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कांग्रेस के ऐलान से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल, विपक्षी एकता पर फिर संकट

मुंबई बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा सही से नहीं हो सका है। करीब आधा दर्जन सीटें तो ऐसी ही हैं, जहां महागठबंधन के ही दल यानी आरजेडी, कांग्रेस, वामदल ही फ्रेंडली फाइट में उतरेंगे। वहीं पूरे देश में INDIA अलायंस नाम वाले इस गठबंधन में महाराष्ट्र में भी खटास पैदा होती दिख रही है। महाराष्ट्र में कांग्रेस का कहना है कि हम निकाय चुनाव में अकेले उतरना पसंद करेंगे। पार्टी का कहना है कि हम उस गठबंधन में चुनाव नहीं लड़ना चाहेंगे, जिसमें राज ठाकरे होंगे। सीनियर कांग्रेस लीडर और मुंबई के पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज ठाकरे के साथ चुनाव में नहीं रहना चाहेगी और ना ही हम ऐसी स्थिति में उद्धव ठाकरे के साथ रहना चाहेंगे। हम अकेले लड़ना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के प्रभारी रमेश चेन्निथला के साथ नई गठित कमेटी ने मीटिंग की थी और तब यह मसला उठा था। फिलहाल इस बारे में कोई औपचारिक फैसला नहीं लिया गया है। वहीं शिवसेना नेता आनंद दुबे ने भी भाई जगताप को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई फैसला तो राहुल गांधी या फिर मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे या फिर शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे लेंगे। भाई जगताप किस हैसियत से ऐसा बोल रहे हैं। शिवसेना लीडर ने कहा कि हमें चुनौती मत दीजिए। हम शिवसेना हैं और पिछले चुनाव में हमने अकेले चुनाव लड़ा था और भाजपा को हराया था। हम अपने गठबंधन सहयोगियों का सम्मान करते हैं, लेकिन अकेले चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं। कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की पार्टी 2019 से सहयोगी हैं। इस गठबंधन की नींव एनसीपी नेता शरद पवार की ओर से 2019 में तब रखी गई थी, जब भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर विवाद हुआ था। तब उद्धव ठाकरे को सीएम बनाते हुए गठबंधन किया गया था। हालांकि 2022 में तब चीजें पलट गईं, जब एकनाथ शिंदे ने पार्टी में ही फूट कर दी और 40 विधायक लेकर खुद ही भाजपा के सहयोग से सीएम बन गए। हालांकि अब चीजें फिर से महाराष्ट्र में बदल रही हैं। उद्धव ठाकरे की अपने अपने बिछड़े चचेरे भाई के साथ फिर से नज़दीकी बढ़ती दिख रही है। तभी से सवाल उठ रहा है कि क्या वे गठबंधन का हिस्सा बनेंगे, जिसमें कांग्रेस और एनसीपी भी शामिल हैं। गौरतलब है कि बीएमसी को एशिया का सबसे अमीर नगर निकाय कहा जाता है। इसी को लेकर राज और उद्धव के बीच समझौते की चर्चाएं हैं। महा विकास अघाड़ी के दूसरे सहयोगी शरद पवार इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे, इसका फिलहाल इंतजार है। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के दबाव ने महागठबंधन के सहयोगियों को अलग कर दिया है। हालांकि कांग्रेस या लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल की ओर से ऐसा कोई कड़ा बयान नहीं आया है, लेकिन दोनों ही सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बना पाए हैं।

MP में किसानों के लिए खुशखबरी! कोदो-कुटकी अब MSP पर खरीदी जाएगी — ऐतिहासिक फैसला घोषित

