि वे मंदिर के ट्रस्टी हैं। उन्होंने अगर किसी पुलिस वाले को धक्का दिया तो पुलिस वाला एफआईआर नहीं करता है, दंडाधिकारी एफआईआर नहीं करता है। एक अवैध आदमी तो अंदर घुसा हुआ है, उसके आधार पर उनके उपर एफआईआर कर देता है। वह अगर तीर्थ पुरोहित है तो वे भी पुरोहित हैं। वह ब्राह्मण है तो मैं भी हूं। गंवाली पूजा में तीन वर्ष जो चंदा दे देगा वह पंडा धर्मरक्षिणी के चुनाव में वोट दे सकता है। अगली बार जब चुनाव होगा तो वे भी वोट देने के अधिकारी होंगे। किस आधार पर मेरे व एफआईआर करने वाले में अंतर करते हैं। ये किस तरह की व्यवस्था है यहां इरफान अंसारी पूजा करने, इसाई एसपी पूजा करें को कोई परेशानी नहीं है। वह धार्मिक भावना नहीं भड़काएगा। लेकिन मनोज तिवारी अगर कांवड़ यात्रा लेकर आता है तो वह धार्मिक भावना भड़का देगा। ये किस तरह की व्यवस्था है। किस तरह का एफआईआर है। जब भी उन्हें थाना बुलाया जाएगा वे आएंगे। ऐसे लोगों के खिलाफ सड़क से संसद तक लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा भोले के सामने कह रहे हैं कि इस सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है उसे पूरा किया जाएगा।  

राज्यपाल से राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने की मुलाकात

जयपुर राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे से शनिवार को राजभवन पहुंचकर राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विषयों पर चर्चा की। डॉ. चतुर्वेदी की राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष बनने के बाद राज्यपाल से यह पहली शिष्टाचार भेंट थी।

PM मोदी ने कहा- संस्कृत भाषा को आमजन तक पहुंचाने के लिए सरकार सक्रिय

नई दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विश्व संस्कृत दिवस पर अपने संदेश में कहा कि उनकी सरकार ने पिछले एक दशक में इस प्राचीन भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत ज्ञान और अभिव्यक्ति का एक शाश्वत स्रोत है तथा इसका प्रभाव हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। मोदी ने कहा कि यह इस भाषा को सीखने और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयासरत सभी लोगों के प्रयासों की सराहना करने का अवसर है। यह दिवस प्रतिवर्ष ‘श्रावण पूर्णिमा' के अवसर पर मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सामने रखते हुए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना, संस्कृत शिक्षण केंद्रों की स्थापना, इस भाषा के विद्वानों को अनुदान देने और प्राचीन संस्कृत पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के लिए एक मिशन की शुरुआत जैसे विभिन्न उपायों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इससे अनगिनत विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को लाभ हुआ है। हिंदू महाकाव्यों समेत कई प्रभावशाली प्राचीन पुस्तकें संस्कृत में लिखी गई हैं। लेकिन संस्कृत अब ऐसी भाषा बनकर रह गई है जो बड़े पैमाने पर धार्मिक कार्यों में ही सीमित हो गई है।   

