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मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय पर्यटन मंत्री शेखावत करेंगे आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन रूहmantic का शुभारंभ

भोपाल महाकाल की पवित्र नगरी उज्जैन में 27 अगस्त 2025 को प्रदेश के द्वितीय वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन सम्मेलन “रूहmantic” का आयोजन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर आध्यात्मिक पर्यटन पर पीएचडीसीसीआई-केपीएमजी की रिपोर्ट "आस्था और प्रवाह: भारत के पवित्र स्थलों में जनसमहू का मार्गदर्शन" का विमोचन किया जाएगा। आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास प्रभु सम्मेलन के मुख्य वक्ता होंगे। यह सम्मेलन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा पर्यटन मंत्रालय और मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। पर्यटन मंत्रालय के अपर सचिव एवं महानिदेशक श्री सुमन बिल्ला और मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला सहित वरिष्ठ अधिकारी सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन के अंतर्गत सरकार-उद्योग गोलमेज कॉन्फ्रेंस, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, जिम्मेदार आतिथ्य और आध्यात्मिक पर्यटन में सांस्कृतिक संवर्धन पर बातचीत के लिए मंच प्रदान करेगा। सम्मेलन में महत्वपूर्ण सत्रों आध्यात्मिक पर्यटन के निम्न आयामों पर चर्चा होगी। मंदिर अर्थव्यवस्थाएं: जहां आस्था आजीविका से मिलती है – यह जांच करना कि मंदिर सर्किट स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को कैसे बनाए रखते हैं। महाकाल का मंडल: उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति और शहरी भविष्य – विरासत और आधुनिकीकरण की खोज। मन, शरीर और आत्मा: नई आध्यात्मिक सीमा के रूप में कल्याण – योग, आयुर्वेद और कल्याण का एकीकरण। डिजिटल में दिव्य – आध्यात्मिकता 2.0 – आध्यात्मिक पहुंच पर एआई, वीआर और एप्स का प्रभाव। पवित्र धुरी के संरक्षक – ज्योतिर्लिंग सर्किट – 12 ज्योतिर्लिंगों के सांस्कृतिक महत्व का पता लगाना। सम्मेलन के प्रतिभागी श्री महाकालेश्वर और काल भैरव के दर्शन करेंगे तथा उज्जैन की आध्यात्मिक विरासत का अनुभव करेंगे। सम्मेलन ई-फैक्टर एक्सपीरियंस, श्री मंदिर ऐप, आईआरसीटीसी, मान फ्लीट पार्टनर्स, केपीएमजी, इंदौर टॉक, होटल अंजुश्री, एडीटीओआई, एफएचआरएआई, आईएटीओ और टीएएआई के सहयोग से आयोजित है।  

