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विजयादशमी उत्सव को लेकर पंजाबी-हिन्दू दशहरा कमेटी की CM हेमंत से मुलाकात

रांची झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से पंजाबी- हिन्दू बिरादरी दशहरा कमेटी, मोरहाबादी तथा दुर्गा पूजा एवं रावण दहन समिति अरगोड़ा के प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार मुलाकात की। मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त ने मुख्यमंत्री सोरेन को आगामी 2 अक्टूबर को रांची के मोरहाबादी मैदान एवं अरगोड़ा में आयोजित होने वाले रावण दहन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सह परिवार सहित सम्मिलित होने के लिए सादर आमंत्रित किया। मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 'विजयादशमी' का यह आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़ा हुआ है, बल्कि यह सामाजिक एकता, भाईचारे और सामूहिक उत्सव का भी प्रतीक है। ऐसे अवसर समाज में समरसता, सौहार्द और सकारात्मक वातावरण का निर्माण करते हैं। मुख्यमंत्री ने आयोजकों को उत्सव की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं और राज्य वासियों के जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर पंजाबी- हिन्दू बिरादरी दशहरा कमेटी, मोरहाबादी के अध्यक्ष सुधीर उग्गल, पूर्व अध्यक्ष राजेश खन्ना, महासचिव राजेश मेहरा, वरीय उपाध्यक्ष रणदीप आनंद एवं दुर्गा पूजा एवं रावण दहन समिति, अरगोड़ा के अध्यक्ष पंकज कुमार साहू, कोषाध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद साहू, वरीय उपाध्यक्ष पंचानंद कुमार, कंचन साहू, रवि साहू मौजूद रहे।  

पिपरहवा अवशेषों की घर वापसी से उत्तर प्रदेश को मिला वैश्विक गौरव

127 साल बाद पवित्र अवशेषों की हुई घर वापसी जल्द होगा सार्वजनिक प्रदर्शन, सुदृढ़ होगा सांस्कृतिक पर्यटन शांति और करुणा का संदेश समेटे हैं पिपरहवा अवशेष प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था राष्ट्र के लिए गर्व का क्षण शाक्य वंश से जुड़ा है पिपरहवा स्तूप लखनऊ/नई दिल्ली उत्तर प्रदेश एक बार फिर वैश्विक बौद्ध धरोहर के केंद्र में आ गया है। 127 वर्षों बाद पवित्र पिपरहवा अवशेष, जो सिद्धार्थनगर जिले के पिपरहवा स्तूप से 1898 में खोजे गए थे, भारत वापस लौट आए हैं। औपनिवेशिक काल में विदेश ले जाए गए ये अवशेष मई 2025 में हांगकांग की एक अंतरराष्ट्रीय नीलामी में रखे गए थे। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और गॉदरेज इंडस्ट्रीज़ ग्रुप के संयुक्त प्रयास से नीलामी रुकवाई गई और 30 जुलाई 2025 को इन्हें भारत वापस लाया गया। जल्द होगा सार्वजनिक प्रदर्शन पिपरहवा अवशेषों की वापसी सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की भूमि के उस गौरवशाली इतिहास की पुनः स्थापना है, जिसने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से पूरी दुनिया को आलोकित किया। इन अवशेषों का सार्वजनिक प्रदर्शन शीघ्र ही आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन उत्तर प्रदेश को वैश्विक बौद्ध धरोहर का केंद्र बनाने और राज्य की सांस्कृतिक पर्यटन संभावनाओं को नई ऊंचाई देने वाला साबित होगा। उत्तर प्रदेश: बुद्ध की धरोहर सिद्धार्थनगर का पिपरहवा स्तूप, जहां भगवान बुद्ध के अवशेष खोजे गए; वाराणसी का सारनाथ, जहां उन्होंने प्रथम उपदेश दिया और कुशीनगर, जहां उन्होंने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया—यह पावन त्रिकोण उत्तर प्रदेश को विश्वभर के करोड़ों बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए सबसे बड़ा और अद्वितीय तीर्थस्थल बनाता है। उत्तर प्रदेश की पावन धरती भगवान बुद्ध की तपोभूमि है। पिपरहवा अवशेषों की घर वापसी न केवल भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रमाण है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक महत्ता को भी पुनः स्थापित करती है। यह प्रदेश आज भी पूरी दुनिया को शांति, करुणा और सहअस्तित्व का संदेश देता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी 127 वर्षों बाद भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों की भारत वापसी का स्वागत किया था और इसे राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर के लिए एक गर्व का क्षण बताया था। अवशेषों का महत्व इन अवशेषों में भगवान बुद्ध की अस्थियां, क्रिस्टल की पेटिकाएं, स्वर्णाभूषण और रत्न, बलुआ पत्थर का संदूक शामिल हैं। ब्राह्मी लिपि के अभिलेख इन्हें सीधे शाक्य वंश से जोड़ते हैं। गॉदरेज इंडस्ट्रीज़ ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष, पिरोजशा गॉदरेज ने कहा कि पिपरहवा अवशेषों की वापसी केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए शांति और करुणा का संदेश है।

