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सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश भर में महिलाओं, बेटियों और उनके परिवार के स्वास्थ्य परीक्षण को चलाया जाएगा अभियान

  – मोटापे को कम करने के लिये चीनी और तेल के प्रयोग को 10 प्रतिशत तक कम करने पर दिया जाएगा जोर – कैंसर, रक्तचाप, मधुमेह, आंख समेत होंगी विभिन्न जांचें, आयुष्मान और मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड का किया जाएगा वितरण लखनऊ,  योगी सरकार ने महिलाओं, बेटियों और उनके परिवार के स्वास्थ्य को सशक्त बनाने की दिशा में नई पहल की शुरुआत की है। इसके तहत सीएम योगी के निर्देश पर 17 सितंबर से पूरे प्रदेश में स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान का शुभारंभ किया जा रहा है। यह अभियान प्रदेश भर में 2 अक्टूबर तक चलेगा। इसके तहत स्वास्थ्य शिविर, पोषण जागरूकता और मातृत्व लाभ वितरण आदि कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।  इसका उद्​देश्य महिलाओं और उनके परिवार का स्वास्थ्य मजबूत कर समाज को मजबूत करना है। कैंसर समेत होंगी विभिन्न तरह की जांचें, आयुष्मान कार्ड का किया जाएगा वितरण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभियान के तहत प्रदेश में चिकित्सा और स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। इसमें महिलाओं की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ पोषण जागरूकता पर विशेष कार्यक्रम होंगे। साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत मातृत्व लाभ भी वितरित किया जाएगा। अभियान के स्वास्थ्य शिविर में महिलाअों के रक्तचाप, मधुमेह, दांत, आंख और ईएनटी की जांच की जाएगी। इसके अलावा कैंसर (मुख, स्तन और ग्रीवा), गर्भवती महिलाओं आदि की जांच की जाएगी। साथ ही एनीमिया के स्तर, टीकाकरण, टेलीमानस सुविधाएं और सिकल सेल परीक्षण किया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को आसान बनाने के लिए मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड, आयुष्मान कार्ड और पोषण ट्रैकिंग का पंजीकरण भी किया जाएगा। स्वस्थ जीवनशैली और पोषण पर दिया जाएगा जोर अभियान के तहत लोगों को संतुलित आहार, पोषण और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसमें मोटापे को कम करने चीनी और तेल के प्रयोग को 10 प्रतिशत तक कम करने, स्थानीय और मौसमी भोजन को बढ़ावा देने तथा बच्चों, किशोरियों के आहार व आयरन सेवन को सुनिश्चित करने पर बल दिया जाएगा। इसके अलावा टेक होम राशन  का वितरण और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। अभियान में प्रदेश के हर नागरिक को भी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इसमें रक्तदान शिविर, मित्र स्वयंसेवी पंजीकरण और आंगनबाड़ी पंजीकरण जैसी गतिविधियों के माध्यम से आमजन को अभियान से जोड़ा जाएगा।

हरियाणा के रेसलर अमन सहरावत अयोग्य घोषित, वजन में गड़बड़ी के कारण नहीं लड़ पाएंगे वर्ल्ड चैंपियनशिप

हिसार   विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भाग ले रही भारतीय टीम को रविवार को बड़ा झटका लगा, जब ओलंपिक पदक विजेता अमन सहरावत को अधिक वजन पाए जाने के कारण जगरेब में चल रही प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतने वाले अमन का वजन पुरुषों की फ्रीस्टाइल 57 किग्रा वर्ग में 1.7 किग्रा अधिक पाया गया। 2023 में जारी यूडब्ल्यूडब्ल्यू नियमों के अनुसार, विश्व कप, यूडब्ल्यूडब्ल्यू रैंकिंग सीरीज और अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में दो किग्रा तक अधिक वजन की अनुमति है, लेकिन विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक जैसे बड़े टूर्नामेंटों में ऐसा प्रावधान नहीं है। बता दें कि इससे पहले पेरिस ओलंपिक 2024 में महिला पहलवान विनेश फोगाट को 50 किग्रा वर्ग में थोड़े अधिक वजन के कारण प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया था। 25 अगस्त को पहुंचे थे जगरेब  अमन सहरावत 25 अगस्त को अनुकूलन शिविर के लिए क्रोएशिया के जगरेब पहुंचे थे और उनके पास वजन कम करने का पर्याप्त समय था। छत्रसाल स्टेडियम में प्रशिक्षण लेने वाले 22 वर्षीय अमन भारतीय टीम के प्रमुख पदक प्रत्याशियों में से एक माने जा रहे थे। बता दें अमन सहरावत हरियाणा के झज्जर जिले के बिरोहर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने कुश्ती में अपनी शुरुआती ट्रेनिंग और संघर्ष के बाद पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।   