भोपाल  पहली बार कोदो और कुटकी फसलों का उपार्जन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने की नीति लागू की गई है। राज्य शासन ने कोदो और कुटकी उत्पादक किसानों के हित में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इन फसलों के उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन 10 अक्टूबर से प्रारंभ हो गया है, जो 24 अक्टूबर तक किया जा सकेगा। किसानों की सुविधा के लिए पंजीयन केन्द्र स्थापित उपसंचालक कृषि ने बताया कि विकासखण्ड सीधी में किसानों की सुविधा के लिए गांधीग्राम और चौफाल कोठार, विकासखण्ड रामपुर नैकिन के लिए कुडिया, बघवार तथा कंधवार, विकासखण्ड मझौली के लिए ताला, मझौली, विकासखण्ड सिहावल के लिए अमिलिया, बघोर एवं विकासखण्ड कुसमी के लिए टमसार में पंजीयन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इन्हीं समितियों के माध्यम से किसानों से उपार्जन किया जाएगा। दोनों फसलों पर बोनस भी मिलेगा उप संचालक कृषि डॉ. राजेश सिंह चौहान ने बताया कि शासन द्वारा कोदो का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल तथा कुटकी का 3500 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों को दोनों फसलों पर 1000 रूपये प्रति क्विंटल बोनस भी मिलेगा। अधिकारियों ने किसानों से अधिक संख्या में पंजीयन कराने की अपील की। कार्यशाला में बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे और योजना की जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री विष्णु देव के मार्गदर्शन में जशपुर-बस्तर में 4 नए महाविद्यालयों के लिए 132 पद मंजूर

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्रावधानित 4 नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन महाविद्यालयों की स्थापना फरसाबहार (जिला-जशपुर), करडेगा (जिला-जशपुर), नगरनार (जिला-बस्तर) तथा किलेपाल (जिला-बस्तर) में की जाएगी। मुख्यमंत्री की इस पहल से जशपुर एवं बस्तर जैसे जनजाति बहुल एवं भौगोलिक रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को अब उनके इलाके में ही उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। दूरस्थ अंचलों की बेटियों और बेटों को अब कॉलेज की पढ़ाई के लिए अब अपने घरों से दूर अन्यत्र नही जाना पड़ेगा। उच्च शिक्षा की पहुंच हर इलाके में हो, इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा के ढांचे को सुदृढ़ बना रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के सर्वांगीण विकास की आधारशिला है और सरकार युवाओं को अवसर, संसाधन तथा बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि इन चारों महाविद्यालयों के लिए कुल 132 पदों (प्रति महाविद्यालय 33 पद) के सृजन की स्वीकृति के साथ ही कक्षाएं प्रारंभ करने की अनुमति भी राज्य शासन ने दे दी है। स्वीकृत पदों में प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, सहायक ग्रेड-1 एवं प्रयोगशाला कर्मी आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री साय की इस पहल से आदिवासी एवं दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय युवाओं की शिक्षा, रोजगार एवं कौशल वृद्धि के अवसर बढ़ेंगे। प्रदेश में समान और संतुलित शैक्षणिक विकास को गति मिलेगी।