बिली जीन किंग कप : ब्रिटेन को हरा अमेरिका फाइनल में

शेनझेन (चीन) जेसिका पेगुला और एम्मा नवारो ने एक-एक सेट से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए अपने एकल मैच जीत लिए। इससे अमेरिका ने रविवार को ब्रिटेन को 2-0 से हराकर बिली जीन किंग कप टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर लिया। फाइनल में अमेरिका का मुकाबला गत चैंपियन इटली से होगा। विश्व में सातवें नंबर की खिलाड़ी पेगुला ने केटी बोल्टर को 3-6, 6-4, 6-2 से हराकर अमेरिका की फाइनल में जगह पक्की थी। इससे पहले नवारो ने सोने कार्तल को 3-6, 6-4, 6-3 से हराया। अमेरिका 18 बार यह टूर्नामेंट की जीत चुका है लेकिन 2017 के बाद से वह इसे जीतने में नाकाम रहा है। अमेरिका इससे पहले आखिरी बार 2018 में फाइनल में पहुंचा था।  

फिटनेस और फैशन का संगम: वर्कआउट में भी रखें स्टाइल और स्किन केयर का ख्याल

क्या जिम जाने के लिए सिर्फ पुराने टी-शर्ट और ट्रैक पैंट काफी हैं? दरअसल, जब बात आती है फिटनेस की, तो हम अपने शरीर का पूरा ध्यान रखते हैं, लेकिन अक्सर दो जरूरी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं: सही वर्कआउट फैशन और स्किनकेयर। क्या आपने कभी सोचा है कि आपके कपड़े और स्किन केयर आपकी परफॉरमेंस को कैसे प्रभावित करती है? वर्कआउट के बाद पिंपल्स क्यों हो जाते हैं या गलत जूते पहनने से क्या-क्या दिक्कतें आ सकती हैं? अगर नहीं, तो तैयार हो जाइए, क्योंकि इस आर्टिकल में हम सिर्फ पसीना बहाने की नहीं, बल्कि स्टाइल और हेल्दी स्किन के साथ फिट रहने की बात भी करेंगे। आइए जानते हैं कि कैसे आप जिम में भी स्टाइलिश और फ्रेश दिख सकते हैं। वर्कआउट फैशन वर्कआउट के दौरान सही कपड़े पहनना सिर्फ स्टाइल के लिए नहीं, बल्कि आपके आराम और परफॉर्मेंस के लिए भी बहुत जरूरी होते है। तो आइए जानते हैं, कैसे आप वर्कआउट करते हुए भी स्टाइलिश और आरामदायक दिख सकते हैं। सही कपड़े चुनें सबसे पहले, ऐसे कपड़े चुनें जो हवादार हों। कॉटन के कपड़े पसीने को सोख लेते हैं और भारी हो जाते हैं, जिससे असहज महसूस हो सकता है। इसकी जगह, पॉलिएस्टर, नायलॉन या स्पैन्डेक्स जैसे महीन फैब्रिक चुनें। ये पसीना जल्दी सुखाते हैं और आपको हल्का महसूस कराते हैं। फिटिंग का रखें ध्यान बहुत ढीले या बहुत ज्यादा टाइट कपड़े न पहनें। ढीले कपड़े आपके वर्कआउट में बाधा डाल सकते हैं, जबकि बहुत टाइट कपड़े ब्लड सर्कुलेशन को रोक