हरियाणा के शिक्षकों के लिए खुशखबरी: जल्द घोषित होंगे राज्य पुरस्कार, 15 साल अनुभव अनिवार्य

चंडीगढ़  हरियाणा के योग्य शिक्षकों के लिए लंबे इंतजार के बाद खुशखबरी आने वाली है। पिछले दो वर्षों से राज्य शिक्षक पुरस्कार की घोषणा नहीं होने के कारण शिक्षकों में निराशा का माहौल था. लेकिन अब सरकार अक्टूबर के पहले हफ्ते में योग्य शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार देने पर विचार कर रही है। इसका ऐलान भी जल्द होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, इस विषय को लेकर सरकार और विभागीय अधिकारी गंभीर हैं और उन्होंने राज्य शिक्षक पुरस्कार देने संबंधी कई औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा कर लिया है।इससे शिक्षकों की मेहनत और उपलब्धियों को सम्मानित करने की प्रक्रिया अब जल्द शुरू होने वाली है। दो साल से नहीं मिले पुरस्कार हरियाणा में शिक्षकों को दो साल से राज्य शिक्षक पुरस्कार नहीं मिले हैं। 2024 और 2025 के पुरस्कारों की घोषणा अभी तक नहीं हुई है। पिछली बार 2023 में सरकार ने एक साथ 2022 और 2023 के पुरस्कार वितरित किए थे। लगातार दो साल से पुरस्कार का इंतजार कर रहे शिक्षकों को इस बार मिलने की उम्मीद है। शिक्षक संगठन लंबे समय से सरकार से मांग कर रहे थे कि समय पर पुरस्कार घोषित किए जाएं, ताकि शिक्षकों का मनोबल बढ़े और मेहनती व उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सही सम्मान मिले। 1 लाख रुपए नगद मिलते हैं हरियाणा में राज्य शिक्षक पुरस्कार योजना के माध्यम से प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल प्रधानाध्यापक और उच्चतर माध्यमिक स्तर सहित विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों को ₹100,000 और प्रशस्ति पत्र सहित दस राज्य पुरस्कार दिए जाते हैं। आवेदन के लिए 15 साल का अनुभव जरूरी राज्य शिक्षक पुरस्कार-2025 के लिए आवेदन करने के लिए कक्षा शिक्षकों के पास कम से कम 15 वर्षों का नियमित शिक्षण अनुभव होना चाहिए। प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य जिनके पास 20 वर्षों का नियमित शिक्षण अनुभव हो, जिसमें से कम से कम 5 वर्षों की सेवा, सीडीसी प्रभार सहित, प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य के रूप में हो। आवेदक शिक्षकों की पिछले दस वर्षों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR-APR) में ग्रेडिंग (+A/A) है। पिछले 5 वर्षों के बोर्ड कक्षा के परिणाम (10वीं और 12वीं कक्षा के) बोर्ड परिणामों की तुलना में माइनस में नहीं हैं। संस्था प्रमुख के मामले में, पिछले 5 वर्षों के बोर्ड कक्षाओं (10वीं और 12वीं) के सामान्य स्कूल परिणाम बोर्ड परिणामों की तुलना में माइनस में नहीं होने चाहिए।