BCCI की चेतावनी के बाद नकवी का पलटवार: ‘एशिया कप ट्रॉफी दूंगा, अगर…

मुंबई  एशिया कप ट्रॉफी का मुद्दा अब तक नहीं सुलझा है। भारतीय टीम ने 28 सितंबर को पाकिस्तान को हराकर एशिया कप 2025 का खिताब जीता था। हालांकि, भारत को ट्रॉफी नहीं मिली है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने पिछले हफ्ते एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) को पत्र लिखकर ट्रॉफी देने के लिए कहा। बीसीसीआई ने वॉर्निंग दी कि अगर ट्रॉफी नहीं सौंपी गई तो अगले महीने इंटनरेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। बीसीसीआई की वॉर्निंग के बाद एसीसी चीफ मोहसिन नकवी का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के अधिकारी या प्रतिनिधि को दुबई स्थित एसीसी मुख्यालय में आकर ट्रॉफी लेनी होगी। बता दें कि भारतीय टीम ने एशिया कप जीतने के बाद नकवी के हाथों से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था। वह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन हैं। नकवी पाकिस्तान के गृहमंत्री भी हैं। नकवी भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं। उन्होंने एशिया कप के दौरान अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई का मजाक उड़ाने वाले वीडियो और मीम्स डाले थे। न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, बीसीसीआई के पत्र के बाद नकवी की ओर से आए जवाब में कहा गया कि उन्हें पहले बताया नहीं गया था कि भारतीय खिलाड़ी उनसे ट्रॉफी लेने का बहिष्कार करने वाले हैं। पत्र में कहा गया, "जब समारोह होने वाला था और मंच पर सभी अतिथि पहुंच गए थे , तब बीसीसीआई के प्रतिनिधि ने बताया कि भारतीय टीम एशिया कप ट्रॉफी और पुरस्कार नहीं लेगी।" इसमें कहा गया, "एसीसी चीफ ने तमाम अतिथियों के साथ करीब 40 मिनट तक इंतजार किया ताकि पुरस्कार वितरण समारोह की गरिमा बनी रहे और इस पर राजनीति का प्रभाव नहीं पड़े लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।" पत्र में कहा गया, “एसीसी ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट टीम की है और इसे तब तक यहां रखा जाएगा जब तक कि बीसीसीआई का कोई पदाधिकारी किसी भी उपलब्ध प्रतिभागी खिलाड़ी के साथ एसीसी अध्यक्ष से इसे प्राप्त नहीं कर लेता।” इसमें आगे कहा गया, "इस तरह से ट्रॉफी लेने को निश्चित रूप से बहुत धूमधाम और कवरेज के साथ किया जाएगा क्योंकि स्थापित प्रथाओं से अलग कुछ नहीं होना चाहिए और कोई मिसाल नहीं कायम की जानी चाहिए जो उस खेल की भावना को कमजोर करे जिसे हम सभी प्यार करते हैं।" भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप में फाइनल समेत तीन मैच खेले गए थे। सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली टीम ने पाकिस्तान ने तीनों मर्तबा पाकिस्तान को धूल चटाई। पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया था।