सकते हैं। ऐसे कपड़े चुनें जो आपकी बॉडी को अच्छी तरह से फिट हों, लेकिन फ्लेक्सिबल भी हों ताकि आप आसानी से स्ट्रेच और मूव कर सकें। सही जूते पहनें आपके वर्कआउट के जूते भी बहुत जरूरी हैं। दौड़ने के लिए अलग तरह के जूते होते हैं और लेट लिफ्टिंग के लिए अलग। हमेशा ऐसे जूते चुनें जो आपके पैरों को सही सपोर्ट दें और चोट लगने से बचाएं। एक्सेसरीज हैं काम की आप अपनी स्टाइल को और बेहतर बनाने के लिए छोटी-छोटी चीजें जैसे स्पोर्ट्स ब्रा, हेडबैंड और सही मोजे चुन सकते हैं। एक अच्छी स्पोर्ट्स ब्रा आपके वर्कआउट को आरामदायक बनाती है और एक हेडबैंड पसीने को चेहरे पर आने से रोकता है। इसलिए, अगली बार जब आप जिम जाएं, तो सिर्फ अपने शरीर का ही नहीं, बल्कि अपने स्टाइल का भी ध्यान रखें। वर्कआउट स्किनकेयर वर्कआउट करना आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका आपकी त्वचा पर क्या असर पड़ता है? पसीना, गंदगी और बैक्टीरिया मिलकर आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे पिंपल्स और रैशेस हो सकते हैं। घबराइए नहीं! सही स्किनकेयर रूटीन फॉलो करके आप अपनी त्वचा को चमका सकते हैं। वर्कआउट से पहले हमेशा मेकअप हटाकर वर्कआउट करें। मेकअप के साथ वर्कआउट करने से आपके पोर्स बंद हो जाते हैं और पिंपल्स होने की संभावना बढ़ जाती है। अपनी त्वचा को साफ रखें और अगर आप बाहर वर्कआउट कर रहे हैं, तो सनस्क्रीन जरूर लगाएं।   वर्कआउट के दौरान अपने चेहरे को बार-बार न छुएं। जिम में कई चीजों पर बैक्टीरिया होते हैं, जो आपके हाथ से आपके चेहरे पर आ सकते हैं। पसीना पोंछने के लिए एक साफ तौलिए का इस्तेमाल करें। वर्कआउट के बाद वर्कआउट के तुरंत बाद नहा लें या चेहरा धो लें। यह पसीना और गंदगी को हटाता है। अगर आप तुरंत नहीं नहा सकते, तो कम से कम फेस वाइप्स से अपना चेहरा साफ कर लें। इसके बाद, अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज करना न भूलें ताकि वो ड्राई न हो। पिंपल्स से बचें अगर आपको अक्सर पिंपल्स होते हैं, तो सैलिसिलिक एसिड या बेंजॉयल पेरोक्साइड वाला फेस वॉश इस्तेमाल करें। ये आपकी त्वचा के पोर्स को साफ रखने में मदद करते हैं। याद रखें, स्वस्थ शरीर के साथ-साथ हेल्दी स्किन भी जरूरी है। तो इन छोटे-छोटे स्किनकेयर टिप्स को फॉलो करके अपनी त्वचा को भी स्वस्थ रख सकते हैं।

आदि कर्मयोगी अभियान के तहत ग्राम स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम

जिला पंचायत अध्यक्ष और कलेक्टर हुए शामिल बिलासपुर कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले में आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक ग्राम स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस अभियान के दौरान गांव का मानचित्रीकरण, वी.डी.पी. (ग्राम विकास योजना) तैयार करने तथा ट्रांजिट वॉक जैसी गतिविधियां की जा रही हैं।      जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों में सेवा, संकल्प और समर्पण की भावना जागृत कर वर्ष 2030 तक अपने गांव को समग्र विकास की दिशा में अग्रसर करना है। इसी कड़ी में बेलपान ग्राम में आयोजित शिविर में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी एवं कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। अभियान के दौरान ग्रामीणों और आदि कर्मयोगी सहयोगियों को शपथ दिलाई गई कि वे अपने गांव के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे।       उल्लेखनीय है कि आदि कर्मयोगी अभियान जिले के आदिवासी बहुल 102 ग्रामों में संचालित किया जा रहा है, जो जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने और उत्तरदायी शासन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया एक राष्ट्रीय आंदोलन है। अभियान के माध्यम से देश भर के 20 लाख से अधिक "आदि कर्मयोगियों" (जमीनी स्तर के नेताओं) को प्रशिक्षित किया जाएगा जो 1 लाख जनजातीय गांवों में 11 करोड़ से अधिक लोगों के लिए सरकारी योजनाओं और सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करेंगे। यह अभियान ग्रामीण नेतृत्व और सामुदायिक भागीदारी पर केंद्रित है,जिसका अंतिम लक्ष्य भारत के विकास में जनजातीय समुदायों की भागीदारी को बढ़ाना है,और गांवों में सामाजिक उत्थान, आत्मनिर्भरता और सतत विकास सुनिश्चित करना है।

ट्रैफिक सिस्टम फेल! इंदौर में पुलिसकर्मी गायब, रास्ते जाम में फंसे लोग

इंदौर नगरीय सीमा में ट्रैफिक बल की कमी का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। तीन लोगों की मौत के बाद यातायात प्रबंधन की चर्चाएं हो रही हैं। अफसर तो खुलकर भले ही न बोलें, मुख्यालय को इसकी रिपोर्ट भेजी गई है। सबसे बड़ी कमी ट्रैफिक निरीक्षकों की है। शासन ने 53 पद स्वीकृत तो कर दिए पर पोस्टिंग सात निरीक्षकों की है। यातायात प्रबंधन अभी भी 46 निरीक्षकों की कमी से जूझ रहा है। शिक्षक नगर (एरोड्रम) से बड़ा गणपति (मल्हारगंज) के बीच हुआ ट्रक हादसा पुलिस की गैर मौजूदगी के कारण हुआ था। अफसरों के रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला कि जिन पुलिसकर्मियों को चौराहे पर मौजूद रहना था वो धार्मिक गुरु के कार्यक्रम में गए थे।   46 निरीक्षक अभी भी कम अफसरों का दावा है कि एक कार्यक्रम की व्यवस्था संभालने के लिए किसी एक चौराहे का बल कम करना ही पड़ता है। कमिश्नोरेट में शासन ने जिन पदों की स्वीकृति दी, उनकी पूर्ति ही नहीं की गई। सूत्रों के अनुसार दिसंबर 2021 में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के साथ यातायात प्रबंधन के लिए निरीक्षकों के 53 पद स्वीकृत किए गए थे। इसमें सिर्फ सात की पोस्टिंग हुई। 46 निरीक्षक अभी भी कम है। प्रधान आरक्षक 105 चाहिए। 850 की जरूरत, मगर 679 ही पदस्थ: इसी तरह 19 चालकों की जगह अभी भी खाली है। कुल मिलाकर यातायात प्रबंधन के लिए 850 पुलिसकर्मी व अधिकारियों की आवश्यकता है जिनमें 679 ही पदस्थ हैं। विभाग को 193 लोगों की आज भी जरूरत है। इसी तरह आठ सूबेदार, दो एएसआई, 13 आरक्षकों की भी आवश्यकता है।  

राहुल-प्रियंका-सोनिया श्री नारायण गुरु समाधि पर पहुँचे, बोले- इंसानियत की पहचान करुणा है

वायनाड (केरल),  कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड में एसएनडीपी योगम कलपेट्टा यूनियन हॉल में श्री नारायण गुरु समाधि कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचीं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि समानता और सभी प्राणियों के प्रति करुणा जैसे विचार आज समाज में और राजनीति में बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि श्री नारायण गुरु को याद करना और आज उनके प्रति सम्मान व्यक्त करना मेरे लिए सम्मान की बात है। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने आज प्रसिद्ध सामाजिक सुधारक श्री नारायण गुरु की समाधि दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें समानता और न्याय के मार्गदर्शक बताया। मुख्यमंत्री ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि गुरु ने ऐसे समय में समाज का नेतृत्व किया जब जातिवाद और अंधविश्वास बहुत ज्यादा था और उन्होंने आधुनिक केरल की नींव रखी। विजयन ने कहा कि गुरु के संदेश आज भी जातिगत भेदभाव और सांप्रदायिक बंटवारे के खिलाफ लड़ाई को प्रेरित करते हैं। उन्होंने जनता से केरल को एक ऐसा आदर्श समाज बनाने की अपील की, जहां हर कोई भाईचारे में रहे, और जाति या धर्म के आधार पर विवाद न हो। गुरु ने 19वीं और 20वीं सदी में समानता, एकता और मानव गरिमा का परचम बुलंद किया था।  

वन विभाग का अभियान: शहर से बंदरों का पकड़ा-धकड़ी अभियान जारी

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी क्षेत्र में बंदरों की बढ़ती तादाद लंबे समय से लोगों के लिए परेशानी बनी हुई थी. आए दिन लोग इनके आतंक से परेशान रहते थे. कभी ये बंदर घरों में घुस जाते, तो कभी खेतों में नुकसान पहुंचाते थे. कई बार तो राहगीरों और बच्चों पर हमला करने की भी शिकायतें आती थीं. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री और स्थानीय विधायक श्याम बिहारी जायसवाल ने मनेंद्रगढ़ के डीएफओ मनीष कश्यप को अभियान चलाने के निर्देश दिए. 35 बंदरों को गुरु घासीदास पार्क में छोड़ा गया वन विभाग की टीम ने अब तक 35 बंदरों को पकड़कर सुरक्षित रूप से गुरु घासीदास पार्क में छोड़ा है. वहां उनके लिए प्राकृतिक माहौल और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध है. विभाग की इस पहल से न सिर्फ शहरवासियों को राहत मिली है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण का भी संदेश गया है. डीएफओ मनीष कश्यप ने स्पष्ट किया कि किसी भी वन्य जीव को नुकसान पहुंचाए बिना इस अभियान को अंजाम दिया जा रहा है. उनका कहना है कि वन्य जीव भी प्रकृति का हिस्सा हैं और उनका संरक्षण करना विभाग की जिम्मेदारी है. प्रशासन की कार्रवाई से चिरमिरी में राहत स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार है जब वन विभाग ने इतनी बड़ी समस्या पर ठोस कदम उठाया है. लोगों ने डीएफओ मनीष कश्यप और उनकी टीम की तारीफ करते हुए कहा कि उनके प्रयास से चिरमिरी में राहत का माहौल है. इस कार्रवाई ने साबित कर दिया कि अगर जिम्मेदारी और गंभीरता से पहल की जाए तो किसी भी समस्या का समाधान संभव है. वन विभाग का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और जल्द ही चिरमिरी को बंदरों की समस्या से पूरी तरह निजात मिलने की उम्मीद है. यह पहल न केवल लोगों की सुविधा के लिए कारगर है बल्कि पर्यावरण संतुलन और वन्य जीव संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है.

जोधपुर में महंतस्वामी महाराज के सान्निध्य में 10 दिवसीय मंदिर महोत्सव का मंगल शुभारंभ

जोधपुर, राजस्थान के जोधपुर में भक्ति और सेवा के एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है। जोधपुर के कालीबेरी में स्थित बीएपीएस स्वामिनारायण मंदिर में मूर्ति प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां अपने चरम पर हैं, जिसमें प्रकट ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज के जोधपुर आगमन ने भक्तों और स्वयंसेवकों के उत्साह को कई गुना बढ़ा दिया है। यह 10 दिवसीय मंदिर महोत्सव आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का एक अद्भुत संगम है, जिसका मुख्य आकर्षण 25 सितंबर को होने वाली मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा है। इस भव्य समारोह में देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे। इस भव्य मंदिर का निर्माण हजारों भक्तों के निस्वार्थ समर्पण और सेवा का परिणाम है। इस कार्य में सभी आयु वर्ग और समुदायों के लोगों, विशेषकर महिलाओं और बाल युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया है। रसोई की सेवा से लेकर मंदिर की साफ-सफाई, यातायात प्रबंधन और पार्किंग व्यवस्था तक, हर एक व्यक्ति ने किसी न किसी रूप में अपना योगदान दिया है। कालीबेरी और उसके आसपास के क्षेत्रों से कई परिवारों ने एकजुट होकर इस महान कार्य में अपनी सेवाएं अर्पित की हैं, जो निस्वार्थ भक्ति और समर्पण की एक मिसाल है। 19 सितंबर को ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज के आगमन के बाद वरिष्ठ संतों और भक्तों ने उनका पुष्पमाला के साथ स्वागत किया। उनके सान्निध्य में भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सत्संग का लाभ मिल रहा है। महोत्सव के दौरान 21 सितंबर को स्वागत सभा और 22 सितंबर को सत्कार सभा का आयोजन किया जाएगा, जहां भक्तों को पूज्य स्वामीजी के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह भव्य मंदिर सभी आम जन नागरिकों के लिए खोल दिया जाएगा। मंदिर के उद्घाटन के साथ ही, यहां नियमित रूप से आध्यात्मिक और शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन होगा, जिसमें हर रविवार को विभिन्न आयु वर्गों के लिए साप्ताहिक सत्संग सभाएं आयोजित की जाएंगी। बच्चों में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संचार करने के लिए बाल सभाएं होंगी। युवाओं को सही दिशा और प्रेरणा प्रदान करने के लिए युवा सभा का आयोजन किया जाएगा। वरिष्ठ लोगों और परिवारों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और पारिवारिक शांति के लिए संयुक्त रवि सभाएं होंगी। युवाओं को नशे जैसी बुरी लतों से दूर रखने और उनका व्यक्तिगत, सामाजिक, आध्यात्मिक और कौशल विकास हो, इसके लिए समय-समय पर युवा शिविरों का भी आयोजन किया जाएगा। उम्मीद है कि जोधपुर का बीएपीएस स्वामिनारायण मंदिर न सिर्फ एक आस्था का स्थल केंद्र होगा, बल्कि आने वाले समय में यह एक ऐसा केंद्र बनेगा, जहां मानवता की सेवा, नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ावा मिलेगा। यह जोधपुर और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक धरोहर साबित होगा।  

छत्तीसगढ़ खाद्य आयोग के अध्यक्ष संदीप शर्मा का महासमुंद दौरा

महासमुंद, छत्तीसगढ़ राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष संदीप शर्मा सोमवार 22 सितंबर को महासमुंद जिले के दौरे पर रहेंगे। वे सुबह 9:00 बजे रायपुर से प्रस्थान करेंगे एवं महासमुंद पहुंचेंगे, जहां वे आंगनवाड़ी केंद्र,पीडीएस, मध्याह्न भोजन, छात्रावास आदि का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के पश्चात दोपहर 2:30 बजे वे कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय गतिविधियों की समीक्षा करेंगे। बैठक के पश्चात शाम 4.30 बजे श्री शर्मा रायपुर के लिए रवाना होंगे।