गोल्फ और पर्यावरण साथ-साथ: रायपुर में भारत गोल्फ महोत्सव में रोपे पौधे

रायपुर राजधानी रायपुर में 17 सितंबर से ‘भारत गोल्फ महोत्सव’ का भव्य आगाज होने जा रहा है। गोल्फ के जरिए देशभर के खिलाड़ी और युवा खेल, स्वास्थ्य और समाज को जोड़ने की पहल करेंगे। यह महोत्सव गोल्फ फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा प्रस्तुत GFI Tour 2025 का हिस्सा है। इस कार्यक्रम के तहत आज गोल्फ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने परोपकार फाउंडेशन के साथ मिलकर आर्मी और बीएसएफ के जवानों के साथ वृक्षारोपण अभियान चलाया। आयोजन में करीब 3 हजार पौधे लगाए गए। फेडरेशन के फाउंडर आर्यवीर आर्य ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि देश कि सीमा की रक्षा में लगे जवान हमारे लिए प्रेरणा हैं, इसलिए उनके साथ मिलकर हरियाली बढ़ाना गर्व की बात है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य युवाओं और आम जनता को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करना है, ताकि वे अपने आसपास हरियाली बढ़ाने में योगदान दें। आर्यवीर आर्य ने कहा, वृक्षारोपण से न सिर्फ पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, बल्कि स्वस्थ जीवन और समाज में सकारात्मक बदलाव भी आएगा। बता दें कि भारत गोल्फ महोत्सव का उद्घाटन 17 सितंबर 2025 को रायपुर के Fairway Golf & Lake Resort में होगा और इसका समापन 12 जनवरी 2026 को किया जाएगा।

सीएम योगी के विजन व कुशल मार्गदर्शन में आधुनिक तकनीक का केंद्र बनकर उभर रहे यूपी की शक्ति की साक्षी बनेगी दुनिया

  -ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में हो रहे भव्य आयोजन में एआई मॉडल के लाइव डेमॉन्सट्रेशन के जरिए तकनीकी उन्नति को किया जाएगा प्रदर्शित -आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा 200 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में पवेलियन का होगा निर्माण, यूपीएलसी द्वारा कार्य पूरा किया जाएगा लखनऊ, उत्तर प्रदेश को उन्नत तकनीकी का गढ़ बनाने की दिशा में कार्य कर रही योगी सरकार ने यूपीआईटीएस 2025 को लेकर विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन व कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश का कायाकल्प न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए सुखद आश्चर्य का विषय बना हुआ है। योगी सरकार की नीतियों का ही परिणाम है कि कभी पिछड़ा कहा जाने वाला प्रदेश आज देश में उद्यम, उत्पादकता, तकनीकी कौशल व नवाचार का केंद्र बनकर उभरा है। प्रदेश की इसी सकारात्मक शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में 25 से 29 सितंबर के बीच यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के तृतीय संस्करण (यूपीआईटीएस 2025) का आयोजन किया जा रहा है।          इस कड़ी में, आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल का लाइव डेमॉन्सट्रेशन भी करेगा, जो दुनियाभर से यहां आने वाले आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस उद्देश्य से विभाग ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। कार्ययोजना के अनुसार, आयोजन स्थल के हॉल-5 के 200 वर्ग मीटर क्षेत्र में भव्य पवेलियन का संचालन किया जाएगा, जिसे उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) की देखरेख में तैयार किया जाएगा। कर्व्ड एलईडी वॉल समेत विभिन्न आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा पवेलियन योजना के अनुसार, यूपीएलसी की देखरेख में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग का थीम आधारित कॉन्सेप्च्युलाइज्ड पवेलियन बनाया जाएगा। इसमें स्टार्टअप्स के लिए विशेष क्षेत्र भी तैयार किया जाएगा। विभाग के पंडाल में स्मार्ट एलईडी वीडियो वॉल तथा स्टार्टअप्स के लिए अलॉटेड एरिया में आधुनिक कर्व्ड वीडियो वॉल लगाई जाएगी। इनके माध्यम से योगी सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और तकनीकी प्रगति की गाथाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। पंडाल में मुख्य मंच (स्टेज) के साथ ही बैठकों के लिए वीआईपी लाउंज, कैफेटेरिया और कॉमन विजिटिंग एरिया जैसी सुविधाएं भी वैश्विक मानकों के अनुरूप उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे आगंतुकों को भव्यता के साथ ही भविष्य की तकनीकों तथा इस दिशा में योगी सरकार के प्रयासों की जानकारी मिलेगी। लाइव सेटअप के आधार पर कार्य करेगा एआई मॉडल आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के पवेलियन में प्रस्तुत किया जाने वाला एआई मॉडल लाइव सेटअप पर आधारित होगा। यह न केवल कई भविष्य आधारित विशेषताओं से युक्त होगा, बल्कि तकनीकी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की प्रगति को प्रदर्शित करने का माध्यम भी बनेगा। उल्लेखनीय है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। जहां एआई प्रज्ञा जैसे कार्यक्रम प्रदेश की युवा पीढ़ी व वर्कफोर्स को एआई दक्ष बना रहे हैं, वहीं महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों से लेकर विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और रोजमर्रा के कार्यों के कुशल निष्पादन में एआई की भूमिका अहम रही है। इसके अतिरिक्त,पंडाल में कंटेंट डिस्प्ले के लिए करीब 150 वर्ग फीट की एनामॉर्फिक डिस्प्ले स्क्रीन लगाई जाएगी। साथ ही, पंडाल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए लाइव फीड सेटअप भी उपयोग में लाया जाएगा।

रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने पर होगी कार्रवाई, कबीरधाम पुलिस ने उठाया कदम

कबीरधाम आज सोमवार को कबीरधाम एसपी धमेन्द्र सिंह ने जिले के डीजे संचालकों की बैठक ली। बैठक के दौरान यह प्रमुख विषय सामने आया कि निर्धारित सीमा से अधिक आकार और ध्वनि वाले डीजे आम जनता के लिए गंभीर परेशानी का कारण बनते हैं। अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण से बुजुर्गों और मरीजों की नींद बाधित होती है, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और आम लोगों में तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। बड़े आकार के डीजे लगाने से भीड़ प्रबंधन कठिन हो जाता है और कई बार सामाजिक कार्यक्रम में अव्यवस्था फैल जाती है। बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि रात 10 बजे के बाद किसी भी परिस्थिति में डीजे या धुमाल का संचालन नहीं होगा। साथ ही, 10 इनटू 8 फीट (लंबाई-चौड़ाई) से बड़े डीजे व निर्धारित डेसिबल सीमा से अधिक ध्वनि पर सख्त रोक रहेगी। एसपी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले में कोई भी संचालक नियम का उल्लंघन न करे। यदि रात 10 बजे के बाद डीजे बजाया गया या निर्धारित आकार और ध्वनि सीमा से बाहर डीजे लगाए गए तो संबंधित संचालक का डीजे व सभी उपकरण वाहन समेत जब्त कर कोर्ट में पेश किया जाएगा। साथ ही कड़ी कार्रवाई होगी। पुलिस द्वारा सभी से अनुरोध किया कि नियमों का पालन करे। बैठक में उपस्थित डीजे संचालक ने आश्वस्त किया कि वे पुलिस प्रशासन द्वारा बनाए गए सभी नियम का पालन। यदि उनके द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो कार्रवाई किए जाने पर सहमत हैं।