राज्य सरकार गौसेवा और गौवंश संरक्षण के लिए हरसंभव सहयोग देने को तत्पर

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीपोत्सव, गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव की हार्दिक मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि आज पूरे प्रदेश में गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास से की जा रही है। हर घर, हर गौ-शाला, हर गांव, वृंदावन है और हम सब गोपाल बन गए हैं। हमारी हर परम्परा और उत्सव में प्रकृति के प्रति आदर और समाज के प्रति उत्तदायित्व समाहित है। गोवर्धन पूजा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हमारी संस्कृति ने हमें छोटी से छोटी चीज प्रदान करने वालों के प्रति भी आभार करना सिखाया है। आज हम प्रकृति के उसी दाता स्वरूप को प्रणाम कर रहे हैं। आज के दिन गोवर्धन और गौवंश की पूजा कर हम संसार को प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन संवर्धन का संदेश देते हैं। यह सनातन संस्कृति की देन है। यह वास्तव में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का उत्सव है। यह हमें स्मरण कराता है कि धरती पर जो भी है, उसके साथ सामंजस्य ही जीवन है। गोवर्धन पूजा 'जियो और जीने दो' के विचार और उपलब्ध खाद्य सामग्री एवं संसाधनों को समाज के साथ मिल-बांटकर साझा करने का प्रतीक है। हमारी संस्कृति और परम्पराओं को बचाए रखने की हम सबकी जिम्मेदारी है। राज्य सरकार द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को रवीन्द्र भवन में आयोजित गोवर्धन पूजा के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। विश्व, प्राकृतिक खेती और जैविक खेती की महत्ता को पुन: कर रहा है स्वीकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौमाता सनातन संस्कृति की आत्मा है। गौमाता के दुग्ध से हमारे शरीर को अमृत मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपालों की सेना बनाकर पशुधन की रक्षा के लिए बृजवासियों को प्रेरित किया। भगवान श्रीकृष्ण ने लोक संस्कृति एवं सामान्य जनजीवन को बनाए रखने के लिए बाल्यावस्था में अद्भुत लीलाओं से समाज को चमत्कृत कर प्रेरित किया। भगवान श्रीकृष्ण के गोपाल स्वरूप में यह संदेश निहित है कि जो गाय पाले वो गोपाल है। गाय के दूध, गोबर और गौ-मूत्र की महिमा अब वैज्ञानिक रूप से सिद्ध होने लगी है। कैंसर जैसी भयंकर बीमारी में भी गौ-उत्पाद प्रभावी हैं, यह भी सिद्ध हुआ है कि गोबर से लिपे घरों पर विकिरण का प्रभाव कम होता है। खेती में गोबर की खाद की महत्ता से सभी लोग परिचित ही हैं। इसी का परिणाम है कि विश्व, प्राकृतिक खेती और जैविक खेती की महत्ता को पुन: स्वीकार कर रहा है। सनातन संस्कृति के प्रत्येक त्यौहार में निहित है कई संदेश मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परम्पराओं में बेहतर जीवन के कई सूत्र समाहित हैं। योग और आयुर्वेद के सिद्धांत इसी के प्रमाण है। सनातन संस्कृति के प्रत्येक त्यौहार में कोई न कोई संदेश निहित है। राज्य सरकार ने ऐसे त्यौहारों को समाज के साथ मिलकर मनाने की पहल की है, जिन त्यौहारों में संस्कार और संदेश निहित हैं। प्रदेश में समाज के साथ परम्परानुसार मिल-जुलकर त्यौहार मनाने का यह दूसरा वर्ष है। गोवर्धन पूजा फसल कटने और नई फसल की शुरूआत का समय है। इस घड़ी को उत्साह और उल्लास के साथ मनाने से समाज में नई ऊर्जा का संचार होता है। गोवर्धन पर अन्नकूट का आयोजन भी इसी आनंद का भाग है। गौवंश संरक्षण के लिए समाज भी आए आगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में पशुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। पशुपालन से दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में देश के दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत मध्यप्रदेश में होता है, इसे 20 प्रतिशत तक ले जाना हमारा लक्ष्य है। हम मध्यप्रदेश को देश का प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी उद्देश्य से प्रदेश में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। गौवंश के बेहतर आहार के लिए गौशालाओं को मिलने वाली राशि 20 रूपए से बढ़ाकर 40 रूपए प्रति गौवंश किया गया है। गौशालाओं से दूध के साथ गौ-मूत्र और गोबर की उपलब्धता के लिए भी व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सरकार के साथ समाज को भी गोवंश संरक्षण में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया। गौवंश संरक्षण सनातन संस्कृति की धारा का सशक्त करने में भी सहायक होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में जो भी व्यक्ति गौपालन करना चाहता है, गौशाला चलाना चाहता है या गौशाला संचालन में सहयोग करना चाहता है, उन सभी को सहयोग देने के लिए राज्य सरकार तत्पर है। गोवर्धन पर्वत की मंत्रोच्यार के साथ की पूजा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गोवर्धन पूजा के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में रवीन्द्र भवन में वैदिक मंत्रोच्यारों के बीच गोवर्धन पूजा कर प्रकृति के प्रति मनुष्य के समर्पण को अभिव्यक्त किया। गोवर्धन पर्वत की उपस्थित अतिथियों द्वारा पूजा के बाद आरती भी की गई। इसके पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कार्यक्रम स्थल पर साफा पहनाकर स्वागत किया गया। परंपरागत वाद्य यंत्रों पर झूमते युवाओं ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अगवानी की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौवंश को दुलारा और पशु आहार खिलाया। अन्नकूट की परम्परा के अंतर्गत नया अन्न चढ़ाकर प्रसाद का थाल मुख्यमंत्री डॉ. यादव को भेंट किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को 56 भोग का थाल भेंट किया गया।

सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक सम्पन्न, हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आदेश