गौधाम योजना से पशुधन संरक्षण, नस्ल सुधार और रोजगार में आएगा नया आयाम – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर : छत्तीसगढ़ में ‘गौधाम योजना’ की शुरुआत – पशुधन सुरक्षा, नस्ल सुधार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा संबल रायपुर में शुरू हुई ‘गौधाम योजना’, पशुधन सुरक्षा और ग्रामीण विकास को मिलेगी ताकत गौधाम योजना से पशुधन संरक्षण, नस्ल सुधार और रोजगार में आएगा नया आयाम – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रायपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और पशुधन संरक्षण को नई दिशा देने के लिए गौधाम योजना की शुरुआत करने जा रही है। यह महत्वाकांक्षी योजना न केवल पशुधन की सुरक्षा और नस्ल सुधार को बढ़ावा देगी, बल्कि जैविक खेती, चारा विकास और गौ-आधारित उद्योगों के माध्यम से गांव-गांव में रोजगार के नए अवसर भी खोलेगी। योजना का स्वरूप इस तरह तैयार किया गया है कि निराश्रित एवं घुमंतु गौवंशीय पशुओं की देखभाल के साथ-साथ चरवाहों और गौसेवकों को नियमित आय का स्थायी स्रोत उपलब्ध हो, जिससे ग्रामीण जीवन में आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता आ सके। गौधाम योजना के ड्राफ्ट को वित्त एवं पशुधन विकास विभाग से भी मंजूरी मिल चुकी है। गौधाम योजना का उद्देश्य गौवंशीय पशुओं का वैज्ञानिक पद्धति से संरक्षण एवं संवर्धन करना, गौ-उत्पादों को बढ़ावा देना, चारा विकास कार्यक्रम को प्रोत्साहित करना, गौधाम को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित करना, ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराना तथा फसलों के नुकसान और दुर्घटनाओं में पशु एवं जनहानि से बचाव सुनिश्चित करना है। अवैध तस्करी और घुमंतु पशुओं की सुरक्षा पर विशेष फोकस* पशुधन विकास विभाग ने यह योजना विशेष रूप से तस्करी या अवैध परिवहन में पकड़े गए पशुओं और घुमंतु पशुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार की है। राज्य में अवैध पशु तस्करी एवं परिवहन पर पहले से रोक है। अंतरराज्यीय सीमाओं पर पुलिस कार्रवाई में बड़ी संख्या में गौवंशीय पशु जब्त होते हैं। इन पशुओं और घुमंतु पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए ही यह योजना शुरू की जा रही है। प्रत्येक गौधाम में क्षमता के अनुसार अधिकतम 200 गौवंशीय पशु रखे जा सकेंगे। गौधाम योजना के तहत चरवाहों को 10,916 रुपए प्रतिमाह और गौसेवकों को 13,126 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। इसके साथ ही मवेशियों के चारे के लिए प्रतिदिन निर्धारित राशि प्रदान की जाएगी। उत्कृष्ट गौधाम को वहां रहने वाले प्रत्येक पशु के लिए पहले वर्ष 10 रुपए प्रतिदिन, दूसरे वर्ष 20 रुपए प्रतिदिन, तीसरे वर्ष 30 रुपए प्रतिदिन और चौथे वर्ष 35 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से राशि दी जाएगी। योजना के लिए बजट, नियम और शर्तें तय कर दी गई हैं, ताकि संचालन में किसी तरह की परेशानी न हो। मुख्यमंत्री साय – “पशुधन की सुरक्षा और गांवों में रोजगार बढ़ाएगी गौधाम योजना” मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने  कहा