‘परिक्रमा-कृपा सार’ से झलका आध्यात्मिक अनुभव, प्रहलाद पटेल ने लॉन्च की नई पुस्तक

इंदौर  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने मध्य प्रदेश के श्रम, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल की किताब ‘परिक्रमा-कृपा सार’ का विमोचन किया. यह किताब नर्मदा परिक्रमा के अनुभवों पर लिखी गई है. प्रहलाद पटेल ने सूबे की नदियों के उद्गम को बचाने के लिए ‘उद्गम मानस यात्रा’ शुरू की थी. उन्होंने बुक लॉन्चिंग के दौरान कहा कि अगर वो केंद्र से मध्य प्रदेश की राजनीति में न लौटते, तो शायद नदियों के उद्गम को बचाने का संकल्प न ले पाते.  प्रहलाद पटेल नर्मदा परिक्रमा के अनुभवों पर लिखी अपनी किताब ‘परिक्रमा-कृपा सार’ के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने 2 साल पहले ‘उद्गम मानस यात्रा’ शुरू की थी. इसके तहत वो अब तक 108 नदियों के उद्गम स्थलों तक पहुंच चुके हैं. प्रहलाद पटेल की इस यात्रा का मकसद मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नदियों के पुनर्जीवन और संरक्षण को लेकर जनता में जागरूकता फैलाना है. इसके साथ ही पर्यावरण के प्रति लोगों में चेतान फैलाना भी है.  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे मोहन भागवत प्रहलाद पटेल की किताब ‘परिक्रमा-कृपा सार’ का विमोचन इंदौर के ‘ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर’ में 14 सितंबर (हिंदी दिवस) पर मोहन भागवत और महामंडलेश्वर श्री ईश्वरानंद जी महाराज की विशेष उपस्थिति में किया गया. विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. भागवत ने कहा, ‘नर्मदा परिक्रमा में जो कुछ प्रहलाद जी को बोध मिला होगा, उस बोध (पुस्तक) को सरसरी तौर पर जो मैंने पढ़ा है, उसमें तो यही है कि मैं और मेरा छोड़ो; अंतःकरण पवित्र करो. स्वार्थ बिल्कुल मत रखो. कर्तव्य, कर्म करते चलो, सबको अपना मानकर चलते जाओ.’ कार्यक्रम के दौरान प्रहलाद पटेल ने किताब के लेखन से जुड़े अनुभव साझा करते हुए कहा कि 30 साल पहले उन्होंने अपने आराध्य श्रीश्री बाबाश्री जी की सेवा करते हुए नर्मदा परिक्रमा की थी. इस यात्रा का राजनीति से कोई संबंध नहीं था. उसी दौरान के अनुभव और अनुभूतियों को संकलन करके यह किताब सामने आई है. पुस्तक विमोचन से पहले मोहन भागवत को प्रहलाद पटेल ने अपनी ‘उद्गम मानस यात्रा’ के दौरान इकट्ठा किए गए 108 नदियों का पवित्र जल भी सौंपा.

राष्ट्रीय लोक अदालत में 39 हजार से ज्यादा बिजली मामलों का समाधान, ऊर्जा मंत्री तोमर ने दी जानकारी

राष्ट्रीय लोक अदालत में हुए 39 हजार से अधिक बिजली संबंधी प्रकरण निराकृत : ऊर्जा मंत्री तोमर उपभोक्ताओं को मिली 14 करोड़ रूपये की छूट भोपाल ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी है कि गत दिनों आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदेश में 39 हजार 337 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। राष्ट्रीय लोक अदालत में पात्रता अनुसार बिजली उपभोक्ताओं को 14 करोड़ 3 हजार रूपये की छूट दी गई है। बिजली कम्पनियों को 45 करोड़ 13 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा 17 हजार 486 प्रकरणों का निराकरण कर विद्युत उपभोक्ताओं को 7 करोड 33 लाख 83 हजार रूपये की छूट दी गई है। कम्पनी को 21 करोड़ 8 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसी तरह पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा 13 हजार 233 प्रकरणों का निराकरण कर विद्युत उपभोक्ताओं को 3 करोड़ 92 लाख रूपये की छूट दी गई है। बिजली कम्पनी को 13 करोड़ 22 लाख रूपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा 8 हजार 618 प्रकरणों का निराकरण कर विद्युत उपभोक्ताओं को 2 करोड़ 77 लाख रूपये की छूट दी गई है। बिजली कम्पनी को 10 करोड़ 11 लाख रूपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि लोक अदालत में 10 लाख रूपए तक के सिविल दायित्व के प्रकरणों में समझौते की सीमा निर्धारित थी। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, धारा 126 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों का समझौता किया गया। प्री लिटिगेशन स्तर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट, लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट प्रदान की गई। धारा 126 के प्रकरणों में सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं विलंब होने पर ब्याज में सौ प्रतिशत की छूट देय थी।  