एमसीबी छत्तीसगढ़ परिवहन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन के सभा कक्ष में छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक सम्पन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में  उप मुख्यमंत्री अरूण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, विधायक अनुज शर्मा, सचिव सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. कमलप्रीत सिंह, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रदीप गुप्ता, प्रमुख अभियंता वी.के. भतपहरी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं परिषद के सदस्य उपस्थित रहे। बैठक के प्रारंभ में सचिव परिवहन विभाग एस. प्रकाश ने उपस्थित अधिकारियों का स्वागत करते हुए पूर्व बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। इसके पश्चात्  संजय शर्मा, अध्यक्ष अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) ने विभागवार समीक्षा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 के जनवरी से अगस्त तक प्रदेश में कुल 10,431 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.23% अधिक है। घायलों की संख्या 9,132 रही जो 8.64% की वृद्धि को दर्शाती है, वहीं 4,770 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई जो 2.51% अधिक है। वहीं मंत्री कश्यप ने इस चिंताजनक वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी संभागायुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों और विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जनसंख्या के आधार पर दुर्घटनाओं का तुलनात्मक विश्लेषण करें तथा रोकथाम हेतु ठोस कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों द्वारा दुर्घटनाओं में कमी लाने के सफल उपायों को छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूली, कॉलेज एवं कोचिंग संस्थानों में छात्र केवल हेलमेट पहनकर ही प्रवेश करें। हाईवे और रिंग रोड पर बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में यह तथ्य सामने आया कि राज्य के 33 जिलों में जिला सड़क सुरक्षा समितियों की 264 निर्धारित बैठकों के मुकाबले केवल 108 बैठकें आयोजित हुईं, जिसे माननीय मंत्री ने गंभीरता से लेते हुए फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक प्रत्येक माह अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए और बैठक की जानकारी MORTH पोर्टल पर अपलोड कर समीक्षा सुनिश्चित की जाए। प्रदेश में सड़क सुरक्षा प्रवर्तन कार्यों के अंतर्गत पुलिस विभाग ने जनवरी से अगस्त 2025 के दौरान 6,03,283 प्रकरणों में 26.95 करोड़ रुपए का शमन शुल्क वसूला, वहीं परिवहन विभाग ने 5,55,666 चालानी प्रकरणों से 115.54 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त की। पुलिस विभाग की यह कार्रवाई पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक रही। राज्य में वर्ष 2019 से अब तक चिन्हित 1000 ब्लैक स्पॉट में से 887 का सुधार कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जबकि 113 स्थानों पर कार्य शेष है। मंत्री ने शेष ब्लैक स्पॉटों के सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार 4273 चिन्हित जंक्शनों में से 3148 का सुधार कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 1125 स्थानों पर कार्य प्रगति पर है। बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि ट्रक ले-बाय के 55 में से 42 पूर्ण हो चुके हैं, बस ले-बाय के 558 में से 374 तैयार हैं तथा 11 में से 7 रेस्ट एरिया कार्य पूर्ण हैं। मंत्री ने निर्देश दिए कि शेष कार्यों को तत्काल गति दी जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के त्वरित उपचार हेतु ट्रामा सेंटर्स और एम्बुलेंस सुविधाओं की जानकारी दी गई। रायपुर और सिमगा में ट्रामा स्टेब्लाइजेशन सेंटर प्रारंभ हो चुके हैं जबकि अन्य केंद्र निर्माणाधीन हैं। मंत्री ने निर्देश दिए कि शेष केंद्रों को शीघ्र प्रारंभ किया जाए और सड़क दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस इलाज योजना के तहत तत्काल लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। शिक्षा विभाग ने बताया कि सड़क सुरक्षा विषयक सामग्री को पहली से दसवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में संशोधित कर आगामी सत्र 2025-26 से लागू करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। मंत्री ने स्कूलों में निबंध, वाद-विवाद, चित्रकला, क्विज, रैली और नुक्कड़ नाटक जैसे जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। सड़क सुरक्षा माह के दौरान  NSS] NCC और भारत स्काउट-गाइड के स्वयंसेवकों को जन-जागरूकता अभियानों में शामिल करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में बताया गया कि ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के माध्यम से अब तक 32,326 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और राज्य के आठ स्थानों पर ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर संचालित हैं, जहां अब तक 1,97,295 वाहनों का परीक्षण किया गया। मंत्री ने निर्देश दिए कि नए वाहन विक्रेता प्रशिक्षण के बाद ही वाहन विक्रय करें और यातायात नियम तोड़ने वालों के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही वाहनों में स्पीड लिमिट डिवाइस और डैशबोर्ड कैमरा की जांच नियमित रूप से की जाए। नगरीय प्रशासन विभाग के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया गया और शेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। मंत्री ने कहा कि  iRAD और  eDAR पोर्टल में एंट्री समय पर नहीं हो रही है, इसे सभी विभाग गंभीरता से लेकर समाधान करें। स्वास्थ्य विभाग से अपेक्षा की गई कि वह अपने पेशेंट एंट्री रजिस्टर को इस पोर्टल से जोड़े। बैठक के अंत में मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सड़क सुरक्षा परिषद का उद्देश्य विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर दुर्घटनाओं में कमी लाना है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के चार स्तंभ अभियांत्रिकी, प्रवर्तन, शिक्षा/जनजागरूकता और आकस्मिक उपचार के बीच तालमेल को और सशक्त बनाया जाए। 