कि गौधाम योजना से प्रदेश में पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और बड़ी संख्या में चरवाहों एवं गौसेवकों को नियमित आय का साधन मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पशुओं की नस्ल सुधार कर उन्हें अधिक दूध देने और खेती-किसानी में पूरी क्षमता से उपयोग करने योग्य बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में जैविक खेती और चारा विकास कार्यक्रमों को भी गति मिलेगी, जिससे ग्राम स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और गांवों की अर्थव्यवस्था सशक्त होगी। गौधाम की स्थापना के लिए चयनित होगी उपयुक्त शासकीय भूमि ऐसी शासकीय भूमि, जहां सुरक्षित बाड़ा, पशुओं के शेड, पर्याप्त पानी और बिजली की सुविधा उपलब्ध हो, वहीं गौधाम की स्थापना की जाएगी। जिन गौठानों में पहले से अधोसंरचना विकसित है, वहां उपलब्धता के आधार पर गौठान से सटे चारागाह की भूमि को हरा चारा उत्पादन के लिए दिया जाएगा। इसके अलावा, यदि आसपास की पंजीकृत गौशाला की समिति संचालन हेतु असहमति व्यक्त करती है, तो अन्य स्वयंसेवी संस्था, एनजीओ, ट्रस्ट, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी या सहकारी समिति संचालन के लिए आवेदन कर सकेगी। जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर गौधाम स्थापित किए जाएंगे, जो पंजीकृत गौशालाओं से भिन्न होंगे। पहले चरण में छत्तीसगढ़ के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गौधाम स्थापित किए जाएंगे। जिला स्तरीय समिति प्राप्त आवेदनों का तुलनात्मक अध्ययन कर चयनित संस्था का नाम छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग को भेजेगी। मंजूरी के बाद चयनित संस्था और आयोग के बीच करार होगा, जिसके पश्चात गौधाम का संचालन उस संस्था को सौंपा जाएगा। गोबर खरीदी नहीं होगी, चारा विकास को मिलेगा प्रोत्साहन गौधाम में गोबर खरीदी नहीं होगी, पशुओं के गोबर का उपयोग चरवाहा स्वयं करेगा। यहां निराश्रित एवं घुमंतु गौवंशीय पशुओं को ही रखा जाएगा और उनका वैज्ञानिक पद्धति से संरक्षण एवं संवर्धन होगा। संचालन में गौशालाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य गौ सेवा आयोग में पंजीकृत गौशाला की समिति, स्वयंसेवी संस्था, एनजीओ, ट्रस्ट, किसान उत्पादक कंपनी और सहकारी समिति संचालन के लिए पात्र होंगी। गौधाम को वहां रहने वाले पशुओं की संख्या के आधार पर राशि दी जाएगी। गौधाम से सटी भूमि पर चारा विकास के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाएगी—एक एकड़ में चारा विकास कार्यक्रम पर 47,000 रुपए और पांच एकड़ के लिए 2,85,000 रुपए का प्रावधान है। गौधाम बनेंगे प्रशिक्षण केंद्र, बढ़ावा मिलेगा गौ उत्पादों को प्रत्येक गौधाम को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा। संचालनकर्ता समिति या संस्था ग्रामीणों को गौ-उत्पाद विषय पर प्रशिक्षण देगी और उन्हें गौ-आधारित खेती के लिए प्रेरित करेगी। इसके साथ ही गोबर और गौमूत्र से केंचुआ खाद, कीट नियंत्रक, गौ काष्ठ, गोनोइल, दीया, दंतमंजन, अगरबत्ती आदि बनाने का प्रशिक्षण, उत्पादन और बिक्री के लिए भी गौधाम एक माध्यम बनेंगे।

ब्रिटेन कर रहा खालिस्तानी आतंकवाद का समर्थन, गुरुद्वारे के ‘खालिस्तान’ बोर्ड को दी हरी झंडी

लंदन  अमेरिका और कनाडा के बाद अब ब्रिटेन में भी खालिस्तानी गतिविधियों को खुलकर बढ़ावा मिल रहा है। ब्रिटेन में परमार्थ मामलों की निगरानी करने वाली संस्था ‘चैरिटी कमीशन’ ने स्पष्ट किया है कि दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के बर्कशायर स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, स्लाऊ में लगाए गए ‘खालिस्तान’ के बोर्ड देश में परमार्थ संस्थाओं के लिए जारी राजनीतिक दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं करते। कुछ वर्ष पहले गुरुद्वारे के संचालन को लेकर चिंता जताए जाने के बाद चैरिटी कमीशन ने एक नियामक अनुपालन जांच  शुरू की थी। आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि इस प्रक्रिया में ‘खालिस्तान’ बोर्ड से जुड़ा मामला सामने आया, जो धार्मिक और कुछ लोगों के लिए राजनीतिक महत्व रखता है। आधिकारिक नियमों के अनुसार, ब्रिटेन और वेल्स में पंजीकृत परमार्थ संस्थाएं राजनीतिक गतिविधियां केवल अपने परमार्थ संबंधी उद्देश्यों की पूर्ति के संदर्भ में ही कर सकती हैं। चूंकि गुरुद्वारे में प्रदर्शित बैनरों में किसी पृथक देश की सीधी मांग नहीं की गई थी, इसलिए इसे धार्मिक उद्देश्यों के दायरे में माना गया। इस विषय पर प्रतिक्रिया के लिए प्रतिनिधि सभा की रक्षा मामलों की समिति के अध्यक्ष और लेबर पार्टी के सांसद से संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसी बीच, कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरी में ‘खालिस्तान गणराज्य का दूतावास’ स्थापित करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बीबीसी टोरंटो (रेडियो और टीवी) के प्रमुख जोगिंदर बस्सी ने एक बयान में बताया कि यह इमारत पहले गुरु नानक सिख गुरुद्वारा परिसर में वरिष्ठ नागरिकों के सामुदायिक केंद्र के रूप में इस्तेमाल होती थी। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री और धर्मार्थ निदेशालय को पत्र लिखकर मामले की जांच और ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है।

राज्यपाल को बालिकाओं और ब्रह्माकुमारीज की बहनो ने बांधा रक्षासूत्र

जयपुर राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे को शनिवार को राजभवन में एस.ओ. एस. बालग्राम की बालिकाओं और ब्रह्माकुमारीज की बहनो ने रक्षाबंधन पर रक्षासूत्र बांधा। राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का पावन पर्व है। यह पर्व परस्पर स्नेह और प्यार के साथ भाइयो द्वारा बहनों की सुरक्षा का संदेश देता है। 

1800 करोड़ रूपए की लागत से बनेगी रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग इकाई, केन्दीय मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे भूमिपूजन

भोपाल मेट्रोपोलिटन सिटी के विकास को भी मिलेगी गति स्वदेशी के मंच पर हो रहा अमल 1800 करोड़ रूपए की लागत से बनेगी रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग इकाई भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर प्रदेश को रेल कोच इकाई की बड़ी सौगात प्राप्त हो रही है। परियोजना का भूमि-पूजन केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह 10 अगस्त को औबेदुल्लागंज के दशहरा मैदान में करेंगे। कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, रक्षा उत्पाद सचिव श्री संजीव कुमार, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री सतीश कुमार, भारत अर्थ मूवर्स परियोजना के अध्यक्ष श्री शांतनु राय शामिल हो रहे हैं। इस अवसर पर बीईएलएल (भारत अर्थ मूवर्स लि) परियोजना पर केन्द्रित लघु फिल्म, प्रस्तावित प्लांट का 3डी वॉक थ्रू और नए संयंत्रों के मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया है कि भारत अर्थ मूवर्स परियोजना द्वारा भोपाल जिले की सीमा के पास रायसेन के ग्राम उमरिया में 60 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 1800 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाली ब्रह्मा परियोजना (बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग) से राजधानी भोपाल सहित रायसेन, सीहोर और विदिशा आदि जिलों को लाभ होगा। इन जिलों के तकनीकी संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। परियोजना में 5 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलना प्राप्त होगा। मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में विकसित हो रहे भोपाल क्षेत्र को इस परियोजना से बहुत लाभ होगा। यह परियोजना प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में चल रहे मेक इन इंडिया मिशन के भाव का प्रकटीकरण है। यहां बनने वाले वंदे भारत-अमृत भारत और मेट्रो ट्रेनों के कोच से सम्पूर्ण भारतीय रेल व्यवस्था के नए युग का सूत्रपात होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि न सिर्फ राजधानी क्षेत्र बल्कि प्रदेश के विकास को गति देने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना से निकट स्थित औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप भी लाभान्वित होगा। विकास की नई इबारत लिखेंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रेल कोच फैक्ट्री को प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के सशक्त नेतृत्व में मध्यप्रदेश सहित भारत के अन्य राज्यों के निवदेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है। इस क्रम में कुछ माह पूर्व बैंगलोर में बीईएमएल संस्थान के भ्रमण के दौरान रायसेन जिले में रेल कोच फैक्ट्री की स्थापना के संबंध में निर्णय लिया गया। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य के अनुरूप कार्य करेगा संयंत्र ‘ब्राह्मा’ संयंत्र पूरी तरह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के उद्देश्यों के अनुरूप कार्य करेगा। संयंत्र में उपयोग होने वाली अधिकांश तकनीक और सामग्री देश में विकसित व निर्मित की जाएगी, जिससे विदेशी निर्भरता कम होगी। यह परियोजना प्रदेश को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस संयंत्र के निर्माण में पर्यावरणीय मानकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। यहां शून्य तरल अपशिष्ट प्रणाली, सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, वर्षा जल संचयन और हरित लैंडस्केपिंग को अपनाया जाएगा। निर्माण में पुनर्नवीनीकृत और टिकाऊ सामग्री का प्रयोग करते हुए इसे हरित फैक्ट्री मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। परियोजना का प्रारंभिक उत्पादन क्षमता 125 से 200 कोच प्रतिवर्ष होगी, जिसे पांच वर्षों में बढ़ाकर 1,100 कोच प्रतिवर्ष किया जाएगा। इस इकाई के संचालन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों रोजगार सृजित होंगे, जिससे प्रदेश के युवाओं को अपने ही राज्य में उच्च स्तरीय औद्योगिक रोजगार उपलब्ध होंगे। साथ ही, यहां विकसित होने वाली तकनीकी क्षमताएं प्रदेश को हाई-स्पीड रेल और मेट्रो निर्माण के वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाएंगी।  

मंत्री सारंग ने स्वच्छता मित्र बहनों के साथ मनाया रक्षाबंधन पर्व

स्वच्छता मित्र बहनों की कर्मठता के कारण भोपाल देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल भोपाल सहकारिता, खेल और युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने शनिवार को नरेला विधानसभा में वार्ड 70 के जोन 11 की स्वच्छता मित्र बहनों के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया। इस अवसर पर स्वच्छता मित्र बहनों ने मंत्री श्री सारंग की कलाई पर स्नेह का पवित्र रक्षासूत्र बांधकर उन्हें दीर्घायु, स्वास्थ्य और सफलता का आशीर्वाद दिया। मंत्री श्री सारंग ने भी सभी बहनों को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उनके अथक परिश्रम, अनुशासन और कर्मठता की सराहना कर उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर वार्ड 70 के पार्षद और एमआईसी अशोक वाणी भी उपस्थित थे। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि बहनों की सजगता और कर्मठता के कारण ही भोपाल ने देश के सबसे स्वच्छ शहरों में अपनी पहचान बनाई है। स्वच्छता मित्र बहनें न केवल स्वच्छता की जिम्मेदारी निभा रही हैं, बल्कि अपने अथक परिश्रम से शहर को गौरव भी दिला रही हैं। ये बहनें स्वच्छता प्रहरी हैं, जिनका योगदान समाज के हर नागरिक के लिए प्रेरणा है।  

पांच साल में बांग्लादेश में 3582 हमलों की रिपोर्ट, 2024 में 2.06 लाख भारतीयों का नागरिकता त्याग

नई दिल्ली  संसद में शुक्रवार को पेश हुई सरकारी रिपोर्ट ने एक साथ कई अहम मुद्दों  नागरिकता त्याग, विदेशों में हिंदू समुदाय और भारतीयों पर हमले, चीन के साथ सीमा विवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा, स्वास्थ्य योजनाओं में अनियमितताएं और प्रधानमंत्री के रेडियो कार्यक्रम से हुई कमाई पर विस्तृत जानकारी दी। 2.06 लाख भारतीयों ने 2024 में छोड़ी नागरिकता  विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि वर्ष 2024 में  2,06,378 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी जबकि 2023 में यह संख्या 2,16,219  थी। पिछले पांच वर्षों में यह आंकड़ा बढ़कर  8.96 लाख तक पहुंच गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नागरिकता छोड़ने या विदेशी नागरिकता अपनाने के कारण पूरी तरह व्यक्तिगत होते हैं और सरकार इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं रखती कि लोग किन वजहों से देश छोड़ रहे हैं।   विदेशों में हिंदुओं पर हमले और मंदिरों में तोड़फोड़      राज्यसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश में 2021 से अब तक हिंदुओं पर 3,582 हमले  दर्ज किए गए हैं।      हमले विशेष रूप से रंगपुर और चटगांव जैसे इलाकों में अधिक हुए हैं।      पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हिंसा के  334 मामलों को भारत ने आधिकारिक तौर पर इस्लामाबाद के समक्ष उठाया है।      अमेरिका में 2024 में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ के  5 मामले सामने आए, जबकि कनाडा में 4 और ब्रिटेन में भी हमलों के मामले दर्ज हुए। चीन के कब्जे में  भारतीय जमीन  सरकार ने पुष्टि की कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के अंत में चीन ने 38,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया था और यह स्थिति अब तक बनी हुई है।भारत ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं की हैं, लेकिन समाधान अभी भी दूर है। लालमोनिरहाट एयरबेस पर भारत की नजर  बांग्लादेश के लालमोनिरहाट एयरबेस को लेकर मिली रिपोर्टों का भारत ने संज्ञान लिया है। विदेश राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हर पहलू पर सतर्क और सक्रिय है।संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या बांग्लादेश ने इस एयरबेस से चीन को सैन्य गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दी है इस पर मंत्री ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।

‘कृषक उपहार योजना’ में संशोधन को स्वीकृति, ई-नाम पोर्टल पर कृषि जिंसों की बिक्री को मिलेगा प्रोत्साहन

जयपुर राज्य सरकार ने किसानों को पारदर्शी और डिजिटल माध्यम से कृषि जिंसों की बिक्री हेतु प्रोत्साहित करने के लिए संचालित ‘कृषक उपहार योजना’ में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। अब इस योजना का लाभ उन किसानों को ही मिलेगा जो ई-नाम पोर्टल के माध्यम से बिक्री करते हुए ई-पेमेंट (इलेक्ट्रॉनिक भुगतान) प्रणाली से भुगतान प्राप्त करते हैं।  मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को कृषि विपणन विभाग द्वारा भिजवाए गए प्रस्ताव के अनुसार अब उन्हीं किसानों को उपहार कूपन जारी किया जाएगा, जिनकी जिंसों की बिक्री ई-नाम पोर्टल पर दर्ज हुई हो और उसका भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से प्राप्त किया गया हो। योजना के वर्तमान स्वरूप में देखा जा रहा था कि ई-नाम पर कृषि जिंस के विक्रय पर्चियों पर जारी कूपन की तुलना में ई-पेमेंट पर जारी कूपन की संख्या काफी कम है। अब केवल ई-पेमेंट पर ही उपहार कूपन जारी किए जाने से ई-नाम पोर्टल पर बिक्री के साथ-साथ किसान और व्यापारी तत्काल एवं सुरक्षित डिजिटल लेन-देन के लिए प्रेरित होंगे।  संशोधित योजना में ई-पेमेंट से प्राप्त कृषि उपज विक्रय की प्रति 10 हजार रूपये की राशि एवं इसके गुणकों में उपहार कूपन ई-नाम सॉफ्टवेयर द्वारा जारी किए जा सकेंगे। प्रत्येक 6 माह में मंडी स्तर पर ड्रॉ निकालकर 50,000 रूपये का प्रथम पुरस्कार 30,000 रूपये का द्वितीय पुरस्कार और 20,000 रूपये का तृतीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।