प्रियांक खरगे का बयान कांग्रेस के लिए बना सेल्फगोल? विपक्ष ने उठाए तीखे सवाल

बेंगलुरु  कांग्रेस के नेता चुनाव से ऐन पहले सेल्‍फगोल करने के ल‍िए जाने जाते हैं. इस कड़ी में अब नया नाम कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्‍ल‍िकार्जुन खरगे के बेटे प्र‍ियांका खरगे का जुड़ गया है. कर्नाटक के कलबुर्गी में प्र‍ियांक खरगे ने कहा, ‘सिख धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और लिंगायत धर्म सभी भारत में एक अलग धर्म के रूप में पैदा हुए, क्योंकि हिंदू धर्म ने समाज के कुछ वर्गों को ‘गरिमापूर्ण स्‍थान’ नहीं दिया.’ बीजेपी नेता इसे मुद्दा बना रहे हैं और कांग्रेस की नीयत पर ही सवाल उठा रहे हैं. इसे बिहार चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है. तो क्‍या बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस के एक और नेता ने सेल्‍फ गोल कर द‍िया. बात सिर्फ प्र‍ियांक खरगे की नहीं है, एक द‍िन पहले कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया ने हिंदू समाज में असमानता और जातिवाद पर टिप्‍पणी की थी, जिसे बीजेपी ने ह‍िन्‍दू धर्म को अपमान‍ित करने का मुद्दा बना ल‍िया था. राज्य बीजेपी अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र और एमएलसी सी. टी. रवि ने कहा था क‍ि ऐसे बयान देकर राज्‍य सरकार धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है. उसी का जवाब देते हुए प्र‍ियांक खरगे ने ह‍िन्‍दू धर्म को ही कठघरे में खड़ा कर द‍िया. भाजपा नेताओं पर पलटवार करते हुए खरगे ने कहा, मुझे नहीं लगता कि विजयेंद्र और रवि भारत में धर्मों के इतिहास के बारे में जानते हैं. सिख धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और लिंगायत धर्म सभी भारत में अलग धर्म के रूप में पैदा हुए. ये सभी धर्म इसलिए पैदा हुए क्योंकि हिंदू धर्म ने इनके लिए जगह नहीं बनाई, इन्हें गरिमा नहीं दी. बाबा साहेब अंबेडकर का उदाहरण पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने सवाल किया, चातुर्वर्ण व्यवस्था क्या है? क्या यह किसी और धर्म में है? यह केवल हिंदू धर्म में है. बाबा साहेब अंबेडकर ने नारा दिया था कि हिंदू के रूप में जन्म लेना मेरे हाथ में नहीं है, लेकिन मैं हिंदू के रूप में मरूंगा नहीं. क्यों? क्योंकि वर्ण व्यवस्था की वजह से. उन्होंने कहा, लोगों के पास गरिमा नहीं थी, विभिन्न जातियां इस व्यवस्था से बाहर महसूस करती थीं. भारत में जितने भी धर्म पैदा हुए हैं, वे इसी असमानता के खिलाफ पैदा हुए हैं. मुझे नहीं लगता कि ये (भाजपा) नेता जानते भी हैं कि यह असल में है क्या. सिद्धारमैया ने क्‍या कहा था शनिवार को मैसूरु में एक सवाल पर जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने कहा था, कुछ लोग इस व्यवस्था की वजह से धर्मांतरण कर रहे हैं. अगर हिंदू समाज में समानता और बराबरी के अवसर होते, तो धर्मांतरण क्यों होता? छुआछूत क्यों आया? जब उनसे मुसलमानों और ईसाइयों में असमानता के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, जहां भी असमानता है-चाहे मुसलमानों में हो या ईसाइयों में, न हमने और न ही भाजपा ने लोगों से कहा कि धर्म बदल लो. लोग बदले हैं. यह उनका अधिकार है.