मतदान करने वाले हर बिहारवासी के लिए खुशखबरी! चुनाव आयोग ने घोषित किया छुट्टी का नियम

नई दिल्ली  भारत निर्वाचन आयोग बिहार विधानसभा चुनाव और 8 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों की तारीखों की घोषणा कर चुका है। मतदान के दिन सभी कर्मचारियों को सवेतन अवकाश देने का आदेश जारी किया गया है। आयोग ने कहा कि यह कदम मतदाताओं को अपने वोट का इस्तेमाल करने में आसानी प्रदान करने के लिए उठाया गया है। बिहार में पहला चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। इसके अलावा सभी 8 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव भी 11 नवंबर को ही होंगे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135बी के तहत हर कर्मचारी, चाहे वह किसी व्यवसाय, उद्योग या अन्य प्रतिष्ठान में काम करता हो, मतदान के दिन सवेतन अवकाश पाने का हकदार है। इस दौरान उनकी तनख्वाह में कोई कटौती नहीं होगी। अगर कोई नियोक्ता इस नियम का उल्लंघन करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक कर्मचारी भी इस सुविधा के हकदार हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग अपने मतदान क्षेत्र से बाहर अन्य जगहों पर नौकरी करते हैं, लेकिन अपने मूल मतदान क्षेत्र में वोटर हैं, उन्हें भी मतदान के दिन सवेतन अवकाश मिलेगा। इससे वे अपने वोट डालने के लिए समय निकाल सकेंगे। यह नियम सुनिश्चित करता है कि हर मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का पूरा मौका मिले। निर्वाचन आयोग ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को निर्देश दिया है कि वे इस नियम का सख्ती से पालन कराएं। इसके लिए सभी नियोक्ताओं और संबंधित विभागों को जरूरी हिदायतें जारी की जाएं। आयोग का मकसद है कि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और सुगम हो, ताकि हर नागरिक बिना किसी परेशानी के वोट डाल सके। बिहार में इस घोषणा से कर्मचारियों और दैनिक मजदूरों में खुशी की लहर है। आयोग ने नियोक्ताओं से अपील की है कि वे इस अवकाश का लाभ देने में सहयोग करें ताकि लोकतंत्र मजबूत हो। यह कदम मतदान प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

जब आसमान में गिरी अग्निबाणों की वर्षा — हिंगोट युद्ध ने दोहराई सदियों पुरानी शौर्यगाथा