जाली जाति प्रमाण पत्र का मामला: सजा होगी 7 साल, नौकरी भी जाएगी हाथ से

इंदौर नौकरियों के आवेदन के साथ ही राज्य एवं केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश एवं छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए जाति के प्रमाण की आवश्यकता पढ़ती है। पात्रता होने पर नियमानुसार यह दस्तावेज बनवाना हमारा अधिकार है जबकि गलत तरीके से फर्जी दस्तावेज बनवाने पर कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के अंतर्गत अपराध है। यह दस्तावेज अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए जारी होता है। इसके लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से बनवाया जा सकता है। सरकारी नौकरी तुरंत रद्द हो जाती है एडवोकेट महेश लाठी बताते है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने या उपयोग करने के गंभीर नुकसान हो सकते है। नए कानून भारतीय न्याय संहिता इसमें फर्जी दस्तावेज बनाना के लिए 7 साल तक एवं अर्थ दंड बताया गया है।फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर ली गई सरकारी नौकरी तुरंत रद्द हो जाती है। शिक्षा संस्थानों में दाखिला भी रद्द कर दिया जाता है, जिससे भविष्य खराब हो सकता है। पकड़े जाने पर समाज में विश्वास खो जाता है और व्यक्ति की प्रतिष्ठा गिर जाती है। जाति और समुदाय की छवि खराब होती है।   रिश्तों और सामाजिक पहचान पर भी बुरा असर पड़ता है। सरकारी योजनाओं के लाभ की वसूली की जाती है। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर मिले आरक्षण, छात्रवृत्ति, सरकारी योजना के लाभ वापस लिए जाते हैं। इसका निष्कर्ष यह है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाना या उपयोग करना कानूनन अपराध है। साथ ही सामाजिक दृष्टि से भी गलत है। इससे व्यक्ति का करियर, सम्मान और भविष्य खतरे में पड़ सकता है। इसलिए सही दस्तावेज के साथ ही प्रमाण पत्र बनवाना चाहिए और यदि कोई गलती हो तो तुरंत सुधार कराना चाहिए। इन तीन प्रक्रिया का पालन कर आवेदन – आपके जाति प्रमाण पत्र सत्र 2000 से पहले जारी हुआ है तो इसे आफ डिजिटल करवाना के लिए आधार, समक्र जन्म तारीख वाली अंक सूची उपलबध करानी होगी। इसके साथ ही एक फोबल्कि यहटो एवं पूर्व प्रमाण पत्र भी बनावाना होगा। – आवेदक को रक्त संबंध के आधार पर भी जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसके लिए माता-पिता, चाचा, भाई, बहन और दादा का जाति का प्रमाण पत्र देना होगा। इसके साथ अन्य दस्तावेज आधार, समग्र एवं एक फोटो देना होगा। – यदि किसी के पास पूर्व जारी प्रमाण पत्र नहीं है और रक्त संबंधी प्रमाण पत्र भी नहीं है। इसके चलते अंकसूची और निवास का प्रमाण पत्र देना होगा। साथ ही समग्र, आधार और फोट भी देना होगा।

श्योपुर और सिंगरौली के नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री नड्डा करेंगे लोकार्पण

भोपाल केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा 25 अगस्त को जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस सांस्कृतिक सूचना केन्द्र में मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने वाले ऐतिहासिक निर्णयों और जनहितैषी पहल का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। कार्यक्रम में श्योपुर और सिंगरौली में नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों का लोकार्पण होगा। साथ ही धार, बैतूल, पन्ना और कटनी जिलों में पीपीपी मॉडल पर चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए अनुबंधों पर हस्ताक्षर होंगे। वरिष्ठ नागरिकों के लिए वय वंदना कार्ड वितरण, मातृ-शिशु सुरक्षा को सुदृढ़ करने वाली योजनाएँ और डिजिटल नवाचार के रूप में स्मार्ट चैटबॉट का शुभारंभ किया जाएगा। इन पहलों से प्रदेश में चिकित्सा अधोसंरचना, जनस्वास्थ्य सुरक्षा और तकनीक आधारित सेवाओं का व्यापक विस्तार होगा। उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिकों को 8 लाख वय वंदना कार्ड का वितरण किया जाएगा। प्रदेश में तकनीकी सशक्तिकरण का नया अध्याय जोड़ते हुए स्मार्ट चैटबॉट (आयुष्मान एवं सखी) का शुभारंभ होगा। यह चैटबॉट आमजन को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और परामर्श प्राप्त करने का आसान माध्यम बनेगा। इसके अतिरिक्त आशा कार्यकर्ताओं से संवाद कर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी मजबूती को सुदृढ़ किया जाएगा। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड का वितरण भी किया जाएगा।  

सागर और कटनी से गुजरते हुए दौड़ेगी कोटा-गया पितृपक्ष स्पेशल ट्रेन, श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत

जबलपुर पितृपक्ष के अवसर पर गया जाने वाले यात्रियों के लिए पश्चिम मध्य रेल ने कोटा से गया के बीच साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। यह ट्रेन सागर, दमोह, कटनी, मैहर और सतना होकर गुजरेगी। ट्रेन संख्या 09817 सोगरिया-गया स्पेशल प्रत्येक शनिवार को 6 सितंबर से 21 सितंबर के बीच चलेगी, जबकि ट्रेन संख्या 09818 गया-सोगरिया प्रत्येक रविवार को संचालित होगी। सोगरिया से ट्रेन रात 11:10 बजे प्रस्थान कर, अगले दिन सुबह 5:35 बजे सागर, 6:45 बजे दमोह, 8:10 बजे कटनी, 9:40 बजे मैहर, 11:00 बजे सतना और रात 11:45 बजे गया पहुंचेगी। वापसी में, गया से ट्रेन मध्यरात्रि 1:15 बजे चलेगी। ट्रेन में एसी, स्लीपर और सामान्य श्रेणी के कोच उपलब्ध रहेंगे। सीटों का आरक्षण प्रारंभ हो चुका है।   सुबह की जगह दोपहर में पहुंची दयोदय एक्सप्रेस राजस्थान में वर्षा से सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन में जलभराव से दयोदय एक्सप्रेस प्रभावित हुई। रेल यातायात बाधित होने के कारण अजमेर-जबलपुर दयोदय ट्रेन शनिवार को पांच घंटे विलंब से शहर पहुंची। दयोदय एक्सप्रेस के जबलपुर पहुंचने का निर्धारित समय सुबह 8.45 बजे है। शनिवार को सुबह की जगह ट्रेन दोपहर में लगभग दो बजे पहुंची। निरंतर वर्षा से कोटा रेल मंडल के अंतर्गत रेल परचालित प्रभावित से शनिवार को अजमेर से जबलपुर के लिए रवाना होने वाली ट्रेन का मार्ग अचानक परिवर्तित करना पड़ा। यह ट्रेन अपने निर्धारित मार्ग की जगह चांदेरिया होकर कोटा के रास्ते जबलपुर तक आएगी।

दस दिवसीय गणेशोत्सव 27 अगस्त से शुरू, श्रद्धालु करेंगे षड्विनायक के दर्शन

उज्जैन भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर 27 अगस्त से दस दिवसीय गणेश पर्व की शुरुआत होगी। भक्त घर, परिवार में सुख समृद्धि तथा विघ्नों के विनाश की कामना से भगवान गणेश की स्थापना कर पूजा अर्चना करेंगे। गणेश उत्सव के इन दस दिनों में भक्त शहर के विभिन्न कोणों में विराजित षड्विनायक दर्शन यात्रा करेंगे। दर्शन करने से मनुष्य के सारे संकट समाप्त कार्यसिद्धि के लिए भगवान गणेश की पूजा अर्चना का क्रम त्रेता युग से चला आ रहा है। उस समय वनवास के दौरान उज्जैन आने पर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण व सीता ने शहर में षड्विनायक की स्थापना की थी। मान्यता है भगवान श्रीराम, लक्ष्मण व सीता द्वारा स्थापित व पूजित इन छह गणेश के दर्शन करने मात्र से मनुष्य के सारे संकट समाप्त हो जाते हैं। आर्थिक, मांगलिक, पारिवारिक, व्यापार व्यवसाय तथा नौकरी संबंधित काम में आ रही बाधा समाप्त होती है।   जिन युवक-युवतियों के विवाह आदि मांगलिक कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो रहा हो, वह भी खत्म हो जाता है तथा भक्तों को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से चतुर्दशी तिथि तक दस दिन षड्विनायक के दर्शन पूजन का विधान है। देशभर से भक्त इन दिनों में भगवान के दर्शन करने आते हैं। उज्जैन के षड्विनायक -चिंतामन गणेश : शहर से 5 किमी दूर ग्राम चिंतामन अविघ्न विनाय : खाकचौक पर खाकी अखाड़े के सामने। दुर्वामुख गणेश : श्री रामजनार्दन मंदिर के समीप। स्थितरमन गणेश : गढ़कालिका माता मंदिर के समीप। मोदप्रिय गणेश : हरसिद्धि मंदिर के पीछे गुरु अखाड़ के समीप। लक्ष्मी प्रदाता गणेश : महाकाल मंदिर में कोटितीर्थ कुंड के पास।