सिराज की रफ्तार ने फिर मचाया धमाल, अगस्त 2025 के लिए बने ICC प्लेयर ऑफ द मंथ

मुंबई  भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) ने एक बार फिर अपने शानदार प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया है. अगस्त 2025 के लिए उन्हें ICC मेंस प्लेयर ऑफ द मंथ चुना गया है. इस दौड़ में सिराज को न्यूजीलैंड के मैट हेनरी और वेस्टइंडीज के जायडन सील्स जैसी दिग्गज गेंदबाजों से कड़ी चुनौती मिली, लेकिन अंत में भारतीय पेसर ने बाजी मार ली. इंग्लैंड दौरे पर उनका दमदार प्रदर्शन इस उपलब्धि की बड़ी वजह रहा. इंग्लैंड सीरीज के नायक बने सिराज भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई 5 टेस्ट मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही. इस सीरीज में मोहम्मद सिराज भारत की ओर से सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए. उन्होंने 9 पारियों में कुल 23 विकेट चटकाए. सिराज का प्रदर्शन सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने निर्णायक मौकों पर टीम इंडिया को मैच में वापसी दिलाई. सीरीज में सिराज ने 2 बार पांच-पांच विकेट झटके, जबकि एक बार चार विकेट लिए. 32.43 की औसत और लगातार विकेट लेने की लय ने उन्हें इंग्लैंड की बल्लेबाजी लाइनअप के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना दिया. ओवल टेस्ट का जादुई स्पेल अगस्त 2025 में सिराज ने जो सबसे यादगार प्रदर्शन किया, वह ओवल टेस्ट में देखने को मिला. इस मैच में उन्होंने दोनों पारियों को मिलाकर 9 विकेट चटकाए. 21.11 की औसत से लिए गए ये विकेट भारत के लिए बेहद अहम साबित हुए. सिराज के इस दमदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने ओवल टेस्ट जीतकर सीरीज को बराबरी पर समाप्त किया. यही मैच उनके लिए ‘प्लेयर ऑफ द मंथ’ जीतने का टर्निंग पॉइंट भी बना. आंकड़ों के मुताबिक, सिराज इस सीरीज में सबसे ज्यादा 1113 गेंदें फेंकने वाले खिलाड़ी भी रहे, जिसने उनकी फिटनेस और निरंतरता को उजागर किया. लगातार भरोसे पर खरे उतरे सिराज सीरीज में इकलौते भारतीय तेज गेंदबाज थे जिन्होंने सभी पांच टेस्ट मैच खेले. यह अपने आप में दर्शाता है कि टीम मैनेजमेंट उनके फिटनेस और कौशल पर कितना भरोसा करता है. उन्होंने जेम्स एंडरसन, जो रूट और बेन स्टोक्स जैसे बड़े नामों को कई बार पवेलियन भेजकर अपनी काबिलियत साबित की. उनका योगदान सिर्फ विकेट लेने तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने लंबे-लंबे स्पेल डालकर बाकी गेंदबाजों पर दबाव कम किया और मैच में संतुलन बनाए रखा. सिराज की भावनाएं और बयान अवॉर्ड मिलने के बाद मोहम्मद सिराज ने खुशी जाहिर करते हुए कहा “ये अवॉर्ड मेरे लिए बहुत स्पेशल है. एंडरसन-तेंदुलकर सीरीज हमेशा यादगार रहेगी, क्योंकि दोनों टीमों के बीच बेहद कांटे का मुकाबला हुआ. ये सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ और मेरे सभी साथियों का है, जिन्होंने मुझ पर भरोसा बनाए रखा. भारत की जर्सी पहनकर मेरा इरादा हमेशा यही रहता है कि मैं टीम के लिए अपना 100% दूं.” सिराज के इस बयान ने साफ कर दिया कि वे व्यक्तिगत उपलब्धियों से ज्यादा टीम की सफलता को अहमियत देते हैं. भारत को मिली मजबूत तेज गेंदबाजी की ताकत मोहम्मद सिराज का ये अवॉर्ड भारत की तेज गेंदबाजी यूनिट के लिए भी बड़ी उपलब्धि है. जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव जैसे सीनियर गेंदबाजों के बाद सिराज अब टीम के प्रमुख पेसर के रूप में खुद को स्थापित कर चुके हैं. इंग्लैंड जैसी कठिन परिस्थितियों में उन्होंने जिस अंदाज में गेंदबाजी की, उसने भारतीय तेज आक्रमण को और भी मजबूत बना दिया. उनकी निरंतरता और स्पेल में विकेट लेने की क्षमता भारत के लिए भविष्य में भी गेम-चेंजर साबित हो सकती है.