महू-गौतमपुरा दीपावली के बाद का दिन मालवा अंचल के लिए खास होता है, जब गौतमपुरा का मैदान जंग के अखाड़े में बदल जाता है। मंगलवार को परंपरा, आस्था और साहस का संगम बने इस ऐतिहासिक हिंगोट युद्ध की शुरुआत शाम करीब साढ़े पांच बजे भगवान देवनारायण की पूजा और जयकारों के साथ हुई। खारचा मैदान में आयोजित इस युद्ध में एक ओर थे गौतमपुरा के योद्धा और दूसरी ओर रूणजी के जांबाज। सिर पर पगड़ी, हाथ में ढाल और झोले में भरी सैकड़ों हिंगोटें लेकर योद्धाओं ने एक-दूसरे पर अग्निबाण की तरह प्रहार किए। जैसे ही दोनों दलों के प्रमुखों ने संकेत दिया, आसमान में आग की लपटें उठीं और हिंगोटें धमाके के साथ उड़ने लगीं। करीब एक घंटे तक चले इस युद्ध में दोनों दलों ने सैकड़ों हिंगोटें छोड़ीं। धुएं से घिरे मैदान में योद्धा आग की परछाइयों जैसे दिख रहे थे। हजारों दर्शक बने गवाह गौतमपुरा, रूणजी, महू, देपालपुर और इंदौर से हजारों लोग इस अद्भुत नजारे को देखने पहुंचे। दर्शकों के लिए नगर परिषद ने सुरक्षा घेरे बनाए और 200 से अधिक पुलिसकर्मी, प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर और फायरब्रिगेड मौके पर तैनात रहे। ढाई सौ साल पुरानी परंपरा स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार यह परंपरा करीब 250 साल पुरानी है। माना जाता है कि मुगलों के हमलों से बचाव के लिए हिंगोटों का इस्तेमाल किया जाता था। धीरे-धीरे यह आत्मरक्षा का तरीका धार्मिक और सामाजिक उत्सव में बदल गया। यहां योद्धा जीत-हार के लिए नहीं, बल्कि परंपरा निभाने के लिए लड़ते हैं। गौतमपुरा में भी परंपरा का उत्साह युद्ध की वर्षों पुरानी परंपरा निभाते हुए मंगलवार को गौतमपुरा में हिंगोट युद्ध हुआ है। सबसे पहले भगवान देवनारायण की पूजा करने के बाद रलायता मार्ग स्थित खारचा क्षेत्र में एक ओर से तुर्रा और दूसरी ओर कलंगी दल के योद्धा खड़े हुए। योद्धा एक हाथ में अपने बचाव के लिए ढाल लिए थे। कंधे पर टंगा हुआ एक बैग व झोला, जिसमें शस्त्र की तरह रखे हुए ढेर सारी हिंगोट थी। जैसे ही दोनों दलों के प्रमुख ने युद्ध का आगाज किया, दोनों ओर से अग्निबाणों की तरह हिंगोट फेंकना शुरू हुई। 36 योद्धा घायल करीब डेढ़ घंटे तक चले युद्ध के अंत तक दोनों दलों के 36 योद्धा घायल हुए। इसमें दो गंभीर घायल हुए, जिन्हें इंदौर रेफर किया पंरतु वह खतरे से बाहर हैं। अन्य को प्राथमिक उपचार देकर घर भेजा गया। इस दौरान मंच पर विधायक मनोज पटेल, नगर परिषद अध्यक्ष गगन बाहेती, नगर परिषद उपाध्यक्ष राजा जागीरदार, समस्त पार्षदगण, जिला व मंडल स्तर के पदाधिकारी उपस्थित रहे। वहीं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।

