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सफर अब और आसान: Rail Neer का पानी अब होगा किफायती

नई दिेल्ली इंडियन रेलवे ने जीएसटी सुधारों के बाद रेल नीर की कीमतों में कटौती का एलान किया है। रेलवे बोर्ड की ओर से जारी नोटफिकेशन के अनुसार, भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) द्वारा निर्मित रेल नीर की एक लीटर की बोतल की कीमत 15 रुपये से घटाकर 14 रुपये कर दी गई है। वहीं, 500 मिलीलीटर पानी की बोतल की कीमत 9 रुपये से घटाकर 10 रुपये कर दी गई है। नोटिफिकेशन में कहा गया है, "पैकेज्ड पेयजल बोतल 'रेल नीर' का अधिकतम खुदरा मूल्य एक लीटर क्षमता वाली बोतल के लिए 15 रुपये से घटाकर 14 रुपये और 500 मिलीलीटर क्षमता वाली बोतल के लिए 10 रुपये से घटाकर 9 रुपये किया जाएगा।"   रेल नीर हुआ सस्ता नई कीतमें देश भर के रेलवे परिसरों और ट्रेनों में बेची जाने वाली सभी ब्रांडों की अन्य 'शॉर्टलिस्टेड' पैकेज्ड पेयजल बोतलों पर भी लागू होगा। रेलवे परिसरों/ट्रेनों में बेची जाने वाली आईआरसीटीसी/रेलवे द्वारा चयनित अन्य ब्रांडों की पैकेज्ड पानी की बोतलों का अधिकतम खुदरा मूल्य भी एक लीटर की बोतल के लिए 15 रुपये से घटाकर 14 रुपये और 500 मिलीलीटर की बोतल के लिए 10 रुपये से घटाकर 9 रुपये कर दिया जाएगा। जीएसटी सुधार क्या हैं? आज से  लागू होने वाले जीएसटी रिफॉर्म में अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर 5 और 18 प्रतिशत का कर लगेगा। लग्जरी वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। अभी जीएसटी 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्लैब में लगाया जाता है। इसके अलावा, विलासिता वस्तुओं और अवगुण या पाप वस्तुओं पर क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है।  

जबलपुर-रायपुर कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा, 150 किमी फोरलेन सड़क का निर्माण जल्द

जबलपुर जबलपुर से रायपुर की सड़क की दशा जल्द बदलेगी। इस सड़क के कुछ हिस्से पर वाहन चालक चलने से घबराते हैं। इस सड़क को अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण फोरलेन बनाने जा रहा है। सड़क की न सिर्फ चौड़ाई बढ़ेगी बल्कि नए तरह से निर्माण किया जाएगा। जबलपुर से चिल्पी तक करीब 150 किलोमीटर के हिस्से का निर्माण एनएचएआइ करेगा। इस मार्ग के निर्माण में 4500 करोड़ का व्यय होगा। फिलहाल सडक निर्माण के लिए कंसल्टेंसी नियुक्त करने का प्रयास हो रहा है ताकि इसकी डिटेल प्रोजेक्ट बनाकर केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जा सके। सब कुछ ठीक रहा तो यह सड़क जो अभी एमपी रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीएसईडीसी) के पास है, इसे वापस एनएचएआइ सड़क का हस्तातंरण करेगा। वन्य जीवों के लिए सुरक्षित मार्ग जबलपुर से चिल्पी के बीच मंडला क्षेत्र में आने वाला कान्हा नेशनल पार्क का कोर एरिया आता है। जहां वन्यजीवों की घनी आबादी विचरण करती है। ऐसे में एनएचएआई मार्ग में जगह-जगह अंडरपास और ओवर ब्रिज का निर्माण करेंगा ताकि वाहन निकलने से वन्य जीवों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। कई जगह साउंड प्रूफ उपकरण भी लगाए जाएंगे जिससे बंदरों और अन्य जीवों को वाहनों की आवाजाही खलल न पैदा करें। बता दें करीब 25 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत आ रही है। फोरलेन बनने से बढ़ेगी रफ्तार फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग 30 जबलपुर से रायपुर के बीच दो लेन है। इस वजह से वाहनों की आवाजाही में थोड़ी परेशानी होती है। मौसम खराब होने पर वाहनों की लंबी कतार सड़क पर लग जाती है। आवागमन भी बाधित होता है। यहां कुछ जगह लैंड स्लाइडिंग की भी समस्या बनी हुई है इसके लिए लगातार एमपीआरडीसी को शिकायत होती है लेकिन वहां से कोई भी राहत नहीं मिल पा रही है। एमपीआरडीसी द्वारा इस सड़क का निर्माण गुणवत्ताहीन तरीके से कराया जा रहा था। वर्षों से यह सड़क बेहद खराब स्थिति में है जिससे आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब इस सड़क को सरकार फोरलेन में तब्दील होगी तो बड़े स्तर पर राहत मिलने की संभावना है। इस सड़क के लिए गडकरी ने मांगी थी माफी जबलपुर मंडला की यह वही सड़क है जिसके लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सड़क की खराब गुणवत्ता के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी पड़ी थी। गडकरी 2022 में मध्य प्रदेश दौरे पर आए थे। तब उन्होंने मध्य प्रदेश को छत्तीसगढ़ से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे की इस बदहाल सड़क को देखा। उन्होंने शर्मिंदगी महसूस की। सड़क की स्थिति को देखते हुए मंच से ही माफी मांगी थी। इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने ये बयान सात नवंबर 2022 को मध्य प्रदेश के मंडला में दिया था। गडकरी ने जबलपुर से मंडला के बीच नेशनल हाईवे के टेंडर रद्द कर सड़क के इस हिस्से को फिर से बनवाने के निर्देश दिए थे। बाद में इस मार्ग को सुधारने के लिए 53 करोड़ रुपये की लागत से सुधार का काम हुआ था। 2015 में शुरू हुआ था निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 251 करोड़ की लागत से जबलपुर से मंडला के बीच इस राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन को निर्माण एजेंसी बनाया था। तीन फेस में बनने वाली इस सड़क का काम साल 2015 में शुरू हुआ था, जिसे दिसंबर 2016 तक पूरा हो जाना था। लेकिन, अब तक हाईवे का निर्माण अधूरा है और जहां हाईवे बना वो घटिया निर्माण से टूट-फूट का शिकार है।  

रेलवे लाया स्पेशल टूर पैकेज: 9 दिन में सात ज्योतिर्लिंग, बजट में पूरी यात्रा!

ग्वालियर त्योहार के सीजन के साथ ही सर्दी के मौसम में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC Tour Package) द्वारा अगले तीन माह विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इसमें सितंबर से लेकर दिसंबर माह तक विभिन्न स्थानों से ट्रेनें संचालित की जाएंगी, जिनमें आगरा, ग्वालियर व झांसी से भी टिकट बुकिंग का विकल्प रहेगा। फिलहाल आइआरसीटीसी ने आगरा, ग्वालियर, झांसी स्टेशन से बैठने की सुविधा वाली दो ट्रेनों की घोषणा कर दी है, लेकिन अधिकारियों के अनुसार अभी और भी ट्रेनें तीर्थ स्थलों के लिए संचालित की जाएंगी जिसमें लोग बुकिंग करा सकते हैं। अगली धार्मिक ट्रेन का संचालन पांच नवंबर को आइआरसीटीसी द्वारा अगली धार्मिक ट्रेन का संचालन पांच नवंबर को किया जाएगा। ये गंगासागर-पुरी यात्रा स्पेशल ट्रेन होगी, जो दिल्ली सफदरजंग से शुरू होकर संचालित की जाएगी। इस ट्रेन में दिल्ली के अलावा मथुरा, आगरा, ग्वालियर, झांसी, कानपुर, लखनऊ और अयोध्या स्टेशन से चढ़ने के विकल्प रहेंगे। इस ट्रेन पैकेज में गया में महाबोधि मंदिर एवं विष्णुपद मंदिर, पुरी में जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर, कोलकाता में गंगासागर और कालीघाट काली मंदिर, जसीडीह में बैद्यनाथ धाम, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन शामिल रहेंगे। ये नौ रात और 10 दिन की यात्रा रहेगी, जिसमें स्लीपर श्रेणी की 640, थर्ड एसी की 70 और सेकंड एसी की 50 बर्थ मौजूद रहेंगी।   ये टूर भी नौ रात और 10 दिन का इसी प्रकार आगामी 18 नवंबर को सात ज्योतिर्लिंग की यात्रा शुरू होगी। ये ट्रेन योग नगरी ऋषिकेश से चलेगी और इसमें ऋषिकेश, हरिद्वार, मुरादाबाद, बरेली, हरदोई, लखनऊ, कानपुर, उरई, झांसी और ललितपुर स्टेशन से चढ़ने की व्यवस्था रहेगी। ग्वालियर के श्रद्धालु झांसी स्टेशन से ट्रेन में सवार हो सकेंगे। ये ट्रेन ओंकारेश्वर, महाकाल, सोमनाथ, नागेश्वर के साथ ही द्वारिका व भेंट द्वारिका, त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर, गिरनेश्वर के दर्शन कराएगी। 13 सितंबर को भी रवाना हुई थी ट्रेन, दिसंबर में और संभावनाएं- इसी माह गंगासागर-पुरी यात्रा के लिए भी 13 तारीख को ट्रेन रवाना हुई थी, जिसमें आगरा, ग्वालियर, झांसी, कानपुर, लखनऊ और अयोध्या से बैठने की सुविधा थी। ये टूर भी नौ रात और 10 दिन का था। सर्दी के मौसम में बढ़ता है धार्मिक पर्यटन आइआरसीटीसी के अधिकारियों का कहना है कि सर्दी के मौसम में धार्मिक पर्यटन बढ़ता है। इसके अलावा लोग भी घूमने-फिरने में रुचि लेते हैं, क्योंकि इस मौसम में घूमने में लोगों को ज्यादा समस्या नहीं होती है। इसको देखते हुए दिसंबर माह में भी दो ट्रेनों के संचालन की संभावना है। आइआरसीटीसी की ओर से सितंबर माह में एक ट्रेन संचालित की गई थी। अक्टूबर माह में त्योहार होने के कारण फिलहाल ट्रेन नहीं है। नवंबर माह में दो ट्रेनें रवाना होंगी। दिसंबर में भी धार्मिक स्थलों के लिए ट्रेन संचालित होने की संभावना है। – अजीत सिन्हा, मुख्य क्षेत्रीय अधिकारी, आइआरसीटीसी

कुत्ता-बिल्ली के झगड़े ने पति-पत्नी के रिश्ते में पैदा की दरार, जानें पूरा मामला

भोपाल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से एक हैरान कर देने वाला तलाक का मामला सामने आया है। यहां एक दंपति तलाक लेने की वजह सिर्फ यह बताई है कि दोनों को एक-दूसरे के पालतू जानवर पसंद नहीं हैं। आपको बता दें कि दंपति की शादी सिर्फ 8 महीने पहले 2024 में हुई थी। पति यूपी का रहने वाला है और पत्नी भोपाल की। दोनों की मुलाकात पालतू जानवरों के हित में आयोजित आंदोलन के दौरान हुई थी। शादी के समय दोनों ने यह तय किया था कि वे एक-दूसरे के पालतू की देखभाल में मदद करेंगे। पालतू जानवरों के कारण तलाक की अर्जी शादी के बाद विवाद तब शुरू हुआ जब पत्नी अपनी बिल्ली को साथ लाईं, जबकि पति के पास पहले से ही दो कुत्ते, मछली और खरगोश थे। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पति के कुत्ते उसकी बिल्ली को डराते हैं और बार-बार भौंकते हैं, तो वहीं इन आरोपों पर पति का कहना है कि महिला की बिल्ली लगातार म्याऊं करती है और उसकी मछलियों को नुकसान पहुंचाती है। इन्हीं विवादों के कारण दोनों ने अलग रहने का निर्णय लिया और तलाक के लिए फैमिली कोर्ट का रुख किया। दोनों को समझाने का प्रयास जारी बता दें कि कोर्ट में काउंसलर शैल अवस्थी दोनों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे मतभेद भुलाकर रिश्ते को बचाएं. पहली काउंसलिंग में पति ने जिद की कि बिल्ली की वजह से वह अपने जानवरों के साथ अलग रहना चाहता है। पत्नी ने कहा कि वह अपनी बिल्ली को उदास नहीं देख सकती। अगली काउंसलिंग दशहरा के बाद होगी, जिसमें फिर से दोनों को समझाने की कोशिश होगी।  

लाइन में लगने से छुटकारा! 2 मिनट में बनेगा तत्काल टिकट

रायबरेली उत्तर प्रदेश के रायबरेली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा को देखते हुए इंटरनेट की स्पीड बढ़ाई जाएगी। यह फैसला तत्काल टिकट बुकिंग के दौरान नेटवर्क की धीमी गति की समस्या को दूर करने के लिए लिया गया है, जहां ज्यादा स्पीड वाला एमपीएस सिस्टम स्थापित किया जाएगा। वर्तमान में स्टेशन पर 100 एमबीपीएस की इंटरनेट स्पीड उपलब्ध है, लेकिन तत्काल टिकट बुकिंग के लिए यह पर्याप्त नहीं होती है। स्पीड बढ़ने की वजह से रिजर्वेशन प्रक्रिया आसान होगी और काउंटरों पर लगने वाली भीड़ भी कम होगी। रेलटेल कंपनी इस सुविधा को अन्य स्टेशनों पर भी उपलब्ध कराएगी।   आम थीं नेटवर्क स्लो होने की शिकायतें बता दें कि तत्काल टिकट बुकिंग के समय नेटवर्क स्लो होने की शिकायतें आम थीं। एसी कोच के लिए सुबह 10 से 10:30 बजे और स्लीपर क्लास के लिए 11 से 11:30 बजे तक टिकट बुकिंग होती है। लेकिन धीमे नेटवर्क की वजह से कई बार एक टिकट बनाने में 15 से 20 मिनट तक का समय लग जाता था। ऐसे में काउंटरों पर खड़े यात्रियों को टिकट समय पर नहीं मिल पाते थे। दो रिजर्वेशन काउंटरों पर तो कमजोर नेटवर्क के चलते एक समय में केवल दो से पांच टिकट ही बन पाते थे। एक-दो मिनट में बन जाएगा टिकट अब रेलवे अधिकारियों ने उच्च क्षमता वाला नेटवर्क सिस्टम लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद टिकट बनाने का समय घटकर केवल एक से दो मिनट रह जाएगा। इससे अधिक यात्री समय पर टिकट ले सकेंगे और काउंटरों पर भीड़ भी घटेगी। यात्री कमलकिशोर ने कहा कि नवरात्र और त्योहारी सीजन को देखते हुए विभाग का यह कदम बेहद सराहनीय है। चूंकि स्टेशन से 35 से अधिक जोड़ी ट्रेनों का संचालन होता है, इसलिए बड़ी संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर (टेलीकॉम) संदीप सोनकर के अनुसार, रेलटेल कंपनी द्वारा रायबरेली, बछरावां, ऊंचाहार, डलमऊ और लालगंज स्टेशनों पर यह नया सिस्टम लगाया जाएगा। इसके बाद इसे अन्य स्टेशनों पर भी लागू किया जाएगा।

नवपंचम राजयोग बनेगा दिवाली पर, इन 3 राशियों की किस्मत में आ रहा है पैसा ही पैसा

 ज्योतिष शास्त्र में ग्रह-नक्षत्रों का गोचर जातक के जीवन में कई तरह के बदलाव लाता है. हर पर्व-त्योहार पर ग्रहों की विशेष स्थिति बनती है, जो सभी 12 राशियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव डालती है. इस साल दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा और इस दिन ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद शक्तिशाली योग बनने वाला है. द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार दिवाली पर शनि और बुध का विशेष संयोग बनेगा, जिससे नवपंचम राजयोग का निर्माण होगा. ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि यह राजयोग विशेष रूप से कुछ राशियों के लिए धन, सफलता और उन्नति के द्वार खोल सकता है. वृषभ राशि (Taurus): वृषभ राशि के जातकों के लिए यह योग बेहद खास रहने वाला है. आपको मनचाही उपलब्धियां मिल सकती हैं. करियर में प्रगति होगी. व्यापार में बड़ा लाभ होने के योग हैं. इस दौरान आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा. परिवार में शुभ समाचार मिलेगा और सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी. शनि-बुध का ये दुर्लभ संयोग आपको साल के अंत में खूब लाभ देने वाला है. कर्क राशि (Cancer): दिवाली पर बन रहे इस खास राजयोग का सीधा असर कर्क राशि के जातकों पर दिखाई देगा. लंबे समय से अटके कार्यों में सफलता मिल सकती है. पुराने अटके पैसे वापस मिल सकते हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. नौकरीपेशा लोगों को आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं. जीवन में सुख-सुविधाएं बनी रहेंगी. संतान की ओर से शुभ समाचार मिल सकता है.  मकर राशि (Capricorn) शनि और बुध का यह दुर्लभ संयोग आपके लिए नई उपलब्धियों और तरक्की के द्वार खोलने वाला है. कार्यक्षेत्र में किसी बड़ी जिम्मेदारी की प्राप्ति हो सकती है. इस दौरान भाग्य पूरी तरह आपका साथ देगा.दांपत्य जीवन में चल रही दूरियां और गलतफहमियां खत्म होंगी, रिश्तों में मधुरता आएगी. व्यापारियों को अचानक बड़े मुनाफे का लाभ हो सकता है. व्यापार में लंबे समय से जो घाटा आप झेल रहे थे, उस पर अंकुश लग सकता है.