रोजमर्रा की 5 छोटी बातें, जो समय के साथ बदल देती हैं आपकी किस्मत

किसी व्यक्ति को अमीर या गरीब उसकी जेब में रखा पैसा नहीं बल्कि उसकी आदतें बनाती हैं। अगर आपको भी लगता है कि रोज एक ही तरह से एक जैसा काम करके आप कुछ सालों में एक अमीर व्यक्ति बन सकते हैं तो आप गलत हैं। दरअसल, व्यक्ति अमीर बनेगा या गरीब रहेगा, यह उसकी जेब का पैसा नहीं बल्कि उसकी रोजमर्रा की आदतें निर्धारित करती हैं। बता दें, धन कमाना केवल मेहनत और निवेश का खेल नहीं है, बल्कि कुछ छोटी-छोटी आदतें भी आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती हैं। आइए जानते हैं वो कौन सी 5 छोटी-छोटी आदतें हैं जो आपके अमीर बनने के लक्ष्य को पूरा करते हुए आपको एक सफल व्यक्ति बनने में मदद करती हैं। नियमित रूप से बचत करना हर महीने अपनी आय का एक छोटा सा हिस्सा, जैसे 10 से 20 प्रतिशत, बचाने की आदत डालें। इसे ऑटोमेटिक करें, जैसे SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) या बचत खाते में ऑटो-डेबिट सेट करें। छोटी राशि भी समय के साथ चक्रवृद्धि ब्याज के कारण बढ़ती है। बजट बनाना और उसका पालन करना हर महीने एक बजट बनाएं और अपनी जरूरतों और चाहतों को अलग करें। 50-30-20 का नियम अपनाएं- 50 प्रतिशत जरूरतों पर, 30 प्रतिशत इच्छाओं पर, और 20 प्रतिशत बचत या निवेश पर। इससे अनावश्यक खर्च रुकता है। स्मार्ट निवेश की आदत पैसा सिर्फ बचाने से नहीं, बल्कि उसे सही जगह निवेश करने से बढ़ता है। म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक्स, या रियल एस्टेट में छोटे-छोटे निवेश शुरू करें। नियमित निवेश की आदत बनाएं, भले ही राशि छोटी हो। अनावश्यक खर्चों को करने से बचें छोटे-छोटे खर्चों, जैसे रोज बाहर का खाना या बिना जरूरत की शॉपिंग, पर नजर रखें। ऐसे खर्चे महीने के खत्म होते-होते आपकी जेब खाली कर सकते हैं। लगातार सीखना और स्किल्स बढ़ाना नई स्किल्स सीखने या मौजूदा स्किल्स को अपग्रेड करने की आदत डालें। ऑनलाइन कोर्स, वर्कशॉप्स या किताबें पढ़ें। बेहतर स्किल्स से आपकी कमाई की क्षमता बढ़ती है।

रौशनी के त्योहार पर छाई त्रासदी: दिवाली में आगजनी से 41 घायल, सैकड़ों को इलाज की जरूरत

भोपाल दीपावली के जश्न के बीच प्रदेश में हादसों के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं। बीते दो दिनों में प्रदेशभर में 41 लोग पटाखों से झुलसे, जबकि 1000 से अधिक लोग सड़क हादसों में घायल हुए। सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं झाबुआ जिले में दर्ज की गईं, जहां 67 एक्सीडेंट केस रिपोर्ट हुए। यह जानकारी मंगलवार को एम्बुलेंस सेवा 108 की रिपोर्ट में सामने आई। दिवाली के दिन दोगुनी हुई झुलसने की घटनाएं रिपोर्ट के अनुसार, 19 अक्टूबर को प्रदेशभर में 13 बर्न केस दर्ज हुए थे, जिनमें से तीन केस देवास से थे। लेकिन दिवाली के दिन यानी 20 अक्टूबर को यह संख्या दो गुना से अधिक बढ़कर 28 हो गई। विदिशा में चार और रीवा में तीन केस सबसे अधिक दर्ज किए गए। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतर मामले बच्चों और युवाओं के हैं, जिन्होंने बिना निगरानी के पटाखे जलाए। इससे आंखों, चेहरे और हाथों में जलने की चोटें आईं। झाबुआ बना सबसे बड़ा हादसा जोन दो दिनों में झाबुआ में 67 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा हैं। यहां अधिकतर हादसे तेज़ रफ़्तार, नशे में वाहन चलाने और रात्रिकालीन भीड़भाड़ के कारण हुए। वहीं, इंदौर, भोपाल और ग्वालियर में भी कई हादसे सामने आए। जेपी अस्पताल में आए मामूली केस संजय जैन, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल भोपाल ने बताया कि दिवाली की रात चार से पांच मरीज पटाखों से झुलसने के मामले में अस्पताल आए थे। इनमें से कोई भी केस सीरीयस नहीं था। सभी को प्राथमिक उपचार देकर छुट्टी दे दी गई। किसी को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी।